मेरा नाम राज है। मैं कानपुर का रहने वाला हूँ। मैं आप को अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ।
हमारे घर मैं, मम्मी और भैया तीन लोग ही थे। भैया का नाम मोहन है मेरे भैया बहुत ही गुस्से वाले हैं।
वो बात बात पर गुस्सा करते थे इसलिये मैं उनसे बहुत डरता था। भैया मुझसे 6 साल बड़े हैं। मम्मी मुझे बहुत प्यार करती थी।
अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!
ये उस समय की बात है जब भैया की शादी हो गयी थी। भाभी का नाम मीना था और वो अभी उम्र में छोटी ही थी।
भाभी मुझे बहुत प्यार करती थी और मेरी देखभाल भी करती थी। उनसे मुझे मम्मी और भाभी दोनो का प्यार मिलता था।
भाभी के आ जाने के कुछ दिन बाद मैंने देखा कि भैया भाभी से बहुत डरने लगे। वो उनकी हर बात, चाहे सही हो या गलत, तुरन्त ही मान लेते थे।
में घर में सबसे छोटा था तोह मुझे मम्मी का सबसे ज्यादा प्यार मिलता था। में आज इतना बड़ा हो गया हु पर आज भी मेरी मम्मी मुझे अपने हाथो से नहलाती और खाना खिलाती हे. अब मम्मी की भी उम्र हो गयी हे।
ये देख एक दिन भाभी ने मम्मी से कहा – अब आप रहने दो, आज से मैं ही राज को तेल लगाऊँगी और नहलाऊँगी भी!
मम्मी ने कहा – मैं तो इसकी छुन्नी(बच्चे का लंड) पर भी तेल लगा कर खूब मालिश करती हूँ। तू कैसे करेगी।
भाभी ने कहा – तो क्या हुआ, मैं राज की देखभाल ठीक वैसे ही करूंगी, जैसे कि आप करती हैं।
भाभी मेरी देखभाल मम्मी की तरह से करने लगी।
वो मेरे सारे कपड़े उतार देती और फिर मम्मी की तरह से मेरे सारे बदन पर तेल लगाती थी, उसके बाद मेरी छुन्नी पर भी तेल लगा कर मालिश करती थी।
फिर वो मुझे अपने साथ बाथरूम ले जाती और अपने सारे कपड़े भी उतार कर एकदम नंगी हो जाती, उसके बाद वो मुझे अपने साथ ही नहलाती थी।
भैया की शादी के 6 महीने के बाद ही मम्मी का स्वर्गवास हो गया, तो मैं उदास रहने लगा।
मैं कई दिनों तक स्कूल नहीं गया।
भाभी ने मुझे प्यार से समझाया- राज, तुम घबराओ मत, मैं तुम्हारी देखभाल ठीक उसी तरह से करूंगी जैसे तुम्हारी मम्मी किया करती थी।
मैं धीरे धीरे भाभी से एकदम घुलमिल गया और मम्मी को भूल गया।
अब मुझे मम्मी कि याद नहीं सताती थी।
जब कभी मैं शरारत करता तो भैया मुझ पर गुस्सा हो जाते थे।
जैसे ही भैया मुझ पर गुस्सा होते, तो भाभी उन्हें घूर कर देखती और वो तुरन्त ही चुप हो जाते।
धीरे धीरे 3 साल गुजर गये।
मेरी छुन्नी भी अब थोड़ी बड़ी हो चुकी थी। भाभी जब तेल लगने के लिये मुझे एकदम नंगा कर देती, तो मुझे शरम आती थी।
फिर जब वो मेरे सारे बदन पर तेल लगने के बाद मेरी छुन्नी पर तेल लगा कर मालिश करती, तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था, तब मैं और ज्यादा शरमा जाता था।
वो कभी कभी मेरी छुन्नी को चूम भी लेती थी।
भाभी मुझसे अकसर मजाक में कहा करती थी – तेरी छुन्नी तो जवान आदमियों की तरह हो गई है।
मुझे अब तेरी शादी करनी पड़ेगी। मुझे तेरी छुन्नी बहुत अच्छी लगती है।
उनकी बात सुनकर मैं शरमा जाता था।
मैंने भाभी से कहा – अब मैं बड़ा हो गया हूँ मैं खुद ही नहा लूंगा।
वो बोली – क्यों अब तुझे शरम आती है।
मैंने कहा – हाँ। वो बोली – बदमाश कही का, आज तक मैं तेरी छुन्नी पर तेल लगा कर मालिश करती रही और तुझे अपने साथ नहलाती रही। मुझे आज तक शरम नहीं आयी और तू अब शरमा रहा है। मैं तेरी शादी होने तक खुद ही तेरी छुन्नी कि तेल लगा कर मालिश करूंगी और नहलाऊँगी भी। अगर बदमाशी करेगा तो मैं तुझे मारूंगी भी और तेरे भैया से कह दूंगी, फिर तुझे बहुत डांट पड़ेगी।
मैं भैया से बहुत डरता था इस लिये मैं चुप हो जाता था। भाभी अभी भी मेरे लण्ड को छुन्नी ही कहती थी।
धीरे धीरे मेरी छुन्नी पूरी तरह से लण्ड बन गयी।
भाभी अभी भी मुझे भैया का डर दिखा कर मेरी छुन्नी पर तेल लगाती और मुझे नहलाती भी थी।
भाभी के हाथ लगाने पर मेरा लण्ड बहुत सख्त हो जाता था। भाभी को तेल लगाने पर और भी मस्ती आने लगी थी।
एक दिन मैंने भाभी से कहा – अब तो मैं जवान हो गया हूँ। मेरी छुन्नी भी अब लण्ड बन गयी है। जब तुम मेरे लण्ड पर तेल लगाती हो तो मुझे कुछ कुछ होने लगता है, सख्त भी हो जाता है। अब मैं खुद ही नहा लिया करुंगा।
वो मुसकुराते हुये बोली – ठीक है, अब मैं तुझे नहीं नहलाऊँगी और ना ही तेल लगाऊँगी। अब तो खुश है ना।
मैंने कहा – हाँ, अब मैं बहुत खुश हूँ।
उसके बाद मैं खुद ही अपने सारे बदन पर तेल लगने लगा और नहाने भी लगा।
धीरे धीरे 2 साल और गुजर गये। अब मेरा लण्ड पूरे शवाब पर आ चुका था और 8″ लम्बा और खूब मोटा हो गया था।
मैं अब भी एकदम नंगा ही नहाता था। मैं भाभी से ज्यादा शरमाता भी नहीं था इस लिये मैं बाथरूम का दरवज़ा खुला छोड़ कर ही नहाता था।
भाभी भी मुझसे जरा सा भी नहीं शरमाती थी। वो पहले कि तरह ही एकदम नंगी ही नहाती थी और नहाने के बाद बाथरूम से नंगी ही बाहर आ जाती थी।
एक दिन मैं नहा रहा था और भाभी बाथरूम के पास से गुजर रही थी तो उनकी निगाह मेरे लण्ड पर पड़ी।
उन्होंने मेरे लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुये मजाक किया और कहा – बाप रे, तेरी छुन्नी तो अब एकदम खतरनाक हो गयी है। इतनी बड़ी छुन्नी मैंने आज तक नहीं देखी है। तू जवान भी हो गया है। अब तो तेरी शादी करनी ही पड़ेगी।
मैं शरमा गया और मैं टावेल लपेटने लगा।
भाभी बोली – पहले तो खूब मज़े से अपनी छुन्नी पर तेल लगवाता था। अब शरम आ रही है।
मैंने शरमाते हुये कहा – भाभी, जाओ ना।
वो बोली – अब बाथरूम का दरवाज़ा बन्द कर के नहाया कर, नहीं तो तेरी छुन्नी को मेरी नज़र लग जायेगी।
मैंने मजाक किया और कहा – तुम हमेशा इसे छुन्नी ही कहती रहोगी। ये तो अब छुन्नी से इतना बड़ा और मोटा लण्ड बन गया है। अब इसे लण्ड ही कहा करो।
वो बोली – अच्छा बाबा, अब मैं इसे लण्ड ही कहूँगी। मैं जाती हूँ, तू नहा ले।
भाभी चली गयी।
मैं नहाने लगा।
एक दिन भाभी उदास बैठी थी, मैंने पूछा – क्या हुआ?
वो बोली – कुछ नहीं।
मैंने ज़िद करते हुये कहा – बताओ ना?
वो बोली – 6 साल गुजर गये और आज तक मैं माँ नहीं बन पाई। सारा दोष तेरे भैया का ही है।
मैंने कहा – क्या किया भैया ने?
वो बोली – वो मुझे मां बनाने के लायक ही नहीं हैं।
मैंने पूछा – क्यों?
वो बोली – मुझे शरम आती है।
मैंने कहा – आज तक तो मुझसे नहीं शरमाती थी, कब से शरम आने लगी?
वो बोली – बात ही कुछ ऐसी है।
मैंने कहा – बताओ ना?
वो कहने लगी – तेरा लण्ड देख कर मैं सोचती हूँ कि काश तेरे भैया का भी ऐसा होता, तो आज मेरी कोख सूनी ना रहती। मुझे उनसे मज़ा भी नहीं मिल पाता।
मैंने कहा – इसमें मैं क्या कर सकता हूँ?
वो बोली – अगर मैं तुझसे एक बात कहूँ तो तू बुरा तो नहीं मानेगा. क्योंकि वो बात कुछ ठीक नहीं है और मुझे ऐसा करना भी नहीं चाहिये।
मैंने कहा – तुम मेरे लिये इतना सब कुछ करती हो, क्या मैं तुम्हारे कुछ भी नहीं कर सकता। तुम बताओ तो सही?
वो बोली – इतने साल मैंने केवल तुझे पाल-पोस कर कर बड़ा करने में गुजार दिये और कभी मां बनने के बारे में सोचा ही नहीं।
मैंने कहा – तुम बताओ तो सही कि मुझे क्या करना है?
भाभी बोली – मुझे शरम आती है।
मैंने कहा – जब मैं शरमाता था तब तो तुम मुझ पर गुस्सा होती थी। अब तुम शरमा रही हो तो मुझे क्या करना चाहिये, बताओ।
मेरी बात सुनकर वो हंस पड़ी और बोली – मैं मां बनना चाहती हूँ और साथ ही साथ मैं चुदाई का मज़ा भी लेना चाहती हूँ। अगर तेरा कोई दोस्त हो और उसका लण्ड तेरे जैसा हो तो…
इतना कह कर वो चुप हो गई।
मैंने कहा – मैं समझ गया भाभी, लेकिन अगर भैया को पता चल गया तो?
वो बोली – वो क्या कर लेंगे। तू तो जानता ही है कि मैं जब उन्हें घूर कर देखती हूँ तो वो चुप हो जाते हैं। वो मेरी हर सही या गलत बात को मान भी लेते हैं। वो ऐसा क्यों करते हैं मैं आज तुझे बताती हूँ। तेरे भैया का लण्ड बहुत छोटा है। उनका लण्ड ठीक उतना ही बड़ा है जितना 13 साल के उमर में तेरा था। उनका चुदाई का काम भी बड़ी मुश्किल से 2 मिनट में ही खत्म हो जाता है। इसीलिये वो मुझसे डरते हैं।
मैंने कहा – अब मैं समझा कि वो तुमसे इतना डरते क्यों हैं!
भाभी ने कहा – मुझे तेरे भैया से कोई डर नहीं है।
मैंने कहा – आस पास के लोग क्या कहेंगे?
वो बोली – मैं यहाँ थोड़े ही चुदवाऊँगी। तेरे दोस्त के पास ही चलूंगी और तू मेरे साथ चलेगा।
मैंने कहा – मेरा एक दोस्त है, शिव। वो अकेले ही रहता है। मैं उससे बात कर लूँ, फिर तुम्हें उसके पास ले चलूँगा।
भाभी ने कहा – मुझे तेरे जैसा लण्ड भी चाहिये।
बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!
अब मैं भाभी से ज्यादा शरमाता भी नहीं था। मैंने तुरन्त ही अपनी लुंगी उतार दी और कहा – फिर मेरे लण्ड से ही काम चला लो। इधर उधर जाने कि क्या जरूरत है?!
उम्मीद हे आपको मज़ा आ रहा होगा. कहानी आगे जारी रहेगी दोस्तों।
अगली कहानी में पढ़िए – क्या भाभी के लिए में नया लंड खोज पाया?