(Padosh ki do Aunty ko Choda)

पड़ोस की दो आंटी को चोदा

मैं आज आपको दो आंटी को चोदने की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं।

मैं २५ साल का युवक हूं। मुझे चोदने कि बहुत इच्छा थी, लेकिन मुझे किसी को चोदने का मौका नहीं मिला था।

मेरी पड़ोस में एक यंग कपल (जोड़ा) रहता था। उनके साथ मेरे घरवालों का अच्छा रिश्ता था। उनके घर मेहेमान आये थे, उन दोनो की मां एक साथ आयी थी।

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दो तीन दिन के बाद मेरे घर वालों ने और उस कपल ने बाहर घुमने प्रोग्राम बनाया। मुझे जरूरी काम था, इसलिये मैं जाने वाला नहीं था। मैं घर में ही रहने वाला था। उस कपल ने मेरे घर वालो को बोला की दीपक (मेरा नाम) हमारे घर रहलेगा। क्योंकि उनकी दो मातायें भी जाने वाली नहीं थी। मैं उनकी बातों पर मंजूर हो गया। दूसरे दिन वो सब घूमने के लिये चले गये।

मैं ओफ़िस से वापस आने के बाद फ़्रेश होके टी वी देखता था। तब फोन करके मुझे खाने को बुलाया। मैं गया मैं ने बेल बजायी एक आंटी ने दरवाजा खोला मैं घर में गया। मैने घर में जाके उन दोनो को देखा और मैं चकित हो गया। वो दोनो बहुत ही खूबसूरत थी, कोई सोच भी नहीं सकता कि वो एक ३५ साल के कपल की मातायें थी।

उन दोनो ने साड़ी पहन रखी थी। उनका ब्लाउज़ को उनके बूब्स पकड़के रखने में तकलीफ़ होती होगी। उनके सुंदर और गठीले बूब्स ब्लाउज़ को तोड़ के बाहर आने को मांगते थे। उनके काला बाल किसी नागिन जैसे लगते थे। खूब सूरत नशीली आंखें और गठीला बदन मैं देखता ही रहा।

तो उनमे से एक बोली, ‘क्या देखते हो। बैठो यूं खड़े ही रहोगे क्या?’

तब मैने कहा, ‘तुम्हे मैं पहले बार देखता हूं और मैं तुम्हे पहचानता नहीं हूं। इसलिये तुमको देखता हूं। मेरी आपसे ये पहली मुलाकात है।‘

तो वो बोली, ‘हा जी।‘

और मैं सोफ़े पर बैठ गया। उन दोनो ने अपना अपना परिचय करवाया। जो लड़के की मां थी, उसने अपना नाम रमा बताया, दूसरी ने अपना नाम शीला बताया।

मैने कहा, ‘तुम दोनो समधन हो?‘

वो बोली, ‘हां, जी।‘

फिर उन्होने खाने के टेबल पर मुझे बुलाया और हम खाने लगे। लेकिन खाना खाते समय मैं अजीब सा महसूस कर रहा था। मैं उन दोनो का विचार ही कर रहा था और मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था।

वो दोनो मुझे देख के बोली, ‘क्या सोचते हो?’

मैं ने कहा, ‘कुछ नहीं तो!’

रमा बोली, ‘नहीं तुम कुछ छुपाते हो।‘

तब मैने कहा, ‘तुम्हारी उमर वाली स्त्री को हमारे पड़ोसी की उमर का लड़का लड़की कैसे हो सकता है?’

तो वो बोली, ‘तुम सही कहते हो, वो दोनो हमारी सौतन के बेटी बेटे हैं। हम दोनो उनकी नयी मां है। हम दोनो की अपने अपने पति के साथ दस साल पहले शादी हुई थी और पांच साल के बाद मेरी लड़की की शादी शीला के लड़के के साथ हुई और उनकी शादी के दो साल बाद हमारे पति गुजर गये। हमारी शादी हुई थी तब हमारे पति की उमर ५० साल थी। हमारे कोई बच्चे नहीं हैं।‘

उनकी बातों से मैं समझ गया कि उनकी सेक्स लाइफ़ अच्छी नहीं होगी। हम लोगो ने खाना खा लिया उसके बाद उन्होने पूछा कि ‘तुम ड्रिंक्स लोगे?’

मैने कहा, ‘नहीं’

फिर शीला ने बोला, ‘हम तो दारु पीने के आदी हैं। हम रोज खाने के बाद पीते हैं।‘

मैने कहा, ‘मुझे कोई ऐतराज नहीं है।‘

फिर उन दोनो ने शराब पी। फिर हम तीनो सोफ़े पर बैठकर टी वी देखते रहे। मैं ने लुंगी पहनी थी। मैं सोफ़े के सामने वाली कुर्सी पे बैठा था। मेरा लौड़ा खड़ा था। मेरी बगल में रमा बैठी थी। वो मेरे खड़े लौड़े को देख रही थी। उनकी नज़र मेरे लौड़े पर थी। मैने उनको लौड़े को देखते देख लिया तो वो शरमा गयी।

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मैने उनको पूछा, ‘क्या देखती हो?’

तो वो कुछ बोली नहीं। लेकिन रमा ने कहा, ‘वो तुम्हारी लुंगी देखती है।’

मैने कहा, ‘लुंगी में देखने जैसा क्या है?’

तो वो बोली, ‘तुम्हारी लुंगी हिलती क्यों है? वो देखती है।‘

मैने कहा, ‘मुझे पता नहीं। तुम मुझे बताओ कि लुंगी क्यों हिलती है?’

तो वो मेरे पास आयी और बोली, ‘देखो यहां से हिलती है!’

ऐसा बोल के उसने मेरे लौड़े पर हाथ रख दिया और बोली, ‘ये क्या है!’

तो मैं बोला, ‘खुद देख लो।‘

उन दोनो पर शराब का असर हो चुका था। मैं भी, आज उन दोनो को चोदने मिलेगा, इसलिये खुश था।

तो रमा ने मेरी लुंगी उठाई और मेरे खड़े लंड को देख कर बोली, ‘ये लंड है कि हथौड़ा!’

फिर मैने उनको खींच के अपनी गोद में बिठाया और उनका बलाउज़ मैने खोल दिया, हुक भी खोले।

उसने अपने घांघरे का हिस्सा ऊपर किया और बोली, ‘देखो ये लंड का घर है। उसको इसमे रखो।‘

फिर इतने में रमा आयी और शीला को मेरे गोद मैं देख के बोली, ‘गोद में क्यों बैठी है? पलंग पे ले जा।‘

तब मैं ने रमा को अपनी तरफ़ खींचा और उसका नाड़ा खोल दिया और उनकी पुस्सी को सहलाने लगा। अब मेरा एक हाथ में शीला के बूब्स थे, दूसरे हाथ में रमा की पुस्सी। उसके बाद हम तीनो बेडरूम में आये। मैने उन दोनो को नंगा कर दिया था और उन्होने मुझे।

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वो दोनो मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। फिर मैने रमा के बूब्स चूसने लगा। शीला मेरे लंड को चूसने लगी। बाद मैं रमा ने शीला को हटा दिया और वो लंड को पीने लगी और मैं रमा की चूत को चाटने लगा।

एक उंगली रमा की चूत में डाल के हिलाने लगा, दोनो मस्त हो चुकी थी। फिर रमा ने मुझको लिटा दिया और मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया। मैं जोर से अंदर बाहर करने लगा। वो गालियां बोलती रही और वो और मैं एक साथ खल्लास हो गये।

फिर शीला और रमा ने लंड के साथ खेलने लगी। मेरा लंड फिर से तैयार हो गया और इस बार शीला ने लंड को अपनी बुर में ले लिया और मैं अंदर बाहर करने लगा। वो भी खुश होकर गालियां बोलने लगी ओर काफ़ी देर के बाद वो भी खल्लास हो गयी। उसके बाद सारी रात ये चोदा-चादी चालू रही।

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