मैं लीना, मैं ३९ साल की हूं। शादी शुदा हूं। किस्मत अच्छी है कि मैं आज भी बहुत सुन्दर, सेक्सी हूं। मुझे पता है कि कई लंड वाले मेरी स्टोरी पढ़कर मुझे चोदना चाहेंगे, लेकिन मैं लिस्बो हूं। मुझे लड़कियों से सेक्स की बाते करना और फ़ोरप्ले करना अच्छा लगता है। इसलिये लड़कों, मेरी कहानी पढ़कर अपना लंड हिलाकर शांत हो जाना लेकिन गर्ल्स मुझे रेप्लय करना।
आज जो में आपको कहानी बताने वाली हु, यह १० साल पुरानी घटना है। तो चलिए, मैं आपसे अपना एक एक्सपेरिएंस बताती हूँ।
बात ११ साल पहले की है। मेरी ननद का लड़का (अज्जु) जिसकी उमर १७-१८ साल थी, एक्साम देने के लिये हमारे घर आया। मेरे पति उन दिनो टूर पर ज्यादा रहते थे। इसलिये मैं सेक्स के लिये परेशान रहती थी। घर में सिर्फ़ दो रूम थे। जिस कारण अज्जु से मुझे चिड़ हो रही थी कि इसकी बजह से मेरे जीवन का आनंद जा रहा है।
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उस दिन पति रात की ट्रेन से ७ दिन के लिये बाहर जाने वाले थे। पति ने सुबह मुझे बोला वह दोपहर को जल्दी आ जायेंगे। जब अज्जु कोलेज में रहेगा और बच्चों को सुला देंगे। फिर प्यार से सेक्स करेंगे क्योंकि ७ दिन नहीं मिलेगा।
मैं बहुत खुश थी। मैं ने नहाने से पहले शेव की बहुत सुन्दर सेक्सी अंडर गारमेंट्स और साड़ी पहनी। लेकिन मेरी किस्मत खराब, पहले तो पति लेट हो गये और जैसे ही वह आये पीछे से अज्जु भी आ गया। मेरा दिमाग खराब हो गया। मैं फालतू में अज्जु को डाटने लगी। जिस वजह से पति भी मुझ पर नाराज़ हो गये कहने लगे जीवन पड़ा है, क्यों परेशान हूं!
फिर मैं मन मार कर उनके जाने की तैयारी करने लगी। बारिश के दिन थे, पानी गिरने लगा, पति की ट्रेन १० बजे रात की थी। मैने जल्दी खाना सब को खिला दिया। ९ बजे करीब पति अंदर किचन में आये मुझे पीछे से पकड़कर चूमा-चाटी करने लगे। उनका हथियार, अपने नितम्बों पर महसूस करके बहुत उत्तेजित हो गयी। मैं ने पति को बताया आज की तैयारी में, मैं ने क्या-क्या किया! पति ने साड़ी के अंदर मेरी पैंटी में हाथ डालकर मेरी चिकनी चूत सहलायी।
मैं ने उनके हथियार को हाथों से सहलाया। मेरी चूत चुदाई के लिये तैयार हो गयी थी गीली होने लगी!
इतने में अज्जु ने आवाज़ दी “मामा, ट्रेन का समय हो गया चलो”
फिर अज्जु उन्हे स्कूटर से छोड़ने स्टेशन चला गया। मैं हाल में लेटकर टीवी देखने लगी। मैं बहुत गरम महसूस कर रही थी और मुझे अपनी किस्मत पर भी रोना आ रहा था। मे उत्तेजना से भरकर अपनी साड़ी में हाथ डालकर अपनी बुर को सहलाने लगी। इतने में स्कूटर की आवाज आयी। मैं ने अपने कपड़े सही किये दरवाज़ा खोला। अज्जु भीग कर आया था।
मैने उसे गुस्से से बोला “जल्दी पोंछ कर कपड़े बदल ले, वरना तबियत खराब हो गयी तो हमारी ही मुसीबत होगी”
वो सहम गया। मैं अंदर रूम में चली गयी। रूम का दरवाज़ा बंद करने आयी, तो देखा अज्जु अपनी गीली बनियान उतार रहा था। उसकी नंगी पीठ देखकर मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ और मैं हाल में आ गयी और कुछ ढूंढने का नाटक करते हुए तिरछी नज़र से उसे देखने लगी। फिर उसने अपनी पैंट उतारी, उसकी अंडरवेअर सफेद थी। जो गीली होने से अज्जु के शरीर से चिपक गयी थी। मैने देखा अज्जु का काला लंड मुड़ा हुआ साफ़ दिख रहा था।
वह भरपूर मोटा था, जबकि खड़ा नहीं था। काले-काले बाल भी नज़र आ रहे थे और उसके लंड का गुलाबी सुपाड़ा तो एकदम चमक रहा था। वह मुझे भरपूर मर्द का जवान लंड दिख रहा था। जिसे हर कोई औरत अपनी चूत में डलवाना चाहेगी। चाहे वह सती सावित्री क्यो न हो!
मेरी हालत जवान लड़के को अपने इतने करीब नंगा देखकर बहुत खराब हो गयी। मैं सपने में भी नहीं सोच सकी कि अज्जु इतना जवान है। उसके शरीर को देखकर मैं रिश्ते को भूल गयी, मैं ने सोचा रात को इसका मज़ा लेना ही है, जो होगा देखा जायेगा।
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अज्जु ने कपड़े पहन लिये, फिर अज्जु बिस्तर पर लेट गया। मैं अपने रूम में आ गयी और मैने अपनी साड़ी, ब्लाउज़, ब्रा और पेटीकोट उतार कर नाइटी पहन ली।
हमारा बाथरूम पीछे आंगन में था। रात के करीब ११ बज रहे थे। मैने अज्जु को आवाज़ दी, वह बोला जी मामी।
मैने कहा, “मुझे पीछे पेशाब जाना है। डर लग रहा है, तू साथ चल।“
मैने पीछे की लाइट जलायी और बाथरूम के बाहर नाली के पास जाकर, अपनी नाइटी उठाई कमर के ऊपर और धीरे से अपनी पैंटी सरकाई। ताकि अज्जु मेरी चिकनी टांग और गांड आराम से देख सके और बैठ गयी।
अज्जु मेरे पीछे ही खड़ा था। मैने पीछे देखते हुआ बोला “जाना मत।“
वह बोला “जी मामी”
फिर मैं अज्जु की मुंह की तरफ़ होकर खड़ी हुई। फिर मैं ने अपनी नाइटी कमर से ऊपर उठा कर पैंटी पहनी। ताकि अज्जु को मेरी साफ़ चूत दिख जाये और वह भी बहक जाये। अज्जु की आंखों में शरम थी। लेकिन वह मेरी चूत और नंगी जांघों को देख रहा था।
लेकिन वह वापस जाकर सो गया। मैं अपने रूम में आयी और सोचा अज्जु को आवाज देकर, अपने पास बुलाऊं। लेकिन डर लग रहा था, कही कुछ गलत तो नहीं हो रहा है। लेकिन मेरी सांस तेज़-तेज़ चल रही थी और मेरी चूत चिल्ला कर कह रही थी कि उसे लंड चाहिये। मेरी हालत पागलों जैसी हो गयी। मैं उठ कर बैठ गयी।
अज्जु के कमरे की लाइट जल रही थी। मैने धीरे से उठ कर अज्जु के रूम में झांका। वह उल्टा होकर सो रहा था। फ़िर मेरा हाथ अपने आप अपनी चूत पर जा रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि कैसे शुरुआत करूं?
तभी मैने महसूस किया कि अज्जु कुछ हिल रहा है (जैसे आदमी औरत के ऊपर होकर हिलता है वैसे) मुझे समझते देर नहीं लगी कि वह मेरी नंगी जांघों को और चिकनी चूत को देखकर उत्तेजित हो गया है और अपना पानी निकालने की तैयारी में है।
मैने समय गंवाये बिना अज्जु के रूम में चली गयी। मैं ने देखा अज्जु ने धीरे से अपनी आंख खोल कर मुझे देखा और सोने का नाटक करने लगा। मैं कुरसी पर बैठ गयी, मैने सोचा देखूं अब अज्जु हिलता है या नहीं। यदि हिलेगा तो उससे खुल कर चुदवाने का बोल दूंगी। लेकिन १०-१२ मिनट में साला बिल्कुल नहीं हिला और मेरी हालत खराब हुये जा रही थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं!
रात के करीब १ बज गये थे, फ़िर मैं ने टीवी ओन कर दिया और देखने लगी। तभी अज्जु आंख घिसते हुए उठ कर बैठ गया कहने लगा, “क्या हुआ मामी, सो क्यों नहीं रही हो?”
मैने बोला “नींद नहीं आ रही। दुख रहा है।”
अज्जु ने कहा “क्या सर दुख रहा है?”
मैने कहा “नहीं पूरा शरीर दुख रहा है”
अज्जु ने कहा “तबियत तो ठीक है”
मैने कहा “हां”
अज्जु बोला “मैं कुछ मदद करूं”
मैं ने कहा “प्लीज मेरे पैर दबा दे”
अज्जु ने कहा “ठीक है”
फ़िर अज्जु के बिस्तर पर मैं लेट गयी। अज्जु मेरे पैर दबाने लगा।
मैने कहा “प्लीज, थोड़ा ऊपर और ऊपर” अज्जु बिस्तर पर बैठकर मेरी जांघें दबा रहा था। मेरी चूत से रस निकल रहा था। मुझे अपनी पैंटी गीली-गीली महसूस हो रही थी।
तभी मुझे महसूस हुआ, अज्जु मेरी चूत को नाइटी के ऊपर से टच कर रहा था और चूत के ऊपर अपनी उंगलियां चला रहा था। मेरी सांस बहुत तेज़-तेज़ चलने लगी। मैने अपना एक हाथ अज्जु के लंड पर रख दिया। उसका लंड ८” का पूरी तरह खड़ा था। बहुत मोटा महसूस हो रहा था।
तभी अज्जु बोला “मेरा लंड कैसा लगा?”
फ़िर मैं ने कहा “मुझे आज यह चाहिये है!“
तभी अज्जु मेरे बाजु में आ गया और मेरे सीने को सहला रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मेने अपने एक हाथ से उसका लंड सहलाना चलू रखा और उसकी गांड भी सहला रही थी। उसकी हिम्मत और बढ़हई और वो मेरे ब्रेअस्ट को जोर-जोर से दबाने लगा। मुझे सिंहरन होने लगी और मैं ने करवट बदल कर सीधी सो गई। तो उसने हाथ हटा लिया और थोड़ी देर बाद वो फ़िर से मेरा बूब्स सहलाने लगा।
फ़िर वो मेरी नाइटी उतारने लगा और वो मेरे नेकेड बूब्स को चूसने लगा। मैं बहुत ही गरम हो रही थी। मैं उठ गयी और मैने उसे कपड़े निकालने को कहा। उसने तुरंत अपने सारे कपड़े निकाल दिये और पूरा नंगा हो गया। मैने उसके लंड को देखा वो बहुत ही बड़ा था।
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फ़िर उसने मेरी पैंटी को निकाल दी। फ़िर वो मुझे किस करने लगा और मैं भी उसे बहुत किस करने लगी। फ़िर उसने मुझे बेली पर किस किया। आआआअह्ह ह्हह्ह ऊओह्हह् मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं बहुत ही गरम हो चुकी थी। फ़िर वो मेरे चूत को चाटने लगा।
मैं अंगड़ाई लेने लगी ऊफ़्फ़फ़… मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं! फ़िर मैने उसे कहा “प्लीज और मत तड़पाओ प्लीज मुझे चोदो।“
वो मेरे ऊपर आ गया और उसने उसके लंड को मेरे चूत पे रखा और फ़िर धक्का मरा। तो उसका पुरा लंड एक ही झटके में अंदर चला गया।
मैं जोर से चीख उठी आआआअह्ह आआआह…
फ़िर वो जोर जोर से मुझे चोदते गया और मैं भी अपने हिप्स उठा उठा के उसे साथ देने लगी और आआआअह आआआह्ह् ह्ह उह्हह्हू ऊऊउह्हह्ह… वो जोर जोर से चोदने लगा।
थोड़ि देर बाद उसने मेरी चूत में गरमा गरम लावा छोड़ दिया। फ़िर सारी रात हम दोनो एक दूसरे साथ नंगे चिपके सो गये।
इसके बाद उसका जब भी मन होता, तो वो मेरे ब्लाउज़ को हटा के मेरे निप्पल चूसता रहता। लेकिन मुझे पूछे बिना मेरी चूत को नहीं छूता था।
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एक दिन मैं नहा रही थी, तो वो भी बाथरूम में आ गया और मुझसे बाथरूम में ही प्यार की भीख मांगने लगा। तो मैं उसे मना नहीं कर पायी। फ़िर उसने सारे कपड़े निकाल दिये और हम शोवर साथ लेने लगे। फ़िर मैं दीवर का सहारा लेके खड़ी रही और उसने मुझे बहुत टाइट पकड़ा और मेरे होंठों का जूस पीने लगा। उसने मेरी एक टांग को उठा के फ़िर मुझे चोदने लगा। उसने मुझे एक नये अनुभव का सुख दिया। मे बहुत भी खुश हो गयी।
मैं अज्जु को बहुत चाहती हूं और वो भी मुझे बहुत चाहता है। फ़िर हमने कई बार सेक्स किया। मैं मेरे पति को भी चाहती हू।
आप ही बताओ, “क्या एक समय पर दो मर्द को प्यार करना धोखा हे?”