साली ने जीजाजी का प्यार पा ही लिया

मेरा नाम अनु है, मैं पंजाब के शहर बठिंडा में रहती हूं। मेरे घर में मम्मी-पापा, मेरी एक बड़ी बहन है और एक छोटा भाई है, मेरी बहन की शादी हो चुकी है।

मेरी यह कहानी पिछले साल की है। मेरा परिवार पारंपरिक विचारधारा वाला परिवार है परंतु फिर भी मेरी पढ़ने की इच्छा देखकर उन्होंने मेरा एडमिशन चंडीगढ़ के एक अच्छे कॉलेज में करा दिया था। मैं चंडीगढ़ में अकेली किराये के कमरे में रहती थी।

वैसे तो मैं बहुत शर्मीले स्वभाव की लड़की हूं लेकिन मैं यहां पर अकेली रहती थी इसलिए मैं कुछ आजाद ख्यालों की हो गई थी। पहले तो मैं लड़कों से दूर ही रहती थी, उनसे बात करने से भी घबराती थी, परंतु अब मैंने कुछ लड़कों से दोस्ती कर ली थी। लड़कों से दोस्ती करने के बाद अब मैं लड़कों से सहज होकर बात कर पाती थी. परंतु मैं जानती थी कि मेरे दोस्त मुझे अकेली लड़की समझकर मेरा फायदा उठाकर मेरा शरीर पाना चाहते थे परंतु मैं उन्हें कोई मौका नहीं देती थी।

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

ऐसा नहीं है कि मेरा मन शरीर की प्यास बुझाने के लिए नहीं करता था लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि मेरे किसी काम से मेरे परिवार को कोई शर्म महसूस करनी पड़े। फिर यह लड़के तो अनजान थे और उन्हें मेरे परिवार की इज्जत से कोई लेना देना नहीं था।

मेरा मन जब भी अपने शरीर की प्यास बुझाने के लिए करता तो मैं अपनी उंगली से रात को अपना पानी निकाल लेती। रात को कई बार दरवाजा बंद करने के बाद मैं अपने सारे कपड़े निकाल कर बिना कपड़ों के बिस्तर पर आ जाती और फिर अपने हाथों से अपनी चुचियों को होले होले से दबाती. धीरे धीरे अपने होठों को काटती और धीरे-धीरे अपनी जांघों पर अपने हाथ प्यार से फिराती. फिर धीरे-धीरे अपनी उंगली को अपनी चूत में डालकर हिलाती और अपना पानी निकाल लेती थी।

इस तरह से मुझे बहुत मजा आता, इस तरह से नंगे होकर सोना मुझे अच्छा लगता। आप यह जीजा साली चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे.

पहले मैं इस तरह की प्यास महसूस नहीं करती थी लेकिन मेरी बहन की शादी के बाद जब भी मेरी बहन हमारे पास बठिंडा आती थी. तो मुझे यह बात अजीब लगती थी कि वह जीजा जी के बिना वहां रह ही नहीं पाती थी और जीजाजी को जल्दी से उसे ले जाने के लिए कहती थी.


बाद में मुझे एक बार मेरी दीदी की सहेली ने बताया कि मेरी दीदी जीजाजी का लंड चूत में लिए बिना नहीं रह पाती है इसलिए वह जीजा जी को जल्दी बुलाती है।

यह सुन कर मेरे मन में भी गुदगुदी सी होने लगी उसके बाद मैं सेक्स के बारे में और ज्यादा जानने की कोशिश करने लगी। मैं भी अब जवान होने लगी थी इसलिए मेरी चूत में भी लंड के लिए प्यास लगने लगी थी।

अब तो जीजा जी को देख कर भी मेरी चूत में पानी आ जाता था।

मैं अपने दीदी और जीजाजी दोनों से ही बहुत प्यार करती हूं, दीदी और जीजाजी दोनों ही मेरा बहुत ख्याल रखते हैं।

इस बार दीदी ने छुट्टियों में मुझे अपने पास बुलाया था इसलिए मैं बहुत खुश थी पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह खुशी एक महीने के लिए दीदी के पास जाने की है या जीजा जी के पास रहने की।

मेरे जीजाजी बहुत अच्छे स्वभाव के और बहुत प्यारे इंसान हैं। जो कोई उनसे मिलता है वह उनसे प्यार कर बैठता है। मैं भी उन्हें बहुत पसंद करती हूं और सोचती हूं कि मेरे को भी उनके जैसा ही कोई जीवन साथी मिले। कई बार मुझे दीदी की किस्मत से जलन होती है कि जीजाजी उनको मिले।

इस बार जब मैं दीदी के पास पहुंची तो दोनों ने बहुत खुशी के साथ मेरा स्वागत किया. वहां जाकर 4 दिन कब गुजर गए मुझे पता भी नहीं लगा।

शनिवार की रात जब अचानक मेरी आंख खुली तो मुझे मेरी दीदी की सिसकारियां सुनाई दी, मैं समझ गई कि मेरे जीजाजी मेरी दीदी की चूत में लंड डालकर चोद रहे हैं।

मैंने धीरे से अपनी आंखें खोली तो देखा कि दोनों ही बिना कपड़ों के बेड के ऊपर थे. जीजाजी पूरी ताकत से अपना लंबा और मोटा लंड दीदी की टांगें उठाकर उनकी चूत में डाल रहे थे और अपने हाथों से दीदी की चूचियां मसल रहे थे।

यह सेक्सी नजारा देखकर मेरी चूत में भी पानी आ गया, मैंने चादर के अंदर ही अपना लोअर थोड़ा नीचे किया और अपनी चूत में उंगली डालकर उसे अपने जीजा जी का लौड़ा समझ कर हिलाने लगी।

लगभग पन्द्रह मिनट के बाद जीजा जी ने अपना पानी दीदी की चूत में निकाल दिया. तब तक मैं भी झड़ चुकी थी.

इसके बाद दीदी और जीजाजी दोनों सो गए लेकिन मेरे को नींद नहीं आ रही थी. मैं जीजाजी का लौड़ा अपनी चूत में लेने के सपने देख रही थी और इसके लिए प्लान बना रही थी. फिर यह सोचते सोचते मुझे नींद आ गई।

इतवार का दिन आया लेकिन उस दिन सुबह ही दोनों में किसी बात को लेकर तकरार हो गई. इस कारण से दीदी का मूड खराब हो गया. हालांकि गलती दीदी की ही थी लेकिन वह जीजाजी को दोष दे रही थी. जीजा जी ने बाहर घूमने का प्रोग्राम बनाया था लेकिन दीदी जाने के लिए तैयार नहीं थी. मुझे बहुत बुरा लग रहा था और दीदी पर गुस्सा आ रहा था.

जीजाजी दीदी को मनाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह मान नहीं रही थी. यह देख कर मेरे मन में जीजा जी के लिए सहानुभूति और प्यार आने लगा. आप यह जीजा साली चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे.

जब दीदी जाने के लिए तैयार नहीं हुई तो मैंने कहा- मैं भी 4 दिन से घर पर हूं इसलिए मेरा भी कहीं बाहर जाने का मन है.

पर दीदी ने कहा- तुम अपने जीजा जी के साथ चली जाओ, मैं नहीं जाऊंगी।

मैं मान गई और जीजाजी के साथ मॉल में घूमने के लिए चली गई।

जीजा जी ने अपनी बाइक निकाली और मैं उनके पीछे बैठ गई. रास्ते में जब भी जीजाजी ब्रेक लगाते थे, तो मेरी चूचियां उनके पीठ के साथ में लग जाती थी. इस पर मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरा मन कर रहा था कि मैं उनको अच्छे से पीछे से जकड़ लूं और अपनी चूचियां उनकी पीठ में गड़ा दूं… पर वे क्या सोचेंगे मेरे बारे में… यह सोच कर मैं बैठी रही और थोड़ी-थोड़ी चूचियां टकराकर ही मजे लेते रही।

उन्होंने मॉल में मुझे खूब घुमाया, खिलाया-पिलाया, हमने खूब इंजॉय किया। हम वापस घर के लिए चलें तो इस बार मैं जीजाजी से अच्छे से सट कर बैठ गई थी और अपनी चुचियों को मजा दे रही थी. मुझे लगा कि जीजाजी भी इसको इंजॉय कर रहे हैं. यह सोचकर मेरी चूत गीली हो गयी।

घर पहुंचने के बाद भी दीदी जीजा जी से बात नहीं कर रही थी.

रात को खाना खाने के बाद हम सोने को चले गए. मेरे को नींद नहीं आ रही थी लेकिन मैं आंखें बंद करके लेटी थी। मैंने सुना कि जीजाजी दीदी को अपने पास बुलाकर प्यार करना चाह रहे थे लेकिन दीदी मुंह घुमा कर सो गई। थोड़ी देर जागने के बाद जीजाजी भी सो गए.

आज मेरे को नींद नहीं आ रही थी. मेरी चूत में आग लगी हुई थी. फिर जीजा जी भी प्यासे थे. यह सोच कर मेरी चूत और ज्यादा पानी छोड़ रही थी।

जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उठकर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और जीजाजी को देखा तो वे बेड के किनारे पर सीधे लेटे हुए थे और उनका लंड पजामे में से उभरा हुआ दिख रहा था. मैं वहीं बेड के पास घुटनों पर बैठ गई और उनके पजामे को थोड़ा नीचे करके उनके लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे प्यार से चूसने लगी.

तभी जीजा जी की आंख खुल गई और वे हैरानी से मेरे नंगे बदन को देखने लगे। उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह से निकालने की कोशिश की लेकिन मैंने अपना दबाव थोड़ा बढ़ाकर उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.

उन्होंने कुछ बोलने के लिए अपने लब खोले तो मैंने अपनी उंगली उनके होठों पर रख दी. फिर मैंने उन्हें आंखों से वह कमरे से बाहर चलने का इशारा किया. आप यह जीजा साली चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे.

वे समझ गए और हम दोनों उठ कर कमरे से बाहर आ गए.

जैसे ही वे बाहर आये, मैं उनसे लिपट गई और हौले से फुसफुसाकर उन्हें कहा- आज मुझे मना ना करें… नहीं तो मेरी जान चली जाएगी!

अब तक लंड चूसने से उनका लंड भी खड़ा हो गया था, उन्हें भी चूत की जरूरत महसूस होने लगी थी. वे मुझे ड्राइंग रूम में ले गए और वहां पर सोफे पर लेटा दिया.

उन्होंने कहा कि वे मेरी हर इच्छा पूरी कर देंगे.

यह कहकर उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए. हम दोनों की जिह्वा आपस में मिली और दोनों को ही मज़ा आने लगा. उनके हाथ मेरी चुचियों पर दबाव डालने लगे. उन्होंने अपने अंगूठे और उंगली के बीच मेरी चूची को लेकर मसल दिया मैं सिसकारी भर उठी।

उन्होंने दूसरी चूची को अपने मुंह में ले लिया और प्यार से चूसने लगे. उनका हाथ अब मेरे पेट और नाभि के ऊपर से होकर मेरी चूत तक पहुंच गया था. उन्होंने प्यार से मेरी चूत को सहलाया और एक उंगली मेरी चूत में डाल दी.

मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गई इतना आनंद कभी मुझे अपनी उंगली से नहीं मिला था. उनके सिर के ऊपर हाथ रखकर मैं उसे चूची पर जोर से दबाने लगी.

थोड़ी देर बाद उन्होंने उठकर अपने सारे कपड़े निकाल दिए. मैंने उनके लंड को फिर से मुंह में ले लिया उसको खूब चूसा, चूमा. उसके बाद उनके बलिष्ट शरीर को हर जगह पर चूमा. उनकी छातियों में अपनी चुचियाँ गड़ा दी और जोर से उनको अपने साथ सटा लिया. उनका लंड मेरी चूत के पास में टकरा रहा था, मैं तड़प रही थी उसे अपनी चूत के अंदर लेने के लिए!

मैंने जीजा जी को कहा कि अब और देर ना करें और मेरी कुंवारी चूत का बरसों पुराना ख्वाब पूरा कर दें!

उन्होंने फिर से मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी टांगों के बीच में आकर अपना लंड मेरी चूत से सटा दिया। उन्होंने आगे झुक कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और साथ ही साथ अपने लंड को एक झटके में मेरी चूत के अंदर डाल दिया.

मैं दर्द से चीख पड़ी लेकिन मेरी चीख उनके मुंह में ही दब गई कुछ देर ऐसे ही रुकने के बाद मुझे दर्द कम हो गया और मज़ा आने लगा. अब उन्होंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए और मुझे ऐसा आनंद मिला ऐसा कभी नहीं मिला था.

इस तरह उन्होंने मुझे आधे घंटे तक लगातार चोदा और इस दौरान में दो बार झड़ चुकी थी. फिर उन्होंने अपने धक्कों की रफ़्तार तेज कर दी और अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया. आप यह जीजा साली चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे.

इसके बाद फिर से उन्होंने मुझे प्यार से चूमा और ऊपर से हट गए.

जब हमारी धड़कन कुछ संयत हुई तो उन्होंने मुझसे पूछा- तुम यह कब से चाहती थी?

मैंने कहा- मैं आप से बहुत पहले से प्यार करती हूं और हमेशा आपको पाने की चाहत रखती थी लेकिन खुद को काबू में रखा लेकिन आज दीदी के आपसे खराब व्यवहार के बाद खुद को काबू में नहीं रख पाई। आप मुझसे वादा कीजिए कि दीदी के साथ-साथ आप मुझे भी इसी तरह से प्यार करते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि वे मुझे भी हमेशा प्यार करते रहेंगे और मेरी दीदी को भी!

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से दीदी के खराब व्यवहार की वजह से वह आहत हैं और अपने ऑफिस में काम करने वाली एक लड़की से उनकी नजदीकियां बढ़ रही थी. लेकिन आज मेरा प्यार पाने के बाद वह दीदी की जगह किसी और लड़की को नहीं देंगे और आज मैंने अपने दीदी का घर बचा लिया है.

यह सुनकर मैंने उनके होठों पर अपने होंठ रख दिए. हम फिर से एक दूसरे के प्यार में डूब गए.

उस रात को हमने 4 बार संभोग किया। सुबह के 5:00 बज रहे थे, तब हम कमरे में आकर कपड़े पहन कर फिर से सो गये।

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

इसके बाद जब तक मैं वहां पर थी, तब तक जीजा जी ने मुझे घर पर और बाहर कई बार चोदा। दीदी को इसके बारे में कुछ पता नहीं लगा।

मेरे वापस चंडीगढ़ आने के बाद भी जीजाजी मुझसे मिलने आते हैं और मुझे अब अपनी जिंदगी में प्यार की कोई कमी महसूस नहीं होती. इसलिए अब मैं अपनी पढ़ाई पर भी अच्छे से ध्यान दे पा रही हूं।

आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे अपने चुदाईशी विचार कमेंट या ईमेल करके जरूर बताये. (anvesha@indianadultstory.com)

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • भाभी ने देवर को चोदा

    इस भाभी की चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे एक जवान भाभी अपने पति के विरह में चुदाई की आग में तड़पती हे और अपनी कामवासना अपने देवर से चुद के मिटाती है.

  • सोती हुए मामी की चुत में लंड डाला

    सोती हुए मामी का नंगा बदन देख में अपने आप से आपा खो बैठा और अपना लंड मामी की चुत में डालें लगा, पढ़िए क्या में मामी को चोद पाया?

  • Mama Mami ne Mujhe Randi Bana Diya – Part 1

    Rishton ki chudai kahani me padhiye, Kaise Mami aur mama ne mujhe apne ghar me sex slave bana diya. Uske baad mama ne mujhe apne dost Kamal se bhi chudwaya.

  • Paseene me Bhigi Mami ka Gulam – Part 1

    Garmiyon me bina fan ke sona matlab bhathi me jalna aur jab jawan mami apke baju me ho to londa kaise apne aap ko roke bina rah sake! Padhiye is kahani me.

  • Barish me bhigi sali ki chut chodi

    Dosto, Mera naam raaja he. Me holidays me apne saali ke ghar gaya hua tha. Us waqt ek din baarish ke mausam me mene uske bhige badan ko dekh liya. Tabhi se mujhe meri saali ko chodne ki mansa bani.

आपकी सुरक्षा के लिए, कृपया कमेंट सेक्शन में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी ना डाले।

Leave a Reply

Work with us / हमारे साथ काम करें
Earn / कमाएं: ₹40,000 per month
Apply Now / अभी आवेदन करें!
Advertise with us