मैं चाह कर भी उसे नज़र अंदाज़ नहीं कर सकता था। मैं उसके नग्न बदन को देखता रहा जब वो मेरे साथ शॉवर में नहाने के लिये आ रही थी। उसके कोमल हाथ मेरे शरीर पर साबुन लगा रहे थे और वो अपने कोमल हाथों से मेरे लौड़े को धो रही थी और उससे खेल रही थी। उसके चूचक तने हुए थे और मेरा लौड़ा भी धीरे धीरे खड़ा हो रहा था।
मैं आपको बता दूं कि मैं उसकी मम्मी को कई महीनों से चोद रहा हूं और वो हमेशा मुझे झीने झीने पायजामे, बिना ब्रा के छोटे छोटे ब्लाउज और टोप पहन कर चिड़ाती और उकसाती रहती है और छोटी छोटी निकरें, जिन में से उसकी छोटी छोटी पैन्टियां झांकती रहती हैं, पहन कर अपनी टांगें फ़ैला कर जांघे दिखाती फ़िरती थी मेरे चारों तरफ़, मुझे लुभाने के लिये।
मैं यह सब देखता रहता था पर यह खयाल रखना पड़ता था कि उसकी मम्मी आस पास ना हो। लेकिन आज मैं अपने घर पे अकेला हूं और निश्चिंत हो कर खुले बाथरूम में आ गया, मुझे पता ही नहीं चला कि कब वो आ गयी और अब मैं उसके ३४ सी आकार के कसे Ô Ô स्तन और कतरे हुए योनि रोम देख रहा हूं।
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मेरे शरीर पर साबुन लगाते हुए उसने कहा कि आज सुबह ही उसने अपनी मम्मी को मुझसे चुदने की आवाजें सुनी हैं और अब वो भी मुझसे चुद कर मस्ती करना चाहती है। उसने कहा कि मेरे लिये चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि वो कुंवारी नहीं है। मैं अच्छी तरह समझ सकता हूं कि वो कुंवारी नहीं हो सकती, लेकिन मुझे डर है कि वो केवल १८ साल की हुई है और उसे बहुत कुछ सीखना होगा। आप यह माँ बेटी की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे।
आखिर मैंने उसे छूआ, अपना एक एक हाथ से उसके दोनो स्तन ढक लिये, उसके चूचकों पर चूंटी काटी तो वो उत्तेजना वश कुनमुनाई और पीछे झुकी तो मेरा कड़ा लौड़ा उसके चिकने पेट को रगड़ रहा था। उसने मेरे लौड़े को पकड़ लिया और फ़ुसफ़ुसाई कि उसे अभी यह लौड़ा चूत Ý में चाहिये।
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उसने अपनी एक टांग उठा कर अपनी चूत खोल कर मेरे लौड़े से अपनी चूत छिद्र में निशाना » लगाया। मैने उसकी योनि-कलिका पर अपने लिंग-शीर्ष को आगे पीछे करके रगड़ा। वो तब तक अपने को मेरे लिंग पर धकेलती रही जब तक मेरे लौड़े का शीर्ष भाग उसकी चूत में नहीं चला गया। थोड़ा रुक कर उसने फ़िर यही किया और मेरा लौड़ा और ज्यादा उसके अन्दर जा रहा था। मैं उसकी आंखो में देख रहा था, वो मेरे साथ अच्छी चुदाई कर रही थी और शॉवर हम दोनो को लगातार भिगोए जा रहा था। मैने शॉवर बंद किया और उसकी चूत में थोड़ा सा लन्ड डाले डाले मैं उसे शीशे के सामने ले गया। वो शीशे में मेरे लन्ड को अपनी चूत में अन्दर बाहर होते देख रही थी।
मैने उससे पूछा कि क्या उसे मेरा पूरा लौड़ा चाहिये, तो उसने कहा – हां मुझे अच्छी तरह चोदो, मेरी पूरी गहराई तक चोदो जैसे मेरी मम्मी को चोद कर उन्हें मज़ा देते हो वैसे ही मुझे भी पूरा मज़ा दो।
उसकी गीली चूत से अपने लन्ड को बाहर निकाल कर उसे गोद में उठा कर मै बिस्तर पर ले गया और उसके पीछे आ कर एक झटके में अपना पूरा लन्ड उसी मम्मी की बेटी की कसी हुई चूत में उतार दिया जिस को पिछली रात चोद कर आया था। मैने उसे कहा- तुम्हारी योनि कसी हुई है किसी कुंवारी लड़की की तरह। इस पर उसने कहा – मैं कुंवारी नहीं हूं, मेरे दोस्त ने मुझे बहुत बार चोदा है। कई बार तो एक कमरे में आप मम्मी को चोद रहे होते थे और दूसरे कमरे में मैं अपने दोस्त को बुला लेती थी और वो मुझे चोद रहा होता था।
मैंने उससे कहा – आगे से जब तुम मुझे लुभाना चाहो तो अपनी पैन्टी को एक तरफ़ सरका के मुझे अपनी चूत दिखाया करो और हो सके तो अपनी पैन्टी को मेरे सामने उतार कर। उसने कहा कि ठीक है मेरी एक दोस्त और मैं आपको अकसर अपनी चूत दिखाया करेंगी।
मैंने उसे कहा – आगे से अपने योनि क्षेत्र के बाल मत काटना, मुझे बालों से ढकी चूत अच्छी लगती है। तो उसने हां में सिर हिलाया और कहा अब जोर जोर से करो ना। मैने उसके दोनो स्तनों को अपने दोनो हाथों में जकड़ा और पूरे वेग से धक्के लगाने लगा।
उसको चोदते चोदते मैं बोला कि अगली बार जब तुम मुझे अपनी मम्मी को चोदते देखो तो सिर्फ़ देखती ना रहना , कमरे में आ जाना।
मैं उसके गोरे गोरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा और वो आनन्द से चीखने लगी। आप यह माँ बेटी की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे।
जब मैं चरम सीमा तक पहुंचने लगा तो मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाल लिया और उसके मुंह की तरफ़ कर दिया और कहा- अब मेरा काम होने वाला है, तुम कुछ करो।
उसने मेरा लन्ड अपने मुंह में ले लिया और मुंह में लेते ही मैं स्खलित हो गया। उसने अपना मुंह पिचका के सारा वीर्य बाहर कर दिया जो उसके होठों से बह कर उसकी ठोड़ी से होता हुआ गले की तरफ़ बहने लगा। एक उंगली से मैंने उसकी ठोड़ी से थोड़ा सा वीर्य लेकर उसके मुंह के अन्दर दिया और कहा – अगली बार से तुम इसे पी जाओगी, जैसे तुम्हारी मम्मी मेरे लौड़े से मेरे वीर्य की आखिरी बूंद भी चाट जाती है। उसने कहा- अच्छा ! और मेरे लन्ड पर लगे वीर्य को अपनी जीभ से चाट कर साफ़ कर दिया।
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अब मैने उसके चूतड़ों को पकड़ लिया और एक उन्गली उसकी गान्ड में घुसाने की कोशिश करते हुए पूछा – तुम्हारा दोस्त इसमें भी चोदता है तुम्हें?
उसने कहा – अभी तक तो नहीं। मैने उसकी गान्ड से उंगली निकाल कर उसके होठों पर फ़ेरी तो उसने मेरी उंगली अपने मुंह में ले ली। अब मैं बार बार अपनी उंगली उसकी गान्ड में डाल कर उसी को चटाने लगा। फ़िर मैंने उसकी गान्ड में अपनी उंगली से तब तक अन्दर बाहर किया जब तक वो अपनी चरम सीमा तक नहीं पहुंच गयी।
फ़िर हम दोनो बाथरूम में आ कर नहाए। फ़िर मैने उसे अपने घर जा कर आराम करने को कहा, और उसके जाने के बाद मैं भी सोने चला गया