बरसात की रात – भाग १

हैलो दोस्तो, कैसे हैं!

मेरा मन अपनी मां और चाची की चूत मार मार कर अब उकता चुका था, गांव वाली बहु की भी चूत का भोसड़ा बना चुका था मैं!

हां, मगर उनकी दोनों लड़कियों की प्यास अभी अधूरी ही थी.

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

मैं चाहता तो बड़े आराम से उन्हे चोद सकता था, बल्कि बुआ खुद ही मेरा लंड पकड़ कर अपनी दोनो बेटी की चूत में घुसेड़ती.

पर मेरा उनकी बेटियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं था. पर अब कोइ और चूत भी मेरी नज़र में नहीं थी और लंड था कि उतावला हो रहा था! उसे तो चाहिये ही चाहिये.

खैर उस दिन तो मैंने अपनी मम्मी को ही चोदा. मगर फ़िर दूसरे दिन मैं बिना इरादा ही सड़क पर टहल रहा था कि अचानक, कोई मुझसे टकराया मैंने नज़र उठा कर देखा तो करीब 45-46 साल की एजेड लेडी रही होंगी, मगर मैंटैन बहुत थी.

मैं भी ख्याल में था और वो पता नहीं कैसे मुझसे टकरा गयी. मुझे अचानक होश आया तब मैं हड़बड़ा कर उनसे सोरी बोला.

उनके पोली बेग से कुछ सामान गिर गया था और वो बैठ कर उठा रही थी. उनका ब्लाउज़ काफ़ी टाइट था, जिसके अंदर उनकि बड़ी-बड़ी चूचियाँ बाहर निकलने को बेताब थी.

हालांकि उन्होंने पल्लू डाल रखा था. मगर पिंक कलर की झीनी सी साड़ी से सब साफ़ नज़र आ रहा था, मैं खड़े-खड़े उनके बूब्स का नज़ारा देख रहा था. तब ही जैसे मैं नींद से जागा और मैं भी उनका सामान उठाने में मदद करने लगा.

तभी मैंने कहा – सोरी आंटी, मेरी वजह से आपका सामान बिखर गया.

वो बोली – कोई बात नहीं बेटा!

और सारा सामान रखने के बाद वो मुझसे बोली – बेटा तुम नयी जेनेरेशन की यही एक प्रोब्लम है, हर कोई कहीं ना कहीं खोया रहता है.

मैं शर्मिंदा होते हुए बोला – नहीं आंटी ऐसी बात नहीं है, आप गलत सोच रही है.

फ़िर उन्होंने मुझसे पूछा – बेटा, क्या तुम कोफ़ी पीना पसंद करोगे?

मैंने तुरंत ही हां में जवाब दिया.

और फ़िर हम लोग वहीं पास के कोफ़ी शोप पर बैठ गये, वहां ज्यादा तर स्कूली लड़के और लड़कियाँ ही थे.

वो उन सबको देख रही थी, फ़िर अचानक मेरी तरफ़ देख कर पूछा – बेटा आप क्या करते हो?

मैंने कहा – आंटी, मैं ला कर रहा हूं.

वो बोली – बहुत खूब मगर तुम्हारा ध्यान किधर था? क्या तुम भी इन सब स्कूली लड़कों की तरह नयी तितलियों को ताक रहे थे?

उन्होंने जिस अंदाज़ में ये बात कही मुझे अज़ीब सा लगा मैंने हड़बड़ाते हुए कहा – नहीं आंटी, ऐसी कोई बात नहीं है, खैर आप बतायें आप कहां से आ रही थी?

तब वो हंसते हुए बोली – क्या बेवकूफ़ी भरा सवाल करा? अरे भाई शौपिंग कर के आ ही रही थी कि तुमने धक्का मार दिया… अच्छा ये बताओ घर में और कौन-कौन है आपके बेटा?

मैंने कहा – मम्मी, पापा और एक छोटी बहन है और आंटी आपके घर में?

‘मैं और मेरी बेटी!’ उनका छोटा सा जवाब मिला.

मैंने पूछा – और अंकल?

वो बोली – बेटा, वो ऐयरफ़ोर्स में हैं और मेरा बेटा भी वहीं ट्रेनिंग कर रहा है.

बहुत उदासी भरी थी उनकी बातों में!

तब ही अचानक मौसम खराब हो गया और बारिश होने लगी. हम लोग बहुत देर तक इधर-उधर की बातें करते रहे करीब 2 घंटे बाद भी पानी नहीं रुका तो आंटी कुछ परेशान हो गयी.

मैंने पूछा – क्या बात है, आंटी? आप कुछ परेशान सी हैं?

तब उन्होंने घड़ी देखते हुए कहा – बेटा 8 बज रहे हैं और पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा… और कोई साधन भी नहीं मिलेगा अब तो!

मैंने कहा – आंटी, मेरा घर करीब में ही है, आप चाहें तो चल सकती हैं!

तब वो बोली – बेटा, असल मे घर पर नेहा अकेली होगी और आजकल का माहौल तो तुम जानते ही हो, जवान लड़की को अकेला नहीं छोड़ना चाहिये!

मैंने कहा – आंटी, आप यहीं रुकें, मैं अभी कार ले आता हूं.

तब वो बोली – बेटा, तुम भीग जाओगे!

मैंने कहा – आंटी, जवान लोगों पर बारिश का असर नहीं होता!

और मैं भाग कर घर गया और मम्मी को बताया कि एक दोस्त के घर जा रहा हूं कोई ज़रूरी काम है.

मम्मी रोकती रह गयी कि बेटा बारिश हो रही कल चले जाना!

मगर मैं रुका नहीं और कार लेकर कोफ़ी शोप पहुंच गया.

पानी अभी भी बहुत तेज़ था वो जैसे ही शोप से बाहर मेरी गाड़ी तक आयी, काफ़ी हद तक भीग चुकी थी और मैं तो पहले ही तर था, क्योंकि घर तक जाने में काफ़ी भीग चुका था.

खैर थोड़ी ही देर बाद मैं एक बड़ी सी कोठी के सामने रुका कोठी देख कर मैं हैरान रह गया.

तभी वो कार से उतरते हुए बोली – बेटा, कार पार्किंग में पार्क करके घर में चले आओ, बहुत भीगे हो, चेंज कर लो, नहीं तो सर्दी लग जायेगी.

मैंने कहा – नहीं आंटी, ऐसे कोई बात नहीं, आपको घर तक छोड़ दिया, अब मेरा काम खत्म, मैं चलता हूं, इजाजत दीजिये!

तब आंटी ने थोड़ा डांट कर कहा – जितना कह रही हूं, उतना करो! आखिर मैं तुम्हारी मां कि तरह हूं जाओ गाड़ी पार्क करके आओ!

इतनी देर की बहस में आंटी बिल्कुल तर हो चुकी थी, मैं गाड़ी पार्क करने के बाद जब आया तो आंटी वहीं खड़ी थी. उनकी साड़ी बिल्कुल भीग कर उनके शरीर से चिपक चुकी थी, पिंक साड़ी के नीचे उनकी ब्लैक डिजाइनर ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी.

हालांकि मेरे मन में अभी तक उनके लिये कोई गलत विचार नहीं थे मगर आखिर कब तक अंदर का शैतान सोया रहता… उनको इस पोज़ में देख कर मेरे औज़ार में सनसनी होने लगी.

अधिक कहानियाँ : सुन्दर लड़की की चूत की सील तोड़ी

मैं कुछ देर तक उनको निहारता रहा, तब ही वो मेरी आंखों के आगे चुटकी बजाते हुए बोली – कहां खो गये बेटे? तुम किसी डाक्टर को दिखाओ तुम्हारे में कोई मरज़ लगता है ये!

और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले जाने लगी.

अंदर दाखिल होते ही मुझे एक बहुत ही खूबसूरत लड़की नज़र आयी, जिसकी उम्र करीब 18 साल की रही होगी. वो मिडी पहने हुए थी और सूरत से बहुत परेशान नज़र आ रही थी, आंटी को देखते ही उनसे लिपट गयी – मम्मी कहां चली गयी थी आप? मैं घबरा रही थी!

आंटी ने उसको अलग करते हुए कहा – मेरी रानी बेटी, बाहर पानी बरसने लगा था इस लिये देर हो गयी और मैं फोन लगा रही थी तो एंगेज जा रहा था. खैर कोई बात नहीं अब तो मैं आ गयी हूं. मेरी बहादुर बच्ची तुमने खाना खाया?

उसने कहा – जी मम्मी अभी थोड़ी ही देर पहले रामू काका खाना दे कर अपने घर चले गये हैं. अब मुझे भी बहुत नींद आ रही है मैं भी सोने जा रही हूं.

अचानक मुझे देख कर वो थोड़ा सम्भलते हुए बोली – मम्मी, ये साहब कौन हैं?

उसकी मम्मी ने कहा – बेटा, आज मैं कार नहीं ले गयी थी और आज ही पानी को बरसना था. तो इसने ही मुझे लिफ़्ट दी है, इनका नाम राजेश है!

और तब वो मुझे नमस्ते कर के अपने रूम में सोने चली गयी.

अब रूम में, मैं और आंटी ही रह गये. आंटी ने मुझे एक लुंगी देते हुए कहा – लो ये पहन लो!

मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और लुंगी बांध ली. मैंने गंजी और जोकी नहीं उतारी थी.

आंटी बोली – बेटा, सारे कपड़े उतार दो, अभी थोड़ी ही देर में सूख जायेंगे, तब पहन लेना! और बनियान भी उतार कर निचोड़ लो बहुत भीगी है.

तब मैंने झिझकते हुए बनियान उतार कर निचोड़ कर अलगनी पर टांग दी और वहीं वाशरूम में जाकर अपनी जोकी भी उतार कर सूखने को डाल दी. अब मैं सिर्फ़ लुंगी में था और अभी तक आंटी ने अपनी साड़ी नहीं उतारी थी.

अब मैं रूम में आया तब देखा कि वो अपना साड़ी का पल्लु निचोड़ रही थी और आंचल हटा होने की वजह से पिंक बलाउज़ के अंदर ब्लैक डिजाइनर ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी, जिसे मैं अपलक निहार रहा था.

मुझे एक टक इस तरह देखते हुए आंटी ने कहा – क्या देख रहे हो बेटे? तुमने अपने तो कपड़े उतार लिये, अब मैं भी चेंज कर लूं!

मेरा मन अब तक आंटी को चोदने के बारे में सोचने लगा था, पर हिम्मत नहीं हो पा रही थी.

तभी थोड़ी देर बाद आंटी एक बहुत ही झीनी सी नाइटी पहन कर आयी और वहीं सोफ़े पर बैठ गयी और कोफ़ी बनाने लगी.

वो कोफ़ी बना रही थी और मैं ललचायी नज़रों से उनकी उभरी हुई चूची देख रहा था और दिल ही दिल में सोच रहा था कि काश ये आंटी मुझसे चुदवा ले तो कितना मज़ा आयेगा!

यही सब सोच सोच कर मेरा लंड अपनी औकात में आ चुका था और मुझे इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि कब वो मेरी लुंगी को 2 पाट करके बीच से उसकी टोपी बाहर झांक रही थी और आंटी चोर नज़रों से उधर ही देख रही थी.

मेरा पूरा ध्यान आंटी की चूची की तरफ़ था और आंटी का ध्यान मेरे औज़ार की तरफ़!

तभी मैंने आंटी की नज़रों की तरफ़ देखा, तो उनकी नज़र अपने औज़ार पर टिकी देख कर अंदर ही अंदर खुश हो गया और धीरे से अपनी टांगें और खोल दी ताकि आंटी और अच्छी तरह से लंड का दीदार कर सकें!

उसके बाद हम दोनों ने कोफ़ी पी.

और उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनने लगा और दिल ही दिल में सोच रहा था कि साली अगर आज रोक कर चुदवा ले तो क्या हो जायेगा. तड़प तो इसकी भी चूत रही है पर हाय रे इंडियन नारी लाज़ की मारी लंड खायेगी गज़ भर के… मगर चुदवाने से पहले शरमायेगी इतना कि पूछो ही मत.

और जब मुझे कपड़े पहनते हुए आंटी ने देखा, तब वो करीब आयी और बोली – बेटा, अभी कपड़े पूरी तरह से सूखे नहीं हैं, तुम ऐसा करो कि आज यहीं रुक जाओ, घर पर काल कर दो मम्मी को!

तब मैंने नाटक करते हुए कहा – नहीं आंटी, जाना है मुझे!

तब वो मेरे हाथ से कपड़े छीन कर बोली – बेटा, मैं तेरी मां जैसी हूं, जैसा कह रही हूं वैसा करो! कहीं बीमार पड़ गये तो तेरी मम्मी को कौन जवाब देगा.

फ़िर मैंने घर पर काल कर दी कि आज पानी बहुत बरस रहा है, मैं आज यहीं दोस्त के घर रुक जाऊँगा.

और फ़िर थोड़ा बहुत खाना खाने के बाद आंटी ने मुझसे कहा – बेटा, तुम यहां बेड पर सो जाना, मैं सोफ़े पर लेट जाऊँगी. वरना अगर चाहो तो गेस्ट रूम में भी सो सकते हो!

तब मैंने कहा – आंटी, मैं वहां अकेला बोर हो जाऊँगा, आप ऐसा कीजिये, आप बेड पर सो जाइयेगा, मैं सोफ़े पर सो जाता हूं.

यह कह कर मैं वहीं सोफ़े पर लेट गया और आंटी बेड पर लेट गयी.

मेरे अरमान अब धीरे धीरे ठंडे हो रहे थे और मैं आंटी की उभरी हुई चूची और फ़ूले हुए चूतड़ आंखों में बसाये कब नींद की गोद में गया मुझे पता नहीं चला.

रात को अचानक मुझे अपनी जांघ पर कुछ सरकता हुआ महसूस हुआ तो मेरी नींद खुल गयी. फ़िर मुझे आभास हुआ कि ये किसी का हाथ है और घर में 2 ही जन थे आंटी या फ़िर उसकी जवान बेटी!

थोड़ी देर मैं उसी पोज़ में लेटा रहा, तब तक हाथ सरसराता हुआ मेरी लुंगी को सरकाता हुआ ऊपर मेरी जांघों की जड़ तक पहुंच चुका था. मैं भी अब उस हाथ की सहलाहट का आनंद लेना चाहता था चाहे कोई हो, भले ही उस वक्त उसकी युवा लड़की भी होती तब भी मैंने तय कर लिया था कि उसकी कुंवारी चूत चोद ही डालूंगा.

मगर अब तक मैं जान गया था कि ये हाथ आंटी का है और अब मैं पूरी तरह से उसकी सहलाहट का मज़ा लेना चाहता था. मैं सोफ़े पर सीधा होकर लेट गया और वो मुझे करवट लेते हुए देख कर कुछ हड़बड़ा गयी मगर फ़िर नोर्मल हो गयी और मुझे नींद में देख कर उसने मेरी लुंगी के अंदर हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ लिया. जो अभी तक शांत अवस्था में था, उसे प्यार से सहलाने लगी.

अब मेरे लंड में धीरे धीरे तनाव आने लगा और मैं भी उत्तेजित होने लगा था, मेरा मन कर रहा था कि अभी साली को बाहों में भर कर इतनी जोर से चांपू कि इसकी हड्डी तक पिस जाये. पर मैं ऐसा कर नहीं सकता था, मैं बस चुपचाप पड़ा रहा और आंटी की कार्यवाही देखता रहा.

अधिक कहानियाँ : सोती हुए कजिन सिस्टर के साथ छेडखानिया

और फ़िर आंटी का हाथ थोड़ा कड़ा हो गया था वो मुझे सोया जान कर पूरी तरह निश्चिंत हो गयी थी. मेरे लंड को जोर जोर से सहलाने के बाद जब वो पूरी तरह से खड़ा हो गया, तब अपने होंठ से मेरी जांघों को चूमने लगी.

मेरे मुंह से सिसकी निकलने को हुई मगर, मैंने दांत भींच कर सिसकी नहीं निकलने दी. मगर अब बरदाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था.

तभी मैंने अपने लंड पर कुछ लिबलिबा सा महसूस किया कयोंकि रूम में नाइट लैम्प जल रहा था तो कुछ साफ़ नज़र नहीं आ रहा था और मैं अपनी आंख भी बंद किये था. पर इतना तो अंदाज़ा हो ही गया था कि ये साली इसकी जबान होगी जो मेरे लंड पर फ़िरा रही है.

और जबान फ़िराते फ़िराते उसने गप्प से मेरा लंड मुंह में ले लिया. अब तो मैं बरदाश्त नहीं कर पाया और झटके के साथ उठ कर बैठ गया और बोला – कौन है?

तभी आंटी ने मेरे मुंह पर हाथ रखा और धीरे से बोली – बेटा मैं हूं!

उन्होंने फ़ट से लाइट जला दी.

मैं देख कर हैरान रह गया, आंटी पूरी तरह से नंगी थी. मैंने उनको नंगी देख कर चौकने का ड्रामा करते हुए कहा – हाय आंटी, आप तो नंगी हैं.

तब उन्होंने मेरा लौड़ा पकड़ते हुए कहा – बेटा, तुम भी तो नंगे हो!

मैंने अपने दोनों हाथ झट से लंड पर रख लिये और छुपाने का नाटक करने लगा. मगर जानता था कि अब ये साली चुदवायेगी तो ज़रूर!

मगर फ़िर भी मैंने अपना नाटक चालू रखा, बोला – आंटी, आपको ऐसा नहीं करना चाहिये था, ये गंदी बात है.

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

तभी आंटी मेरे लौड़े को मसलते हुए बोली – और तुम जो शाम से मेरी चूचियाँ निहार रहे थे, मेरे ब्लाउज़ के ऊपर से ही. इस तरह देख रहे थे कि बस खा ही जाओगे. वो अच्छी बात थी? और जब मैं कोफ़ी बना रही थी तब तुम्हारी नज़रें कहां थी मुझे पता है. मुझे चोदना सिखा रहे हो? अभी कल के बच्चे हो तुम बेटा… मैं तुम्हारे जैसे ना जाने कितनों को अपनी चूत में समा कर बाहर कर चुकी हूं.

आंटी की ये सब बातें सुन कर तो मुझे बहुत ही जोश चढ़ गया. उसने यकीनन मुझे भड़काने के लिये ही ऐसे भाषा प्रयोग की थी, मगर मुझे तो शुरु से ही चोदने में गाली गलौच पसंद थी और आंटी इतनी सभ्य नज़र आ रही थी कि उनके मुंह से इस तरह की बात सुनना, मेरे लिये एक नया अनुभव था.

और उसके बाद हम लोगों में इस तरह से घमासान चुदायी हुई इसका ज़िक्र अगले पार्ट में करूंगा.

More from Storyline / श्रृंखला की कहानियां

    आंटी का भीगा बदन

    बरसात की रात – भाग १

    इस अजनबी की चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे एक बरसाती शाम को एक मदमस्त बदन की आंटी से में टकरा गया और बरसाती रात को उसे घर छोड़ने गया!

    आंटी की मदमस्त चुदाई

    बरसात की रात – भाग २

    इस आंटी की चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे बरसाती शाम को मदमस्त बदन की आंटी ने मुझे अपने घर रोक लिया और मेरे गरमाये बदन के मज़े लिए.

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • सौराष्ट्र की चिकनी छोरी

    इस अजनबी से चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे मुझे सौराष्ट्र में एक जवान तलाकशुदा औरत बस में मिली और उसने अपने घर बुलाके चुदाई करवाई।

  • Road Trip me Randi Bahen ka Gangbang – Part 7

    Meri bahen tent me hum subko blowjob de rahi thi. Toh tent se nikalete waqt security guard ne use nangi pakd liya aur use office me le gaya. Padhiye aage kya hua!

  • लखनऊ मे सेल्समन ने की चुदाई

    जाने कैसे एक मामूली सेल्समैन ने एक जवान माल को चोदा. उसकी चूत को चाट के उसका पानी छुड़वा दिया.

  • खुले खेत में मेरी पहली चुदाई

    अजनबी से चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे हमारे गाँव के एक लड़के ने बस में मुझसे छेड़खानियां की और खेत में ले जाके मेरी कुंवारी बुर चोदी।

  • Cousin ki Shaadi me Saheli ki Chudai

    Meri behan ki shaadi me aayi uski saheli meri deewani ho gayi Is Indian Adult story me padhiye kaise maine shaadi me behan ki saheli ki chut chodi

Work with us / हमारे साथ काम करें
Earn / कमाएं: ₹40,000 per month
Apply Now / अभी आवेदन करें!
Advertise with us