रानी की पलंग तोड़ चुदाई

(Rani ki Palang tod Chudai)

रानी मेरे दोस्त की सेक्सी पत्नी – भाग 5

कहानी का पिछला भाग, यहाँ पढ़े  – रानी मेरे दोस्त की सेक्सी पत्नी – भाग 4 (रानी को मसाज का मज़ा दिया)

अभी तक आपने पहले भागों में पढ़ा कि रानी की मैंने पहली बार कैसे चुदाई की थी। वो पूरी तरह से संतुष्ट होकर मेरे घर से गयी थी। अब आगे की कहानी और जानें कि आगे की चुदाई कैसे हुई।

मैंने अपने आप को रानी की दोनों टांगों के बीच फ़िक्स कर लिया। और उसकी दोनों टांगों को और फ़ैलाकर उसकी चूत को और चौड़ा कर दिया। मुझे उसकी चूत का छेद साफ़ इतना बड़ा दिख रहा था कि उसमे में अपने थम्ब को सीधा डाल सकता था।

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पर मैंने बिना टाइम गंवाये किये, अपने लंड को सीधा उसकी चूत के छेद में झोंक दिया और मेरा लंड रानी की चूत में आधा धंस गया।

ये शायद ऐसा मौका था, जब चुदाई में मुझे इतनी आसानी लंड डालने का मौका मिला हो। मैंने एक और जोर का धक्का लगाया, तो मेरा पूरा लंड रानी की चूत में ठुक गया।

आज उसकी चूत पहले ही गीली हो रखी थी, इसलिये अब मैं अपने लंड को ऊपर नीचे रगड़ने लगा। तो रानी की चूत में सरसराहट होने लगी।

रानी ने भी नीचे से हमला कर दिया और अपनी गांड का एरिया ऊपर को उठा कर खुद भी चुदायी करवाने के लिये मुझे इनवाईट करने लगी।

आज मुझे और रानी को चुदायी में दर्द नहीं हो रहा था और दोनों ही मस्त थे। वह आज बड़ी मस्ती में लग रही थी।

मैंने रानी की चूत में ऊपर नीचे रगड़म परेड शुरु कर दी और रानी भी अपनी चुदायी करवाने लगी।

धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ गयी, तो गन्ने के खेत में जैसे तूफ़ान सा आ गया। मैंने चुदायी के साथ साथ रानी के पूरे बदन को चूमना, चाटना, मसलना और रगड़ना भी चालू रखा था।

मेरा ऐसा करने पर रानी भी जवाब दे रही थी। बस जवाब के लिये उसके पास लंड नहीं था, नहीं तो वह भी पूरे जोर से हमारी चुदायी की गाड़ी को धकेल रही थी।

मैं पहले की तरह बेड पर लेट गया और रानी मेरे ऊपर आ गयी। मुझे तो इससे बड़ा फ़ायदा हुआ, मैं पूरी ताकत से चोदने के चक्कर में अपनी काफ़ी एनर्जी वास्ट कर चुका था और इस पोसिशन में मुझे रानी की दुबारा चुदायी के लिये रिचार्ज होने का मौका मिल गया।

रानी ने अब ऊपर से धक्का लगाना शुरु कर दिया और मैं आराम से उसके चूचियों और निप्पलों को मसलने लगा।

पर उसके बूब्स ही मेरे हाथों के में टार्गेट थे। जब मुझे ज्यादा मज़ा आता, तो मैं उसके चूतड़ पर जोर जोर से स्लाप कर देता। जिससे रानी और मुझे दोनों को मज़ा आता।

मैं जैसे ही रानी की गांड के आस पास स्लाप करता, रानी और जोर से अपनी चूत को मेरे लंड की तरफ़ उठा देती और दोनों का मज़ा दोगुना हो जाता।

अचानक रानी बोली – राजु, अब जल्दी करो मैं गीली हो गयी हूं।

तो मैंने रानी को फ़िर पहले वाली पोसिशन में करके, अपने आप को उसके ऊपर ले आया।

अब मैंने ऊपर से अपनी स्पीड बड़ाकर रानी की चूत को अपने लंड से पूरी ताकत के साथ ठोंकना शुरु कर दिया।

रानी अब जोर जोर से आवाजें निकाल रही थी। पर अब वह पहले की तरह खुश नज़र नहीं आ रही थी। पर उसकी आहें मुझे और उत्तेजित कर रही थी और मैंने और जोर से उसकी चुदाई करने लगा। आप यह बीवी की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे।

मुझे रानी की चीख में एक अलग ही मज़े का आने लगा और में और जोर से उसकी चूत को अपने लंड से ठोंक रहा था।

करीब 2-3 मिनट बाद ही, मेरी भी हालत कुछ ढीली होने लगी और में थकने लगा। तो मैंने स्पीड थोड़ा कम कर दी, तो रानी भी थोड़ा रिलेक्स लगने लगी।

अचानक मुझे ऐसा लगने लगा कि मेरे लंड के जड़ से अंदर नसों में पानी निकलने को बेताब है। मैं समझ गया कि अब मेरा भी झड़ने वाला है, रानी तो शायद पहले ही झड़ चुकी थी।

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मैंने रानी की चूत में अपना पूरा लंड अंदर तक ठोंक कर अपने को रोक दिया। और मेरे लंड के अंदर से सारा क्रीम धीरे धीरे होता हुआ, रानी की चूत में जाता सा लगने लगा।

उधर रानी भी शायद अपनी चूत में मेरे लंड का क्रीम फ़ील कर रही थी। वह हलकी सी आहें भरते हुए रिलेक्स और खुश नज़र आ रही थी। कुछ पलों के बाद, मेरे लंड का सारा क्रीम रानी की चूत की गेहराई में कहीं गुम हो गया।

मैं एकदम सुस्त हो गया था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी लम्बी रेस दौड़ी हो और मेरा लंड भी एकदम सिकुड़ गया था। में इतना सुस्त हो गया कि वैसे हो रानी के ऊपर लेट गया और रानी ने भी कोई जावब नहीं दिया। हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे। मतलब रानी नीचे बेड पर लेटी हुई थी और मेरा लंड उसकी चूत के अंदर ही था।

5 मिनट बाद ही अलग हुए और बाथरूम जाकर पहले साफ़ किया और अपने अपने कपड़े पहन लिये।

इसके बाद रानी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट ठीक किया और फ़िर हम दोनों बेडरूम से दुबारा कम्प्यूटर टेबल पर आ गये।

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इस समय करीब 10:50 का टाइम हुआ था। में बोला चलो चाय पीते हैं, तभी अनिल का भी फोन आया कि वह 5 मिनट में पहुंच रहा है।

फ़िर 5 मिनट में चाय भी तैयार हो गयी और फ़िर तीनो ने चाय पी। आज अनिल ने ड्रिंक भी नहीं किया था, शायद उसे मौका नहीं मिला। पर मैं रानी को देखकर उसके बारे में सोचने लगा और शायद अनिल के इरादे ही आज कुछ वैसे ही थे।

मैं रानी को देख रहा था, पर रानी शायद हम दोनों का मतलब समझ गयी थी। पर दोनों को ही कुछ बताना नहीं चाहती थी।

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