एक कुंवारा, एक कुंवारी और चुदाई का मजा

हेलो दोस्तों , मैं आपकी प्यारी आयशा खान। आज फिर से आप लोगों के लिए एक नयी सेक्स स्टोरी लेके इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम वेबसाइट पे हाजिर हु। यह कहानी है करण के पहली चुदाई की। तो चलिए सुनते हे करण के लफ्ज़ो में।

हैलो दोस्तो मेरा नाम अन्नू है। मैं आपके सामने अपनी कुछ आपबीती बताने जा रही हूँ, जो बिल्कुल सच्ची है। ये बात उन दिनों की है, जब मेरा नया नया मतलब ताज़ा ताज़ा ब्रेकअप हुआ था। उस टाइम में 12 वीं क्लास में थी। लेकिन उस ब्रेकअप को मैंने कभी दिल पर नहीं लिया क्योंकि शायद मुझको, उससे भी ज़्यादा चाहने वाला कोई मिल गया था। उस प्यारे लड़के का नाम राहुल था।

पहले पहले हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। मेरी हर एक बात के लेकर वो मेरी बहुत ज़्यादा केयर करता था। मेरे घर पर भी बड़े अच्छी तरह से उसका आना जाना था और राहुल मॉम डैड को भी काफ़ी अच्छा लगता था। इस वजह से मुझे उससे प्यार हो गया था।

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एक बार कुछ यूं हुआ कि उस दिन मेरा बर्थ डे था। राहुल ने मुझको पूरी रात फोन पर कइ बार अपनी बधाई देने की कोशिश की। मगर मैं उसके फोन को भी उठा सकी। फिर 3 दिन बाद हम स्कूल के दोस्त एक पार्टी में मिले, जिसमें घर जाने के लिए मुझको बहुत देर हो गई थी, तो मुझको राहुल घर तक छोड़ने आया था।

घर पर नीचे पार्किंग में पहुँच कर राहुल ने मुझसे कहा कि अन्नू मुझको तुम्हारे बर्थडे वाले दिन तुम पर बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि तुमने पूरी रात मेरा फोन नहीं उठाया था।

मैंने राहुल से इस बात के लिए सॉरी बोला मगर राहुल ने मुझसे कहा कि नहीं इस बात की तुमको पेनाल्टी देनी होगी।

मैंने पूछा कि बोलो क्या करना है?
तो राहुल ने बोला कि तुम्हें मुझको किस करनी होगी।

उसकी किस वाली बात से मैं तो बस सोच में पड़ गई थी। इतने राहुल ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और बहुत ही अच्छी तरह से बड़े प्यार से उनको चूसा। हालांकि मुझको मजा नहीं आ रहा था। इसलिए मैं उसका साथ नहीं दे रही थी।

लेकिन जैसे ही राहुल के होंठ मेरे होंठों से अलग हुए, मैं राहुल को धक्के देकर अपने घर की तरफ़ भाग गई।

अब राहुल का ये किस करने का किस्सा रोज की बात बन चुका था। अब तो मैं भी किस करने में राहुल का पूरा साथ दिया करती थी। फिर 2-3 महीने तक ये सब ऐसे ही चला।। मगर हम दोनों में से किसी ने भी आपस में ‘आई लव यू।।’ नहीं बोला था।

कुछ महीनों के बाद 12 वीं का रिज़ल्ट मेरे हाथ में आया। उसमें मेरे नम्बर कुछ कम आए थे। तो मैंने उस दिन मरने का सोच लिया था और घर की छत पर कूद कर मरने के लिए चली गई थी।

घर वालों ने राहुल को फोन करके बस कुछ बता दिया था, जिससे टाइम पर आकर राहुल ने मुझको नीचे उतारा और मुझको बहुत सारे चुम्बनों से नहला दिया। मगर मेरा रोना बंद नहीं हो रहा था।

उसने मेरे घर पर कहा- आंटी, इसको मैं अपने घर लेकर जा रहा हूँ।। और इसके नॉर्मल होने पर छोड़ भी जाऊंगा।

घर से ओके मिलते ही उसने मुझे अपनी गाड़ी में लाकर बिठा दिया और पूरे रास्ते मुझको कभी किस, कभी यूं ही जांघ को सहला रहा था।

कुछ देर बाद उसके किस करने से मेरा रोना बंद हो चुका था और मैं भी कुछ गर्म सी हो गई थी। कुछ ही देर में हम राहुल के घर पहुँच गए। घर पहुँच कर मैंने देखा कि राहुल के घर में कोई भी नहीं था। हम दोनों ही अकेले थे। राहुल ने मुझको गोद में उठाया और सोफे पर लिटा कर किस करने लगा। एक तो मैं पहले ही गर्म थी ऊपर से उसके किस करने से मुझे और भी ज्यादा गर्म कर दिया। मैं अब कुछ इतनी गर्म हो चुकी थी कि मैंने राहुल को नीचे गिराया और खुद उसके ऊपर आकर अपनी कमर को हिला हिला कर राहुल को किस करने लगी।

अब धीरे धीरे राहुल के हाथ मेरी चुचियों तक पहुँच चुके थे और वो मेरी चुचियों को अच्छे से मसल रहा था।

ओह सॉरी। मैं तो बात ही भूल गई थी कि उस दिन मैंने एक टाईट सा टॉप और लैग्गी पहनी हुई थी।। बाकी अन्दर ना तो ब्रा थी और ना ही पेंटी।

राहुल ने मेरे टॉप में हाथ डालकर मेरी चुचियों को पकड़ लिया और दबाने लगा। इधर मेरी चूत नीचे से पानी छोड़े जा रही थी। ये सीन ठीक वैसे ही था जैसे एक हैंडपंप को चलाने पर नीचे से पानी आने लगता है। वो मेरे मम्मों को हैंडल समझ कर दबा रहा था और आसन से भड़की हुई मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।

हम दोनों की अब पूरी तरह से गरमा गए थे। राहुल अब मेरी चुचियों को छोड़कर मेरी लैग्गी को नीचे सरका कर धीरे से अपने होंठों को मेरी चूत पर ले आया। मैं तो जैसे पागल ही हो गई थी। जैसे ही उसके होंठों का स्पर्श मेरी गीली चूत पर हुआ तो मेरी कमर इतना ऊपर की तरफ उठ चुकी थी कि समझो मैं अपने टांगों और सिर के बल ही सोफे पर हो गई थी।

राहुल ने मेरी चूत को इतना चूसा कि बस चाहते हुए भी मैं राहुल के लंड को खाने के लिए मजबूर हो गई थी। अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए थे। राहुल का 6 इंच का मोटा लंड में अच्छे से अपने मुँह में लेकर उसको लंड चुसाई का सुख दे रही थी और राहुल अपनी जीभ और उंगलियो को मेरी चूत में डाल कर मुझे रगड़ सुख दे रहा था।

कुछ ही देर की चुसाई से अचानक से ही मेरे मुँह से निकलने लगा कि आह।

राहुल बस भी करो। अब और ना तड़पाओ। अब डाल दो ना इस मूसल को मेरी चूत में। आह। मैं अब और नहीं रुक सकती प्लीज़ मुझे चोद दो।

राहुल भी पूरी तरह से तैयार था। उसने अब अपना लंड मेरी चूत पर सैट किया और पेलने की जुगत में हो गया था। हम दोनों को ही बहुत जल्दी थी। और ऊपर से हम दोनों ही कुंवारे थे। ये हमारा पहला सेक्स था। हमें ज्यादा कुछ पता नहीं था।

राहुल ने एक ही झटके से अपना 6 इंच का मोटा लंड मेरी चूत में पेल दिया। लंड के अन्दर जाते ही राहुल और मेरी। हम दोनों की ही एक जोरदार चीख निकली ‘अहाआअ।’ उसकी चीख इसलिए निकली कि क्योंकि उसके लंड का धागा टूट गया था और मेरी तो सील टूटने से चीख निकला ही थी। बेहद दर्द का आलम था। इसलिए हम दोनों की ही आँखों में आंसू के मोती से टपक गए थे। मगर ना तो राहुल हटने को तैयार था और ना ही मैं मना करने के मूड में थी।

राहुल नीचे की तरफ़ ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहा था और मैं भी उसका साथ अपनी गांड और कमर उठा उठा कर दे रही थी। दोनों को दर्द तो हो रहा था मगर हम दोनों सिर्फ़ मज़े को महसूस करना चाह रहे थे। फिर 5-10 मिनट तक लगातार राहुल ने मेरी चूत में झटके दिए और गिनती की 6 पिचकारियां मेरी चूत में छोड़ दीं, जिनका मुझे पूरी तरह से अहसास हो रहा था।

मैं भी 3 बार झड़ चुकी थी। एक बार तो चुसाई के दौरान। और दो बार इस जबरदस्त चुदाई के दरमियान मेरी चूत ने मलाई छोड़ दी थी। अब हम दोनों शांत हो चुके थे और मैं तो इस चुदाई से बहुत खुश भी थी। मगर राहुल का कुछ मुँह सा बना हुआ था। पूछने पर पता लगा कि मेरे साथ साथ राहुल के लंड की भी सील टूट गई थी और उसको अभी तक बेहद दर्द के जलन भी हो रही थी।

दस मिनट तक हम दोनों ऐसे ही नंगे लेटे रहे और फिर खड़े होकर बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ करके बाहर आ गए।

मैंने राहुल से कहा कि वो मुझको मेरे घर तक छोड़ दे।

वो मुझे छोड़ने के लिए जब चल रहा था तो उसकी चाल बड़ी ही अजीब सी थी जिसको देख कर मैं अपनी लंगड़ाहट भूल गई थी। हम दोनों घर के लिए घर के लिए निकली। जैसे ही मैं घर पर पहुँची तो गाड़ी से उतरते हुए मैंने राहुल को अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों पर एक जोरदार किस कर दी, मगर राहुल ने इस बीच मेरा कोई साथ नहीं दिया। उसने बिना बाय बोले, अपनी गाड़ी घुमाई और अपने घर चला गया।

उस पहली चुदाई की याद मैं तो सोच सोच कर मैं पूरी रात झड़ती रही।

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अभी के लिए बस इतना ही। बाकी फिर कभी फ़ुर्सत में लिखूंगी कि आगे मेरी और राहुल को कितनी बार चुदाई की कोशिश हुई या चुदाई हो भी पाई या नहीं हो सकी। ये सब जानने के लिए आप प्लीज़ कमेंट जरूर करें!

मेरे प्रिय पाठको, आप मुझको मेल करके अपना प्यार देते रहिएगा, जिससे मैं कहानी भी ज्यादा लिखता रहूँगा।

दोस्तों, आपको अन्नू और राहुल की पहली चुदाई की कहानी किसी लगी मुझे आप कमैंट्स, लाइक और ईमेल(ayesha69ias@gmail.com) के जरिये जरूर बताइयेगा। मुझे आप सब के गंदे ईमेल का इंतज़ार रहेगा। इंडियन एडल्ट स्टोरी पे वर्जिन चुदाई की स्टोरी पढ़ने के लिए आप सब का शुक्रिया। मुआहहहह…

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