गाँव की गोरी और डॉक्टर-2

कहानी का पिछ्ला भाग: गाँव की गोरी और डॉक्टर-1

“डॉक्टर साहब मुझे बहुत डर लग रहा है, मेरी इज़्ज़त से मत खेलिए ना! जाने दीजिए, मेरा बदन उईइ माँ!”

“मुझ पर यक़ीन करो गोरी … यह एक मर्द का वादा है तुझसे! मैं सब देख लूंगा। तेरा बदन तड़प रहा है गोरी एक मर्द के लिए, तेरी चूत का बहता पानी, तेरे कसते हुए बूब्स साफ़ कह रहे हैं कि अब तुझे संभोग चाहिए।”

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

“साहब।”

“हाँ गोरी मेरी रानी, बोल?”

“मैं माँ बनूँगी ना?”

“हाँ!”

“मेरा मर्द मुझे अपने साथ रख लेगा ना। मुझे मारेगा तो नहीं ना!”

“हाँ गोरी, तू बिल्कुल चिंता ना कर।”

“तो साहब फिर अपनी फ़ीस ले लो आज रात, मेरी जवानी आपकी है।”

“ओह! मेरी गोरी आ जा!”

और हम दोनों फिर लिपट गए मेरा लण्ड विशाल हो उठा।

“डॉक्टर साहब बहुत प्यासी हूँ। आज तक किसी मर्द ने नहीं सींचा मुझे! मेरे तन बदन की आग बुझा दो साहब!”

“तो फिर आ मेरी जाँघों पर रख दे अपने चूतड़ और लिपट जा मेरे बदन से!”

थोड़ी देर बाद मेरे हाथ मेरी कमीज़ के बटनों से खेल रहे थे, कमीज़ उतरी, फिर मेरी पैंट। गोरी की नज़र मेरे बदन को घूर रही थी।

मेरा अंडरवियर इससे पहले फट जाता, मैंने उसे उतार डाला।

और फिर ज्यों ही मैं सीधा हुआ ….

मेरे लण्ड ने अपनी पूरी खूबसूरती से अपने शिकार को पूरा तनकर उठकर सलाम किया। अपने पूरी लंबाई और बड़े टमाटर जीतने लाल सुपारे के साथ!

गोरी बड़े ज़ोर से चीखी और बिस्तर से उठकर नंगी ही दरवाज़े की तरफ़ भागी।

“क्या हुआ गोरी?” मैं घबरा गया, मैं तना हुआ लण्ड लेकर उसकी तरफ़ दौड़ा।

“नहीं, मुझे कुछ भी नहीं करवाना। नहीईए मुझ … मुझे जाअ… जाने दो।” गोरी फिर चीखी।

“क्या हुआ गोरी?” लेकिन मैं उसकी तरफ़ बढ़ता ही रहा।

“साहब आपका ये ल ल लण्ड … ये लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा है ब बा बाप रे!! यह तो गधे के जैसा है … नहीं यह तो मुझे चीर देगा।”

“आओ गोरी, घबराओ मत! असली मोटे और मज़बूत लण्ड ही योनि को चीर पाते हैं! गौर से देखो इसे छूकर देखो। इसे प्यार करो और फिर देखो ये तुम्हें कितना पागल कर देगा।”

“डॉक्टर साहब, है तो बड़ा ही प्यारा और बेहद सुंदर मुस्टंडा सा! मेरा तो देखते ही इसे चूमने का मन कर रहा है उफ़्फ़्फ़्फ़! कितना बड़ा है पर साहब, ये मेरी चूत में कैसे घुस पाएगा इतना मोटा? मैं तो मर जाऊँगी। राजन का लण्ड तो इसके सामने बहुत छोटा है जब वो ही नहीं जाता तो ये कैसे?”

“यही तो मर्द की संभोग कला कौशल होता है मेरी रानी, चूत खोलना और उसे ढंग से चोदना हर मर्द के बस की बात नहीं! वो भी तेरी चूत जैसी कुँवारी, क़रारी! तू डर मत, शुरू में थोड़ा सह लेना बस फिर देखना तू चुदवाते चुदवाते थक जाएगी पर तेरा मन नहीं भरेगा।”

“चल अब आ जा मेरी जान! अब और सहा नहीं जा रहा। मेरे लण्ड से खेलो मेरी रानी।” कह कर मैंने उसे उठा लिया बांहों में और बिस्तर पर लिटा दिया।

उसकी चूत ही नहीं बल्कि घुटनों तक जांघें भी भीग चुकी थी, बूब्स एकदम सॉलिड और बड़े बड़े हो गये थे, साँस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे, साँस ज़ोर ज़ोर से चल रही थी।

मैं बिस्तर पर चढ़ा और उसके सीने पर बैठ गया, उन्नत उठे बूब्स के बीच में मैंने अपने लंबे खड़े लण्ड तो बिठा दिया और दोनों बूब्स हथेली से दबा दिए. मेरा लण्ड बूब्स के बीच में फंस गया। उंगलियों से बूब्स के निप्पल रगड़ते हुए में बूब्स को मसलने लगा और लण्ड से उसके संकरे क्लीवेज को फक करने लगा।

ऊपरी भाग में लण्ड का लाल सुपारा नंगा होकर उसके होंठों से छुआ करता और निचली भाग में नाभि की छुवन। उत्तेजना में आकर गोरी ने ज्यों ही चिल्लाने के लिए लब खोले ही थे कि मेरे लण्ड का सुपारा उसमें जाकर अटक गया और वो गों … गो … गू … गूओ … की आवाज़ करने लगी।

मैंने और ज़ोर लगाया ऊपर को तो लगभग आगे से 2-3 इंच लण्ड उसके मुँह में घुस गया। थोड़ी देर की कशमकश के बाद मोशन में सेट हो गया और मैं स्वर्ग में था।

लण्ड ने स्पीड पकड़ ली थी, गोरी का मुँह भी मेरे सुपारे को मस्त चूस रहां था. सुपारा अंदर तक जाकर उसके गले तक हिट कर रहा था।

कामुकता से गोरी के स्तन और भी बड़े, विशाल हो गये थे। अब मैं हल्का सा उठ कर आगे को सरका और गोरी के बूब्स पर बैठ गया और मैंने जितना संभव था, लण्ड उसके मुँह में घुसा दिया।

मेरी जाँघों के बीच कसा उसका पूरा बदन मोशन में बिना पानी की मछली की तरह तड़प रहा था।

थोड़ी देर के बाद मैंने लण्ड को निकाला और अब गोरी ने मेरे दोनों टट्टों को चाटना शुरू किया। बीच में वो मेरे लंबे लण्ड पर अपनी जीभ फिराती तो कभी सुपारे को चाट लेती।

थोड़ी देर के बाद मैंने 69 की पोजीशन ले ली. तो उसे मेरे काम अंगों और आस पास तक पूरी पहुँच मिल गयी, अब वो मेरे चूतड़ भी चाटने लगी. मैंने भी गांड का छेद उसके मुँह पर रख दिया।

उसने बड़े प्यार से मेरे चूतड़ को हाथों में लिया और मेरी गांड के छेद पर जीभ से चाटा। इस बीच मैंने भी उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटा और चोदा।

पर वाकयी उसकी चूत बड़ी कसी थी जीभ तक भी नहीं घुस पा रही थी उसमें … एक बार तो मुझे भी लगा कि कहीं वो मर ना जाए मेरा लण्ड घुसवाते समय!

फिर मैंने उसे पलट कर के उसके बड़े बड़े गोल गोल चूतड़ भी चूसे और चाटे।

अब गोरी बड़े ज़ोर ज़ोर से सिसकारी भर रही थी और बीच बीच में चिल्ला भी उठती थी। वो मेरे लण्ड को दोनों हाथों से पकड़े हुए थी और अब काफ़ी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी- डॉक्टर साहब, चोद दो मुझे … चढ़ जाओ मेरे ऊपर … घुसा दो डॉक्टर साहब! दया करो मेरे ऊपर, नहीं तो मैं मर जाऊँगी।

“चाहे मैं मर ही जाऊं पर अपना ये मोटा सा लोहे का डंडा मेरे अंदर डाल दो।”

“देखो साहब मेरी कैसी लाल हो गई है गर्म होकर! इसकी आग ठंडी कर दो साहब अपने हथौड़े से।”

“वाह! क्या मर्दाना मस्त लण्ड है डॉक्टर साहब आपका … कोई भी लड़की देखते ही मतवाली हो जाए और अपने कपड़े खोलकर आपके बिस्तर पर लेट जाए. आओ साहब, आ जाओ घुसा दो उफ़्फ़!”

मेरा लण्ड भी अब कामुकता की सारी हदें पर कर चुका था. मैं उसकी टांगों के बीच में बैठा और उसकी टांगों को हवा में भी शेप की तरह पूरी खोल कर उठाया और फिर उसकी कमर पकड़ उसकी चूत पर अपने लौड़े को रखा और आहिस्ता से पर ज़रा कस कर दबाया।

गोरी की कुंवारी चूत इतनी चिकनी थी कि लण्ड का सुपारा तो घुस ही गया और साथ ही गोटी की चीख निकली- आह मर ररर… मर गई डॉक्टर साहब!

“घबराओ नहीं मेरी जान!” और मैंने लण्ड को हाथ से पकड़ थोड़ा और घुसाया।

वो मुझे धक्का देने लगी. वो चिल्ला भी रही थी दर्द के मारे। तब मैं उसे ज़बरदस्ती नीचे पटक कर उस पर लेट गया। अपनी छाती से उसके बूब्स को मसलते मसलते आधे घुसे लण्ड को एक ज़बरदस्त शॉट मारा।

वो इतनी ज़ोर से चीखी जैसे किसी ने मार ही डाला हो! उसका शरीर भी तड़प उठा और उसने मुझे कस कर जकड़ भी लिया था। मेरे लण्ड का क़रीब 6 इंच अंदर घुसा हुआ था। और शायद उसकी कौमार्य की झिल्ली जो तनी हुई थी और अभी फटनी बाक़ी थी।

थोड़ी देर बाद जब वो शांत सी हुई तो बोली- डॉक्टर साहब, मुझे छोड़ दो, मैं नहीं सह पाऊँगी आपका लण्ड।

मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और एक ज़बरदस्त चुम्बन दिया जिसमें उसके कठोर बूब्स बुरी तरह कुचल गये थे।

उसकी लंबी बांहों ने एक बार फिर मुझे लपेट लिया और उसकी टांग भी मेरी टांगों से लिपट रही थी जैसे ठीक से चुदने के लिए पोजीशन ले रही हो।

थोड़ी देर में जब मुझे लगा कि वो दर्द भूल गई है, तो अचानक मैंने लण्ड को थोड़ा सा बाहर निकालते हुए एक भरपूर शॉट मारा। लण्ड का यह प्रहार इतना शक्तिशाली था कि वो पस्त हो गई. एक और चीख के साथ एक हल्की सी आवाज़ के साथ उसका कौमार्य आज फट गया था. शादी के एक साल बाद वो भी एक दूसरे मर्द से और इस प्रहार से उसका ओर्गास्म भी हो गया। उसकी चूत से रस धार बह निकली और बूरी तरह हाँफ़ रही थी।

अब गोरी की चूत पूरी लसीली थी और मैं अभी तक नहीं झड़ा था. मैंने ज़ोरदार धक्कों के साथ उसे चोदना शुरू किया. उसकी टाइट चूत की दीवारों से रगड़ ख़ा के मेरा लण्ड छिल जा रहा था। लेकिन मैं रुका नहीं और उसे बूरी तरह चोदता रहा।

फिर मैंने लण्ड उसकी चूत से खींच लिया और लण्ड एक आवाज़ के साथ बाहर आ गया जैसे सोडा वाटर की बोतल खोली हो।

मैंने उसे डॉगी स्टाइल में कर दिया और पीछे से लण्ड उसकी चूत में डाल उसे चोदने लगा। अब गोरी भी मस्ती में आ गई और मुझे ज़ोर से चोदने के लिए उकसाने लगी- चोदो मुझे डॉक्टर साहब, फाड़ दो मेरी! डॉक्टर साहब, छोड़ना मत मुझे… बुरी तरह फाड़ दो मुझे! और ज़ोर से चोद दो मुझे … मैं दासी हूँ आपकी! आपकी सेवा करूँगी, रोज़ रात दिन आपके सामने बिल्कुल नंगी होकर रहूंगी, “आपके लिए हमेशा तैयार रहूंगी और जब जब आपका लण्ड चाहेगा तब तब चुदवाने के लिए आपके बिस्तर पर लेट जाऊँगी। पर मुझे ख़ूब चोदो साहब … और ज़ोर से … और तेज़ी से चोदो साहब।

उस रात मैंने गोरी को दो बार चोदा।

दूसरे दिन दोपहर में ठकुराईन क्लिनिक में आ गई. मैंने उसे बताया कि चेकअप हो गया है और शाम तक छोटा सा ऑपरेशन हो जाएगा और कल आपकी बहू आपके घर चली जाएगी।

ठकुराईन संतुष्ट होकर वापस हवेली चली गई.

आज रात गोरी ख़ुद उतावाली थी कि कब रात हो। उसे भी पता था कि कल उसे वापस हवेली चले जाना है और आज की रात ही बची है सच्चा मज़ा लूटने का। उसने आज कामवासना में मैंने जैसा चाहा वैसे करने दिया। एक दूसरे के अंगों को हम दोनों ख़ूब चूसा, प्यार किया, सहलाया और जी भर के देखा।

फिर मैंने गोरी को तरह तरह से कई पोज़ में चोदा। साथ में आने वाले दिनों में उसे अपने ससुराल में कैसे रहना है और क्या करना है सब समझा दिया।

दूसरे दिन राजन भी शहर से आ गया, मैंने उसे समझा दिया- गोरी का ऑपरेशन हो गया है!

“डॉक्टर साहब गोरी अब माँ बनेगी ना?”

“हाँ पर तुम जल्दबाज़ी मत करना … अभी एक महीने तो गोरी से दूर ही रहना! और हाँ इसे बीच बीच में यहाँ चेकअप के लिए भेजते रहना, यह बहुत सावधानी का काम है!”

राजन ने कुछ असमंजस से हाँ भरी। फिर वह गोरी को ले गया।

गोरी मेरे प्लान के अनुसार बीच बीच में क्लिनिक में आती रही। मैं उसे शाम के वक़्त बुलाता जब गाँव के मरीज़ नहीं होते। रात 8-9 बजे तक उसे रख उसकी ख़ूब चुदाई करता, गोरी भी ख़ूब मस्ती के साथ मुझ से चुदती।

दो महीने बाद गोरी के गर्भ ठहर गया। मैंने गोरी को समझा दिया कि वह राजन से अब चुदवाए। उसकी चूत को तो मेरे लण्ड ने पहले ही भोसड़ा बना दिया था जहाँ अब राजन का लण्ड आराम से चला जाता।

राजन भी बहुत ख़ुश था कि डॉक्टर साहब के कारण ही अब वह अपनी बीवी को चोद पा रहा है, गोरी पहले ही मेरी दीवानी बन चुकी थी।

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

ठकुराईन को जब पता चला कि गोरी के पाँव भारी हो गये हैं तो उसने क्लिनिक में आ मेरा शुक्रिया अदा किया।

मैं तो ख़ुश था ही और अब किसी दूसरी गोरी की उम्मीद में अपना क्लिनिक चला रहा हूँ।

दोस्तो, आपको कैसी लगी मेरी यह कहानी. मुझे कमेंट करके जरूर बताना.

More from Storyline / श्रृंखला की कहानियां

    गाँव की गोरी और डॉक्टर-1

    गाँव की गोरी को डॉक्टर दिल दे बैठे लेकिन बदकिस्मती से उन्हें दूर दिया पर हालात ऐसे बदले कि साहब को गोरी को इतना करीब लाया कि दोनों दो जिस्म एक जान हो गए..

    गाँव की गोरी और डॉक्टर-2

    इस गांव की छोरी की चुदाई कहानी में पढ़िए. कैसे मेने गोरी को चेकअप करने के बहाने मेरे सामने नंगी कर दिया और उसके बदन को जी भर निहार के उसको चोद कर उसे गर्भवती बनाया।

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • मेरा पहला सेक्स नौकर कल्लू के साथ

    इस नौकर मालकिन की चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे एक १२वी की छात्रा के साथ घर के नौकर ने जबरदस्ती चुदाई करी और उसकी कुंवारी चुत और गांड मारी।

  • चुदाई का पहला अनुभव मौसा के संग

    बरसात की रात में मौसा जी घर पर आये हुए थे। उनके घाटीले बदन ने मुझे जबरदस्ती अपनी गिरफ्त में ले लिया और मेरी चुत की सील तोड़ चुदाई कर डाली।

  • पड़ोस वाले दोस्त की बहन – Part 2

    मेरे पड़ोस वाले दोस्त की बहन पूनम, मेरे लंड को पकड़ कर उसे सेहला रही थी. उसकी गीली चुत देख, मेरा भी लंड उसकी कुंवारी चुत में जाने को मचल रहा था।

  • Sister’s Duo Fucked by Cousin – Part 4

    With set up planned by my sister & cousin brother, They both were holding me naked. My Sister’s bold words made me swim in ocean of lust & my brother pushed his monster inside my virgin pussy.

  • बिहारी नौकर ने मेरी कुंवारी चूत को चोदा

    मेरा नाम मनप्रीत है. में एक बहुत ही सुंदर दिखने वाली कामुक लड़की हु. पर गाओं में रहने की वजह से मुझे अब तक चुदाई का सुख नहीं मिला था. किसी एक दिन मेरी एक सहेली ने मुझे अश्लील वीडियो भेजी थी. जिसे देख कर मेरे अंदर चुदाई का बहुत सवार हो गया. इसी चक्कर में अपने ही घर में काम करने वाले बिहारी नौकर से चुद गयी.

आपकी सुरक्षा के लिए, कृपया कमेंट सेक्शन में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी ना डाले।

Leave a Reply

Work with us / हमारे साथ काम करें
Earn / कमाएं: ₹40,000 per month
Apply Now / अभी आवेदन करें!
Advertise with us