मोटी लड़की की बेकाबू कामुकता

दोस्तों, ये कहानी आज से २ साल पहले की हे. उस वक़्त मेरा एक दोस्त था. उसकी गर्लफ्रेंड थ्रीसम की बहुत इच्छा थी. तो मेरे दोस्त ने मुझे उस वक़्त बुलाया था और हमने जम कर उसकी गर्लफ्रेंड को चोदा था.

तब से में और उसकी गर्लफ्रेंड भी अचे दोस्त बन गए थे. में उसको मरे लिए भी एक परमेन्ट लड़की ढूंढ के देने को बोला था. दो दिन बाद मेरे मोबाइल में उसका फोन आया कि उसने मेरे लिए एक मस्त माल ढूंढ लिया है. मैं ये सुन कर बहुत खुश हो गया और मैंने उससे पूछा कि कब मिलना है? उसने कहा कि कल मेरे एरिया में नाइट का प्रोग्राम है. तुम कल रात 8 बजे पहुँच जाना. मैंने ओके कहा.

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उसने कहा – कल रात मेरे गांव में नाईट का प्रोग्राम है. कल रात 8 बजे पहुँच जाना!

मैं अपने दोस्तों के साथ 8 बजे घर से मोटर साइकिल पर निकल गया. वहां जाने के बाद मेरे दोस्त ने अपने गर्लफ्रेंड को कॉल किया. तो उसने उसे मिशन रोड पर बुलाया. उसने कहा- मेरे साथ और एक सहेली है!

जैसे ही मैंने सुना कि उसकी सहेली भी आई है तो मैं तो खुश हो गया.

मिशन रोड पहुँचने के बाद मैंने देखा कि उसकी सहेली एकदम गजब की है. उभरी हुई गांड. उभरे हुए बूब्ज. शरीर मोटा ताजा. उसकी उम्र 19 साल की थी. उसका फिगर 38-32-40 का होगा. उसकी इतनी बड़ी गांड देख कर मेरे लंड में पानी आ गया.

वो जब चलती थी तो उसकी गांड गजब हिलती थी. उसने नीचे लेगीज पहन रखी थी और ऊपर शर्ट पहन रखा था. उसका शर्ट इतना टाईट था कि उसके बड़े बड़े दूध निकलने के लिए बेताब थे.

फिर हम लोगों ने गाड़ी पार्क की और जाकर दोनों से मिले. हेलो की और फिर बात को आगे बढ़ाया. मेरे दोस्त का तो पहले से सब सेट किया हुआ था. मैंने अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड को भी चोदा था और मेरे लिए लाने के लिए बोला था तो वो अपनी सहेली को ले आई थी.

फिर मैंने अपने दोस्त को बोला – जाना किधर है?

तब दोस्त की गर्लफ्रेंड ने बोला – चलो मिशन के पहाड़ पर!

सब एक साथ चलने लगे.

तीसरे लड़के मेरे दोस्त को देख कर पूछने लगी- इसे क्या हुआ? ये लंगड़ा कर क्यों चल रहा है?
तब मैंने मजाक से कहा- रास्ते में हम लोगों का एक्सीडेंट हो गया था. तो उसे चोट लग गयी है.

तब वो दोनों अफसोस करने लगी तब तीसरे दोस्त ने कहा- नहीं नहीं. कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ. ये मेरे बचपन से है.
फिर सब मस्ती करते पहाड़ पर पहुंचे.

उस रात चांदनी रात था तो हम लोग थोड़ा ऊपर तक चढ़ कर रुक गए. तब मेरे दोस्त ने कहा- ले जाओ दोस्त उसको!

तब उसने कहा- कहाँ?

मैंने कहा- तुम्हारी सहेली ने नहीं बताया है क्या?

तब उसने कहा- नहीं!

मैं अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड को बोला- क्या यार… तुमने इसे नहीं बताया है?

उसने कहा- नहीं बताया है. तुम ही इसे मनाओ ना!

तब मैंने उसके पास जाकर कहा- मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ.

उसने कहा- पागल हो गए क्या? मैं सिर्फ अपने पति से ही चुदवाऊँगी और किसी से नहीं!

मैंने उसे बहुत मनाने की कोशिश की लेकिन वो मानने के लिए तैयार ही नहीं हो रही थी. तब तक मेरा दोस्त अपनी वाली को चोदने के लिए ले गया. मैंने बहुत देर तक उसे समझाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. आप यह चुदाई की गंदी कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़  रहे हे.

तब मैं उसे पकड़ कर किस करने लगा. वो मुझे किस भी नहीं देना चाहती थी. मैं उसी तरह किस करते करते कभी उसके दूध को सहलाता तो कभी उसकी गांड को सहलाता. इस तरह से उसे पूरा सेक्स चढ़ गया तब उसने कहा- मैं तुझे सब दूंगी लेकिन मुझसे शादी करनी होगी!

मैंने भी पूरे सेक्स में होने की वजह से कहा- ठीक है!

उसके बाद वो तो पागलों की तरह मुझे पकड़ कर किस करने लगी. मैंने उससे पूछा- अच्छा बताओ तुम्हारा दूध इतना बड़ा बड़ा कैसे और इतना टाईट कैसे?

तब उसने कहा- मेरे पड़ोस में एक दोस्त है. उसी ने मुझे एक दवा बताई. मैं वो यूज़ करने लगी. तब से मेरे ये दूध बड़े हो गए. उससे पहले मेरे छोटे छोटे दूध थे और मेरे ऊपर कोई कपड़ा नहीं सेट होता था.

सच में दोस्तो. उसके दूध बहुत बड़े और बहुत टाईट भी थे.

उसके बाद मैंने चुम्बन करते करते उसके पूरे कपड़े उतार दिए.

अब तक उसको सेक्स पूरा बढ़ चुका था. वो अब काबू में नहीं थी. तब मैं उसकी बड़ी बड़ी चुची को मसलने लगा. तब वो सिसकारियाँ भरने लगी. मैं उसे गले पर, गर्दन पर किस करने लगा. इससे वो पूरा गर्म हो चुकी थी. वो पूरी तरह से पागल होने लगी.

उसी समय उसने जल्दी से नीचे होकर मेरी पैंट खोली और मेरा 7.5” का लंड देख कर वो घबरा गयी बोली- इतना मोटा लम्बा लंड?

वो कहने लगी- ना बाबा ना. मैं इतने मोटे और लम्बे लंड से ना चुदवाऊँगी.

फिर मैंने कहा- आज तो चुदवा कर देख लो. फिर कल से मेरे इस लंड के लिए पागल हो जाएगी!

वो किसी तरह मान गई. मैं उसके दूधों को बड़े प्यार से सहला कर चूस कर उसे मजा देने लगा. उसे पूरा गर्म किया तो वो खुश हो गयी. वो फटाक से मेरे लंड को अपने मुख में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे तो लग रहा था कि जैसे मैं आज जन्नत का सैर कर रहा हूँ.

वो पूरे पागलों की तरह मेरे लंड को चूसे जा रही थी. उसने लंड चूसने की स्पीड और बढ़ा दी और मैं उस बीच झर गया. वो मेरे वीर्य को चाट चाट कर पूरा पी गयी.

उसके बाद वो मुझे कहने लगी- तुम्हारा वीर्य तो काफ़ी टेस्टी है. मुझे बहुत मज़ा आया.

तब मैंने कहा- बेबी. इससे इससे ज्यादा मज़ा तब आएगा जब मैं तुमको चोदूंगा.

उसने कहा- तब जल्दी कर यार!

मैंने कहा- इतनी जल्दी भी क्या है!

मैं उसकी मोटी मोटी चुची को मसलने लगा. उसे बहुत मज़ा आने लगा. उसे किस करने लगा. इससे वो पूरी गर्म हो गयी. कहने लगी- जान. अब डाल दो… मुझसे अब रहा नहीं जाता. नहीं तो मैं मर जाऊँगी.

तब मैंने उसे कहा- बेबी मेरा लोलीपोप तो चूस कर तैयार कर ले!

वो मेरा लंड पकड़ कर फिर से चूसने लगी. करीब दस मिनट मेरा लंड चूसती रही. जब मेरा लंड पूरे लोहे की तरह कड़क हो गया तब उसे मैंने घोड़ी बनने को कहा. वो तुरंत घोड़ी बन गयी. मैं उसकी बुर देख कर हैरान हो गया. क्या बुर थी उसकी… एकदम नर्म कोमल गुलाब की पंखुड़ी की तरह गुलाबी और खूब फूली हुयी!

मैं देख कर पानी पानी हो गया. और सबसे बड़ी बात यह थी कि वो आज ही पहली बार चुदी करवा रही थी.

तब मैंने बिना देर किए उसकी बुर पर अपना लंड सेट किया और एक धक्का मारा. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई. मेरे दोस्त ने भी उसकी चीख सुन कर हमारी ओर देखा. मैंने उसके मुंह पर हाथ रख कर बंद कर दिया ताकि कोई सुन ना ले. वैसे तो सुनसान पहाड़ था फिर भी अगर कोई सुन लेता तो बवाल हो जाता.

मैंने थोड़ी देर तक लंड को बुर में रखे रखे उसे किस करता रहा. फिर एक धक्का मारा. इस बार मैंने उसका मुंह पहले से ही दबा कर रखा था. मैंने अपना पूरा लंड उसकी बुर पर दो तीन झटकों में ही उतार दिया. वो दर्द से तड़पने लगी. वो रोने लगी.

तब मैं उसी तरह रुक गया. 5-6 मिनट बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो वो अपने आप से अपनी गांड आगे पीछे करने लगी. मैं भी झटका दे दे कर उसे चोदने लगा. उसकी गांड बहुत जोर जोर से हिल रही थी. मैं वो देख कर और भी गर्म हो जा रहा था और मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा.

वो लगातार सिसकारियाँ भरती जा रही थी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और साथ में बोल रही थी- और ज़ोर से और ज़ोर से!

मैंने अपनी रफ़्तार और भी बढ़ा दी और फिर वो किलकारियां मार मार कर झर गयी.

उसके बाद मैंने अपना लंड निकाल कर उसकी गांड पर रखा तब उसने कहा- ये क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- जानू. तुम्हारी गांड बहुत मस्त है. मैं तुम्हारी गांड मरूँगा.

तब उसने कहा- कोई गांड भी चोदता है क्या?

मैंने कहा- और नहीं तो क्या!

उसने कहा- मैंने बहुत इंग्लिश ब्लू फिल्मों में तो देखा है गांड चोदते… लेकिन भारत में भी ऐसे गांड चोदने का रिवाज है क्या? आज तक मैंने नहीं सुना कि कोई गांड भी चोदता है यहाँ! आप यह चुदाई की गंदी कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़  रहे हे.

मैंने कहा- जानू. तुम एक बार गांड मरवा कर देख तो लो. तुम्हें भी मजा आएगा. अगर नहीं आएगा तो मैं तुम्हारी गांड नहीं मारूँगा.

इस तरह बोल कर मैंने उसे किसी तरह मनाया और अब उसकी गांड पर लंड सेट किया और धक्के मारने लगा. मगर साली की गांड बहुत टाईट थी. लंड जा ही नहीं रहा था और वो कह रही थी- मान जाओ. गांड में नहीं जायेगा.

तब मैं मन ही मन सोचने लगा कि अब साली की गांड फटेगी और मैंने उसकी गांड और अपने लंड पर थूक लगाया. लंड उसकी गांड पर सेट किया. धक्का मारने से पहले मैंने एक हाथ से लंड और दूसरे हाथ से उसके मुंह को दबाया और एक कस कर धक्का मारा. मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और वो पूरा जोर जोर से तड़प तड़प कर रोने लगी.

मैंने उसे जकड़ कर रखा था और साथ में मैं उसकी गांड धीरे धीरे मारने लगा. कम से कम 10 मिनट मारने के बाद उसका दर्द कम हो गया और वो पूरी तरह से गांड सेक्स का मजा लेने लगी. मुझसे पागलों की तरह कहने लगी- जान. मुझे बहुत मजा आ रहा है. मुझे नहीं मालूम था कि गांड चुदाई में इतना मजा आता है.

वो बोल रही थी- और जोर से… और जोर से!

मैं भी जोश में आकर जोर जोर से धक्के मार रहा था.

इतने में मैं झड़ गया. इससे पहले वो दो बार झड़ चुकी थी मगर साली ने जैसे देखा कि मैं झड़ गया. वो तुरंत लंड बाहर निकाल कर मुंह में लेकर चूसने लगी. वो पूरा जोर जोर से चूसने लगी.

मेरी तो मानो जान ही निकली जा रही थी… झड़ने के तुरन्त बाद लंड से कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकता. मैंने उसे धक्का दिया और बोला- अरे यार अब जान लोगी क्या? 5 मिनट तो रुक जाओ. उसके बाद चूसना!

तब जाकर वो मानी.

इस बीच मैंने उससे पूछा कि तुम्हारी बुर पे बिल्कुल झांट नहीं है? कब काती?

तब उसने कहा- मैं हर हफ्ते अपनी झांटें साफ कर लेती हूँ. मुझे ऐसे में रहना अच्छा लगता है.

फिर दोनों किस करने लगे. कुछ देर बाद वो पूरी बेताब होकर फिर से मेरा लंड चूसने लगी. फिर से मेरा लंड लोहा जैसा हो गया.

तब उसने मुझे धक्के मार कर लेटा दिया और बोली- अब मैं ऊपर आऊंगी.

मैंने कहा- जैसे तुम्हारी मर्जी!

वो मेरे ऊपर आई. हाथ से मेरा लंड पकड़ा और एक ही झटके से पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया और जोर जोर से ऊपर नीचे होने लगी.

मैं कुछ हैरान था कि साली को गांड मरवाने में इतना मजा आया कि अब खुद गांड में लंड ले लिया. मैं उनके बड़े बड़े बूब्ज को मसलता जा रहा था. उसे बहुत मजा आ रहा था. कभी कभी वो मेरे ऊपर बैठ जाती तब मेरा सांस फूलने लगता. एक दो बार बैठने के बाद जैसे उसने बैठना चाहा तो मैंने कहा- मोटी मुझे जान से मारेगी क्या? इतना मोटी हो. मैं तो मर जाऊंगा. मेरे ऊपर मत बैठ!

तब जाकर वो मानी. अब वो और वाइल्ड हो गई और धान कूटने जैसा मेरे लंड को कूट रही थी. जब थक जाती तब थोड़ा रुक जाती. फिर से धान कूटने जैसा मुझसे अपना गांड मरवाती रही.

इस बार बीस मिनट के बाद मेरा झड़ गया. मगर साली उसी स्पीड से उछल उछल कर गांड मरवाती रही. मुझे फिर अजीब तरह का लग रहा था. तकलीफ होने लगी तो मैंने एक धक्का मार कर उसे नीचे उतारा मगर साली फिर से मेरे ऊपर चढ़ने के लिए पागलों की तरह करने लगी मगर मैंने उसे चढ़ने नहीं दिया. मैं अपने हाठों से उसे रोक रहा था. मगर उस साली की ताकत भी ज्यादा थी मैं उसे अपने बस में नहीं कर पा रहा था.

तब मैंने एक जोर का लात मारी. तब वो दूसरी तरफ जाकर गिरी और वो फट से उठी और अपनी गांड में उंगली करने लगी.

कुछ देर बाद वो धीरे धीरे शांत होने लगी. तब मैंने पूछा- तुम्हारा झड़ा नहीं है क्या?

तब उसने कहा- मैं तो झड़ गयी थी मगर मुझे बहुत गांड में खुजली हो रही है. मुझे ऐसे लग रहा है कि मैं चुदवाती जाऊं!

उसके बाद वो मुझसे बोली- मैंने तुझे कहा था कि तुझे मुझसे शादी करनी होगी. मगर मैं चाहती हूँ कि तू मुझसे चाहे शादी मत कर… बस मुझे रोज चोदना… नहीं तो मैं मर जाऊंगी.

उसके बाद वो फिर से मुझे किस करते करते मेरे लंड को चूसने लगी. वो एक बार फिर बुर में लंड डलवाना चाहती थी लेकिन मेरी हिम्मत जवाब दे गयी थी. मैंने उसे कहा कि अब और नहीं. बाद में करेंगे.

अब वो मान तो गयी लेकिन पूरी तरह संतुष्ट नहीं थी.

तब हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने. मैं तो बहुत थक चुका था मगर वो साली मोटी थकी थी या नहीं… मुझे नहीं मालूम!

उसके बाद वो रोने लगी और बोलने लगी- तुम मुझे रोज चोदना… मैं तुझे जब बुलाऊंगी. तब आना… रोज मुझसे मिलना!

मैं तो घबरा गया. मैंने कहा- तुम यह क्या बोल रही हो? मैं रोज रोज कैसे आ सकता हूँ तुम्हारी चुदाई करने!

मैं आगे बोला- जान. मैं जब मौका मिलेगा. मैं तुमको चोदने आ जाऊंगा.

उसके बाद हम दोनों निकल कर अपने दोस्तों के पास गये. तब तक दोस्त लोगों का भी काम हो गया. मैंने अपने दूसरे दोस्त से पूछा तो वो कहने लगा- मेरा भी हो गया. मैंने भी जम कर चोद लिया है. आप यह चुदाई की गंदी कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़  रहे हे.

मैंने जैसे अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की तरफ देखा तो वो बोली- चलो अब तुम भी मुझे एक बार कर दो!

तब मैंने कहा- जान रात बहुत हो चुकी है. घर भी जाना है.

उसने कहा- मैं वो सब नहीं जानती. तुमको मैंने अपने लिए बुलाया था और मुझे ही नहीं चोदेगा?

दोस्तो. एनर्जी मेरे शरीर में थी ही नहीं… कैसे मैं उसको चोदता! मैंने उसे बहुत मनाया तब जाकर वो मानी.

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उसके बाद उन दोनों को मैंने अपने मोटर साईकिल से उनके घर के पास तक छोड़ दिया. उसके बाद मैं अपने दोस्तों को लेकर घर चला आया.

उसके बाद हर एक दिन दो दिन बाद बाद हम लोगों का यह खेल चलता रहा. इस तरह से मैं पूरा चोदू बन गया.

दोस्तो. आपको कैसी लगी मेरी यह कहानी. मुझे कमेंट करके जरूर बताना.

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