(Pyari Saheli Shalini)

प्यारी सहेली शालिनी

आज मैं आपको अपनी एक सहेली की कहानी सुनाने जा रही हूं। मेरी एक कहानी सपनों की बारात – भाग १ के नाम से आ चुकी है, लेकिन उस पर किसी ने कोई रिएक्शन नहीं मिला तो बहुत दुख हुआ। प्लीज इस बार अपने रिएक्शन ज़रूर भेजें।

इस कहानी की शुरुआत, हम दो दोस्तों से हुई है और आगे जाकर इसमे कई मोड़ आते हैं। जिसे आप लोग पसंद करेंगे। मैं क्योंकि एक लड़की हूं, इस लिये ये चाहूंगी कि लड़कियां अपनी रिएक्षन ज़रूर लिखें। क्योंकि में मानती हु शायद लड़कियां एक दूसरे को अच्छे से समझ पाती हैं।

मेरी एक बहुत ही प्यारी सहेली है शालिनी।

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

उसकी उमर मेरे बराबर कोई २८ साल, हाइट ५.६, फ़ीगर ३४सी-२८-३६, गुलाबी रंग, बड़ी बड़ी आंखें, गुलाबी होंथ, खूब फूले हुए बूब्स, भरे-२ चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें। बहुत ही प्यारी और सेक्सी लड़की है वो। हम दोनो कोलेज से एक साथ हैं और कोई बात एक दूसरे से छुपी हुई नहीं है। और हो भी कैसे सकती है! क्योंकि कोलेज के ज़माने मैं ही हम दोनो के बीच एक रिश्ता और बन गया।

एक रोज़ मैं उसके साथ उसके घर गयी, तो घर मैं कोई नहीं था। हम दोनो मज़े से बातें कर रहे थे और मैं उसे सता रही थी कि संडे को तुम अश्विन से मिली थी। तुम दोनो ने क्या किया था बताओ न मुजे और वो शरमा रही थी। अश्विन उसका कजिन था और दोनो एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। दोनो अक्सर घूमने और पिक्चर देखने जाते थे।

मेरे आग्रह करने पर उसने बड़े शरमाते हुए बताया कि उस दिन अश्विन ने उसे किस किया था। मैं ने उसे लिपट कर उसका गुलाबी गाल चूम लिया, हे बेईमान अब बता रही हो, तो वो शरमा कर हंस दी। हे शालु बता न और क्या किया था तुम दोनो ने।

बस न, सिर्फ़ किस किया था उसने, वो शरमा कर मुस्कराई। ऐ शालु बता न प्लीज कैसे किया था? हट बदतमीज़ वो प्यार से मुझे धक्का दे कर हंस दी।

मैं उसकी भरी भरी जांघों पर सिर रख कर लेट गयी, उसके गोल गोल दूध मेरे चेहरे के ऊपर थे। मैं ने धीरे से उसके राइट दूध पर उंगली फेरी। क्यों शालु ये नहीं दबाये अश्विन ने?

तो उसके चेहरा शरम से लाल हो गया और धीरे से बोली – हां।

तो मैं ने उसका खूबसूरत गुलाबी चेहरा, अपने दोनो हाथों मैं लेकर गाल चूम लिये। कैसा लगा था, शालु?

‘है निक्की क्या बताउं! मेरी तो जैसे जान निकल गयी थी। जब उनकी गरम गरम ज़बान मेरे मुंह मैं आयी। मैं मदहोश हो गयी। उन्होंने मुझे अपनी बाहों मैं ले लिया और एक दम से अपना हाथ यहां रख दिया।‘

वो निक्की का हाथ अपने राइट दूध पर रख कर सिसकी।

‘मैं तड़प उठी और बहुत मना किया पर वो न माने और दबाते रहे।‘

‘फिर शालु?’

‘निक्की बड़ी मुश्किल से उन्होंने मुझे छोड़ा।‘

शालू की बातें सुनकर मेरी हालत अजीब होने लगी। ऐसा लग रहा था, जैसे पूरे जिस्म मैं चीटियां दौड़ रही हों। मेरा ये हाल देख कर शालू मुस्कुराई और मेरे गाल सहला कर बोली, ‘तुमको क्या हो गया निक्की?’

तो मैंने शरमा कर उसकी जांघों मैं मुंह छुपा लिया। वो मेरी पीठ सहला रही थी और मेरी हालत खराब हो रही थी, क्योंकि मेरा चेहरा बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर था। जो खूब गरम हो रही थी और महक रही थी।

मैंने धीरे से उसकी चूत पर प्यार कर लिया। तो वो सिसक उठी, ‘आह आह आह निक्की उफ़ नहीं न प्लीज मत करो’ और मेरे चेहरा उठाया।

हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे। शालु के थे। शालु के गुलाबी होंठ कांप रहे थे। मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर वो सिसकी ‘निक्की!’ और मैं भी ना रोक सकी और उसके गुलाबी कांपते होंठ चूम लिये।

एक आग सी लगी हुई थी, हम दोनो के जिस्मों में। मैं उसके होंठ पर होंठ रख कर सिसक उठी, ‘शालू प्लीज मुझे बताओ न अश्विन ने कैसे चूमे थे? ये प्यारे प्यारे होंठ।‘

तो अपने नाज़ुक गुलाबी होंठ दातों में दबा कर मुस्कुराई, ‘निक्की उसके लिये तो तुमको शालू बनना पड़ेगा।‘

मैं हंस दी। उसके गाल तोर कर, ‘चलो ठीक है तुम अश्विन बन जाओ।‘

शालू ने अपनी बाहें फैला दी, तो मैं उनमे समा गयी और वो मेरे गाल, होंठ, आंखें, नाक और गर्दन पर प्यार करने लगी। तो मैं तड़प उठी, ‘आह आआह शा शाआलु ऐए मा नहीं, ओह ओह ओह ऐ री उफ़ ये अह ओह ऊओम्म ऊऊम अह अह… क्या कर रही हो??? अह है है बस बस नहीं न… ऊफ’ और उसके होंठ मेरे होंठों से चिपक गये और उसकी गुलाबी ज़बान मेरे होंठों पर मचलने लगी।

उसके एक हाथ जैसे ही मेरे दूध पर आया। मेरी चीख निकल गयी, ‘नाआहि आअह अह शाअलु ऊफ़ मत करो प्लीज ये आअह क्या कर रही हो???’

वो मेरे होंठ चूसतुइ हुई सिसकिउ… ‘वो ही जो अश्विन ने मेरे साथ किया था।‘

वो मुझ से जूम गयी और उसकी ज़बान मेरे होंठ खोल रही थी धेरे धेरे और फिर अंदर घुस गयी। तो मैं उसकी ज़बान की गरमी से पागल हो उठी और उस से लिपट गयी।

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शालू ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे दोनो दूध दबाते हुए, मेरे होंठ चूसने लगी। ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गरम और इतनी लम्बी थी के मेरे पूरे मुंह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी। हम दोनो के चेहरे पूरे लाल हो रहे थे और थूक से भीग चुके थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसका प्यारा सा गुलाबी चेहरा हाथों में लेकर उसके होंठ और ज़बान चूस रही थी और सिसक रही थी, ‘आह अह शालु अह अह हां अह’

‘निक्की मेरी जान’

‘ऊफ़ शालु कितनी मज़े की ज़बान है तेरी! इतनी लम्बी ऊफ़ सच्ची अश्विन को मज़ा आ गया होगा!’

‘आअह ही धीरे निक्की अह आअह सच्ची निक्की बहुत मज़ा आया था! क्या बताउं तुझे आह धीरे से मेरे होंठ।‘

‘आह निक्की उठो न प्लीज अब’ तो हम दोनो उठे तो फिर से मुझे लिपटा कर मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे कुरते की ज़िप खोली और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मुंह में सिसकी… ‘उतारो न निक्की प्लीज’

और मेरे हाथ ऊपर करके मेरा कुरता अलग कर दिया, ‘आअह शालु ये आह’

वो मेरे होंठ चूम कर सिसकी, ‘कुछ न बोलो निक्की, सच्ची बहुत मज़ा आ रहा है।’

मैं उसके सामने टोपलेस बैठी थी, शरम से मेरी बुरी हालत थी। मैं ने अपने दोनो हाथों से अपने भरे भरे दूध छुपा लिये और देखा तो शालु ने भी अपना कुरता और ब्रा अलग कर दी और मैं देखती रह गयी। उफ़ कितने प्यारे दूध हैं शालु के खूब बड़े बड़े बिल्कुल गुलाबी रंग, तनी हुई लम्बी चूचियं। जिनके आस पास लाल रंग का गोल घेरा, उस ने मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए पाया और मेरी आंखें चूम लीं।

मेरे दोनो हाथ मेरे दूधों पर से हताये और अपने दूधों पर रखे और होंठ चबा कर सिसकी… ‘ऊई मां आह आह’ और फिर मेरे दूध पकड़े तो मेरी जान निकल गयी, ‘आऐए आआऐर अह्ह अह आआअह ऊओह ऊऊम आआआआअह नहीं शाल्लल्ललु’ और मैं ने भी उसके दूध ज़ोर से दबाये तो शालु भी मुझे से लिपट कर सिसक उठी… ‘आईईए ऊऊउइ ऊऊउइ अह अह अह धीएरे आह निक्कक्ककि धीएरे आह’

मेरे दूधु और मेरे होंठों पर होंठ रखे तो एक साथ हम दोनो की ज़बाने मुंह के अंदर घुस पड़ी।

उसकी लम्बी चिकनी और गरम ज़बान ने मुझे पागल कर दिया और फिर मुझे लिटा कर वो भी मेरे ऊपर लेट गयी। हमारे दूध आपस में जैसे ही टकराये तो दोनो की चीखें निकल पड़ी और हम दोनो झूम गये। मेरी चूत रस से भर गयी। मैं ने उसे लिपटा लिया और उसकी पीठ और चिकनी कमर और नरम नरम चूतड़ सहलानी लगी। तो वो मेरे जिस्म पर मचलने लगी।

मैंने उसका गुलाबी चेहरा उठाया, तो उसकी आंखें नहीं खुल पा रही थीं। बहुत हसीन लग रही थी शालु! मैं उसके गाल और होंठ चूसने लगी। उसके गोल नरम नरम दूध मेरे सांसों से टकराते, तो जैसे आग लग जाती। मैंने उसको थोड़ा उपर किया, तो उसके खूबसूरत चिकने गुलाबी दूध मेरे सामने थे। मैं अपने आप को रोक न सकी और उसकी लाल चूची पर ज़बान फेरी वो मस्ती में चिल्ला पड़ी, ‘आईईई मा मर जाउंगी मैं आह अह ओह ऊओफ़ अह निक्की आह अह्ह हान ये ये ये भी किया था अश… अह अश्वनि ने।‘

और मैं ने उसका पूरा का पूरा दूध मुंह में ले लिया, तो मज़ा आ गया और शालु ने मेरा चेहरा थाम कर अपने दूधों में घुसा लिया और सिर झटक कर मचलने लगी, ‘आआइए निक्की धीरे प्लीज ऊफ़ ऐई री मा धीर से न आअह बहुत अच्छा लग रहा है। आह पूरा पूरा चूसो न… ऊफ़ मेरा दूध… आह निक्की सची ऐईए ऐसे नहीं न काटों मत… प्लीज उफ़ तुम तो अह अश्विन से अच्छा चूसती हो। आअह आराम से मेरी जान।‘

और वो मेरे दूध दबाने लगी है, ‘सच्ची कितनी नरम दूध हैं तेरे निक्की! मुझे दो न प्लीज निक्की’

तो मैं ने होंठ अलग किये उसके दूध से और देखा, तो उसका दूध मेरे चूसने से लाल और थूक से चिकना हो रहा था। तो मैंने जैसे ही दूसरा दूध मुंह में लेना चाहा। वो सिसक उठी, ‘आह निक्की प्लीज मुझे दो न अपनी ये प्यारी प्यारी चूचियां कितनी मुलायम हैं!’

उइ सच्ची मैं और मेरी चूचियां मसलने लगी, तो मैं ने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये, ‘अह आअह शालू आराम से मेरी जान आह और क्या किया था? अश्विन ने बताओ न’

तो मेरे दूध पर अपने चिकने गुलाबी गाल रख कर मुस्कुरायी और धीरे से बोली, ‘और कुछ नहीं करने दिया मैं ने।‘

‘क्यों शालु दिल नहीं चाहा तुम्हारा।‘

वो मेरे उपर से उतर कर, अपने पैर फैला कर बैठी और मुझे भी अपने से चिपका कर बिठा लिया और मेरे दूधों से खेलते हुए बोली, ‘निक्की सच दिल तो बहुत चाहा, लेकिन मैने अपने को बड़ी मुश्किल से रोका। क्योंकि डर लग रहा था।‘

वो मेरे दूधों पर ज़बान फेरने लगी, तो मेरी आंखें बंद हो गयी मज़े में और मेरा हाथ उसकी चिकनी मुलायम पेट पर आया और उसकी गोल नाभि में उंगली घुमाने लगी। ‘आह शाल्लु सच्ची कितनी लम्बी ज़बान है तुम्हारी और मैं क्या करूं… आह मेरे दूध आऐए मा अह्ह धीरे न इतनि ज़ोर से मत नोचो मेरे दूध…. आह आह ओह ऊओफ़ शालू प्लीज नहीं न। आअह हन हाअन बस ऐसे ही चूसे जाओ बहुत मज़ा आ रहा है।‘

‘निक्की मेरी जान सच्ची कहां छुपा रखे थे येह प्यारे प्यारे दूधु।‘ तो मैं शरम से लाल हो गयी उसकी बात सुनकर और उसकी एक चूची ज़ोर से दबाई, तो वो चिल्ला कर हंस पड़ी ‘ऊऊउइ मा निक्की।‘

तो मैं ने उसके होंठ चूम लिये। ‘शालु’

‘हूं’

‘तुमने बताया नहीं, अश्विन और क्या कर रहा था?’

तो वो शरमा कर मुसकराई ‘निक्की वो तो’

‘हां बोलो ना शालु, प्लीज’

तो शालू ने मेरा हाथ अपने शलवार के नाड़े पर रखा और धीरे से बोली, ‘वो तो ये खोलने के मूड में थे’

‘फिर शालू’

‘मैं ने रोक दिया उसे!‘

‘क्यों शालू! क्यों रोक दिया बेचारा अश्विन?’

तो मेरे गाल पर ज़ोर से काट कर हंस दी, ‘बड़ी आयी अश्विन वाली।‘

मैं भी ज़ोर से चिल्ला कर हंस दी, ‘ऐ शालू बताओ ना क्यों रोक दिया।‘

तो वो मुसकराई, ‘मैंने कह दिया ये सब अभी नहीं, शादी के बाद।‘

और वो फिर मेरे दूध चूसने लगी, ज़ोर ज़ोर से तो मैं पागल हो उठी, ‘आह शालू आराम से मेरी जान’

और मैं ने उसकी शलवार खोल दी। तो वो चोंक गयी और मेरा हाथ पकड़ कर बोली, ‘ये निक्की क्या कर रही हो?’

तो मैं ने उसके गीले रस भरे होंठ चूम लिये। ‘मेरी शालू जान शादी तो अश्विन से होगी, मुझे तो दिखा दो।‘

तो वो मुझसे लिपट कर मेरे पूरे चेहरे पर प्यार करने लगी, ‘हाय मेरी निक्की कब से सोच रही थी मैं! आह मेरी जान’ और एकदम से उसने मेरी शलवार भी खोल दी और उसक हाथ मेरी चिकनी जांघों पर था। मैं मज़े में चिल्ला पड़ी, ‘ऊऊउइ शाआलु नाआहि…’

और वो मेरे होंठ चूस रही थी और मेरी जांघें सहला रही थी और मैं मचल रही थी, ‘नहीं शालु प्लीज मत करो। आइए ऊऊओफ़ नाआहि न ओह मैं क्या करूं!’

उसने एकदम से मेरी जलती हुई चोर पर हाथ रखा तो मैं उछल पड़ी, ‘हाय रे आह ये ये क्या कर दिया शालु, मुझे कुछ होश न था।‘ उसका एक हाथ अब मेरी चूत सहला रहा था, जो बुरी तरह गरम हो रही थी। दूसरे हाथ से वो मेरा दूध दबा रही थी और उसकी लम्बी गरम ज़बान मेरे मुंह में हलचुल मचा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी चूत झड़ने वाली है।

मैंने उसे लिपटा कर उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा। तो वो मचल उठी और मैं भी मस्त हो गयी। उसकी शलवार भी उतर चुकी थी। अब हम दोनो बिल्कुल नंगे थे और बेड पर मचल रहे थे। ‘आह निक्की ऊओफ़ सच्ची बहुत गरम चूत है। उफ़ कितनी चिकनी है छोटी सी चूत सच्ची बहुत तरसी हूं। इस प्यारी चूत के लिये मैं, दे दो न प्लीज निक्की ये हसीन छोटी सी चूत।‘

हाय शालू, ‘मैं निकल रही हूं, प्लीज आह…’ मैं क्या करूं मेरा पूरा जिस्म जल उठा और मैं ने शालु के नरम गरम चूतड़ दबाए और एकदम से उसकी चूत पर हाथ रखा, तो वो तड़प उठी, ‘ऊऊउइ नीईइकि’ और मैं तो जैसे निहाल हो गयी।

उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी खूब फूली हुई। मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गयी। बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था और शालु की चूत लाल हो रही थी।

‘क्या देख रही हो निक्की ऐसे’

तो मैं अपने होंठों पर ज़बान फेर कर सिसकी, ‘शालू’ और एक दम से मैं ने उसकी चूत पर प्यार किया। तो वो उछल कर बैठ गयी। हम दोनो एक दूसरे की चूत सहला रहे थे। ‘शालू’

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‘हूं’

‘अश्विन को नहीं दी ये प्यारी सी चीज़?’

तो वो शरमा कर मुस्कुराई, ‘ऊन हूनह।‘

‘क्यों?’

तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली, ‘तुम्हारे लिये जो बचा कर रखी है।‘

तो मैं हंस दी हट बदतमीज़।

‘सच्ची निक्की’

वो मेरी चूत धीरे धीरे दबा कर सिसकी… ‘हमेशा सोचती थी के तुम्हारी ये कैसी होगी।‘

तो मैं अहरमा कर मुसकुराई, ‘मेरे बारे मैं क्यों सोचती थीं तुम?’

‘पता नहीं, बस तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो। दिल चाहता है कहां प्यार करूं।‘

तो मैं मुस्कुरा कर उस के होंठ चूम लिये, ‘तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया ये सब?’

तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली, ‘डर लगता था के तुमको खो न दूं कहीं।‘

मैंने उसे लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये और आहिस्ता से उसे लिटा दिया। और झुक कर चूत के उभार पर प्यार किया। तो वो मचल उठी, ‘आअह्ह आआह निक्की… मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत… मेरी जान… मेरे प्यार…’

और मैं ने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की, तो मेरे नरम चूतहर पकड़ कर नीचे किये और चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गयी ‘आह आह आह ऊऊऔइ शालु’

और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आयी। मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी। हम दोनो की चीखें निकल पड़ी। दोनो के चूतड़ उछल रहे थे।

शालु मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेद में घुस पड़ी, तो ऐसा लगा, जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत में घुस गया हो। मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर ‘आऐईए माअ मर जाआअओनगि नाआअहि शलु अर्रर्र आह ऊओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हह्हिअ आआइ… मैं निकल रही हूऊऊओन…. शालु’

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मेरे चूतड़ उछलने लगे और शालु के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी, ‘निक्की चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर रीईईए आआआअह ऊऊओमफ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह्हह ह्हाआआअ!’

मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झड़ना बह निकला हो रोकते रोकते मेरे गले से नीचे उतर गया।

यही हाल शालू का भी था। हम दोनो के चेहरे लाल हो रहे थे। सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं और हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं, कब सो गये।

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