मेरा नाम नवीन पूनिया है. मैं वैसे तो हरियाणा का निवासी था, लेकिन अब दिल्ली में रहता हूँ. मेरी छोटी बहन 20 साल की है और मैं 25 का हूँ.
एक बार की बात है, मैं और मेरी बहन अपनी मौसी के घर हरियाणा के एक गाँव में गए थे. मौसी के घर पर मौसी और उनकी बेटी रानी थी. रानी अभी 18 साल की थी.
मेरी मौसी गाँव में रह कर, खेती का काम देखती थीं और मौसा उनके साथ नहीं रहते थे. वे शहर में नौकरी करते थे. उनका मौसी के पास करीब चार साल से आना नहीं हुआ था. शायद मौसा और मौसी के बीच कोई अनबन हो गई थी.
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मेरी मौसी बेहद खूबसूरत हैं. उनकी जवानी बहुत ही नशीली है. उन की फिगर 36-28-38 की है. मौसी के उठे हुए चूतड़ों को और तने हुए मम्मों को देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता था. पर गाँव में बंदिश अधिक होने के कारण मौसी लाज के चलते किसी से ज्यादा नहीं खुलती थीं.
मैं मौसी के पास पहुंचा तो मौसी को बड़ी ख़ुशी हुई. दूसरे दिन मौसी सुबह ही खेतों में चली गईं और मेरी बहन भी उनके साथ चली गई. उन्होंने अपनी बेटी से कहा कि वो खाना खेत में मेरे हाथों भेज दे.
मैं बाद में खाना लेकर गया.
मौसी काम करने के बाद थक गई थीं. उन्होंने खाना खाया और आराम करने के लिए लेट गईं. मैं उनकी बगल में लेट गया और मेरी बहन भी मेरे पास लेट गई.
मेरी आंख लग गई. जब आंख खुली तो मैंने देखा कि मौसी के चुचे ब्लाउज से बाहर निकल रहे थे और वो खुद ही उनको दबा रही थीं. मैंने आँखें बंद कर लीं. लेकिन एक पल बाद मैंने धीरे से एक आँख खोल कर देखा, तो पाया कि मौसी एक मोटी सी मूली से अपनी चुत की खुजली मिटाने में लगी थीं.
ये गरम सीन देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और लंड से पानी निकलने लगा. मैं मौसी की मुठ मारने की गतिविधि को हल्की मुंदी आँख से देखने लगा.
कुछ देर बाद शायद मौसी झड़ गई थीं, उन्होंने अपने कपड़े ठीक किये और निढाल सी होकर लेटी रहीं.
मैं इस बात पर गौर नहीं कर पाया था कि जिस तरह से मैंने मौसी को ये सब करते देखा था. उसी तरह मौसी ने भी मुझे देखते हुए देख लिया था. कुछ देर बाद मौसी उठ गईं और फिर से खेत में काम करने लगीं. काम खत्म होने के बाद रात तक हम सब घर आ गए.
अब मेरी मौसी को देखने का नजरिया बदल गया था. मौसा के चार साल से न होने के कारण मौसी मुझे एक माल दिखने लगी थीं.
खाना खाने के बाद जब सोने गए तो मौसी ने कहा – नवीन तू मेरे पास आना. मुझे तुम से बातें करनी हैं.
मैं मौसी के पास गया, तो मौसी ने मेरी माँ के बारे में बात की और यहाँ वहाँ की बात करने लगीं. मैंने देखा कि मौसी का हाथ मेरे लंड के बिल्कुल पास था. मैं उनके व्यवहार को कुछ समझ नहीं पा रहा था और इतने में मौसी का हाथ मेरे लंड को छूने लगा. अब मुझे लगने लगा था कि मौसी मुझ से कुछ चाहती हैं. उन की उंगलियां बार बार बहाने से मेरे लंड को छूने लगीं, तो मैंने भी मजा लेना शुरू किया. उन की उंगलियों के लगातार लंड छूने से जब मैंने कुछ नहीं कहा, तो वो हल्के से मेरे लंड को रगड़ने लगीं.
अब मेरे लंड में भी कसाव आना शुरू हो गया. मैंने एक बारी वहाँ से हटने की कोशिश की तो मौसी ने मेरे लंड को पकड़ लिया.
मौसी ने कहा – अपनी मौसी की एक बात मानेगा?
तो मैंने कहा – मौसी मैंने आज तक आपकी कोई बात टाली है क्या?
‘नहीं.. तो सुन बेटा. तेरी मौसी को बहुत प्यास है.. अपनी मौसी की प्यास मिटा दे बेटा.. तेरा लंड बहुत मोटा है. जब तू सो रहा था तो मैं तेरा लंड देख रही थी. सच में वो बहुत मोटा है. आज इतने बरसो बाद किसी लंड को देख मेरे अंदर की दबी हुए कामवासना उभर आयी. और मे अपनी चुत में मूली डाले बिना रह नहीं पायी. पर जो मज़ा मर्द के लंड में होता हे वो मूली में कहा! आ बेटा मेरी प्यास बुझा दे.’
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ये कह कर मौसी ने लंड को तेजी से दबाया. मैंने हल्का सा विरोध किया तो मौसी मुझ से लिपट गईं और मेरे होंठों को चूमने लगीं. मौसी अपनी चुचियों को मेरी छाती पर रगड़ने लगीं.
इस सब से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने अपना हाथ मौसी की गांड पर लगा दिया और मौसी की मदमस्त गांड दबाने लगा.
मौसी के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
मैंने मौसी के मम्मों को दबाना शुरू किया. उनके मम्मे बहुत मोटे थे. अब चुदास की गर्मी बढ़ गई थी, तो मैंने मौसी का सूट निकाला और उन्हें लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया.
मौसी ने मुझे चूमते हुए कहा – बेटा, मेरे मम्मों का सारा दूध पी ले.. पूरे 4 साल हो गए.. किसी ने इनको नहीं पिया है.
मैं मौसी के मम्मों को ज़ोर ज़ोर से पीने लगा. मौसी के चूचे एकदम से कड़क होने लगे थे. फिर मैंने मौसी की चुत पर हाथ रख कर ज़ोर से दबा दिया.
मौसी – आआ ऊऊओ और ज़ोर से दबा दे.. फाड़ डाल इसको..
मैंने अपनी उंगली उनकी चुत में पेल दी. मौसी के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मौसी बोलीं – बेटा जल्दी कर..
मैं बोला – जल्दी क्या है! सारी रात हमारी ही तो है.
मौसी ने मेरा लंड पकड़ लिया.
मैंने कहा – मौसी. तू मेरा लंड मुँह में ले ले.
मौसी लंड चूसने और चाटने लगीं. मैं लंड चुसाई से बहुत गर्म हो गया और मैंने लंड उनके मुँह से निकाल कर सीधे मौसी की चुत में पेल दिया.
एकदम से लंड पेलने से मौसी के मुँह से चीखने की आवाज़ आई – आआईई ईई मममम ममम्म्मीईईओ.. ओह हः!
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मैंने मौसी के मम्मों को मसलना शुरू किया. कुछ देर बाद मौसी नॉर्मल हो गईं. अब मैं मस्ती से मौसी को पेले जा रहा था और करीब दस मिनट बाद मैंने मौसी की चुत में लंड का पानी छोड़ दिया.
मौसी ने कहा – तू तो बहुत बड़ा उतावला है, मौसी की चूत में एक बार में ही पूरा बाड़ दिया.(पूरा घुसा दिया)
यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था दोस्तो.. आप को मेरा ये हिन्दी सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट लिखना.