हाय आई’एम लक्ष्या, आज मैं आपके सामने ऐसी स्टोरी लिखने जा रहा हू, जो आपको पढ़के बोहोत मज़ा आएगा. रियली यू विल फील दिस वेरी सेक्सी!
अब मैं उस लड़की के बारे में आपको बताता हू. जो मेरे शॉप के सामने से रोज़ दिन में 4 बजे क्रॉस करती है और मुझे देखती हुई एक स्माइल सी पास करती है. मैने कई बार उसका जवाब उसको हसने के बहाने से या तो आँख मारने के बहाने से उसको जवाब देता था.
उसका शरीर इतना गढिला और भरा हुआ की कोई भी देखे तो सीधा चोद डाले. एक बार मैं स्टेशन के पीछे वाली गली में सिगरेट पीने गया और इतेफ़ाक़ से वो उस तरफ से आ रही थी. अचानक मैने उसको टोका और पूछा, “आप इधर?”
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तो उसने कहा की “मेरा घर इधर ही पास में है.”
तो मैने कहा की “आप मुझे रोज़ इतना घूर घूर के क्यों देखती है?”
तो उसने कहा की “आप मुझे बोहोत आछे लगते है.”
मैने कहा की “आपको मुझमे क्या आछा लगता है?”
तो उसने कहा “मुझे आपकी हर चीज़ से प्यार है और आपकी हर अदा मुझे बोहोत पसंद है.”
मैने कहा “थॅंक्यू.”
उसने कहा की “आज आप इस तरफ आए है तो टी पीते जाइए”
मैने कहा “नही मुझे जाना है और मैं किसी और दिन आउन्गा.”
उसने कहा “नही, आज आए है इस तरफ तो चलिए.”
मैने कहा “ठीक है चलो.”
उसके घर गये उसने मुझे अपने ड्रॉयिंग रूम के सोफे पर बैठाया और वो किचन में जाके टी बनाने लगी. मैं उसका बॅक देखा मेरा तो जैसे अंदर ही अंदर मेरा दिल मचल उठा. वो चाय लेके मेरे सामने बैठ गयी और मुझे टी सर्व किया.
मेरी नज़र उसके चुचियों में पड़ी. मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा. उसने मुझसे नज़र मिलाई और शायद उसको पता लग गया की मैं उसकी चुचियों को देख रहा हू. फिर उसने मुझसे कहा की आप बैठिए मैं चेंज करके आती हू.
वो आई स्कर्ट और टाइट टॉप पहन के! मेरा तो लंड जैसे जोक्की को फाड़ के बाहर आ जाएगा. मैने किसी तरह से कंट्रोल किया. उसने मेरी पैंट की तरफ देखा और शायद उसको पता लग गया की मेरा गोपाल बाबू खड़ा है.
उसने कहा की “आप ठीक से बैठ जाए.”
मैं ठीक से सोफे पे चढ़ के बैठ गया और जिसके कारण मेरा लंड बिल्कुल खड़ा सॉफ नज़र आ रहा था. उसने कहा की “आप बोहोत हॅंडसम है. आप को मैं कई दीनो से देख रही हू, लेकिन कहने की हिम्मत नही होती.”
मैने कहा की “आप मुझसे इतनी दूर क्यों बैठी है, जब मैं आपको आछा लगता हू तो. आप मेरे करीब आकर बैठिए”
वो मेरे करीब आई और सोफे पे अपने लेग्स को लंबा करके बैठ गयी. उसके लेग्स मेरे लंड को धीरे धीरे टच कर रहे थे, मुझे भी मज़ा आने लगा. मैं जानबूज कर अपना लंड उसको लेग्स में सताता. उसने मुझे एक सेक्सी स्माइल पास की और मुझसे कहा की “मैं आपको एक किस करना चाहती हू”
मैने कहा “ठीक है.” और वो आकर मेरे उपर बैठ कर मुझे लिप्स में एक किस किया और मैं गरम होने लगा.
उसकी गॅंड मेरे लंड से रगड़ रही थी, शायद उसे भी मज़ा आ रहा हो. मैं उसे ज़ोर से पकड़ा और एक सेक्सी स्मूच दिया. फिर वो बोली की “आप बोहोत सेक्सी हो” और मैने उसके टॉप के उपर से धीरे धीरे उसके चुचियों को छूने लगा. उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने गोल गोल 38 डी साइज़ के मुम्मो पर रख दिया. मैं ज़ोर ज़ोर से उसे दबाने लगा.
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वो थोड़ा नीचे आके मेरे चेस्ट पे किस्सस करने लगी और निपल्स चूस्ते चूस्ते वो नीचे तक चली गयी और मेरी पैंट का ज़िप खोल के मेरा तना हुआ 8 इंच का लंड निकाल के उपर नीचे करने लगी. और करते करते उसने मेरा लंड चूसना शुरू किया. मुझे बोहोत मज़ा आ रहा था.
मैने कहा की “मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हू.” फिर हम 69 की पोज़िशन में आके एक दूसरे को पूरी तरह से चूसने लगे. वो मेरा लंड तो जैसे खा ही जाएगी. चूस चूस के उसने मेरे लंड को गीला कर दिया और कहा की “चोदो मुझे”
मैने उसे चोदना शुरू किया और चोदते चोदते वो चिल्लाई की “और ज़ोर से घुसाऊ.”
मैं जब चोद रहा था तो अचानक बाहर के दरवाज़े से एक आवाज़ आई. सीमा घबरा के उठी और कपड़े पहन के देखने गयी, तो उसकी सहेली थी, अरुणा. वो अंदर आई तो मेरा ध्यान उसकी चुचियों पर गया. फिर मैने कहा की सीमा तुम्हारी दोस्त तो मस्त है, प्लीज़ उसे भी ले आओ. मैं उसके साथ भी चुदाई करना चाहता हू.
वो बोली “वो गुस्सा हो जाएगी”
मैने कहा की “जा के उसको बताओ की मेरा दोस्त अंदर बैठा है. सेक्सी है और उसका लंड बोहोत बड़ा है अगर तुम मज़ा लेना चाहती हो तो आ जाऊ… हम किसी से कुछ नही कहेंगे”
इतना कहते ही वो अंदर आई और झुककर मेरे लंड को चूसने लगी और मैं सीमा की चुत को चाट रहा था. इतने देर में मुझे लगा आई वाज़ अबौट टू कम. तो उसने कहा की “मैं तुम्हारा जूस टेस्ट करना चाहती हू” और वो दौड़ के किचन गयी और एक कटोरी लेके आई.
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मैने कहा की “लंड चूसो” और वो चूसने लगी. मैने कहा की हट जाओ गिरने वाला है मैने उस कटोरी मे अपना बोहोत सारा स्पर्म गिरा दिया और वो दोनो उस कटोरी में उंगली से स्पर्म को निकाल निकाल के खा रही थी. फिर मुझसे सीमा ने कहा की “मुझे तुम्हारा लंड चूसना है” और वो बोल के चूसने लगी.
मेरा फिर से गिरने वाला था और मैने सारा स्पर्म उसके मूह में डाल दिया और वो चाट चाट के खाने लगी. उसने मेरा पूरा लंड अपने लिप्स से सॉफ किया. उसके चुचियों पर गिरा हुआ स्पर्म देख कर. अरुणा बोली, “वा मुझे चूसने दो और खाने दो.” और वो उसके चुचियो पर गिरा हुआ स्पर्म चाट चाट के कहने लगी…
और अब जब भी मौका मिलता है मैं उसे चोदता हू. अभी तक मैने सीमा को, उसकी सहेली अरुणा को, उसकी भाभी रूपाली को, और रूपाली की बहन जो दुर्गापुर में रहती है इन सब को चोद चुका हू.