कहानी का पिछले भाग यहाँ पढ़े – सगे भाई ने की जम कर चुदाई का मज़ा – भाग ३
राहुल से चुदवाने का खेल मानो आदत सी हो गई थी…
आज कल हम घर में कभी भी भाई बहन जैसे नहीं रहते… हमेशा गन्दी गन्दी बातें करते…साथ नहाते…
अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!
अब राहुल ने मुझे अपने बॉस से चुदवाने के लिए मन भी लिया था…
उसने एक योजना बनाई थी, जिसमें वो अपने बॉस को हमारे घर पे बुलाएगा और मैं उसे आकर्षित करुँगी अपनी ओर, फ़िर चुदवाने के बाद उससे राहुल की प्रोन्नति की मांग करुँगी…
मैंने उसकी बात बहुत मनाने के बाद मान ली…
योजनानुसार उसने अपने बॉस को शनिवार को घर पे बुलाया ये बात तय हुई कि आज मेरी बहन का जन्मदिन है… उसने मुझे पहले से ही बता रखा था… की आज मुझे मिनी स्कर्ट और घर गले वाला टॉप पहनना है… जिससे कि मैं उसे अपनी ओर आकर्षित कर सकूँ…
शनिवार को, योजना के अनुसार, वो अपने बॉस को लेकर आया… मैंने दरवाजा खोला .. फ़िर उन्हें अंदर बुला कर सोफे पे बैठने को कहा… उसके बॉस का नाम हर्ष था
उन्होंने मुझे जन्मदिन की बधाई दी फ़िर कहा – तुम बहुत सुंदर और प्यारी लग रही हो…
… मैंने थैंक्स कहते हुए शरमाने का नाटक किया…
फ़िर हम सोफे पर बैठ गए ..थोड़ी देर इधर उधर की बातें की ..
बीच बीच में मैं जब भी हर्ष को देखती थी उसकी नजर मेरी नंगी जांघों पे ही होती थी…
मैं जान बूझ कर कभी कभी टांगों को फैला कर उसे अपनी पैंटी भी दिखा रही थी… झुक झुक कर उसे अपने दूधिया स्तन दिखा रही थी…
फ़िर मैंने ध्यान दिया – थोड़ी देर में ही उसका लण्ड मानो तन कर खड़ा हो गया था… वो उसकी पैंट फाड़ कर बाहर निकलने को मचल रहा था…
इसी बीच राहुल ने मुझसे कहा – दीदी आप इनके लिए चाय बनाओ तब तक मैं बाहर से कुछ लेकर आता हूँ…
मैंने कहा – ठीक है…
वो बाहर चला गया…
मैं सोफे पे ही बैठी थी…
थोड़ी देर बाद हर्ष मेरे सामने आकर बैठ गया और बातों बातों में एक दो गंदे वाले चुटकले सुनाने लगा…
फ़िर उसने मेरी जाँघों पे हाथ रख दिया और मेरी तरफ़ देखा…
मैं मुस्कुराने लगी और वहाँ से उठ कर बोली – मैं चाय बना कर लाती हूँ… फ़िर मैं रसोई में चली गई मैं समझ गई की लण्ड तैयार है मेरी बुर फाड़ने के लिए… मैं लाइटर से गैस जला रही थी तभी वो मेरे पीछे आकर खड़ा हो
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गया… और फ़िर मेरे कन्धों पे अपने हाथ रख दिए… मैंने कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपना काम कर ती रही थी… फ़िर वो मेरी तारीफ करने लगा… वही घिसी पिटी… तुम बहुत सेक्सी हो…वगैरह वगैरह।
मैंने भी धीमी आवाज़ में नाटक करते हुए कहा – आप भी बहुत स्मार्ट और बलवान हो…
फ़िर क्या था, उसने अपने दोनों हाथों से मुझे पीछे से जकड़ लिया… और मैं चुपचाप खड़ी रही… फ़िर उसने मेरे दोनों स्तन मसलने शुरू किए… मैं अपनी गाण्ड पे कपड़ों के ऊपर से ही उसके लण्ड को महसूस कर रही थी।
…मैं सीत्कार करने लगी… ऊंह ह आ अ आह ह्हम्म
फ़िर उसने अपने दोनों हाथों को मेरे स्कर्ट के अन्दर डाल कर मेरी गाण्ड को मसलना शुरू कर दिया… फ़िर एक हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर डाल कर उसने मेरी बुर को टटोलना शुरू किया… उसके हाथ मेरी बुर को रगड़ रहे थे… फ़िर उसने दो उंगलियाँ एक साथ मेरी बुर में डाल दिए और मुझे उंगलियों से चोदने लगा… मैं सिसकारने लगी थी… आह ह्म्म मा आ आ अ अह
इसी बीच उसने अपनी पैन्ट और अन्डरवीयर उतार दिया। .. अब वो नीचे से बिल्कुल नंगा खड़ा था… मैं अभी भी उसकी तरफ़ मुड़ी नहीं थी… फ़िर उसने मेरी स्कर्ट को ऊपर सरकाया और मेरी पैन्टी को नीचे खींचने लगा… और मेरी पैन्टी उतार दी। फ़िर मेरे नंगे चूतड़ों को चूमने लगा… वो चाटने लगा मेरी गाण्ड को… फ़िर अचानक से मैंने अपनी बुर में उसकी जीभ को महसूस किया। मैंने नीचे देखा वो मेरी बुर चाट रहा था… अभी भी मैं रसोई में झुक कर खड़ी थी… वो मेरी बुर में ऊँगली डाल डाल कर चाटे जा रहा था…मैं बस मम मम अह हह हह उन्ह हह कर रही थी…
फ़िर वो खड़ा हो गया और अपना लण्ड मेरी चूत पे रख दिया… मैं सूखा सुपाडा महसूस कर रही थी अपनी बुर में…
पहली बार मैं रसोई में कपड़े पहन कर इस स्टाइल में चुदवाने जा रही थी… मुझे नहीं पता था कि मैं राहुल के बॉस के साथ ऐसे चुदवाउंगी… फ़िर उसने हल्का सा धक्का लगाया… मुझे थोड़ा दर्द हुआ और मैं चिल्लाई… आ आ अ आह ह्ह…
मैं चुदवा-चुदवा कर अपनी बुर फड़वा चुकी हूँ फ़िर भी इस बार मुझे दर्द हुआ… असल में उसका लण्ड बहुत मोटा था… मेरे बॉस के लण्ड से भी ज्यादा मोटा था उसका लण्ड…
मैं बहुत खुश हुई कि आज चुदाने का मजा आ जाएगा… फ़िर मैंने अपनी टाँगें थोड़ी फैला दी ताकि आराम से लण्ड अंदर जा सके…उसने फ़िर से एक बार धक्का लगाया मगर उसका लण्ड इस बार मेरी बुर से फिसल कर बाहर निकल गया…
फ़िर मैने उनसे कहा – बेड रूम में चलते हैं !
इसपे उसने कहा – नहीं जल्दी से करना है ! नहीं तो राहुल आ जाएगा… उसे पता नहीं था कि मैं जब तक राहुल को फोन नहीं करुँगी वो वापस नहीं आएगा…
फ़िर मैंने उनसे कहा – थोड़ी देर रूक जाओ, मुझे बाथरूम जाना है… मुझे कस कर सू सू लग गई थी ….
इस पर वो बोला – नहीं ! यहीं कर दो…!!
मैंने कहा – नहीं रसोई गन्दी हो जायेगी… !
फ़िर उसने कहा – मगर मुझे टेस्ट करना है कि इतनी कमसिन लड़की का मूत कैसा लगता है !!… फ़िर से वो झुक कर मेरी चूत चाटने लगा…
वो बोला – प्लीज़ मूतो न… !!
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मैं यह सुन कर बहुत उत्तेजित हो गई कि कोई मेरा मूत चाटने वाला है… मगर मैं चुदवाने के लिए इस कदर उत्तेजित हो चुकी थी कि मूत बाहर आने का नाम ही नहीं ले रहा था…
मेरी बुर से रस निकल रहा था और हर्ष उसे चाटे जा रहा था .. फ़िर मैंने थोड़ा जोर लगा कर थोड़ा सा मूता…
मैंने झुक कर देखा हर्ष… उसे मुंह में लेकर पी गया… और फ़िर से चाटने लगा मेरी चूत को…
फ़िर मैंने उससे कहा – जल्दी चोदो न ! प्लीज़… !! अब कंट्रोल नहीं होता… !!!
फ़िर क्या था… उसने अपना लण्ड मेरी बुर में डालना शुरू किया। इस बार मैंने उसकी मदद की, मैंने अपने हाथों से उसका लण्ड अपनी बुर में रखा और कहा – अब धीरे धीरे धक्का लगाओ…
उसने वैसा ही किया… फ़िर थोड़ी देर में उसका पूरा लण्ड मेरी बुर के अंदर था… फ़िर उसने मुझे धीरे धीरे चोदना शुरू किया…मैं सीत्कार कर रही थी…ममऽऽ म अ आऽऽ अह हर्ष… कॉम ओं… चोऽऽद मुझे…अ आऽऽ आ आह… चोदो मुझे…अआआ
उसकी स्पीड तेज हो गई थी …. पूरी रसोई में थप थप की आवाज़ आ रही थी…उसकी जांघे मेरी गांड पे टकरा रही थी… मैं निढाल हो कर चुदवा रही थी… अ आ आः…मम् मम्…चोदो… आआः…फाड़ डालो मेरी बुर को…
वो मुझे चोदता रहा… अ आ आया अहह थप थप थप
वो धक्के और तेज कर रहा था… अ आ आयऽऽ आआ
मेरी बुर दो बार झड़ गई थी… उससे रस बाहर निकल गया था… मगर हर्ष मुझे चोदे जा रहा था…
थोड़ी देर बाद जब वो झड़ने वाला था तब उसने अपना लण्ड बाहर निकला और मुझे पलट कर नीचे बैठा कर मेरे मुंह में लण्ड डाल दिया। उसका मोटा लण्ड पूरी तरह से मेरे मुंह में घुस नहीं रहा था फ़िर भी मैं उसके लण्ड को हाथों से पकड़ कर हिला हिला कर मुंह में ले रही थी।
बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!
इतने में उसने मेरा सर पकड़ कर कस के अपने लण्ड पे दबा दिया…उसका पूरा लण्ड मेरे मुंह के अंदर था… मेरी मानो साँस रुक गई हो…और फ़िर उसने सर दबाये रखा और अंदर ही मेरे मुंह में अपना सारा वीर्य डाल दिया… उसके लण्ड से मेरा मुंह भरा हुआ था उसका सारा स्पर्म अपने आप ही मेरे पेट में चला गया…
फ़िर उसने मेरे सर को ढीला छोड़ा और मैं फ़िर उसके लण्ड को चूसने लगी…मैंने पहली बार किसी का स्पर्म पिया था… मुझे ऐसे चुदवाने में बहुत मजा आया…
फ़िर उसने जल्दी से कपड़े पहने और कहा- जल्दी से तैयार हो जाओ… राहुल आने वाला होगा… फ़िर हम वापस तैयार हो कर सोफे पे बैठ गए… मैंने इसी बीच उससे राहुल की प्रोन्नति की भी बात की… अगले महीने में ही राहुल की तरक्की हो गई…