(Shadishuda Bahen ki Chut Chudai)

शादीशुदा बहन की चुत चुदाई

हाय फ्रेंड्स, आप लोगो का इंडियन एडल्ट स्टोरी में स्वागत है। मैं रोज ही इसकी सेक्सी स्टोरीज पढ़ता हूँ और आनन्द लेता हूँ। आप लोगो को भी यहाँ की सेक्सी और रसीली स्टोरीज पढने को बोलूंगा। आज फर्स्ट टाइम आप लोगो को अपनी कामुक स्टोरी सुना रहा हूँ। कई दिन से मैं लिखने की सोच रहा था। अगर मेरे से कोई गलती हो तो माफ़ कर देना।

हेलो दोस्तो मेरा नाम अनुज है और आज मैं आपको अपनी एक देसी सेक्सी बेहन की चुदाई कहानी बताने जा रा हूँ जो की कुछ समय पहले हुआ था.

दोस्तो मैं अभी जवान हूँ और मेरे अंदर जवान खून ही दौड़ रहा है. जिसके चलते मैं एक बहोत बड़ा चुदक्कड बन गया हूँ और तो और मैने अपनी मा, चाची, बेहन सबको चोद रखा है और चोदु भी क्यो ना, आख़िरकार उन्होने ही मुझे इतना बड़ा चुदक्कड बनाया है की मुझे रात भर नींद नही आती जब तक चोद ना लून.

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दोस्तो, आज की कहानी मेरी बेहन के साथ है जिसकी शादी हो चुकी है और उसको भी मैने दीदी के ससुराल मे ही  चोदा था. मेरी बेहन का नाम पूजा है और वो मुझसे 3 साल बड़ी है जिसकी वजह से उनकी शादी पहले हुई है.

तो दोस्तो अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले चलता हूँ.

दोस्तो, मेरी दीदी को मैने उन्ही के ससुराल मे ही चोद रखा है. जब मेरा भांजा उनके बूब्स से लग कर दूध पी रा था और जब मैने अपनी बेहन के बड़े-बड़े बूब्स देखे, तो मेरा दिमाग़ ही हिल गया और मैने अपने छोटे से भानजे के सामने ही उसकी मा यानी अपनी बेहन को चोद डाला.

मेरी बेहन का पति यानी की मेरे जीजू दीदी को चोदते तो थे, पर वो मेरी दीदी को सॅटिस्फाइड नही कर पाते थे. जिसकी वजह से मैं जब भी दीदी के पास जाता था, तो वो मुझसे चुदवाति थी और अपनी चूत की प्यास को ठंडा करवाती थी.

एक दिन की बात है, मैं अपनी दीदी के ससुराल मे गया हुआ था और वाहा पर आए हुए मुझे 4 दिन हो गये थे पर उन 4 दीनो मे मुझे दीदी को चोदने का मौका नही मिल पा रहा था. क्योकि जीजू अभी घर पर ही थे. इसलिए मैं हर रात दीदी के नाम की मूठ मार दिया करता था.

ऐसे ही 4 दिन बाद जीजू को ऑफीस के काम से 2 दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया था. जिसकी वजह से अब दीदी घर पर अकेली थी. पर अकेली हो कर भी अकेली नही थी. क्योकि उनकी सासू मा भी वही पर ही रहती थी. और वो डेली सुबह मंदिर के लिए घर से निकलती थी. इसलिए मैं अपनी दीदी को सुबह-सुबह चोदने के लिए आंटी के मंदिर जाने का इंतेज़ार करने लग गया. क्योकि जीजू तो पहले ही जा चुके थे और आंटी के जाने के बाद मैं अपनी दीदी के पास जा कर उन्हे चोद सकता हूँ.

फिर जब आंटी गई तो मैं फटाफट किचन मे गया, क्योकि दीदी वही पर खड़ी हो कर बर्तन सॉफ कर रही थी और मैं उनके पास जा कर उनके बूब्स को उपर से ही पकड़कर दबाने लग गया था.

मैं – मेरी प्यारी दीदी, आपको चोदने के लिए तो मैं कब से इंतेज़ार कर रा हूँ.

दीदी – छोड़ मुझे, मुन्ना जाग गया, तो तंग करेगा. इससे पहले मैं घर के काम ख़तम कर लून.

मैं – दीदी आपको तो पता ही है की मैने जब से मा को चोदा है, तब से मैं एक रात भी बिना चूत मारे सो नही सकता.

दीदी – नही अभी रहने दे. क्योकि मा जी के आने का भी टाइम हो रा है.

मैं उनकी बात कहा सुनने वाला था, इसलिए मैं उपर से ही बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लग गया और अपना लंड उनकी गॅंड मे घुसाने लग गया.

दीदी- तू नही मानेगा ना चल मैं ही हार मान लेती हूँ. चल अब जो करना है जल्दी कर.

मैं दीदी की बात सुन कर बहोत खुश हुआ और मैने दीदी से कहा – दीदी मैं कपड़ो के साथ ही चोद डालता हूँ, जिससे मेरी अब ये प्यास भुज जाए.

दीदी – नही, तुझे पता तो है की मुझे उपर से चुदवाने मे कोई मज़ा नही आता है.

मैं – ठीक है दीदी जो करूँगा अछेसे करूँगा.

अब मैं दीदी के होंठो मे अपने होंठ डाले और चूसने लग गया और साथ ही साथ दीदी की सारी को पेटिकोट के साथ ही उठा कर उनकी चिकनी चूत मे उंगली उपर नीचे करने लग गया. जिससे दीदी गरम होने लग गई और फिर दीदी सिसकारिया भरती हुई बोली – चलो अब अपना हथियार डाल भी दो. आप यह शादीशुदा बहन की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे.

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अब मैने दीदी की बात सुनते ही अपने 8 इंच मोटे लंड को बाहर निकाला और फिर दीदी की चूत पर रखते ही, अंदर ज़ोर दार धक्के से पूरा उतार दिया और ज़ोर ज़ोर से चूत को चोदने लग गया. और दीदी भी मज़े मे आअहज आहह करने लग गई. मैं दीदी को चोद ही रा था की मुन्ना रोने लग गया और फिर दीदी ने मुझे मुन्ना को लाने को कहा. क्योकि यहा मैं दीदी की चुदाई कर रा था, तो दीदी अपनी चुदाई को बीच मे ना रोकते हुए, मुन्ना को यही पर खड़ी करके दूध पिलाने को तैयार थी. पर मुझे ये सब पसंद नही था, इसलिए थोडा गुसा भी हो पड़ा था. पर मेरी दीदी के आगे कहा चलनी थी.

अब मैं दीदी के कहने पर मुन्ना को ले आया और दीदी की गोद मे थमा दिया औट दीदी उसको अपना दूध पिलाने लग गई. अब मैने फिर से दीदी को चोदने के लिए टांग उपर उठा दी और अपना पूरा लंड दीदी की चूत मे उपर नीचे करने लग गया. जिससे दीदी को खूब मज़ा आने लग गया और साथ ही साथ मुझे भी खूब मज़ा आने लग गया और हम दोनो ऐसे ही चुदाई मे मदहोश थे की दीदी को कुछ आहट सी हुई तो दीदी ने मुझे रोकते हुए कहा – बाहर कोई है, लगता है मा जी आ गये है.

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ये सुन कर मैं फटाफट दीदी की चूत से लंड निकाला और दीदी ने भी मुझे मुन्ना को थमाते हुए सारी को ठीक करने के बाद बर्तन धोते हुए बोली- मुन्ना को संभाल. ये कबसे रो रहा है इस चक्कर मे बर्तन भी धोना मुश्किल हो रा है.

मैं अब बाहर आ कर देखा तो आंटी सच मे आ रही थी और दीदी के पास आ कर पूछने लगे – तू मेरे बीटीये कों तंग कर रा है.

ये बात सुन कर मुझे कुछ अजीब सा फील हुआ की शायद आंटी ने सब कुछ देख लिया है और मेरी ये बात सच भी हुई. क्योकि शाम को हम दोनो को आंटी से डाट भी पड़ी. पर आंटी ने मुझे अपने लंड से चोदने को कहा जो की मैने उन्हे चोदा भी. पर ये मैं आपको अपनी अगली कहानी मे बतौँगा, क्योकि इस वक़्त तो मेरी मा का फोन आ गया था क्योकि उनकी चूत मे कीड़े चल रहे थे जो की मेरे लंड से ही शांत हो सकते थे.

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