कैसे हो दोस्तो, में अंकुर और आज बहुत के बाद अपनी एक और सची चुदाई कहानी ले कर आया हूँ. ये बात आज से ३ साल पुरानी है जब ये सब शुरू हुआ. तो दोस्तो मे आप को समझता हू कैसे यह सब शुरू हुवा ओर कैसे मैने एक लड़की की मदद की.
मेरी स्टडी पूरी हो गई थी और मुझे एक कंपनी मे सीधा ही मॅनेजर की जॉब मिल गयी. मेरा नेचर काफ़ी ही अछा और हेल्पफूल्ल है. इसलिए मैं वहाँ जाते ही सब का दोस्त सा बन गया. मुझे वहाँ के करीब 250 लोगो का स्टाफ काफ़ी लाइक करते थे. मेरे अंडर लड़के लड़किया काफ़ी अछे से काम कर रहे थे. मुझे हर कोई पसंद करता था.
क्योकि मैं सब को टाइम देता था और सब से बड़े प्यार से बात करता था. मुझे अपनी हर कोई प्राब्लम बताता था. जिसे मैं एक सेकेंड मे ही सॉल्व आउट कर देता था. ऐसे ही मुझे कंपनी मे जॉब करते हुए, कब 1 साल हो गये, मुझे पता तक नही चला था. कंपनी वालो ने मुझे काफ़ी गिफ्ट्स भी दिए, क्योकि मैं सब से अछा काम कर रहा था.
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एक साल बाद मुझे कंपनी वालो ने मुझे एक अपनी दूसरी कंपनी मे भेज दिया. ताकि मैं वाहा पर कुछ टाइम दे कर वाहा का भी मोहल काफ़ी अछा बना सकूँ. मुझे काफ़ी अछा लग रहा था वाहा पर काम करना. पर मुझे अपने पुराने ऑफीस और अपने स्टाफ की बहुत ज़्यादा याद आती थी. आख़िर मैं अपनी नयी जगह काम करता रहा और वाहा भी मुझे देखते ही देखते एक साल हो गया था.
वाहा पर भी मुझे काफ़ी इज़्ज़त और प्यार मिला. फिर मुझे वाहा के बॉस ने कहा की अब आप अपने ऑफीस मे वापिस जा सकते हो. आप ने यहन अपना एक साल दे कर यहन जो काम और कुछ नये रूल्स बनाए है, अब वो इस कंपनी को हमेशा चलने के लिए काफ़ी है. फिर मैं वाहा से भी काफ़ी इजात और गिफ्ट्स और प्यार ले कर वापिस आ गया.
जब मैं अपने पुराने ऑफीस बिना बताए आया तो सब लोग खुशी से पागल हो गये. मुझे पागलो की तरह आ कर मिलने लग गये. मुझे ऐसा लग रहा था की मैं बहोट बड़ा हीरो हूँ जो मुझे आशीए लोग मिलने के लिए आ रहे है. उनका प्यार देख कर मेरी आँखो मे से खुशी के आँसू आ गये. फिर मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी जो वाहा पर नयी थी. उसे देख कर मैं हैरान रह गया, सच मे काफ़ी खूबसूरत और सेक्सी थी.
जेसे ही मेरी नज़र पर उस पर पड़ी, तो मेरी नज़र वही पर रुक गया. मैं उसे देखता ही रह गया. वो मुझे नही देख रही थी और सिर्फ़ अपने ही काम मे लगी हुई थी. मैं उससे बात करना चाहता था पर मुझे लोग छोड़ ही नही रहे थे. पहला दिन तो मेरा ऐसे ही सब से मिलने और दुख सुख मे निकल गया. अगले दिन जब मुझे तोड़ा टाइम मिला तो मैने उसके बारे मे पूछा.
तो मुझे उसका नाम पता चला उसका नाम पूजा है और उसने वाहा पर अभी पिछले 2 महीने से जॉब करना शुरू किया है. मैं उसके पास गया और उससे एक दोस्त की तरह बात करना शुरू कर दिया. पहली ही मीटिंग मे मैने उसे अपना अछा दोस्त बना लिया था.
फिर हम दोनो करीब 10 मिनिट तक ऐसे ही बात करते रहे. तभी उसने मुझे बताया की उसके बॉय फ्रेंड ने मुझे छोड़ दिया था. इसलिए वो काफ़ी टूट चुकी थी इसलिए उसने यहा पर जॉब करी है ताकि उसका दिन तो निकल जाए.
अब हम दोनो एक दूसरे की अछे दोस्त बन चुके थे. हम दोनो अब कंपनी मे और कंपनी से बाहर बिना किसी को बताए मिलने लग गये थे. कभी कभी तो हम दोनो एक साथ कंपनी का बॅंक मार लेते थे और किसी को पता तक नही चलता था.
एक दिन की बात है, मैं उसे कंपनी के स्टोर एरिया मे ले गया और वाहा पर हम दोनो बैठ कर बातें कर रहे थे.
वाहा पर कोई आता जाता नही था. फिर वाहा पर उसने मुझे अपनी आप बीती बताई. जिसे सुन कर मेरा दिल भी रोने लग गया. वो अब ज़ोर ज़ोर से रोने लग गई थी. मैं खड़ा हुआ और उसके पास जा कर उसको अपने सीने से लगा लिया. तब मैने पहली बार उसका उसका फिगर नोट किया था. पूजा का जिस्म कुछ ऐसे था 34-30-32. क्यो दोस्तो है ना मस्त आप के लंड मे भी हलचल होनी शुरू हो गई होगी.
उसके बाद मैने उसे चुप करवाया पर उसके बूब्स जब मेरे सीने से लग रहे थे. तब नीचे से मेरा लंड खड़ा होने लग गया था. फिर मैने उसे जल्दी से चुप करवाया और उसे कहा देखो पूजा इस दुनिया मे जब भी तुम अकेली पड़ जाओ तो मुझे याद करना. मैं तुम्हारा हर दम और कदम पर पूरा हाथ दूँगा. मेरी बातें सुन कर वो थोड़ी खुश हो गई और फिर हम दोनो वाहा से निकल लिए और अपने काम पर लग गये.
ऐसे ही काफ़ी दिन निकल गये और एक दिन मुझे पूजा का फोन आया. उस दिन मेरे घर मे मेहमान आए हुए थे. उससने मुझे फोन पर कहा की क्या मैं आपके घर मिलने के लिए आ सकती हूँ. मैने उसे कहा की आ तो तुम सकती थी पर इस टाइम मेरे घर पर गेस्ट आए हुए है. इसलिए मैने अपने घर से काफ़ी डोर एक पार्क मे उसे आने को कहा. हम दोनो ने 5 बजे टाइम फिक्स किया और मैं और पूरे टाइम पर वाहा आ गये.
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वाहा जा कर हम दोनो एक चेर पर बैठ गये. तो उसने मुझे बतया की वो एक लड़के से बहोत प्यार करती है और वो भी मुझे बहोत प्यार करता है. हम दोनो शादी करना चाहते है पर उसके मम्मी दादी बहोत ही खराब है. मुझे लगता है की वो मुझे शादी के बाद बहोत ही तंग करेगें. इसलिए प्लीज़ आप ही बतो की मैं उससे शादी करूँ या नही. मैने उसे समझाया की शादी से पहले तो ऐसे ही होता है.
पर शादी के बाद सब कुछ ठीक हो जाता है. इसलिए तुम फिकर मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा. उसके देर मैने उससे उस लड़के का नंबर ले लिया और उसे भी फोन पर समझा दिया. ऐसे मैने उन दोनो की आन बन कर जड़ से ख़तम कर दिया. फिर वो अपने घर चली गई और मैं अपने घर. मैं खुश था की मैने उसकी शादी की मुश्किल को ख़तम कर दिया था.
फिर एक दिन वो मेरे पास आई और अपनी शादी का कार्ड मुझे दिया. वो बहोट थी और उसने मुझे कहा की आप को आना ही है. शादी से पहले सहगी का अरेंजमेंट था. झन पर मैं गया उसकी फॅमिली वाले मुझे बहोट मानते थे. इसलिए मुझे देखते ही सब से मेरा बहोट अछे से वेलकम किया.
मैने वाहा डॅन्स के बाद उसने मुझे कहा की सर आप को मेरी शादी तक यहीन पर रुकना है. ऐसा नही हो सकता था क्योकि कंपनी मे अब बहोट कम था इसलिए मैं किसी भी हालत मे छुट्टी नही ले सकता था. वो काफ़ी ज़िद कर रही थी पर मैने उसे समझाया और आख़िर वो समझ गई. हालत कुछ ऐसे बने की मैं उसकी शादी मे जा ही नही सका और वो मुझे इस बात गुसा हो गई. पर वो एक समझदार लड़की थी जो मेरी प्राब्लम को जल्दी ही समझ गई.
ऐसे ही कुछ टाइम निकल गया, एक दिन उसका फोन आया की सर प्लीज़ आप आज हाफ दे मे आ जाओ. और सीधा आप मेरे घर ही आना. मैं शादी के बाद आज अपने घर आई हुई हूँ. मैने उसकी बात मान ली क्योकि आज मेरे पास कुछ ज़्यादा काम नही था. इसलिए आराम से अपना काम ख़तम करके उसके घर चला गया. उसके घर उसकी मम्मी और उसकी एक भाभी ही थी.
मेरे आते ही उन्होने मेरा अछा वेलकम किया और मैं फिर पूजा के साथ बातें करने लग गया. हम दोनो अभी बातें करने के लिए बैठ ही थे की उसकी मम्मी और भाभी मार्केट चले गये और कह गई की हम दोनो रात को 8 बजे तक ही वापिस आएगें. अभी टाइम 3 बाज रहे थे फिर हम दोनो अकेले बातें करने लग गये.
पूजा ने मुझे बताया की सर मैं बहोट ही परेशान हूँ. क्योकि मेरे सुसराल वाले मुझे बहोट तंग करते है. मेरा पति और मेरी सास्स मुझे बात बात पर एक जानवर की तरह मरते है और मेरा पति तो मुझे ज़बरदस्ती सेक्स करता है. उसने मुझे सेक्स की मशीन समझ रखा है, जिससे सेक्स किया और बाद मे उसे लात मार कर वो सो जाता है.
मैं बहोट ही परेशान हो गई हूँ, मुझे समझ नही आता की मैं अब क्या करूँ. मैं अंदर बहोट ज़्यादा पयासी हूँ, क्योकि मेरा पति सिर्फ़ सेक्स मे अपना पानी निकता है और मेरा नही. शादी के बाद एक दिन भी ऐसा नही गया की मैं जिस रात रोई ना हूँ. ये बोलते हुए वो रोने लग गई मैं उठ कर उसके पास गया और उसे अपने गाले से लगा लिया.
वो रो रही थी और मैं उसे चुप रा था. जब वो मेरे सिने से लगी हुई थी. तो मेरे दोनो हाथ उसकी नंगी कमर पर थे. क्योकि उसने सारी डाई हुई थी मेरे हाथ अपना कमाल दिखाने लग गये. पूजा कुछ ही देर मे गरम होने लग गई. उसकी साँसे गरम हो गई थी और मैं उसके माथे को चूम रा था. फिर मैने उसके ब्लाउस मे अपना हाथ डाला और उसे खोल दिया.
पूजा – सर आप ये क्या कर रहे हो? प्लीज़ रुक जाओ.
मैं – देखो पूजा मेरा काम हेल्प करना है. मैने आज तक तुम्हारे हर मामले मे हेल्प करी है. तो आज तुम्हारी प्यास को शांत करना भी मेरा ही काम है. आज मुझे हेल्प करने से ना रोका प्लीज़.
मेरी इस बात के आगे वो कुछ नही बोल पाई और मैने उसका ब्लाउस खोल कर दूर फेंक दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा मे थी. जो की काफ़ी सेक्सी थी मैने ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स को प्कड़ लिया. और ज़ोर ज़ोर उसके होंठो को अपने होंठो से चूसने लग गया. किस्सिंग मे वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. जिसे देख कर मुझे काफ़ी अछा लग रहा था.
फिर मैने अपने हाथ पीछे दल कर उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिए. उसकी ब्रा खुलते ही मेरे आयेज उसके बूब्स आ गये. जो की पूरे गूल गूल थे, मुझसे अब रुका नही गया और मैने उसके दोनो नंगे बूब्स अपने हाथ मे ले लिए. और ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को मसलने लग गया. क्या कमाल के बूब्स थे उसके मुझे सच मे बहोट मज़ा आ रहा था. मैं अपने लंड को खड़ा हुआ महसूस कर रहा था जो की मेरी पंत फाड़ने वाला था.
मैं उसके दोनो बूब्स को चूसने मे काफ़ी मदहोश हो चुका था. उसके बूब्स के निपलेस को मैं चूस चूस कर काट रहा था. जिससे वो पूरी की पूरी काँप जाती थी. फिर मैने उसकी सारी को उपर कर दिया और उसकी पनटी को उतार कर फेंक दिया. पनटी के उतरते ही मेरे सामने उसकी नंगी चूत आ गई उसकी चूत मे से पानी बाहर आ रहा था.
जिसे देखते ही मेरे मूह मे पानी आ गया. और मैं अपनी जीब बाहर निकल कर उसकी चूत को चाटने लग गया. और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत मे अपनी एक उंगली भी करने लग गया. पूजा के मूह से अहहह आह उई मा धीरे सिर ध्ीएरए ये निकल रहा था. पर अब मैं भी पागल हो गया था मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूस और चॅट रहा था.
अचानक ही पूजा ने अपनी दोनो टॅंगो से मुझे कस्स कर पकड़ लिया. और अपने दोनो हाथो से मेरा सिर अपनी चूत पर लगा लिया. फिर उसने ज़ोर ज़ोर से अपनी गंद को उठना शुरू कर दिया. और मेरे पर उसने काफ़ी सारा पानी दे मारा. फिर धीरे धीरे उसने अपनी पकड़ को ढीला कर दिया. और मैने उसकी चूत को चॅट चॅट कर सॉफ कर दिया.
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पूजा – सर आप तो कमाल के हो आज कितने टाइम बाद मुझे ऐसा मज़ा आया है.
मैं – जान अभी तो मज़ा बाकी है अभी देखती जाओ मैं तुम्हे कितने मज़े देता हूँ.
ये कहते ही मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए. जब उसने मेरा 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड देखा तो वो दर सी गई. मैं उसके उपर आया और उसकी गंद के नीचे पिल्लो र्ख कर उसकी चूत पर अपना लंड सेट करके उसके उपर पूरा लेट गया.
फिर उसने मुझे कहा की प्लीज़ सिर मेरी चूत मे आराम से अपना लंड डालना क्योकि ऐसा लंड तो मेरे पति का भी नही है क्योकि उनका लंड तो सिर्फ़ 5 इंच का है और बहोट ही पतला सा है. अब आप का लंड तो एक घोड़े की तरह है तो प्लीज़ मुझे पर तोड़ा रहें करो और आराम से चोदो मुझे.
अब ये तो मेरे उपर था की मैं उसे केसे चोदने वाला था. इस लिए मैने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और जोरदार ढके से शुरुवत करते हुए. अपना आधा लंड उसकी चूत मे दल दिया. पूजा की जान सी निकल गई इससे फेले वो दर्द से संभालती मैने एक और ढाका मारा और उसकी चूत से खून ही खून बाहर निकल दिया.
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मेरा लंड अब पूरा उसकी चूत मे था. और उसकी आँखो से आँसू बहोट बाहर आ रहे थे. मैने उसकी चूत मे अपना लंड ज़ोर ज़ोर से आयेज पीछे करना शुरू कर दिया. और अगले ही 3 मिनिट मे उसकी चूत ने पानी बाहर निकल दिया. मैने फिर उसे घोड़ी बना दिया और उसकी चूत को चोदने लग गया. अब मेरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ अंदर जा रा था.
पूजा की जान मेरे हर एक ढके से निकल रही थी. इसलिए मैं भी उसको चोदने मे लगा हुआ था. फिर मैने उस दिन उसको करीब 2 घंटे तक बिना रुके हुए अलग अलग पोजीशन मे चोदा. उसकी चूत का सारा पानी और खून मैने उसी दिन बाहर निकल दिया. अब पूजा के चेहरे पर बहोट खुशी थी उसने मुझे लिप्स किस किया और कहा थॅंक्स सिर आपने मुझे जो सुख दिया है. उसके लिए मैं बचपन से तरस रही थी.
उसके बाद मैं अपने घर आ गया. उस दिन के बाद जब भी पूजा अपने घर आती उस दिन मैने उसे 3 घंटे तक होटेल मे जाम कर चोदता था. अब वो मेरी रंडी दोस्त बन गई है. जिसको मेरे लंड का स्वाद पड़ गया है.