Work with us / हमारे साथ काम करें
Earn / कमाएं: ₹40,000 per month
Apply Now / अभी आवेदन करें!

मामा ने ढूंढा तिल

हाय मैं आशी फिर से आपकी सेवा में हूँ. आपको कैसा लग रहा है.. मुझे तो मजा आ रहा है. आपको आ रहा है.. जरूर आ रहा होगा. आपको शायद यकीन नहीं होगा कि घर में आज कोई नहीं है. इसलिए यह वाली कहानी मैं बिल्कुल नंगी होकर लिख रही हूँ और इस दौरान मैं अपनी चूचियों को भींच भींच कर तथा अपनी चुत और गांड में पेन को डालकर सेक्स करूँगी. क्या करूँ शादी नहीं हुई न.. इसलिए चूत को शांत करने के लिए ऐसा करना पड़ता है. अभी तो पेन या पेन्सिल से ही काम चलाना पड़ेगा.

चलो आगे बढ़ते है…

मेरी नयी जॉब दूसरे शहर में लगी थी जहा मेरे मामा रहते हे, तोह में अपने मामा के घर रहती थी। एक दिन की बात हे, कम्पनी के प्रेसिडेंट के यहां से मीटिंग ख़तम कर आने के बाद मैं आते ही सो गई. क्या करूँ बहुत थक जो गई थी.

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

फिर मैं अगले दिन सुबह उठी और नाश्ता करने के लिए गई. अबकी बार मैंने एक छोटी सी निक्कर पहन रखी थी.. और उसके ऊपर टाईट सा टॉप डाला हुआ था, जिसमें से मेरे चूचे कहर बरपा रहे थे. नीचे मामा जी थे जिनको मैं अंकल कह कर बुलाती थी

मैं अंकल को अपनी गांड दिखाते हुए बैठ गई. मैं साफ़ देख रही थी कि अंकल का लंड खड़ा हो चुका था. हम लोग उस दिन सोफ़े पर बैठ कर नाश्ता कर रहे थे. तभी राज(मेरा भाई) ने कहा कि वो आज दिल्ली से बाहर जा रहा है, कल तक आ पाएगा.

कुछ देर बाद राज चला गया. अंकल वहीं पर बैठे हुए थे और चोरी चोरी कभी मेरी तरफ़ देखते, तो कभी मेरी चूचियों की तरफ़ देख रहे थे. जो कि मेरी टी शर्ट मैं उभरी हुई थीं. मैंने मन ही मन सोचा कि चलो क्यों न आज कुछ मजे ही ले लिए जाएं. उस वक्त अंकल ने एक ढीला सा पजामा ही पहन रखा था. मैंने चुपके से अपनी निक्कर की ज़िप खोल ली और धीरे धीरे अपनी टांगें ऊपर की ओर टेबल पर इस तरह से रख लीं कि मेरी चुत हल्की से दिखने लगे. इसके बाद मैंने वहीं रखा हुआ अखबार उठा कर पढ़ने की एक्टिंग करने लगी. मैं चुपके से देखने लगी कि अंकल मेरी हल्की सी दिखती हुई चुत की तरफ़ देख कर अपना लंड मसल रहे थे. फिर थोड़ी ही देर मैं उनका पजामा गीला सा हो गया और लंड नीचे बैठ गया. मैं समझ गई कि उन्होंने माल छोड़ दिया था.

मैंने अंकल से पूछा – अंकल क्या हुआ अभी आपका पजामा एकदम से ऊपर को उठा हुआ था.. फिर गीला हुआ और फिर नीचे बैठ गया.

अंकल मेरी बात सुनकर हंसने लगे और बोले – अरे ये तो नेचुरल है.

ये कहते हुए ही अंकल ने एकदम से अपने लंड को पजामे से बाहर निकाला जो गीला था.

अंकल ने कहा – ये बेचारा भी क्या करे.. बार बार तुम्हें देख कर खड़ा होता है और पानी छोड़ कर बैठ जाता है.

मैंने हंस कर कहा – अब क्या होगा?

तो उन्होंने कहा – कुछ नहीं.. इसका इलाज़ है… लेकिन अभी नहीं रात को होगा.

फिर वो उठे और मेरी गांड को दबा कर ऑफिस जाने के लिए तैयार होने चले गए. मैं समझ गई कि अंकल आज मेरी चुदाई करने के मूड में हैं.

मैंने मन में कहा कि यार जब रात को मजा लेना ही है तो क्यों न अभी से तैयारी कर ली जाए.

फिर मैं बाजार गई और वहां से एक नाईट सूट लेकर आ गई. इसी के साथ एक सेक्सी सी ब्रा पेंटी और स्विमिंग के समय पहनने वाली बिकनी भी ले आई. इन तीनों ही आइटम की ये खासियत थी कि ये सब पारदर्शी थे. नाईटी एक बेबी डॉल किस्म की थी, जो सिर्फ मेरे घुटनों तक आती थी. मैंने ब्रा की सजावटी लेस को कैंची से काट कर इतना छोटा कर लिया था कि वो अब मेरे मम्मों को हल्का सी ही ढँक पा रही थी. साथ ही पेंटी को मैंने चूतड़ की तरफ़ से काट कर एक डोरी नुमा बना दिया था. इस डोरी से बस मेरी गांड का छेद ही छुप रहा था. लेकिन मैंने चुत की तरफ़ से कुछ नहीं किया था.

फिर रात को खाने पर मैं जब इसी बिकनी में पहुँची तो अंकल मुझे देखते ही रह गए.

मैंने पूछा – कैसी लग रही हूँ?

अंकल ने मुझे घूरते हुए कहा – बहुत ही नंगी लग रही हो.. इतने कम कपड़े अगर पहन ही नहीं रखे होते तो और भी मजेदार लगती, आशी तुम इतने कम कपड़े क्यों पहनती हो!

मैंने कहा – पता नहीं अंकल जब मर्द नीचे मेरी चुत और गांड को, ऊपर मेरे मम्मों को घूरते हैं.. तो मुझे बहुत मजा आता है.

अंकल मुस्कुरा दिए. फिर हम लोग खाना खाने लगे.

अधिक कहानियाँ : खुली छत पर गांड की चुदाई की गंदी कहानी

अंकल बोले – आशी तुम्हें याद है कि जब तुम छोटी थीं.. तब तुम कैसे मेरी गोद मैं बैठ कर खाना खाती थीं.. आज भी वैसे ही खा ना!

मैंने कहा – अभी लो..

मैं लपक कर उनकी गोद में जा कर बैठ गई. मैं जानबूझ कर इस तरह से बैठी कि मेरी गांड का छेद उनके लंड के ठीक ऊपर आ जाए. मैं अंकल के लंड की सख्ती को फ़ील कर सकती थी कि मेरे बैठते ही कैसे अंकल के लंड का साइज़ बढ़ने लगा था.

फिर थोड़ी के बाद अंकल ने जानबूझ कर मेरे ऊपर दाल गिरा दी और कहा- अरे सॉरी.. लाओ मैं साफ़ कर देता हूँ.

फिर मेरे मम्मों के ऊपर से मेरे मम्मों को दबा दबा कर साफ़ करने लगे.

फिर मैंने अपनी नाईटी को देखते हुए कहा – अरे यह तो अभी भी गंदी है.. इसे उतार देती हूँ.

ये कह कर मैंने अपनी नाईटी को उतार दिया और मेरा गोरा बदन अंकल को साफ़ दिखने लगा.

तभी अंकल खड़े हुए और बोले – आशी तेरे कंधे पर एक तिल था.. मुझे वो याद है.. और हां एक तिल तो शायद तुम्हारे मम्मों पर भी तो था. तभी तो देख कितने बड़े मम्मे हो गए हैं. ज्योतिषी सही कहते हैं, जिस लड़की के मम्मों के ऊपर तिल होता है. उसके मम्मे जरूर पीने चाहिए, खूब दबाने चाहिए.. और चूसने चाहिए.

मैंने कहा – सॉरी अंकल.. लेकिन मेरे मम्मों पर तो कोई तिल नहीं है.

अंकल ने कहा – ऐसा हो ही नहीं सकता.. लाओ मुझे देखने दो

अंकल मेरे पास आए और मेरी ब्रा फाड़ कर फेंक दी. फिर अंकल मेरे मम्मों को दबा दबा कर देखने लगे. मैंने मस्ती से आँखें बंद कर लीं और अंकल के हाथों से अपने मम्मों को दबवाने का मजा लेने लगी. मेरे आँखें बंद करते ही अंकल ने चुपके से पेन से मेरे मम्मे पर एक तिल का निशान लगा दिया.

फिर अंकल बोले – देखो मैंने कहा था न.. तेरे मम्मे पर तिल का निशान है.

यह बोल कर वो मेरे मम्मों को चूसने लगे.. उन्हें भर भर के दबाने लगे.

फिर खड़े हुए और बोले – वैसे जहां तक मुझे याद है कि एक तिल तुम्हारी चुत पर भी है.

मैंने कहा – नहीं है.

उन्होंने कहा – दिखाओ.

मैंने कहा – हां देख लीजिएगा.

उन्होंने मुझे टेबल पर लिटा दिया और मेरी टांगें फैलाते हुए नीचे को कर दीं, जिससे मेरी चुत ऊपर को उठ गई. फिर अंकल ने मेरी पेंटी हटाने का कहते हुए पेंटी को फाड़ कर हटा दिया.

अब मेरी गोरी गोरी चुत उनके सामने थी. वे मेरी चुत को देखने लगे और बोले – आशी मालूम है.. जिसकी चूत में तिल होता है.. उसे हर रोज़ इसे चुसवाना चाहिए और इसके अन्दर लंड डलवाना चाहिए.

मैंने कुछ नहीं कहा बस आँख बंद करके अंकल के सामने अपनी चुत की प्रदर्शनी लगाए मजा लेती रही. अंकल ने पहले की तरह मेरी चुत पर चुपके से तिल बना दिया… और बोले – देखो मैंने कहा था कि तेरी चुत पर भी एक तिल है.

मैंने कहा – अजीब बात है.. मैंने तो कभी नहीं देखा.

अंकल ने मेरी बात को अनसुना कर दिया और मेरी चूत को चूसने लगे. थोड़ी देर बाद हम फिर से खाना खाने के लिए आ गए. इस वक्त मैं बिल्कुल नंगी थी. मैं फिर से अंकल की गोद में जाकर बैठ गई.

मैंने पूछा – अंकल यह क्या है.. जो मुझे बहुत देर से चुभ रहा है.

अंकल ने मुझे गोद से हटाया और नंगे होकर कहा – देख ले ये और कुछ नहीं.. मेरा लंड है. मैंने कहा था कि मेरा लंड तुम्हारी चुत देख कर ही खड़ा हो जाता है.

मैंने कहा – प्लीज़ अंकल इसका कुछ करो न.. मैं इससे बहुत परेशान हो रही हूँ.

अंकल चेयर पर बैठ गए और बोले – अच्छा दो मिनट रुको.. तुम एक काम करो कि तुम यहां पर आओ.

मैं उनके करीब चली गई. अंकल ने मेरी चुत को दोनों हाथों से खोला और मेरे छेद को चौड़ा करके अपने लंड पर रखते हुए कहा – अब तू झटके से लंड पर बैठ जा.

मैं अपने छेद को अंकल के लंड पर टिकाते हुए बैठ गई. बस देखते ही देखते उनका आठ इंच लम्बा लंड मेरी चुत में घुस गया. लंड बहुत ही मोटा था, मेरी चूत सहन नहीं कर पाई और मैं चिल्ला उठी. मैंने बोला- बहुत दर्द हो रहा है अंकल.

तो अंकल ने लंड घुसेड़ते हुए कहा – चुप हो जा साली कुतिया.. अभी दो मिनट बाद बहुत मजा आएगा.

फिर उन्होंने मेरे मम्मे अपने हाथों में थामे और बैठे बैठे ही नीचे से मेरी चुत में अपने लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए. कुछ ही पलों बाद मैं भी अपनी गांड उछालने लगी.

फिर उन्होंने अपना मूसल मेरी चूत मैं पूरा ठोक दिया.

इसके बाद अंकल खड़े हुए और मुझे गोद में उठा कर मुझे यूं ही लंड फंसाए हुए कमरे में ले गए.

अंकल ने मुझे बिस्तर पर पटक कर चोदना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी चूत की पूरी खुजली मिटवा कर ही दम लिया.

जब अंकल झड़ने को हुए तो मैंने उनसे कहा – मुझे मम्मी न बना देना.

अंकल ने हंसते हुए लंड को चूत से खींचा और मेरे मुँह में लगा दिया. मैंने अंकल के लंड का पूरा माल चूस लिया.

अब हम दोनों नंगे चित्त पड़े थे. बड़ी थकान हो गई थी. हम दोनों ही एक दूसरे से बाते करने लगे.

अधिक कहानियाँ : भाभी ने की लंड पर सर्जिकल स्ट्राइक

अंकल ने कहा – चल आशी मेरे पूरे बदन पर तेल से मालिश कर दे.

मैंने कहा – क्यों?

अंकल बोले – इस तरह से ही तो मेरे लंड का इलाज होगा.

मैंने – अंकल क्या इलाज होना है इस लंड का.. अच्छा ख़ासा तो चुदाई कर लेता है.

अंकल बोले – अरे यार इलाज का मतलब ये है कि अब तुम मालिश करोगी तभी तो ये दुबारा से खड़ा होकर चूत की चुदाई कर पाएगा.

मैंने अंकल के लंड की मालिश करनी शुरू कर दी. फिर अंकल मुझे अपने चूतड़ दिखाए और बोले – यहां पर भी कर.

मैं अंकल के चूतड़ों पर मालिश करने लगी.

फिर अंकल ने एक दूसरा तेल निकाला और बोले – इस तेल को मेरे लंड पर मल दो.

मैंने कहा – अंकल मेरी चूत का भी ख्याल करो.

अंकल बोले – हम्म.. ऐसा करो अपनी गांड को मेरे मुँह के पास लेकर आराम से लेट कर मालिश करो, मैं तेरी गांड को भी मजा दे दूंगा. लेकिन प्लीज़ मुझे आधे रास्ते में मत छोड़ देना.

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

मैंने हंस कर कहा – ओके डार्लिंग..

फिर मैं बैठ कर उसी तरह से मालिश करने लगी और लंड को बड़ा होते हुए देखने लगी.

अंकल के लंड ने खड़ा होने में कुछ देर लगाई.. इसके बाद क्या हुआ मेरी गांड का कचूमर निकला या चुत का भोसड़ा बना… ये तो आप सब अच्छी तरह से समज ही गए होंगे!

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • Sexy mausi ki gand chudai-1

    Meri sexy mausi ko doodhwale ne bathroom me ghusa ke choda. Meri mausi ki hindi sexy story padh kar apne loda khada jarur ho jayega.

  • दोस्त के साथ साली स्वैपिंग

    आज तक आप लोगो ने बीवी स्वैपिंग की कहानी सुनी होगी लेकिन मेरी कहानी में मेने अपनी साली को दोस्त की साली के साथ अदलाबदली करी, पढ़िए इस कहानी में।

  • मौसी की जबरदस्ती चुदाई

    जब में १२ की एग्जाम के बाद नाना-नानी के घर रहने गया. तब कैसे मेने अपनी मौसी को जबर्ज़स्ती चोदा? पढ़िए ये चुदाई कहानी में.

  • Sasur ne rachai bahu ke sang suhagraat

    Shaadi ki pehli raat jaha main soch rahi thi ki pati se chudugi. Padhiye kaise sasur ne akar apni bahu ki chut chudai kar suhagrat manayi.

  • मामी से प्यार की छोटी सी चुदाई कहानी

    मामी को चोदने का मेरा मन ३ साल से था, इसी के लिए मेने मामी को पटना चालू कर दिया। पढ़िए कैसे मेने मामी को प्रोपोज़ कर उनकी चुदाई करी।

आपकी सुरक्षा के लिए, कृपया कमेंट सेक्शन में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी ना डाले।

Leave a Reply