मां और अंकल की मिलीभगत

हाय! रीडर्स मेरा नाम राज है। और मैं राजकोट (गुजरात) में रहता हूं, मेरे घर में तीन लोग हैं, मैं,पापा और मां। मेरी मां बहुत खूबसूरत हैं और कोई भी मर्द उसे देखे तो उस का दीवाना हो जाये। उसके दोनों दूध इतने बड़े है कि कभी भी उसके ब्लाउज़ में नहीं आते और बाहर से उसकी सत देखती है।

हमारा जो भाजी वाला है, वो मां से पैसे भी नहीं लेता। क्योंकि जब मां सब्जी खरीद ने जाती है, तो वो झुकती है और उसके दोनों चूची बिल्कुल उसके सामने देखते है और उसकी धोती में उसका डंडा खड़ा हो जाता है… ये तो हुई रोज़ की बात, लेकिन में अब आप को जो कहानी सुनाने जा रहा हूं, वो सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ है…

मैंने 12वीं पास कर लिया है। अब मुझे बोम्बे की युनिवर्सिटी मे पढ़ाना था वहाँ मेरे अंकल रहते हैं। पापा ने उनसे बात की वो घर आये और सब कुछ समझने के बाद पापा ने मुझे वहाँ जाने के लिये हाँ कहा। मैं वहाँ चला गया और थोड़े दिनों बाद घर से मां का फोन आया और मुझसे पूछा कि तु खुश है? तो मैंने कहा, हाँ। फ़िर मां ने कहा जरा अंकल को फोन देना, तो मैंने दिया और चला गया।

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तभी मुझे याद आया कि मुझे अपने दोस्त को फोन करना था। मैंने दूसरी लाइन से फोन करने वाला था। मैंने जैसे ही रिसीवर उठाया, अभी मां और अंकल बातें कर रहे थे। मैं वो बातें सुनने लगा।

अंकल ने मां से पूछा – तुम कब आ रही हो?

तो मां बोली – थोड़े दिनो में!

तब अंकल ने कहा- तुम्हारी गांड, पिकी और बोबले केसे हैं?

ये सुनकर मैं सुन्न हो गया!

तब मां ने जवाब दिया – वहाँ आ रही हूं, तब सब देख लेना।

तो अंकल ने कहा – तुम्हारा पति नहीं आ रहा?

तो मां मुस्कुरा कर बोली – नहीं।

मां ने कहा – मेरे आने के बाद मुझे मौज कराओगे?

अंकल ने कहा – हाँ, क्यों नहीं! तुम देखना तुम्हारी चुदाई में कोई कसर नहीं होगी!

फ़िर दोनों ने फोन रख दिया…

थोड़े दिनो में मां वहाँ आयी और अंकल उनको देख कर खुश हो गये। वो तो मैं वहाँ खड़ा था इसलिये अंकल में कुछ रिएक्शन नहीं देखा था। थोड़ी देर के बाद अंकल ने मां के सामने देख कर अपने लौड़े पर हाथ फ़िराया। मां ने हाँ में सिर हिलाया। फ़िर मां ने मुझसे कहा तुम ऊपर जाओ मुझे अंकल से कुछ बातें करनी है।

मैं भी समझ गया था कि आज मां अपनी चुदाई करवाने वाली है।

जैसे ही मैं गया, दरवाजा बंद हो गया। तो मैं वापस आया और की होल में से देखने लगा और बात चीत सुनने लगा।

मां – क्या आप रात तक नहीं रुक सकते, आज लड़के को पता चल गया तो वो आप के भाई को बता देगा।

अंकल – मेरी रानी उसे कुछ नहीं पता चलेगा, तू चल अपने कपड़े उतार।

मां – मुझे शरम आती है!

अंकल – अरे कितनी बार तो तुझे चोद चुका हूं, मुझसे कैसी शरम डार्लिंग।

मां – अगर मेरा बेटा नीचे आया तो!

अंकल – नहीं आयेगा चलो चलो…

फ़िर अंकल मां के पीछे आये और पीछे से मां की साड़ी और पेटीकोट कमर तक ले गये। मैंने देखा कि मां की गांड दिख रही थी। थोड़ी देर अंकल ने उसे सहलाया। मां के मुंह से अजीब आवाज आ रही थी। आअह्हह… आअह्हहा आह्हहा अह्हह ऊऊउह्ह हहाआआ…

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मां के कहा – चलो ना डाल दो ना

तो देर तक मुझे समझ नहीं आया, क्या डाल दो। फिर अंकल ने अपनी लुंगी में से अपना बड़ा लौड़ा निकाला और मां को देखते हुए बोले ले चाट ले…

मां बिना कुछ कहे, चाट ने लगी। जब मां चाट रही थी, तब अंकल ने उनकी ऊँगली मां की गांड में घुसा दी। मां उछल पड़ी और मुंह से आवाज निकल गयी… आआहह ह्हहाह… और बोली ‘क्या कर रहे हो, बता ना तो चाहिये’

तो अंकल मुस्कुराते हुए बोले ‘बता तो तुम यूं थोड़ी उछलती’

फ़िर अंकल बहुत उत्तेजित हो गये थे और उसने मां के कपड़े उतारने के बदले फ़ाड़ने शुरु कर दिये। मां भी उत्तेजित हो चुकी थी। फ़िर उस ने मां को आगे की तरफ़ झुकाया और मां की गांड में अपना लौड़ा डालने लगे। लेकिन जा नहीं रहा था। तब मां ने उनकी हेल्प की, अपने दोनों हाथों से अपनी गांड फ़ैलाते हुए बोली ‘चलो ये रास्ता क्लीयर है’

अंकल ने एक ही झटके में अपना लौड़ा डाल दिया और मां के मुंह से आआअ… अ…अअ…ह ह्हह्हह हह मार डाला… आअ आआ आआअ… ह्ह दर्द कर रहा है आअ अहहहहा अह…अह… अह… अहह…अ हा अहा ह…

फ़िर अंकल अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगे और तेजी से मुंह से आआअ… अ… अअ…ह ह्हह्हह की आवाज चल रही थी। 15 मिनट के बाद दोनों शांत पड़ गये।

तब मुझे लगा कि अंकल ने अपना वीर्य मां की गांड में छोड़ दिया है। फ़िर दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे। फ़िर 5 मिनट के बाद अंकल उठे और अपना लौड़ा मां के मुंह में रख दिया। मां भी उसे लोलीपोप समझकर चूस ने लगी। 15 मिनट तक ऐसा ही हुआ। फ़िर शायद अंकल फ़िर तैयार हो गये। उसने मां की चूत पर हाथ फ़िराते हुए कहा ‘अब इस की बारी है’

तो मां बोली – हाँ, चलिये!

अंकल ने कहा – काफ़ी साफ़ है

तब मां बोली – कल ही साफ़ की है।

फ़िर अंकल मां के ऊपर चढ़ गये और अपने लौड़े को अंदर डाल दिया।

मां मुंह से आआअ… अ…अअ… ह्हह की आवाज शुरु हो गयी और बोली थोड़े देर रुकिये दर्द हो रहा है।

लेकिन अंकल ने सुना नहीं और शोट लगाते गये और मां चिल्लाती गयी। मां के मुंह से आआअ… अ…अअ…ह ह्हह्हह हहह… हहह…

आधे घंटे तक ऐसा चला। फ़िर दोनों शांत पड़ गये। 15 मिनट के बाद दोनों ने कपड़े पहने मां ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। लेकिन अंकल को और चोदने की इच्छा थी। वो मां को पकड़ कर चूमने लगे।

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तब मां ने कहा – अब रात के लिये तो कुछ रखो, रात को मैं तुम्हारे पास ही आऊँगी!

अंकल ने कहा – ठीक है!

वो दोनों दरवाजे की तरफ़ आये, तो मैं ऊपर चला गया। फ़िर मां ऊपर आइ, मां कोई गीत गा रही थी। मैंने मां को इतना खुश कभी नहीं देखा, जब पापा मां की चुदाई करते हैं… और उस रात कि चुदाई स्टोरी फ़िर कभी बताऊँगा, बाय बाय!!

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