महेश अपनी इस फ्रेंड को बार बार घर पर ले के आता था. मोहिनी भाभी तो पहले दिन से ही सब खेल समझ गई थी. बस पूखता सबूत नहीं थे उसके हाथ में. आज जब महेश दोपहर में अपनी फ्रेंड निशि के साथ घर पर आया तो मोहिनी ने उन्हें ऊपर के कमरे में जाते हुए देखा.. आज मोहिनी ने सब बंदोबस्त जमाया हुआ था. पड़ोस के कमरे की वेंटिलेटर को हटा के वो ऊपर चढ़ी और अन्दर देखा तो चोदमपट्टी चालु हो चुकी थी.
वो लड़की निशि महेश का लंड बहार निकाल के उसे चूस रही थी. पढ़ाई का बहाना कर के वो दोनों कमरे में साथ में घुसते थे और दोनों के बगल में खुली हुई किताबे अभी भी पड़ी हुई थी. वो लड़की अपने बूब्स खुद दबा रही थी महेश का मोटा लंड चूसते हुए.
देवर महेश का लंड देख के मोहिनी की आँखे भी एक मिनिट के लिए खुली की खुली ही रह गई. वो लंड पूरा 7 इंच का था और मोटाई भी 2 इंच से अधिक थी. मोहिनी ने ऊपर से ही महेश को कहा, देवर जी किताबें तो बंद कर लेनी थी.
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आवाज सुन के निशि ने जल्दी से मुहं से लंड निकाला और महेश ने भी फटाक से उसे पेंट में घुसा के ज़िप को खिंचा. लेकिन वो दोनों जानते थे की अब बहुत देर हो चुकी थी क्यूंकि मोहिनी भाभी ने सब कुछ देख लिया था.
मोहिनी वहां वेंटीलेटर से उतर के कमरे के पास आई. हल्का नोक किया और महेश ने ही खोला.
मोहिनी ने अन्दर आ के दरवाजा लोक किया. निशि ऊपर भी नहीं देख पा रही थी.
मोहिनी बोली, देवर जी काफी दिनों से इस लड़की के साथ गुलछर्रे उडाये आज पकड में आये. अब आप कहो बाबु जी को कहूँ या माई को?
महेश पानी पानी हो चूका था. वो बोला, भाभी आप सोचती है वैसा कुछ नहीं है!
मोहिनी ने अपने स्मार्टफोन को हाथ में घुमा के कहा, इस फोन में आप का मुखमैथुन हैं कहो तो लाइव दिखा दूँ बाबु जी को? आप मेरे से कम से कम जूठ तो ना बोले!
फिर निशि की तरफ देख के मोहिनी बोली, क्यूँ री कोलेज करने जाती हैं या लंड लेने!
निशि बोली, अरे कोलेज कौन जाता हैं रे, चुप कर.
फिर वो महेश को देख के बोली, ला पैसे चल मैं जाती हूँ, साले होटल के 300 बचा ले अब, खड़े लंड पर धोखा हो गया न!
महेश ने उसे तिन सौ रूपये दिए और निशि वहां से जाने लगी. उसने मोहिनी को देख के कहा मैं धंधेवाली हूँ जिसे तूने बहुत चाय पकोड़े खिलाये!
बाप रे मोहिनी का दिमाग ही सन्न रह गया. अपनी क्लासमेट बोल के जिसको महेश घर पर ले के आता था वो तो एक धंधेवाली रंडी ही थी और महेश उसे घर पर ला के उसको चोदता था!
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निशि के जाने के बाद महेश ने बोला, भाभी प्लीज़ एंड कीजिये अब ये सब, सोरी!
मोहिनी ने खुद को संभाला. दरअसल उसने तो ये सब खेल देवर जी का लंड लेने के लिए ही किया था. वो कैसे उतनी जल्दी जाने देती अपने देवर को. उसने कहा, उस से क्या फर्क पड़ता है लेकिन मेरे पास क्लिप है आप का!
महेश बोला, आप चाहती क्या है?
मोहिनी उसके पास आई और पेंट के ऊपर से ही उसके लौड़े को पकड के बोली, वही जो तू उसके साथ करता था वो मेरे साथ कर ले!
महेश का दिमाग फिर गया. वो बोला, अरे बहन की लौड़ी तुझे लंड लेना था तो बोल देती, इतना रायता फैलाने की का जरूरत थी.
मोहिनी ने कहा, देवर जी अब क्या नंगी आती तेरे सामने, इतने इशारे दिए लेकिन तूने कभी कुछ किया ही नहीं!
महेश ने मोहिनी के बाल पकडे और बोला, चल वो रंडी की जगह अब तू मेरी रंडी बन, और वो लंड चूस रही थी वही से तू चालु कर काम को.
मोहिनी अपने पल्लू को खुद खोल के घुटनों पर बैठ गई और महेश ने अपनी ज़िप को खोल दिया. महेश का लंड डर की वजह से सिकुड़ गया था. लेकिन अब मोहिनी ने जिम्मा ले लिया था वापस इस लंड को टाईट करने का. उसने लौड़े को मुहं में लिया और चूसने लगी और वो साथ में देवर जी की जांघो को सहला रही थी उसका जल्दी से खड़ा करने के लिए.
एक मिनिट के अन्दर ही महेश का लोडा तक का टारजन हो चूका था. और मोहिनी उसे बड़ी जल्दी जल्दी से चूसने लगी थी. महेश ने हाथ आगे बढ़ा के भाभी के मम्मे पकड लिए और उन्हें मसलने लगा.
मोहिनी का पति यानि की महेश का बड़ा भाई उपेन्द्र उसे बहुत चोदता है लेकिन मोहिनी एक नम्बर की हवसखोर लेडी है जिसे और भी लंड की हमेशा ही जरूरत सी रहती है. इसलिए वो कब से देवर को भड़काने की ट्राय में थी लेकिन देवर ने उसकी हिंट कभी समझी ही नहीं. इसलिए आज उसको ऐसे टेढ़ी ऊँगली से लंड लेना पड़ा.
महेश का लंड एकदम कडक हो गया था उसने मोहिनी भाभी के बाल पकडे और माथे को लंड पर और भी जोर से दबा दिया. पूरा लंड मुहं में भरने की वजह से मोहिनी के गाल पुरे फुले फुले से लग रहे थे. महेश ने उसे ऊपर किया और लंड को मुहं से निकाला. लेकिन निकालते वक्त भी मोहिनी ने जिस तीव्रता से सुपाडे को किस दिए महेश ने एक पल के लिए सोचा साली रंडी तो घर में ही थी!
महेश ने भाभी को खड़ा किया और उसके पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया. पेटीकोट को निचे सरकाने के बाद अब महेश ने भाभी की जामुन रंग की पेंटी को निचे कर दिया. मोहिनी भाभी की झांट एकदम सेक्सी थी. उसे देख के महेश का लंड और भी टाईट हो गया था.
मोहिनी भाभी को पलंग पकड़ा के घोडी बना दिया उसने. और वो खुद उसके पीछे खड़ा हो गया. फिर चूत को चिकना करने के लिए उसने लंड को उसके ऊपर थोडा घिसा.
मोहिनी भाभी बोली, घुसा दो देवर जी कब की गीली है आप के लौड़े को देख के.
मोहिनी की कमर को दोनों हाथ से पकड के महेश ने धक्का दिया. जैसे मख्खन में गरम छुरी घुसी हो वैसे ही लंड अन्दर चला गया. और महेश अपनी कमर हिला के भाभी को चोदने लगा. भाभी भी अपनी गांड को मजे से आगे पीछे कर के चुदवा रही थी.
महेश ने कंधो के ऊपर हाथ रख के और भी जोर जोर से चोदना चालू कर दिया था. और मोहिनी कह रही थी और जोर से मारो मेरी पुसी को देवर जी, फाड़ दो साली को और उसकी आग को शांत कर दो अपने लौड़े से.
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महेश को ये सब सुन के बहुत ही मजा आ रहा था. और वो और भी कस कस के चोदने लगा था. एक दो मिनिट और चोदा था की वो और उसकी भाभी दोनों साथ में ही झड़ गए. महेश ने भाभी को गोदी में ले लिया और किस करने लगा.
अब महेश ने कहा, भाभी आप की चूत इतनी मस्ती है तो आप की गांड कैसी होगी?
मोहिनी ने बोला, मार के देख लो ना!
महेश का लोडा ठंडा पड़े उसके पहले ही मोहिनी ने फिर से लंड को हिलाया. लंड एकदम कडक कर दिया उसने. अब मोहिनी ने दोनों टांगो को महेश की जांघो पर रख दिए. और वो उसके ऊपर चढ़ गई. महेश ने निचे से अपने लंड पर थूंक लगाया और भाभी की गांड पर भी. गांड पर मसल के उसने लंड को घुसा दिया उसने.
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महेश का लंड आधा गांड में गया था की भाभी उछल पड़ी. लेकिन महेश ने उसको छाती से पकड लिया और बूब्स को मसलते हुए उसने बाकी का लंड भी गांड के अन्दर पेल दिया. मोहिनी को लगा जैसे उसकी गांड में लोहे की गर्म की हुई सलाख दे दी गई थी.
एक मिनिट बहुत पेन हुआ लेकिन फिर उसे मजा आ गया. वो भी ऊपर निचे हो के गांड मरवाने लगी थी. महेश ने पांच मिनिट गांड मार के अपना पानी अन्दर ही निकाला. मोहिनी की गांड से लंड निकाला और वो थोडा ऊपर हुई तो आधे से बी ज्यादा वीर्य निकाल के उसकी ही जांघो पर आ गया.
महेश को बहुत मजा आ गया. मोहिनी ने अपने कपडे पहनते हुए कहा, देवर जी रंडियां घर मत लाना अब मैं जो कहूँगी वो करवा लुंगी!!!