खुले खेत में मेरी पहली चुदाई

इंडियन एडल्ट स्टोरी के सभी दोस्तो को मेरा प्यार. क्या हाल है दोस्तो? मैं हूँ रीत और मैं पंजाब की रहने वाली हूँ. मेरी उमर है, 24 साल और रंग गोरा और बाकी आपको पता ही है. पंजाब की लड़कियों की बराबरी तो कोई नही कर सकता.

तो अब मैं आती हूँ आज की कहानी पर. ये कहानी मेरे पहले सेक्स के अनुभव के बारे मे है. तब मैं 20 साल की थी और हमारा नया घर बना था, जो की गाओं के बाहर खेतो मे था. मेरा फिगर तकरीबन 32.28.34 है और गाओं के कई लड़के मेरे पर ट्राइ मारते थे. पर मैं किसी को ज़्यादा भाव नही देती थी. उन्मेसे एक लड़का था शमशेर, वो दिखने मे उनसे ज़्यादा स्मार्ट और मजबूत शरीर का मालिक था. हाला की मेरे दिल मे उसके लिए कोई भी बात नही थी. पर जब भी वो सामने आता तो मुझे पता नही क्या हो जाता.

मैं कॉलेज की बस मे जाती थी और बस स्टॅंड तक जाने के लिए खेतो के भीच रास्ते से गुज़रना पड़ता था. एक दिन बस बहुत भरी हुई थी और मैं बस मे चढ़ने लगी. तो देखा शमशेर भी भागता हुआ आ रहा था और वो भी बस मे चढ़ गया.

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बस बहुत ज़्यादा भारी थी, तो मैं बड़ी मुश्किल से खड़ी थी और शमशेर बिल्कुल मेरे से लग कर खड़ा हो गया. मैने सूट पहना हुआ था और उसका हाथ पीछे से मेरी सलवार के उपर से मेरी जाँघो पर था और मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था. पहली बार किसी लड़के का हाथ मेरे को टच कर रहा था और वो भी भीड़ के आड़ मे मेरे शरीर को टच करने का मौका नही छोड़ना चाहता था.

उसका हाथ हल्के हल्के हरकत कर रहा था, तो फिर उसका हाथ हौले हौले मेरी गॅंड पर था. तो मैं मूड कर पीछे देखती हूँ, तो वो मुस्करा रहा था. मैं गुस्से से देखती हूँ और आगे हो जाती हूँ. पर असल मे मुझे भी इस तरह मर्द का हाथ अपने अंगो पर महसूस करके मज़ा आ रहा था और हौले हौले उसके हाथो की स्पीड तेज़ हो रही थी. मेरी भी एग्ज़ाइट्मेंट मे आँखे बंद हो रही थी और मुझे पता भी ना चला कब मेरी चुत ने पानी छोड़ दिया. तब तक शहर आ गया, तो फिर मैं उतर गयी और वो भी पीछे ही उतर गया और मुझे रोक कर बोला की मज़ा आया?

तो मैं हास पड़ी और जाने लगी. तो वो बोला “मैं तुम्हारा आज 2 बजे अपने खेत मे वेट करूगा आ जाना”

मैं “अगर मैं ना आउ”

शमशेर “अरे जान मेरे हाथो मे इतना तो जादू है तुम ज़रूर आऔगी”

फिर वो चला गया और मेरा भी कॉलेज बिल्कुल दिल नही लग रहा था. पहले ही स्पर्श से दिल मे हलचल मच रही थी. उसके हाथो मे सच मे जादू था, मुझसे रहा नही जा रहा था. मैं कॉलेज बीच मे छोड़ कर गाओं की तरफ निकल गयी. रास्ते मे मुझे उसकी बात याद आ रही थी और सच मे मेरी चुत मे भी हलचल मची थी. अब वो भी लॅंड माँग रही थी. आख़िर 20 साल से प्यासी थी, पर दिल मे डर था.

फिर मैने टाइम देखा तो 1:30 बज रहे थे और ये बिल्कुल सही टाइम था. जब तक मैं गाओं पहुँच गयी. 2 बज गये और गाओं पहुँच कर पता नही क्यू, मेरे पैर अपने आप शमशेर के खेत की तरफ चल पड़े. उसके खेत पहुच कर मैने देखा वाहा एक कमरा बना हुआ था.

वो कमरे के बाहर खड़ा था और मुझे देख कर मुस्करा पड़ा और बोला “मैने बोला था रानी, तू ज़रूर आएगी”

मैं कुछ नही बोली और उसने मुझे अपनी तरफ खीचा और मेरे होंठ चूसने लगा. पहले तो मुझे कुछ अजीब लगा पर फिर होले होले मुझे भी अछा लगने लगा. तकरीबन 5 मिनट तक वो मुझे चूमता रहा और बीच मे वो सूट के उपर से मेरे बूब्स सहलाने लगा. मेरी आँखे मधहोशी से बंद हो रही थी.

फिर वो मुझसे अलग हुआ और बोला “मुझे यकीन था की एक दिन इस गाओं के सबसे बेहतर माल को मैं ही चोदुन्गा”

मैं कुछ भी नही बोल रही थी, बस जो हो रहा था उसे होने देना चाहती थी. फिर वो सूट के उपर से मेरे मम्मे मसल रहा था और चुत को प्रेस कर रहा था.

उसकी हरकते मुझे पागल कर रही थी और मैं अब चुदना चाहती थी. फिर मैने कहा “यहा नही कमरे मे चलते है यहा कोई देख लेगा”

शमशेर “अरे जान ऐसे ही तो चुदाई मे असली मज़ा आएगा“.

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फिर उसने मेरी चुनी खिच कर उतार दी और मेरी शर्ट उतारी. नीचे मैने ब्लू ब्रा पहनी थी और वो ब्रा के उपर से मेरे मम्मे चूसने लगा, पागलो की तरह उन्हे मसल रहा था. मैं आहे भर रही थी और मेरी आँखे बंद हो रही थी.

फिर उसने अपना पैजामा कुर्ता उतारा और निकर के उपर से अपने लॅंड पर मेरा हाथ रख दिया. पहली बार मैं किसी लॅंड को पकड़ रही थी. बड़ा ही सख़्त लॅंड था.

फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और लॅंड को सहलाने को कहा. तो मैं हौले हौले उसका लॅंड सहला रही थी और मुझे मज़ा आ रहा था. फिर उसने मुझे उठाया और मेरी सलवार उतारी और फिर पैंटी और ब्रा भी. फिर वो मेरे मम्मे और चुत को चूसने के बाद मुझे वही नीचे लेटा दिया.

मेरी हालत खराब हो रही थी. मैं बोली “अब कुछ करो भी, मेरा हाल बुरा हो रहा है”

वो मुस्कुराया और मेरी चुत पर लॅंड टीका दिया और फिर उसने एक ज़ोर दार धक्का लगाया. उसका लॅंड मेरी चुत की सील को तोड़ता हुआ अंदर चला गया और मेरी आँखो से आँसू आ गये और मेरी चीख निकल गयी.

उसने अपना लॅंड कुछ देर वैसे ही रखा और मेरे मम्मे सहलाने लगा. कुछ देर बाद मैं नॉर्मल हो गयी और फिर वो होले होले धक्के लगाने लगा. मेरी हालत खराब हो रही थी और आँखो से पानी निकल रहा था.

उसके धक्को की स्पीड बढ़ गयी और मैं आहे भर रही थी. मेरे नाख़ून उसकी पीठ पे थे. उसने कुछ देर ऐसे ही पेलने के बाद लॅंड को बाहर निकाला और मुझे मूठ मारने को कहा. तो मैं उसकी मूठ मारने लगी और कुछ सेकंड बाद ही वो ज़ोर से आहे भरने लगा. फिर उसके लॅंड से पिचकारी आई जो सीधा मेरे मम्मो पर गिरी और कुछ और पिचकारियों के बाद उसका लॅंड सिकुड गया. उसका माल मेरे मम्मो और पेट पर गिरा.

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फिर मैने देखा ज़मीन पर मेरी चुत से खून के धब्बे थे. तो मैं डर गयी. तो वो हासणे लगा और बोला “रानी ये तो पहली बार होता ही है, तुम घर जाओ” फिर मैने उसके वीर्या के उपर ही ब्रा पहनी और कपड़े पहने और जाने लगी.

उसने एक ज़ोरदार किस मेरे लिप्स की ली और मैं घर की तरफ चल पड़ी. रास्ते मे मुझसे चला भी नही जा रहा था और मेरी चाल ही बिगड़ गयी थी. बड़ी मुश्किल से घर पहुँची.

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे. ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – सनी

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