हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रजत है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरे घर में मेरी माँ, मेरा छोटा भाई और में रहता हूँ. मेरे पापा ज्यादातर बाहर रहते है इसलिए घर में हम तीनों ही होते है. मेरा छोटा भाई 5वीं क्लास में और में 10वीं क्लास में पढ़ता हूँ. अब में आपको अपनी माँ के बारे बताता हूँ. मेरी माँ का नाम सुकन्या है और उनकी उम्र 36 साल है. उनका रंग गोरा है और उनका फिगर साईज़ 35-30-36 है और उनकी हाईट 5 फुट 5 इंच है.
अब में आपको अपनी जो स्टोरी बताने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है. मेरा छोटा भाई स्कूल गया हुआ था और मेरे पापा हमेशा की तरह काम से बाहर दूसरे शहर में थे. उस दिन मेरी तबीयत खराब थी और में स्कूल नहीं गया था. हमारे घर हमारा नौकर सुखविन्दर रोज़ काम करने आता था. उसकी उम्र 25 साल थी और रंग काला था और वो हरियाणवी था. मेरा रूम फर्स्ट फ्लोर पर था और मेरी माँ उस दिन नीचे सुखविन्दर से काम करवा रही थी. मेरी माँ ने उस दिन सलवार कमीज़ पहनी थी. हमेशा की तरह सुबह 10 बजे सुखविन्दर काम करने आया था. सुखविन्दर पहले भी रोज़ मेरी माँ को गंदी नज़र से देखता था. उस दिन में ऊपर अपने रूम के बाहर बालकनी में खड़ा था और मैंने देखा कि घर में एक और आदमी अंदर आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और लॉक लगा दिया.
फिर मैंने सोचा ये कर क्या रहा है? मैंने सोचा कोई गड़बड़ है. इतनी देर में मैंने देखा कि मेरी माँ को सुखविन्दर ने बेहोश कर दिया और नीचे रूम में ले गया. उसे लगा था कि में घर में नहीं हूँ. फिर मैंने सोचा कि में क्या करूँ? इतनी देर में सुखविन्दर का दोस्त भी आ गया. उसका नाम अमिष था और में यह सब ऊपर से देख रहा था. अब वो दोनों मेरी माँ को उठाकर रूम में ले गये और फिर में धीरे- धीरे सीढ़ियों से नीचे आया और उन्होंने रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे खिड़की से सब कुछ दिख रहा था.
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उस खिड़की में से बाहर नहीं दिखता था. लेकिन अंदर सब दिखता था, अब में बाहर खड़ा होकर उनकी बातें भी सुन रहा था. सुखविन्दर ने अमिष से कहा कि गोली का असर 3 घंटे तक रहेगा और आज तो हम इसको खूब चोदेगें. मेरी माँ ने हरा सूट पहना था. अब सुखविन्दर सबसे पहले मेरी माँ के ऊपर लेट गया और ज़ोर-ज़ोर से माँ को स्मूच करने लग गया. अमिष पास में ही खड़ा था और में कुछ कर भी नहीं सकता था. इसमें माँ की और सबकी बदनामी थी. फिर मैंने देखा कि सुखविन्दर ने माँ की चुन्नी उठाकर साईड में फेंक दी और फिर अमिष भी मेरी माँ के बूब्स दबाने लग गया. अब वो दोनों बोल रहे थे कि कितने सॉफ्ट बूब्स है.
फिर अमिष और सुखविन्दर ने माँ के सूट को ऊपर से ऊतार दिया. माँ ने काले कलर की ब्रा पहने थी और सबसे पहले सुखविन्दर ने कहा कि में पहले सेक्स करूँगा, तू इतंजार कर. फिर सुखविन्दर ने माँ की सलवार भी उतार दी. अब माँ सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में थी. अब सुखविन्दर माँ को स्मूच कर रहा था. अब मुझे ये देखकर बहुत मज़ा आ रहा था और में अपना लंड दबा रहा था. अमिष भी देखकर मज़े ले रहा था. फिर सुखविन्दर ने माँ की ब्रा भी उतार दी और माँ के निपल्स चूसने लग गया. माँ के निप्पल ब्राउन और बड़े थे.
फिर वो माँ को हर जगह किस कर रहा था और माँ को हर जगह चूस रहा था. फिर उसने माँ की पेंटी ऊतार दी और वो माँ की चूत को स्मेल करने लग गया और अमिष से बोला कितनी खुशबू आ रही है दिल करता है खा ही जाऊं. फिर वो माँ की चूत चूसने लग गया और मै बाहर खिड़की से खड़ा मज़े ले रहा था.
फिर सुखविन्दर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसका लंड काफ़ी बड़ा और काला था. अब वो मेरी माँ के ऊपर चढ़ गया और मेरी माँ के बूब्स के बीच में अपना लंड रगड़ने लग गया. वो बार-बार कह रहा था कि आज तो जन्नत नसीब हो गयी. फिर उसने कहा कि अब में इसको चोदूंगा तो उसने अपना लंड माँ की चूत में डाला और अन्दर बाहर करने लग गया. अब मेरी माँ थोड़ा-थोड़ा हिल रही थी, लेकिन उन्हें बिल्कुल होश नहीं था, मेरी माँ की चूत पर थोड़े से बाल थे और वो नंगी बहुत सेक्सी लग रही थी और सुखविन्दर ज़ोर-ज़ोर से मेरी माँ की चुदाई कर रहा था और उसने अपना वीर्य माँ की चूत के अंदर ही छोड़ दिया.
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फिर वो अमिष से बोला कि चल अब तेरी बारी है फिर अमिष ने अपना लंड बाहर निकाला तो वो बहुत काला और कम से कम 8 इंच का था. वो सबसे पहले अपना लंड माँ के मुँह के पास लेकर आया और माँ के मुँह में डाल दिया और आगे पीछे करने लग गया और साथ में वो मेरी माँ के निप्पल दबा रहा था. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और माँ के निप्पल पर रगड़ने लग गया.
फिर अमिष मेरी माँ के ऊपर लेट गया और माँ को स्मूच करने लग गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मैंने बाहर मुठ मारनी शुरू कर दी. फिर वो माँ की नाभि और पेट पर जीभ फेरने लग गया और फिर वो धीरे-धीरे नीचे आया और बोला कि इसकी चूत कितनी मीठी और मस्त है. आज तो में इसे खा ही जाऊंगा और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी जीभ को माँ की चूत के अन्दर बाहर करने लग गया. फिर उसने अपना लंड माँ की चूत में डाल दिया और वो मेरी माँ को चोदने लग गया.
फिर 10 मिनट के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसने मेरी माँ को उल्टा कर दिया और मुझे मेरी माँ की गांड साफ़ नज़र आ रही थी. वाहह क्या मस्त गांड थी? फिर उसने कहा कि आज में इसकी गांड मारूँगा.
फिर उसने अपनी जेब से ऑयल निकाला और मेरी माँ के कूल्हों और गांड पर लगाया और उसने अपना 8 इंच का लंड माँ की गांड में डाल दिया. अब वो ज़ोर-ज़ोर से माँ की गांड मार रहा था.
फिर उसने कहा कि में अपना माल अंदर ही छोडूंगा और उसने अपना वीर्य अन्दर ही छोड़ दिया. फिर सुखविन्दर ने और अमिष ने माँ को कपड़े पहना दिए ताकि बाद में शक ना हो और खुद ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर वो बाहर आने लगे तो में फटाफट ऊपर चला गया और वो दोनों अपने घर चले गये.
दोस्तों ये सब देख मेरा भी लंड खड़ा हो गया था और में भी इस मोके को अपने हाथ से गवाना नहीं चाहता था। में जल्दी से वापिस निचे आ गया और देखा तो माँ को अभी भी होश नहीं आया था। मेने माँ को थोड़ा हिला के देखा के कही वो होश में तो नहीं हे। पर मेरे जोर से हिलने के वावजूद माँ को होश नहीं आया।
मेरी हालत भी फटी पड़ी थी। मेरे माँ मेरे सामने बेहोश पड़ी थी। मेने वक्त ना गवाते माँ के कपडे फिर से निकल दिए और तो और उनकी ब्रा और पेंटी भी निकल दी।
अब माँ मेरे सामने बिलकुल नंगी पड़ी हुए थी। आज पहली बार था जब माँ मेरे सामने इतने करीब बिलकुल नंगी थी। उनका मस्त बदन देख मेरा लुंद मोटा होक फटा जा रहा था। मेंने भी अपने कपडे निकले और माँ के ऊपर नंगा लेट गया और उनके बूब को अपने मुँह में लेके अचे से चूसने लग गया।
क्या बताऊ दोस्तों क्या मस्त मुलायम बूब हे मेरी माँ के। करीब १० मिनट तक उनके बूब को बारी बारी अपने मुँह में लेके चूसने के बाद में उनके दोनों पैरो के बिच में आगया और उनकी चुत चाटने लगा। मेरी जीभ माँ की चुत पे लगते ही माँ ने एक हलकी सी शिस्कारी ली।
मेरी जान गले में आगयी मुझे लगा माँ होश में आगयी पर ऐसा नहीं था। मेने माँ को फिर से हिला के देखा पर वो बिलकुल भी हिल नहीं रही थ। में भी गभरा गया था मेने सोचा अब देर करना लाजमी नहीं हे माँ कभी भी होश में आ सकती है।
यह सोच के जल्दी से मेने अपना लंड माँ के चुत पर सेट किया और एक जोर दार धक्का मारा। मेरा ६ इंच का लंड बिना रुके पूरा ही अंदर चला गया। और जाता भी क्यों ना , मेरे पहले मेरे से मोठे दो लंड माँ की चुत में जा के चुत चौड़ी कर चुके थे।
पर सच में दोस्तों माँ की चुत में मेरा लंड जेक मुझे जन्नत का एह्साह हो गया , यही जन्नत में से आज से १४ साल पहले में निकला था ! और आज वही जानना के दरवाजे को में अपने लोडे से बजा रहा हु। दोस्तों मेने माँ की चुत में १५ मिनट तक चुदाई करी, अब मेरा भी निकलने वाला था। मेने माँ की चुत में ही अपना पानी छोड़ दिया।
सच में मुझे बहुत मज़ा आगया फिर भी मेरा दिल मान नहीं रहा था। क्यों की पता नहीं आज के बाद फिर ऐसा मौका कब मिले। यही सोच कर मेने माँ को उल्टा कर दिया अब उनकी गांड मेरे सामने थी। उनकी मोती फूली हुए गांड देख मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मेने माँ की गांड में अपना लोढ़ा घुसा दिया।
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माँ की गांड सच में बहुत टाइट थी, मुझे लंड के धक्के मरने में भी दिक्कत हो रही थी, इतनी टाइट थी। मुझे और क्या चाहिए था। यही सुख के अपनी माँ को अपने लंड से ऐसे रोज चोद सकू। और मेने माँ की गांड और १० मिनिटो तक चोद के फिर से अपना पानी माँ की गांड में छोड़ दिया।
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माँ की गांड और चुत दोनों ही मेरे वीर्य से भरे पड़े थे। मेने उन्हें ऐसे ही छोड़ के उनके कपडे वापिस पहना दिए और उप्पेर अपने कमरे में आगया।
फिर शाम को माँ उठी तो वो थोड़ा लड़खड़ा के चल रही थी। मेने उनसे पूछा की क्या हुआ माँ ? तो वह पहले तो जीजक गयी फिर कुछ सोच के बोली की सोते हुए सायद कमर अकड़ गयी हे और पैरो में थोड़ा दर्द हे। में बोलै कोई बात नहीं माँ में आपको पैरो और कमर में मालिश कर के देता हु। तो वो बोली अभी नहीं, अभी मुझे रात का खाना बनाना है। खाना खा के बाद में सोते वक़्त मालिश करके देना। में बोला ठीक है माँ।
तोह दोस्तों अब रात को पता चलेगा के माँ सिर्फ मालिश ही करवाती हे या कुछ और भी होता हे। और हा यह मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे कमेंट कर बताये । अच्छी कमेंट आने पर में कहानी का दूसरा भाग जरूर लिखूंगा।