ट्रैन में मिली तीन जवान चुत

यह बात उस समय की है, जब मैं 18 साल का एक नवयुवक था। मेरा शारीरिक सौष्ठव काफी सुदृढ़ था। मैं उन दिनों पहलवानी भी किया करता था। अखाड़े में मैं प्रतिदिन 150-200 दण्ड पेलता था। दिखने में भी मैं काफी सुन्दर था। देखने वाले कहते थे कि तुम्हारी आंखें बहुत ही आकर्षक हैं।

कुल मिलाकर मेरे बारे में यह कहा जा सकता है कि मैं काफी दिलकश लगता था। पहलवानी के साथ-साथ मैं ऐसा नहीं था कि आधुनिक जीवन शैली को नापसन्द करता होऊँ। मुझे सज-संवर कर रहना अच्छा लगता था। खासकर तब कोई लड़की या महिला मुझे देखती थी, तो मैं और भी इतराने की कोशिश करता था।

दोस्तों के साथ बैठ कर सिगरेट या शराब पीने में भी मुझे कोई ऐतराज नहीं था, पर ईमानदारी की बात यह है कि मुझे भांग खाना ज्यादा पसंद था, क्योंकि अक्सर अखाड़े में मैं जब भांग खा कर दण्ड पेलता था, तो भांग का नशा मुझे थकान का अहसास नहीं कराता था।

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

ये तो हुई मेरी परिचय कथा, अब जो मेरे साथ हुआ वो आप सुनिए।

मैं अपने शहर में एक दुकान चलाता हूँ। इसी सिलसिले में मुझको अक्सर बाहर खरीद करने जाना पड़ता है।

यह घटना भी ऐसी ही एक यात्रा की है। अक्टूबर के महीने की घटना है, मैं पास के एक बड़े शहर में गया था। दिन भर की खरीददारी के बाद जब मैं बापिस अपने गृह-नगर के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा तो थकान सी हो रही थी। अस्तु मैंने भांग के ठेके से 10 रूपए की भांग की ‘माजुम’ खरीद कर खा ली। मुझे मालूम था कि 20 मिनट बाद ये जब अपना असर दिखाएगी तब कुछ मजा आएगा।

मैं टिकट लेकर सीधे प्लेटफार्म पर पहुंच गया। स्टेशन लगभग खाली था। रात को 9.30 हो चुके थे। जनता एक्सप्रेस के आने का संकेत हो चुका था। मैं भी प्लेटफार्म पर सबसे आगे की ओर जा कर खड़ा हो गया था। तभी गाड़ी आ गई और उसके रूकते ही मैं उस में चढ़ गया। मैंने देखा कि पूरा डिब्बा खाली पड़ा था, हालांकि मुझे इस बात से कोई चिन्ता नहीं थी। मैं एक सीट पर बैठ गया।

अभी गाड़ी ने सीटी दी और धीरे-धीरे सरकना शुरू ही हुआ था कि मुझे कुछ जनाना आवाजों के चढ़ने की आहट आई। मेरा अनुमान सही था, आगन्तुक यात्री तीन लडकियाँ थीं। वे लोग अपना सामान मेरे सामने की सीट पर रख कर वहीं बैठ गईं।

गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली थी। मैं उनसे बेखबर नहीं था और उनको नजर भर कर देखा। वे तीनों लगभग 20-22 वर्ष की उम्र की रही होंगीं।

तीनों ही मार्डन थी और उन सब ने जींस और टॅाप पहन रखा था। उन तीनों के नयन-नख्स तीखे और शोख थे। तभी उनमें से एक उठी और डिब्बे के अन्दर की ओर चली गई।

कुछ ही पलों के बाद वो आई और अपनी दोनों सहेलियों से बोली, “यार ये तो पूरा डिब्बा ही खाली है।”

तभी उन में से एक ने मेरी तरफ मुखातिब हो कर कहा – क्या आपको मालूम था कि डिब्बा खाली है।

मैंने कहा – नहीं मुझे नहीं मालूम, मैं तो आया और सीधे यहीं बैठ गया, क्यों कोई बात है क्या?

उसने कहा – नहीं यूँ ही पूछा।

इस बात के बाद वो आपस में एक-दूसरे को देखने लगीं।

मुझे भांग की खुमारी चढ़ने लगी थी, अस्तु मैं अपनी तरंग मैं मस्त था। मुझे कुछ गरमी सी लगने लगी थी, सो मैंने अपनी शर्ट के ऊपर वाले दो बटन खोल लिए थे, मैं अन्दर बनियान नहीं पहनता हूँ, सो मेरा चौड़ा सीना दिखने लगा था। पहलवानी के कारण छाती पर बाल नहीं थे, सो बिल्कुल चिकनी छाती थी। मेरी छाती देख कर उनको शायद कुछ लगा वो आपस में कुछ खुसुर-पुसुर करने लगीं। तभी उनमें से दो उठी और डिब्बे के गेट की तरफ चली गईं। मुझे दरवाजा बंद होने की आवाजें आने लगीं।

मुझे लगा शायद ये लोग डिब्बे के खाली होने के कारण कुछ भयभीत हैं, सो मैंने कहा – आप लोग घबराएं नहीं, मैं हूँ किसी बात की चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं हैं।

मेरी बात सुनकर उन में बची एक मुस्करा कर बोली – और अगर चिन्ता आप से ही हो तो?

मैं अकबका गया। मुझे उनसे ऐसे उत्तर की अपेक्षा नहीं थी।

मैंने संभल कर कहा – भला मुझसे क्या चिन्ता?

“क्यों आप क्या मर्द नहीं हो?”

मेरा दिमाग भन्ना गया। मैंने भी कह दिया, “असली मर्द हूँ, पर छिछोरी हरकतें नहीं करता हूँ।”

इस पर वो तनिक इतरा कर बोली – तो फिर आप कैसी हरकतें करतें हो?

मैं निरूत्तर था।

मैंने कहा – आप लोग बेफ्रिक रहें, किसी बात की कोई चिन्ता मत करें।

अब वो तनिक हंस कर बोली – अरे यार मैं तो मजाक कर रही थी। आप अन्यथा न लो।

मैंने भी उनकी ‘मस्ती’ को भांप लिया था।

मैंने कहा – मजाक तो अपने किसी खास से किया जाता है। मैं तो आपका अभी खास बना नहीं हूँ।

इस पर वो खिलखिला कर हंस दी।

उसने सीट से झुक कर नीचे रखे अपने एअर बैग को कुछ सरकाने की चेष्टा की, और अपनी दूधिया घाटी के दर्शन कराए।

मैं बड़े गौर से उसकी गेंदों को देखने लगा।

क्या टॉप का माल छुपा रखा था, साली ने अपने टॉप के नीचे…!

मेरा मन में कुछ गुदगुदी होने लगी। मैं एकटक उसकी दरार को घूर रहा था, मैं भूल गया कि वो भी मेरी नजरों को देख रही है।

अचानक वो सीधी हुई और मेरी ओर देख मुस्करा कर बोली – जरा हाथ लगाना।

मैंने अचकचा कर कहा – किधर?

वो हंस दी और बोली – किधर लगाने की कह रही हूँ? क्या कुछ देख नहीं रहे हो, मैं किधर हाथ लगाने की कह रही हूँ!

मैं संयत हुआ और कटाक्ष करता हुआ बोला – अब मुझसे हाथ लगवाने में डर नहीं लग रहा है। कहते हुए मैंने उसके बैग को उठाया और उससे पूछा, “किधर लगा दूँ?”

अधिक कहानियाँ : मेरी पेइड चुदाई मनाली में

उसने शोखी से कहा – क्या यार तुमको तो ये भी नहीं मालूम कि किधर लगाया जाता है?

मैं अब समझ गया कि ये सब चालू आइटम हैं, और मुझसे मस्ती करना चाहती हैं। मैं भी बेफ्रिक था, क्यूंकि मेरे पास भी काफी समय था, और मुझे भी टाइम पास करने के लिए ये सब ठीक लगा। तभी उनकी दोनों साथिनें भी वापिस आ गईं।

वो फिर मुझसे बोली – आपका क्या नाम है?

मैंने कहा – मेरा नाम सुनील है.. और आप सब का?

वो बोली – मैं सीमा हूँ, ये नीलू और ये शबनम है।

मुझे उनका व्यवहार काफी खुला लगा, क्योंकि उन तीनों ने बड़ी गर्मजोशी से मुझ से हाथ मिलाए।

तभी मैंने उनसे पूछा – क्या मैं एक सिगरेट पी सकता हूँ, अगर उनको बुरा न लगे तो?

सीमा बोली – जरूर, और एक मुझे भी देना।

मैं उसके इस बिंदासपन पर फिर हक्का-बक्का रह गया।

मैंने अपनी जेब से ‘गोल्ड-फ्लैक’ की डिब्बी निकाली और उसे सीमा की ओर बढ़ा दी। उसने डिब्बी ली और उसमे से एक सिगरेट निकाल ली और डिब्बी मुझे वापस कर दी।

मैंने कहा – नीलू और शबनम तुम लोग नहीं पीओगी क्या?

इस पर नीलू बोली – नहीं हम लोग एक से ही काम चलाते हैं।

मैंने कहा – वाह… क्या सोच है। अब तो मैं भी सोचता हूँ कि यह काम हम सब को एक साथ ही एक डण्डी से ही निपटा लेना चाहिए।

शबनम खिलखिला कर बोली – डण्डी नहीं हम इसे डण्डा कहते हैं, और जो मजा एक ही डण्डे से आता है वो अलग-अलग में कहां है ?

उसकी इस बात पर तीनों जोर-जोर से हंसने लगीं।

मैं समझ गया कि सब चालू माल हैं। मैंने माचिस निकाली और सीमा की तरफ बढाई और हंस कर कहा – लो आग लगाओ।

वो तपाक से बोली – हम तो ऐसे नहीं, ऐसे आग लगवाते है।

वो उठी और मेरे बगल में आकर बैठ गई और अपनी छातियों का पूरा भार मेरे ऊपर डाल कर, अपने रसीले होठों में सिगरेट दबा बोली – लो लगाओ आग, मैं तैयार हूँ।

मेरे शरीर में 440 बोल्ट का करंट दौड़ गया। मैंने माचिस का तीली जलाई, पर तेज हवा के कारण वो बुझ गई।

मैंने कहा – सीमा मुझे खिड़की बंद कर लेने दो फिर आग लगाता हूँ।

मैंने खिड़की बंद कर दी और तीली जला कर सीमा की सिगरेट को जला दिया।

सीमा ने बडे़ ही मादक अन्दाज से सिगरेट का एक कश खींचा और मुझसे बोली – तुम्हारा डण्डा तो बहुत मजेदार है।

मैं सोचने लगा कि अभी तूने देखा ही कहाँ है मेरा डण्डा?

हम चारो बारी बारी सिगरेट एक दूसरे को देके एक एक कश लगा रहे थे. जब वो लोग मुझे सिगरेट देते तो जानबुच कर अपनी चूचिया दिखते थे.

में भी कोई कचा खिलाडी नहीं थी. मेने भी धीरे धीरे उनके चुचो को छूने लगा. वो तीनो सिगरेट पीके मस्त हुए जा रही थी.

भांग के नशे का असर अब मुज पर हाबी हो रहा था. मेने गर्मी का बहाना बना के अपनी शर्ट निकल दी. वो तीनो मेरी कसी हुए छाती को देख मधहोश हो गयी थी.

सीमा बोली तुम्हारी छाती पर एक भी बाल क्यों नहीं हे? तुम सच में मर्द तो हो ना.

में उसकी बात सुन थोड़ा गरमा गया और बिना सोचे उसको अपने पास खिंच के बोला – मौका दो तो सही, यही पर इस वक़्त ही पता चल जायेगा, में केसा मर्द हु.  

इस पर शबनम थोड़ी गभरा गयी पर सीमा एक मज़े हुइ खिलाडी की तरह मेरे लंड पे हाथ रख के बोली – अगर इतने ही मर्द होते तो अब तक हम जैसी अपशराओ को देख ये पूरा तन जाना चाहिए था.

उसकी बात में दम तो था, पर मुझे यकीन नहीं हुआ की मेरा लोडा अब तक खड़ा कैसे नहीं हुआ. फिर लगा शायद भांग के नशे की वजह से.

पर सीमा की ये बात मुझे चुभ सी गयी थी, मेने सीमा को अपने जबरन पकड़ा और उसे जबरदस्ती किश करने लगा. पहले १ – २ पल तो शायद वो भी हबका गयी. पर परिस्तिथि की नज़ाकस समज के वो भी मेरे किश का जवाब देने लगी.

कसम से दोस्तों क्या मस्त रसीले होठ थे साली के. मेने वक़्त न गवाते उसके बूब को ऊपर से ही दबाने लगा और उसे सीट पर लेता के उसके उप्पेर चढ़ गया. वो बिलकुल भी विरोध नहीं कर रही थी. शायद ये तीखे बोल उसने इसी लिए बोले के में उत्तेजित होकर उनको चोद दू.  

नीलू और शबनम हम दोनों को देख रही थी. मैने धीरे धीरे सीमा के सारे कपडे निकल दिए. वो अब एक अप्सरा से कम नहीं लग रही थी. उसने भी मेरा पैंट निकल दिया था. 

हुम दोनों अब बिलकुल नंगे थे. तभी नीलू बोली – साली रांड अकेले ही सारे मज़े लेगी या हमे भी कुछ करने देगी.

सीमा बोली – तो सालियों उधर बेथ के तमाशा क्या देख रही हो, चढ़ जाओ  इस जवान लोंडे पे और लूट लो इसकी इज़त.

में बोला – हाजी मेरी तो एक अकेली की इज़त जाएगी बदले में मुझे ३ जवान लौंडियों की इज़त मिलेगी.

मेरी बात सुन कर शबनब हबका के बोली – ३ कोनसी ? में कुछ नहीं करने वाली. में ने अपनी कुंवारी चुत अपने होने वाले शोहर के लिए संभल के राखी हे.

दोस्तों मुझे वही लड़कियां ज्यादा पसंद हे हो मुझे तडपाये, नाकि सीमा और नीलू जैसी जो सामने से आके चुद्वाए।

अब मेरा मन बस शबनम को चोदने को कर रहा था.  पर उसे उकसाने के लिए मेने सीमा को अपने निचे लिया और उसके बूब को मुँह में लेके चूसने लगा.

सीमा भी मस्त होके आह आह्ह की आवाजे निकल रही थी. तभी नीलू भी अपने घुटनो पे बेथ गयी और मेरा लोढ़ा पकड़ के अपने मुह में ले लिया. कसम से दोस्तों लड़की के मुहे में लोढ़ा जाने का सुख ही कुछ और हे।  मेरे मुँह में से भी एक आह निकल गया.

शबनम बड़े ध्यान से हम तीनो को देख रहि थी. नीलू ने मेरा लोढ़ा चूस से एक दम लोहे जैसा खड़ा कर दिया था. 

मेने अपना लोढ़ा नीलू से मुँह से निकला और सीमा की चुत पर रख दिया और एक जोर का जतका मारा. एक ही बार में मेरा ७ इंच का लोढ़ा उसकी चुत में घुस गया. में समज गया के सीमा बड़ी ही चूड़ाकड लड़की हे और मेरे पहले भी कइयों के लोडे लेके बैठी हे.

अब में सीमा को धक्के लगा रहा था, और नीलू उठ के मेरे मुँह पे अपनी चुत रगड़ रही थी. उसकी भी चुत काफी गीली हो चुकी थी. मेने भी सोचा उसको भी देर करना सही नहीं रहेगा.

इसलिए मेने सीमा को और जोर से धक्के लगाना चालू कर दिया और वो कोई कुतिया की तरह चीखे निकल रही थी और अगले २ ही मिनट में उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. वो शांत होक बाजू हट गयी, अब बारी थी नीलू की. नीलू को भी मेने सीट के सहारे उल्टा खड़ा कर दिया बिलकुल कुतिया की तरह. मेने जान बुच उसे इस तरह खड़ा किया के उसकी चुत में जब में धक्के मारु तो वो बिलकुल शबनम की आँखों के सामने हो.

तो इसी इरादे के साथ मेने नीलू को चोदना चालू किया, नीलू भी वर्जिन नहीं थी पर वो सीमा के जितना नहीं चूड़ी थी. वो उसकी टाइट चुत बड़े अचे से बता रही थी. मुझे नीलू की चुत छोड़ने का बड़ा मज़ा आरहा था. और उसे ज्यादा मज़ा मुझे शबनम की आँखों में बढ़ती हुए कामवासना को देख के आ रहा था.

शबनम अब अपने चुचे खुद ही दबा रही थी. तभी सीमा सीट पे से उठी और अपना मुँह मेरी गांड में दाल दिया. क्या गजब की लड़की हे यार सीमा. वरना कोनसी लड़की बिना गए गांड चूसेगी! में अब जन्नत में था यहाँ आगे नीलू की चुत चोद रहा था और पीछे सीमा मेरी गांड का काना चूस रही थी.

मेने शबनम और देखा, वो अपनी आँखे बंद कर अपने बूब सहला रही थी.

अधिक कहानियाँ : मेरी प्यारी मामी की चुदास

मेने इसी बात का फायदा उठा ते हुए अपना हाथ उसकी चुत पर रख दिया. शबनम ने एक दम से आँखे खोल दी और वो मेरी और देखने लगी. पर उसने मेरा हाथ हटाने की कोसिस नहीं की.

यही पल का तो में भी इंतज़ार कर रहा था की कब शबनम के अंदर की कामवासना पूरी जाग जाये. में नीलू को जोर से धक्के लगा रहा था. और मेरा भी छूटने वाला था मेने उसे पूछा कहाँ निकलू, मेरी बात सुन उसने मुझे पुइछे धक्का दिया और वो मेरे सामने आके बेथ गयी.

उसके साथ साथ सीमा भी मेरे सामने बेथ गयी वो दोनों अब बारी बारी मेरा लंड चूस रही थी और हिला भी रही थी. थोड़ी ही डेर में मेरा पूरा वीर्य उन दोनों के मुँह पे गिर गया.

हम तीनो थक गए थे और अपनी सीट पर बैठने जा रहे थे. जब में अपनी सीट पर बैठने को पलटा तब देखा शबनम अपने कपडे निकले अपने घुटनो के बल नंगी बैठी हे. वो मेरे लोडे का इंतज़ार कर रही थी.

मेरी खुसी का पारा ना समा रहा था. में सच में सोच रहा था क्या ये सच हे की एक मुस्लिम गोरी चिति लड़की मेरा लण्ड लेने मेरे सामने अपने घुटनो पर बैठी हे!

मेरे अंदर फिर से एक नया ताकत का उफान छा गया. और बिना वक़्त गवाए अपना लोढ़ा शबनम के मुँह में रख दिया.

वो लोढ़ा चूसने में काफी अनाड़ी थी, सायद पहेली बार किसी का लोढ़ा चूस रही थी इसी लिए. पर मुझे अपना लोढ़ा मुस्लिम लड़की के मुहमे दे कर बड़ा मज़ा आ रहा था.

१० मिनट की लंड चुसाई के बाद मेरा लोढ़ा शबनम की चुत में जाने को तईयार था. 

मेने शबनम को वही उल्टा लेता दिया और अपना लोढ़ा पीछे से उसकी कुंवारी चुत पर सेट किया और एक जोर दर दक्खा मारा. पर मेरा मोटा लैंड उसकी चुत से फिसल गया.

मेने दुबारा लैंड को ठीक से पकड़ के उसकी चुत में मारा, इसबार मेरे लैंड का टोपा उसकी चुत फाड़ता हुआ अंदर चला गया था. वो बहुत जोर से चिल्लाई, पर मेने उसकी परवा ना करते हुए एक और धक्का मारा.

इस बार आधे से ज्यादा लोढ़ा उसकी चुत में चला गया था. उसकी चुत से अब खून भी निकल रहा था और वो पागलो की तरह चिला रही थी. उसकी चींखे सुन सीमा और नीलू भी गभरा गयी थी.

मेने उन तीनो को सँभालते हुए कहा कुछ नहीं होगा और थोड़ी देर के लिए अपना लोढ़ा शबनम की चुत में दाल उसके उप्पेर लेट गया.

मेरे धक्के बंद करने से शबनम को अब अच्छा लग रहा था. मेने मौका पाके अपना लोढ़ा और जोर से शबनम की चुत में डाला. शबनम चिल्लाई पर पहले जितना नहीं. में समाज गया और ये मेरा लोढ़ा पूरा लेने को तैयार हे.

मेने भी धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया, शबनम अब मादक सिसकारियाँ ले रही थी. उसे मज़ा आरहा था. साथ में सीमा और नीतू भी उसके पास आके उसके दोनों बूब को चूस रही थी.

में और शबनम दोनों अब चरम सीमा पे थे और मेने अपने धक्को को और तेज़ कर दिया. जीसवजह से शबनम की चुत ने पानी छोड़ दिया.  

में शबनम की पाकीजा चुत में अपना वीर्य छोड़ना चाहता था. इस वजह से मेने शबनम को बिना बताये अपना  सारा माल उसकी पहली बार चूड़ी हुए चुत में दाल दिया. मेरा गर्म वीर्य अपनी चुत में मेह्सूस कर शबनम थोड़ा गुस्सा होक बोली – ये क्या किया काफिर कहिके.

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

मैंने उसे बड़े प्यार से अपनी और खींच उसके होठो को चुम के बोला – वही किया जो एक सच्चे मर्द को करना चाहिए.

मेरी प्यार भरी किश और अपनी पहली चुदाई के नशे में वो अब शांत हो कर बोली – ज़िंदगी में पहली बार आज इतना बड़ा सुख मिला हे तुमसे, आज से में तुम्हारी हु. तुम जब चाहोगे, जहा चाहोगे में वहा आके तुमसे चुड़वाउंगी।

उसकी ये बात सुन हम चारो हस दिए। हम सबने अपना नंबर अदला बदली किया और अपने गंतव्य स्थान की और चल दिए.

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • Didi ki chuddakad saheliyan-3

    Didi ki saheli trisha ko maine apni randi banne per raazi karliya tha. Kya hamari chudai ho paayi padhe is desi sexy kahani me..

  • Papa ki Dulhan Beti – Part 11

    Saanya ko chudwane ke liye tarun ne use police station jane ko bola tha. Waha Saanya ne 4 policewalo se ek sath chudai karwake unko khush kiya.

  • Haye re meri zulmi jawani ka nasha

    Main apne office ke kaam se Darjeeling ja rhi thi, aur mujhe train me bhi ek jawan ladka mil gya. Fir kaise usne mujhe choda padhiye!

  • Safai karmi ne Chachi ki Chut Chodi

    Chachaji se naraj chachi ne apni adhuri hawas apne ghar me aaye safai karmi se chudai karke puri ki, Padhiye aunty ki chudai aur maze lijiye.

  • Bhabhi ko Train ke Bathroom me Choda

    Ajanbee bhabhi ko train me akela safar karte dekh, mene uski chudai karne ka try maara. Pahdhiye kya me bhabhi ko chod paya?

One thought on “ट्रैन में मिली तीन जवान चुत

आपकी सुरक्षा के लिए, कृपया कमेंट सेक्शन में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी ना डाले।

Leave a Reply

Work with us / हमारे साथ काम करें
Earn / कमाएं: ₹40,000 per month
Apply Now / अभी आवेदन करें!
Advertise with us