आंटी की मदमस्त चुदाई

(Aunty ki Madmast chudai)

बरसात की रात – भाग २

कैसे है, आप सब? चलिए अपनी अधूरी कहानी को पूरा करते हैं इस भाग में. कहानी का पहले भाग बरसात की रात – भाग १ में आप सबने पढ़ा ही होगा कि, किस तरह से मेरी अजनबी आंटी से मुलाकात होती है और जिन्होने नहीं पढ़ा वो प्लीज़ भाग १ पढ़े फ़िर यहां से शुरु करें.

तो उस दिन रात को मुझे सोया हुआ जानकर, आंटी ने मेरा लंड मुंह में भर लिया. फ़िर मेरी आंख खुल गयी और उसके बाद हम लोग सारी लाज हया त्याग कर चुदायी करने में जुट गये. आंटी तो पहले से ही नंगी थी और मैं सिर्फ़ लुंगी ही लपेटे हुए था. जिसे आंटी ने सरका कर मेरा लंड बाहर निकाल कर होंठों में भरा था. अब वो भी मैने उतार दी थी और पूरी तरह से मैं भी नंगा हो चुका था. आंटी मेरे फ़नफ़नाये लंड को बड़ी मोहब्बत से देख रही थी और किसी लालची बिल्ली की तरह जबान होंठों पर फ़िरा रही थी. मैं वहीं सोफ़े पर बैठ गया और आंटी से कहा, अब जब शरम का परदा हट ही गया है, तब पूरी तरह से बेशरम होकर जवानी के मज़े लूट लो आप भी.

तब आंटी ने कहा – साले मादरचोद वही तो तुझे समझा रही हूं इतनी देर से मगर तू है कि, लंड क्या लोहे बना हुआ! इतनी देर से, आखिर अब आया न औकात पर. चल जल्दी से मेरे मुंह में लंड डाल कर धक्के लगा और मुझे अपने रस का पान करने दे.

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 इतना कह कर वो मेरे लंड को चूसने के लिये जैसे ही झुकी, मैने उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को बेदर्दी से मसलते हुए कहा – अरे रंडी, ऐसी भी क्या जल्दी है लंड चूसने की! ज़रा मुझे भी तो गरमाने दो न!

मगर वो ज़बरदस्ती मेरा लंड पकड़ कर अपने मुंह में रख कर चूसने लगी और थोड़ी ही देर में मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया और उनकी चूत को सलामी देने लगा. तब वो अपनी चूत फ़ैला कर आयी और मेरे मुंह के पास करती बोली – लो मेरे चोदु! अब जरा इसे भी चाट कर, तुम भी मेरे रस का मज़ा लो.

मैं उनकी झांटों भरी चूत को सहलाने लगा फ़िर बोला – साली यहां तो पूरा जंगल उगा रखा है क्या चाटुं? चूत तो ढूंढे से नहीं मिल रही है यहां?

तब वो अपने झांट के बालों को अपने दोनो हाथ से अलग कर के अपनी चूत देखा कर बोली – राजा, आज तो काम चला लो कल साफ़ कर लूंगी प्लीज़.

मुझे उनके उपर तरस आ गया और मैं अपने होंठ उनकी चूत की फ़ांक पर रख कर, फ़ांकों को चूमने लगा और अब तो आंटी की सिसकियों का शमां ही बंध गया था. वो अपने दोनो पैर मेरी गर्दन के अगल बगल से करके पीचे सोफ़े पर टेक लगा कर अपनी चूत मेरे मुंह पर रगड़ने लगी थी और मुझे तो चूत चाटने में शुरु से ही मज़ा आता था, सो मैं लग गया काम पर.

आंटी ईईइस्सस इस्सस आआययीई आयीई कर रही थी और मैं चपर चपर करके उनकी चूत चाट रहा था. थोड़ी ही देर में वो बोली – आआअह्हह्ह राजा! मैं झड़ने वाली हूं, अब अपनी जीभ निकाल लो मेरी चूत से…

तब मैने कहा – हाय मेरी रंडो! अभी तो कह रही थी कि मेरी चूत के रस को चखो और अब कह रही हो निकाल लो जीभ को!

तब उसने कहा – क्या तुम सच में मेरा रस पियोगे?

मैने कहा – इसमे हैरानी कैसे! इसमे तो बहुत आनंद आता है.

वो बोली – मैं तो मज़ाक कर रही थी, मुझे नहीं पता ऐसे भी किया जाता है!

तब मैने कहा – हाय मेरी नादान बन्नो! इतने सालों से चुदवा रही हो, पर इतनी नासमझ बनती हो. जैसे अभी कमसिन कन्या हो… और इतना कहकर मैने अपनी जबान जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा.

अब तो आंटी को जन्नत का मज़ा आने लगा. वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत मेरे जीभ पर दबा रही थी और तभी उनकी चूत से ढेर सारा रस निकलने लगा. जिसे मैं चूसने लगा और थोड़ी देर में ही, उसका सारा रस चूस कर उसकी चूत बिलकुल साफ़ कर दी और झांटों पर जो थोड़ा बहुत रस चिपक गया था, उसे उसकी नाइटी से साफ़ करने लगा, तब आंटी बोली – अरे! अरे! क्या कर रहे हो? मेरी इतनी कीमती नाइटी गंदी हो जायेगी.

तब मैने उसकी पैंटी जो वहीं पड़ी थी, उसको उठा कर उससे उसकी चूत साफ़ करी और फ़िर बोला – अब आप मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कीजिये, तब आपकी चूत चोदी जाये!

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तब वो कहने लगी – जो जी में आये वो करो… अब तो तुम मेरे राजा हो गये हो.

इतना कहकर झट से मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी. मेरा लंड उनकी चूत चाटने से सिकुड़ चुका था, वो धीरे धीरे सहला रही थी और मैं उनकी बड़ी बड़ी बूब्स को मसल रहा था. कभी कभी बहुत जोर से दबा देता था, जिससे उनकी चीख निकल जाती थी और मैं जितनी जोर से उसकी चूची दबाता. वो उतनी ही जोर से मेरा लंड दबाती थी.

उसके सहलाने से थोड़ी देर में ही मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया और फ़िर उसे देख कर वो अपने होंठ पर जीभ फ़िराने लगी. मैने अपने हाथ में लंड पकड़ा और घप्प से उसके मुंह में घुसेड़ दिया और उसका मुंह खुला का खुला ही रह गया. वो गूं गूं कर रही थी… जैसे कहना चाह रही हो निकाल लो लंड को… मगर मैने उसके बाल पकड़ कर एक करारा धक्का और मारा और पूरा ८” लंड उसके मुंह में समा गया.

उसको पूरा लंड मुंह में लेने में काफ़ी परेशानी हो रही थी, मगर मुझे मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद ही आंटी को भी मज़ा आने लगा और अब वो जल्दी जल्दी अपने चेहरे को आगे पीचे कर के मेरे लंड को चूस रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था कि बस अब मैं झड़ने ही वाला हूं.

मैने सोचा कि आंटी की चूत मार ही ली जाये मगर सोचा कि सारी रात पड़ी है, जल्दी क्या है! अभी तो अपना रस इसकी मुंह में ही उड़ेल देता हूं. यही सोच कर मैने तेज़ी से धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी और थोड़ी ही देर में, मैं उसके मुंह में झड़ गया और थोड़ी देर तक हुम लोग उसी अवस्था में लेटे रहे.

फ़िर मुझे पेशाब लगने लगी, तो मैने आंटी से पूछा – बाथरूम किधर है?

वो बोली चलो मुझे भी पेशाब लगी है साथ ही निपट लेते है. जब मैं अपनी लुंगी उठाने लगा, तो वो छीनते हुए बोली – क्या यार इतनी से देर के लिये लुंगी बांध रहे हो?

तब मैने कहा – आंटी कहीं आपकी लड़की न देख ले.

वो बोली – अरे मेरे राजा वो बेचारी तो सो रही होगी. तुम बेफ़िक्र रहो.

फ़िर हम लोग एक साथ ही बाथरूम गये. वो बिल्कुल भी नहीं शरमा रही थी और मेरे सामने ही चूत पसार कर छर्र छर्र मूतने लगी. मैं भी वहीं खड़े होकर मूतने लगा और उसके बाद, उसने अपनी चूत पानी से साफ़ करी और मेरा लंड भी धोया. उसके बाद फ़िर से रूम में आ गये और बेड पर बैठ गये वो बोली – रजा चूमा चाटी और चूची चुसायी तो बहुत हो गयी, अब चुदायी के बारे में क्या ख्याल है?

मैने कहा – जैसा तुम बोलो मेरी रानी!

अब पूरी तरह से हुम लोग बेसरम हो चुके थे और लंड चूत की बातें खुल कर कर रहे थे.

वो बोली – राजा एक बात तो माननी पड़ेगी तुममे गज़ब की ताकत है. बहुत मज़ेदार चुसायी करते हो. अब देखते हैं, चुदायी में कहां तक ठहर पाते हो!

मैने कहा – चुद्दो रानी, अभी आज़मा कर देख लेना. कैसे बखियां उधेड़ता हूं आज तुम्हारी! अगर तेरी पहली रात न याद दिला दी, तो राज नाम नहीं.

ये कह कर, मैने उसकी टांगे पूरी तरह से फ़ैला दी. जब उसकी चूत देखी तो वो मुझे ज्यादा चुदी पिटी नहीं नज़र आ रही थी. मैने थोड़ी देर उसे सहलाया, मेरा मन अभी फ़िर से चाटने को कर रहा था. मगर रात काफ़ी हो चुकी थी और पानी भी अपने पूरे शबाब से बरस रहा था. मैने सोचा साली आज तो चुदवा रही है, क्या पता आगे भी चुदवाये! अगर आज इसे कायदे से चोद दिया, तो इसकी चूत का मालिक बन जाउंगा.

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा होकर सलामी देने लगा था. मैं सोच रहा था कि साली को, किस एंगल से चोदूं कि मेरी गुलाम बन जाये. तब ही वो बोली राजा बहुत दिन से मेरा मन किसी के लंड पर बैठ कर झूला झूलने को कर रहा है! क्या तुम झुलाओगे झूला?

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मैने कहा – क्यों नहीं आंटी आप किस तरह का झूला झूलेंगी? मैं चेयर पर बैठ जाउं या खड़े होकर आपको अपने लंड पर झूला झुलाउं?

वो बोली – चेयर पर बैठ कर तो कोई भी झूला झुला देगा. मज़ा तो खड़े होकर झुलाने में है!

उनकी बात सुनकर मैं तुरंत जमीन पर खड़ा हो गया और अपने लंड को उपर की तरफ़ उठा कर कहा – आंटी अब आप तैयार हो जाइये, इस सवारी पर बैठ कर आपको बहुत देर तक झूला झूलना है.

वो बेड पर खड़ी हो गयी, मैने अपने लंड से उनकी चूत का सेन्टर मिलाया और उनको अपने लंड पर उठा लिया. एक पल को मैं गड़बड़ा गया था, बेलेन्स बिगड़ गया था. क्योंकि आंटी का वेट काफ़ी था, मगर मैं सम्भल गया और अब पूरी तरह से आंटी का भार मेरे उपर ही था. वो अपने चूतड़ को उचका रही थी, नीचे से मैं भी धक्के मार रहा था. आंटी आआअह आआआह्ह आआआआआययययीईईइ आआआयययययययीईईइ कर रही थी और उनके उछलने से उनकी बड़ी बड़ी चूचियां उछल रही थी।

मैने उनकी चूची को मुंह में भर कर चूसने लगा और धक्के भी मार रहा था. थोड़ी देर बाद मैं थक गया, तो मैने खड़े खड़े ही धम्म से बेड पर डाई मार दी. आंटी की पीठ जानबूझ कर पीचे की तरफ़ रखी थी, जिससे कि जब मैं बेड पर गिरुं, तो मेरा लंड का धक्का उसकी चूत में तेज़ी से लगे.

एक धड़ाम की आवाज़ के साथ मैं बेड पर गिरा और आंटी के मुंह से एक जोरदार चीख निकली – आअययययीई आआआह्ह राम मार डाला साले हरामीईई क्या करता है! चुदायी या कुछ और भोसड़ी के मादरचोद… कहीं ऐसे भी चोदा जाता है, मुझे बता देते तो अराम से लेट जाती बेड पर. तुम तो लगता है मेरी चूत के साथ साथ बेड भी फ़ाड़ दोगे.

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फ़िर आंटी की धकम पेल चुदायी की, उस दिन रात भर में २ बार बुर चोदी और १ बार गांड मारी.

उस दिन के बाद से अकसर मैं आंटी के घर जाने लगा और अब मेरा ध्यान उनकी जवान लड़की संगीता की तरफ़ था. हालाकि मैने कभी भी कम उमर की लड़कियों की तरफ़ ध्यान नहीं दिया. पर पता नहीं संगीता की चढ़ती जवानी में ऐसा क्या था जो मुझे मदहोश कर देता था. वो छोटी सी स्कर्ट टोप पहन कर जब आती थी, तब उसकी गोरी गोरी जांघें और टोप के अंदर उसकी नन्ही नन्ही चूची देख कर ही, मैं शायद उसका दीवाना हो गया था.

अकसर उसकी पैंटी भी मैं किसी न किसी बहाने से देख ही लेता था. मैने ठान ही लिया था कि इसकी सील मैं ही तोडुंगा और आंटी को चोदने के बाद उसकी लड़की को चोदना कोई मुश्किल काम नहीं था. खैर आप लोग दुआ करे कि मेरा काम बन जाये और संगीता की कुंवारी चूत मारने का मेरा अरमान पूरा हो जाये. अगर ऐसा हुआ, तो मैं पूरी चुदायी की कहानी लिखूंगा पर आप लोग दुआ करे!

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