कहानी घर घर की

पहला भाग

पार्वती : श्रुति, कहां है तू, सुबह से ढूंढ रही हूं तुझे। कहां चली गयी थी तू?

श्रुति : ममा मैं वोह अंदर, कमल चाचु से गांड मरवा रही थी, बताइये क्या काम था मुझसे?

क्या कहा, तू चाचु से गांड मरवा रही थी! शरम नहीं आयी तुझे। वहां तेरे पापा हाथ में लंड लिये तेरी चूत और गांड मारने का इंतज़ार कर रहे हैं और तू यहां चुदवा रही है। पता नहीं हर सुबह ओफ़िस जाने से पहले पापा को तेरी ज़रुरत होती है! वो तेरी चूत और गांड चोदे बिना कहीं नहीं जाते।

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पता है ममा, लेकिन मैं क्या करुं कमल चाचु मुझे ज़बरदस्ती कमरे में ले गये। और तुम तो जानती हो मर्द का लौड़ा देखते ही, कैसे मेरी चूत और गांड रस छोड़ने लगती है। इसलिये मैं ना नहीं कर पायी और चाचु से चुद गयी।

पार्वती : कमल, आज जो कुछ भी हुआ अच्छा नहीं हुआ। तुम जानते हो ओम को ओफ़िस जाने के लिये कितनी देरी हो रही है, मगर वो श्रुति को चोदे बिना कहीं नहीं जायेंगे। फिर तूने श्रुति को क्युं चोदा? पूरा दिन पड़ा था उसे चोदने के लिये, तू बाद में भी तो उसे चोद सकता था।

कमल : वो भाभी क्या हुआ न, मैं आंगन में सुबह सुबह टहल रहा था। तो देखा श्रुति वहां सलवार उतार के संडास कर रही है। वो नाज़ारा देखते ही मुझसे रहा नहीं गया और मैं श्रुति को अपने कमरे में ले जाके, उसकी गांड चाटी और फिर उसकी गांड मारी। सोरी भाभी, फिर कभी ऐसा नहीं होगा, मैं ओम भैया के ओफ़िस जाने के बाद चोद लूँगा।

पार्वती : हां ठीक है कमल, तुमने श्रुति को संडास करते हुए देखा और तुम्हारा लंड खड़ा हो गया! पर तुमने श्रुति को क्युं अपने कमरे में ले गये, मुझसे कहा होता तो मैं तुमको अपनी गांड मारने दे देती। कम से कम ओम को तकलीफ़ तो नहीं होती। क्या तुम्हें अपनी भाभी की गांड चोदने में मज़ा नहीं आता।

कमल : अरे नहीं भाभी ऐसी बात नहीं है, आपकी गांड मारने के लिये तो अपनी जान भी दे सकता हूं। आपकी गांड में इतनी ताकत है के सारी दुनिया इसे चोदेगी तो भी इसकी खूबसूरती कम नहीं होगी। और आपकी गांड का स्वाद तो ज़बरदस्त है। सोरी भाभी गलती हो गयी।

श्रुति : हां मामा सॉरी , कल से कभी ऐसा नहीं होगा। मुझे माफ़ कर दो। चलो पापा के कमरे में चलते हैं, मेरी गांड भी पापा के लंड को तरस रही है।

श्रुति : सोरी पापा, आपको मेरे लिये वैट करना पड़ा। वो क्या है न कमल चाचु ने मुझे सुबह सुबह संडास करते हुए देख लिया तो, उनका लंड बहक गया और उन्होने मुझे अपने कमरे में ले जाके चोद डाला। वो भी बहुत शर्मिंदा हैं आज के लिये, प्लीज हमें माफ़ कर दीजिये पापा। अगली बार ऐसा नहीं होगा, आपसे जी भर के चुदवाने के बाद ही किसी और से चुदवाउंगी।

ओम : नहीं बेटी, मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है। बस तुम तो जानती हो, सुबह जब घर से निकलता हूं तो तुम्हारी गांड चाटके और चोदके ही निकलता हूं। मेरा ऐसा मानना है के ऐसा करने से दिन अच्छा गुज़रेगा। तुम्हें तो पता है के हमारा भड़वागिरी का धंधा है सब कस्टमर पे डिपेंड करता है। अगर कस्टमर को हमारे यहां की लड़कियां पसंद नहीं आयी तो फिर मुझे तुम्हारी मा पार्वती को उनके पास भेजना पड़ता है, जो मुझे पसंद नहीं है।

मुझे पता है पापा, चलिये अब अपनी बेटी को खूब रगड़ रगड़ के चोदिये। मुझे भी आपका लौड़ा बहुत पसंद है पापा। मुझे इसे चूसने में और अपनी चूत और गांड में लेने में बहुत मज़ा आता है। मेरी चूत आपकी है, मेरी गांड भी आपकी है। खूब चोदिये पापा मुझे।

आई ऍम प्राउड के तुम मेरी बेटी हो। मैं कितना किस्मत वाला हूं के मुझे पार्वती जैसी रांड बीवी मिली है, और तुम जैसी छिनाल बेटी को पैदा किया है। चल अब जल्दी से अपने कपड़े उतार, वैसे मैने नाश्ता भी नहीं किया! अपनी चूत से मूत पिला और अपनी गांड से मुझे पीले पीले केक्स खिला।अपनी गांड में कुछ बचा के रखा है या सारा हग दिया सुबह सुबह??

नहीं पापा, अभी भी आपके नाश्ते के लिये कुछ बचा के रखा है। आयिये आपको अपना गांड में पकाया नाश्ता खिलाती हूं।

पार्वती : बाप और बेटी का ऐसा प्यार कितना अच्छा लगता है न कमल, काश मेरा भी कोई बाप होता तो मैं उस से खूब चुदवाती।

तुर्रर्रर्रर्रर्र र्र थुस्सस्स् स्सस्सस्स रथुस्सस पुर्रर्र तूउर्र…

कमल : भाभी ये तुमहारी गांड से कैसी कैसी आवाज़ें आ रही है, लगता है ओम भैया ने खूब मरी है रात को तुम्हारी गांड।

पार्वती : हां रे कमल, कल तेरे भैया ओम ने मेरी चूत और गांड चोद चोद के एक कर दी। और उसपर से कल रात खाना भी मसालेदार खा लिया था, ये सब उसी का असर है।

कमल : तो चलो न भाभी मेरे कमरे में मुझे भी बहुत भूख लगी है, मैने भी नाश्ता नहीं किया। ओम भैया श्रुति की गांड से खा लेंगे, आप मुझे अपनी गांड से खिला देना।

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अगला भाग

ओह भैया येह क्या कर रहे हो, छोड़ो न भैया मुझे बहुत काम है।

ओह आशा तुम्हारी कातिल जवानी से ज़्यादा देर दूर नहीं रह सकता मेरी क्यूट लील सेक्सी सल्ट सिस्टर ।

अभी घंटे भर पहले ही तो मेरी गांड मार चुके हो, फिर इतनी जल्दी कैसे खड़ा हो गया तुम्हारा लौड़ा??

अगर तुम्हारी जैसी छिनाल बहन घर में गांड हिलाते हिलाते घूम रही हो, तो मुझ जैसे बहनचोद का लौड़ा कैसे चुप रहेगा! मैं बस यहां से गुज़र रहा था, देखा के तुम्हारा पैजामा तुम्हारी गांड में अटक गया है, ये सीन देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैं चला आया तुम्हारी गांड चाटने को।

तेरी गांड चूसने का बेहत दिल कर रहा है आशा, चल उतार अपनी सलवार और टेसट लेने दे मुझे तेरी गांड का।

मगर भैया मा ने देख लिया तो गज़ब हो जायेगा, अगर मा को पता चल गया के मैं इस टाइम तुमसे अपनी गांड चटवा रही हूं तो मुझे मार डालेगी, जानते नहीं मा ने स्ट्रिक्टली कहा है अगर चोदना चुदवाना है तो सुबह के ९ बजे से पहले और रात के दस बजे के बाद।

अरे मा तो खुद रंडी की तरह अपने चौकीदार नंदु से चुदवा रही है, अभी अभी देख के आ रहा हूं। और वैसे भी मा ने चोदने चुदाने को मना किया है, खाने पीने पर तो कोई रोक नहीं है ना, मैं मा से कह दूंगा मैं आशा की गांड से अपना नाश्ता खाने और चूत से जूस पीने आया था। तब तो मा कुछ नहीं कहेगी। अरे भाई हां यह बात तो बिल्कुल सही कही तुमने, मां तो खाने पीने पर कभी नाराज़ नहीं होती।

मां कविता बाहर दरवाज़े से सब कुछ देख रही थी और मन ही मन खुश हो रही थी उसके अपने बच्चे कितने प्यार से एक दूसरे के साथ रहते हैं और एन्जॉय करते हैं।

ये सब क्या चल रहा है तुम भाई बहन में?

अरे मां वो, वो, क्या है न के, बस कुछ नहीं ऐसे ही आशा से बात करने आ गया था, कुछ नहीं मां कोइ खास बात नहीं है।

मैं ने सब सुन लिया है पर तुम्हें परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं है, मैं बिल्कुल नाराज़ नहीं हूं उल्टा मैं बहुत खुश हूं तुम दोनों में इतना प्यार और अपनापन है। जो कुछ करना है जल्दी जल्दी करो, मैं हाल में बैठती हूं।

थैंक्स मां तुम कितनी अच्छी हो, वैसे तुम भी हमें ज्वाइन करो न, जब तक भैया मेरी गांड चूसता है, मैं भी तुम्हारी गांड को टेस्ट करती हूं और फिर हो सके तो कुछ मैं भी तुम्हारी गांड से खा लुंगी, आओ न मां।

नहीं बेटी , मेरी फ़्रेंड पार्वती बहुत दिनों बाद आयी है मुझसे मिलने मैं उस से हाल में बातें करती हूं। तुम लोग जल्दी से ये सब खत्म करके अपने अपने काम पे लग जाओ।

और बताओ कविता सब कुछ कैसा चल रहा है?

सब ऊपरवाले की दया है, घर में खुशियां ही खुशियां हैं, पार्वती

और तुम्हारे बच्चे दिखाई नहीं दे रहे कहां है?

अरे वो दोनो तो किचन में खूब मस्ती कर रहे हैं, मेरा बेटी आशा बहुत बड़ी छिनाल है, अपने भाई समीर से गांड चुसवा रही है, अभी तक तो उसके मुंह में हग भी दिया होगा। और समीर भी अपनी बहन से बहुत प्यार करता है, वो भी अपनी बहन की चूत और गांड का पूरा पूरा ख्याल रखता है। रात को मेरी चूत और गांड भी एक करके चोदता है मादरचोद। मैं बहुत किस्मत वाली हूं पार्वती जो मुझे ऐसा परिवार मिला है।

बहुत खुशी हुई ये जानकर तुमने अपने बच्चों को इतने अच्चे और सेक्सी संस्कार दिये हैं। मैने भी अपने परिवार को बिल्कुल चुदक्कड़ बना दिया है, कोई भी किसे भी जब चाहे जितना चाहे जिधर चाहे चोद सकता है। लेकिन एक बेटे की कमी महसूस होती है, मेरी सिर्फ़ एक बेटी है जो मुझसे भी बड़ी रांड है, लंड के बगैर एक घंटा भी नहीं रह सकती। मेरे ओम का भडवागिरी का धंधा है जो मस्त चल रहा है। बस ऊपरवाले की दया है।

तभी पार्वती को किसी का फोन आता है।

हैलो पार्वती भाभी मैं पल्लवी बोल रही हूं, आपके लिये एक बुरी खबर है, श्रुति को पुलिस ने बाज़ारू रांड समझ कर अर्रेस्ट कर लिया है।

क्या हुआ पार्वती, तुम इतनी घबरायी हुई सी क्युं हो, सब ठीक तो है न?

अब क्या बताउं कविता, न जाने इस श्रुति ने फिर क्या कर दिया है। पुलिस उसे रंडिगी के जुर्म में पकड़ के ले गयी है। मुझे अभी इसी वक्त पुलिस स्टेशन जाना होगा।

श्रुति बेटा ये सब क्या है, क्युं पुलिस तुम्हें यहां पकड़ के लायी है। क्या रंडीपन किया तुमने ??

ममा वो क्या है न के मैं रोड एक किनारे पे बैठ के मूत रही थी, तभी एक १* साल का बच्चा आके मुझे और मेरी चूत को घूरने लगा, मैने उस से पूछा, क्युं बे साले क्या देख रहा है, कभी किसी लड़की को मूतते हुए नहीं देखा है क्या? तो वो कहने लगा देखा है तो मगर ऐसी मस्त चूत कभी नहीं देखी। मुझे उसकी बात अच्छी लगी और मैं उसकी पैंट खोल के उसका लौड़ा मुंह में लेके चूसने लगी। इतने में पल्लवी आंटी ने मुझे वहां देख लिया और शायद उन्होने ही पुलिस को कंप्लेंट कर दी।

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

श्रुति तुझसे कितनी बार कहा है, अगर चोदना चुदाना है तो उस लड़के को घर लेके आना था, ऐसे रोड पे तमाशा करने की क्या ज़रूरत थी। तुम्हें तो मालूम है न वो पल्लवी के बारे में, साली रांड छिनाल , खुद को लौड़ा नहीं मिला चुदवाने के लिये तो जल गयी और मेरी बेटी को अंदर करवा दिया। श्रुति तुम्हें सावधान रहना होगा, अगर तू उस लड़के को घर ले आती तो घर वाले कितने खुश होते, मैं भी उस से गांड मरवा लेती, मगर तेरी जल्दबाज़ी ने सब कुछ खराब कर दिया।

ममा सोरी, अगली बार मै ध्यान रखूंगी । मामा मुझे यहां से छुड़ाओ, ये लोग बहुत मारते हैं, गांड देखो लाल कर दिया है मादरचोदों ने मार मार के, मां अगर तुम इंस्पेक्टर साहब से गांड मरवा लोगी तो ये मुझे छोड़ देंगे, ममा प्लीज मेरे लिये एक बार गांड मरवा लो न प्लीज ममा, तुम्हारी गांड की तो सारी दुनिया दीवानी है, एक बार तुम्हारी गांड चोदेगा तो तुम जो कहोगी मानेगा।

ठीक है मैं अभी कुछ करती हूं, तू फ़िकर मत कर।

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