हाय, मैं रोहित ! मैं इंडियन एडल्ट स्टोरी का रीडर हू और ये मेरी पहली देसी सेक्स स्टोरीस है. मैं यहा बहुत सारी इन्सेक्ट्स, घर मे चुदाई की कहानी पढ़ा, स्टोरी पढ़ने के बाद मेरा भी मन किया की क्यू ना आपसे अपनी रियल घटना शेयर करू.
तो ज़्यादा आपको बोर ना करते हुए कहानी पर आता हू, करीब आज से 6 साल पहले की घटना है. जब मैं नोइड़ा मे रह कर इंजिनियरिंग कर रहा था.
नोईड़ा जाने से पहले से ही सोच रहा था की नोईड़ा से देल्ही मामा के पास जाउँगा और जम के अपनी ममेरी बहन राखी को चोदुन्गा. राखी बहुत ही सेक्सी लड़की थी, वो ब्रा 32 की पहनती थी. बहुत की कशिश थी उसकी बॉडी मे, नयी नयी जवानी थी. तब वो सिर्फ़ 19 की थी और मैं 22 का.
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कॉलेज मे गर्मी की छुट्टियों के बाद मैं सीधा अपने घर कानपुर ना जाकर मैं अपने मामा जी के घर चला गया.
मामा जी के तीन बेटी थी और एक बेटा, राखी 2न्ड नंबर पर आती थी. अपनी भाई बहन, उससे बड़ी भी एक बेहन थी, पर जो बात राखी मे थी वो किसी मे नही.
मैं देल्ही मामा के पास गया. वाहा घर मे मामा मामी के अलावा कोई नही था. सबसे छोटी वाली बहन और भाई स्कूल गये थे और राखी कॉलेज गई थी, और बड़ी वाली बहन जॉब करती थी.
करीब 2 बजे के बाद सब घर आ गये और उनके भी स्कूल कॉलेज का लास्ट डे ही था. उनलोगो का भी गर्मी छुट्टिया हो गई थी.
सभी बहने मुझे देख कर बहुत खुश हुई. मैं सबको बहन ही समझता था. सिर्फ़ राखी को छोड कर, क्योंकि राखी और मैं बचपन मे पति पत्नी का खेल खेलते थे, जो आप सब ने भी ज़रूर अपने बचपन मे खेला होगा.
दूसरी वजह अट्रॅक्टिव होने का ये भी था की मेरे घर वाले सभी बोलते थे की राखी बहुत खूबसूरत हो गई है. उसकी खूबसूरती को इमॅजिन करते करते उसे चोदने का मन ही मन प्लान बना दिया था.
राखी को जब सामने से देखा, तो एक पल के लिए मैं उसकी खूबसूरती निहारता ही रह गया. गजब की पटाखा माल लग रही थी. चुचि एक दम बड़े बड़े गोल गोल थे. कमर तो बिल्कुल लचीली. होट तो ऐसे जैसे उसके होट से पान रस छू रहा हो. बिल्कुल मादक हसीना जैसी हो गई थी.
उसकी खूबसूरती देख के तुरंत उसके कॅरेक्टर के बारे मे नेगेटिव सोच लिया. मैं मन ही मन सोचे जा रहा हू की पक्का ये चुदि हुई है, वरना 19 साल की उमर मे इतनी बड़ी चुचि और इतना चौरी गॅंड कैसे हो सकता है.
खैर मैं भी बस उसे किसी ना किसी तरह चोदना चाह रहा था. बस किसी ना किसी तरह रात का इंतेजर कर रहा था. हम सभी भाई बेहन मिलते ही एक साथ मस्ती करने लगे. खाना खाने के बाद एक साथ टीम बना कर अंताक्षरी खेलने लगे.
अंताक्षरी खेलते खेलते कुछ गाना तो राखी के आँखो मे देख कर गाता. धीरे धीरे रात कैसे आ गई हमे पता ही नही चला.
रात को खाना खाकर हम लोग सोने चले गये. मामा जी का 3बीएचके फ्लॅट वाला ही रूम था. मामा मामी और अंशुल (मामा का लड़का) एक साथ सो गये और तीनो बहने एक रूम मे. मैं टीवी वाले रूम मे जाकर झूठ मूठ का सोने का नाटक करने लगा.
टाइयर्ड होने की वजह से पता नही कब मुझे नींद लग गई. करीब 2 बजे के बाद मेरा नींद खुला, तो मेरे मन मे राखी को चोदने का ख्याल आ गया. मैं चुपके से रूम से निकल कर, राखी जिस कमरे मे सोई हुई थी उस कमरे मे घुस गया. नाइट बल्ब जल रही थी, जिसमे ज़्यादा कुछ नही दिखाई देता.
धीरे धीरे चुपके से मैं राखी के बेड पे उसके बगल मे आकर लेट गया. राखी गहरी नींद मे थी. मैं डर भी रहा था की अगर कुछ किया और उसने सबको बता दिया तो सबके सामने मेरा इज़्ज़त चला जाएगा. पर अंदर सेक्स का आग भी जल रहा था, जो धीरे धीरे ये सब बातों को नज़र अंदाज कर रहा था.
फिर भी डरते हुए उसकी चुचि पर कपड़ो के उपर से ही हाथ रख दिया. कुछ देर उसी तरह हल्के वजन देकर रखा रहा. फिर कुछ देर बाद धीरे धीरे चुचि को उपर ही उपर सहलाने लगा.
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करीब 5 मिनिट तक इसी तरह चुचि को सहलाता रहा. मेरा लंड लोहे की तरह टाइट हो चुका था. मैं राखी को चोदने के लिए पागल हुए जा रहा था पर डर भी लग रहा था.
कुछ देर चुचि दबाने के बाद उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर चुचि को दबाने लगा. चुचि दबाता तो उसके होटो से आह्ह्ह्ह्ह की मधुर धुन निकल जाती थी जो मुझे और भी पागल किए जा रहा था.
मैं समझ गया की वो जाग गई हैं या फिर सपना समझ रही है. पर उसकी होटो से निकली आह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह हल्की सी धीमी सी मधुर आवाज़ मुझे उसे होटो और गले पर किस करने को मजबूर कर दिया. उसे गले से लेकर होटो तक किस करे जा रहा था.
तभी अचानक से उसकी नींद खुल गई और या ये कहिए की जैसे ही उसकी आँख खुली, तो मेरे आँख से आँख टकराई, जिसे चाह कर भी नही छुपा पाई. जागते हुए उसके कपकपाते शरीर, कपकपाते होट ने मुझसे कहा की आप क्या कर रहे हो? और मैने जवाब मे बस उसे राखी आई लव यू कहा. वो भी सेक्स की आग मे पूरा दाहक चुकी थी. उसके कपकपाते होट ने मुझे आई लव यू टू कह ही दिया और कह कर मेरे गले से लिपट गयी.
मैं उसे धीरे से अपने गोद मे उठा कर टीवी वाले रूम मे ले गया जहा उसे जी भर के चोदने वाला था और किसी के भी उठने का डर नही था. उसे टीवी वाले रूम मे ले जाकर धीरे धीरे सारे कपड़े उतार दिए हालाँकि कपड़े खोलने नही दे रही थी, बहुत शर्मा रही थी.
वो सिर्फ़ पैंटी और ब्रा मे थी. उसकी ब्रा को खोल के उसकी चुचि को धीरे धीरे दबाने लगा. चुचि से खेलने लगा. अपने कड़े हाथो से उसकी चुचियों को दबाता.
कभी मसलता तो कभी मूह मे लेकर खूब चूस्ता. उसके चूत से पानी निकल रहा था. मेरा चुचि दबाना काफ़ी था उसका पानी छोडने के लिए. इतना पानी निकला की उसका पैंटी पूरा पानी से भर चुका था जो सॉफ सॉफ दिख रहा था.
फिर उसे पेट के बॅल लिटा कर उसके पीठ. गले से लेकर पैंटी को नीचे कर कर के चूमता हुआ उपर नीचे बढ़ता. जब भी मैं गॅंड के नीचे आता और उसका पैंटी को नीचा करता वो हाथ पीछे कर अपना पैंटी उपर खिच लेती. उसका इस तरह शरमाना मेरा अंदर और भी आग लगा रहा था. 8इंची लॅंड चूत मे घुसने को बेताब हुए जा रहा था.
करीब 40-45 मिनिट ऐसा ही चलता रहा और अब चूत को देखने की बरी थी. उसके चूत को देखने के लिए जब पैंटी पर हाथ लगाया तो माना करने लगी. किसी तरह रिक्वेस्ट करने के बाद पैंटी खोलने दी सिर्फ़ ये बोल कर की सिर्फ़ देखना कुछ करना मत. मैं भी हा मे हा मिला दिया.
उसकी चुत जो पूरा गीला हो चुका था. उसमे से मदहोश करने वाली स्मेल आ रही थी. उसके बारे मे जो नेगेटिविटी सोचा था वो बिल्कुल भी नही थी, शी वाज़ वर्जिन. बिल्कुल कुँवारी लड़की थी इतना चूत गीला होने के बाद सबसे पतली उंगली भी नही घुस रहा था.
मैं उसका चूत को चाटने लगा और वो अपना आँख बंद किए चुस्वाए जा रही थी. उसका चूत चुसवाने के वजह से शरीर अकड़ रहा था. मेरा बाल पकड़ पकड़ के चूसाए जा रही थी. और वो मादक होकर आह्ह्ह इह्ह्ह्ह्ह स्श्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह नाहहिईीईई किए जा रही है. मुझे भैया से रोहित बोलने लगी. रोहित मत करो. मुझे कुछ हो रहा है प्लीज़ रुक जाओ. अह्ह्ह्ह्ह्ह मत कर्र्रो.
मैं रुकने वाला नही था. उसकी ना नाअ मेरा और भी खून दौड़ा रही थी. मैने आव देखा ना ताव और अपना अंडरवेर खोल के अपना लॅंड उसके होट पर रख दिया और वो छि कर के नही ली. पर अपने कोमल हाथो से मेरा लॅंड सहलाए जा रही थी. मेरा लॅंड देख के उसका मूह से बाप रे बाप रे निकल रहा था और डर भी रही थी. मैं समझ गया की सेक्स तो नही की पर लॅंड ज़रूर देखी है.
फिर मैं झुख कर उसके लेग्स को हवा मे उठा कर लॅंड उसकी चुत मे डालना चाहा. पर इतनी गीली होने के बाद भी नही घुसा. 100% पूरे वर्जिन माल थी. 20 से ज़्यादा बार का कोशिश भी असफल रहा और जब भी डालता वो चीख पड़ती. फिर मैं किचन से सरसो तेल ले आकर अपने लॅंड और उसके चूत पर लगाया और फिर से ट्राइ किया फिर भी असफल.
फिर मैने उसे बोला की अपनी चूत को उंगलियों से फेलाओ. ना ना करते वो आख़िर मान गई और मैं अपना 8 इंची लंड उसकी चूत पर टीका कर एक ज़ोर का झटका देकर मारा. लॅंड चूत को फाडता हुआ चूत को चीरते हुए अंदर जाने लगा. बड़ी मुस्किल से टोपा ही जा पाया और वो दर्द के मारे बिलबिला उठी. चीखने लगी और मैं डर से उसके मूह पर हाथ रख दिया. वो फिर भी आँख बड़ी बड़ी कर के दर्द के मारे बिलबिला रही है.
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मूह पर हाथ रखने की वजह से उूउूउूउउ उूउूउूउउ का आवाज़ निकल रही थी. कुछ देर ऐसे ही उसे बहुत टाइट से पकड़ा रहा और वो बिन मछली पानी जैसा तड़प रही थी. मेरे आगोश से निकल्न चाह रही थी.
पर मैं कहा रुकने वाला एक और ज़ोर का झटका के साथ चूत को चरमराते हुए अपना लॅंड आधा उसके चूत मे घुसा चुका था. वो दर्द बर्दास्त नही कर सकी और वो बेहोश हो गई.
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट सेक्षन मे ज़रूर लिखे. ताकि इंडियन एडल्ट स्टोरी पर कहानियों का ये दौर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.
वह बेहोश होने को आयी थी. उसकी आँखे उप्पर चढ़ गयी थी. मेने आव ना देखा न ताव बस उसे चोदता ही गया. उसकी चूत से काफी खून भी निकल रहा था. पर में उसे चोदता रहा. वो आहाह आहाह कर रही थी, पर मेरी जमदार चुदाई की वजह से वो पूरी बेहोश हो गयी. पर में वह पर भी रुका नहीं में बस उसे अछि तरह से चोदना चाहता था.
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उसे इसी हालत में और १० मिनट चोदा फिर अपना सारा विर्य उसके चूत मे छोड़ दिया और उस पर पानी दाल उसे होश मे लाया. दुख इस बात का है की फिर कभी उसने दर्द की वजह से चोदने नही दी और मैं अपना आधा ही लॅंड घुसा पाया.
उसकी खून से पूरा बेड और उसका चूत भीग चुका था. खून सुख कर धब्बे बन चुके थे. पर लॅंड खूनी लॅंड बन चुका था.
ये थी मेरी पहली और सच्ची देसी सेक्स स्टोरीस. आगे भी लिखूंगा.
Bhut hi ache fir kabi mouka ni mila kya bhai rakhi ko chodne ka