(Bhabhi Jaan ka Akelapan aur Chudai)

भाभी जान का अकेलापन और चुदाई

हेल्लो दोस्तों, मैं आप सभी का में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से देसी चुदाई कहानी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती, जब मैं ऐसी रसीली चुदाई कहानियाँ इंडियन एडल्ट स्टोरी पर नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मेरा नाम विराट है। मै आगरा में रहता हूँ। मेरी उम्र 23 साल की है। मै एक लंबे तगड़े गरे शरीर का मालिक हूँ। मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है। मेरा लौड़ा 08 इंच का बहुत ही तगड़ा और आकर्षक लगता है। सारी लडकिया, मेरे शरीर को देख कर मेरे लौड़े का अन्दाजा लगा लेती है।

मैं रोज जिम जाता हूँ। मेरी बॉडी बहुत जी आकर्षक और शुडौल बन गई है। दोस्तों मै बहुत ही स्मार्ट लगता हूँ। मैंने अपने मोहल्ले की कई सारी लड़कियों को चोद कर चुदाई का आंनद दिया है। मुझे भी इन लोगो ने अपनी चूंचियो को पिला कर मुझे अपनी चूंचियों के रसपान का आंनद दिया है।

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दोस्तों मै आगरा में एक गांव में रहता हूँ। मैं अभी तक तैयारी पर जुटा हुआ हूँ। मै तैयारी जयपुर में करता हूँ। मै वहीँ पर रूम लेकर रहता हूँ। मै जयपुर में मेडिकल की तैयारी करता हूँ। मैंने अभी 1 साल पहले जी तैयारी करने को गया था। मेरा मेडिकल में सेलेक्शन हो गया।

मै कुछ दिन के लिए घर आया हुआ था। मैंने घर पर आकर सबको बताया तो सब लोग बहुत खुश हुए। मै दो भाई ही हूँ। मेरी कोई बहन नहीं है। मेरे पापा दुकान चलाते हैं। मैं भी पहले वही पर बैठता था। मेरे बड़े भाई का नाम अभी है।

बड़े भाई मुझसे 7 साल बडे हैं। बड़े भाई की शादी हो गई है। वो दिल्ली में एक कंपनी में जॉब करते है। भाभी घर पर ही रहती है। भैया हफ्ते भर में एक बार आया करते हैं। भाभी भी भाई के साथ दिल्ली में ही रहना चाहती थी। लेकिन बड़े भाई की कुछ मजबूरी से भाभी को घर पर ही रहना पड़ रहा था।

भाभी बहुत ही गजब की माल लगती थी। भाभी का रंग तो सावला था। लेकिन बहुत ही हॉट और सेक्सी लगती थी। मेरा तो लंड भाभी को देख कर मीनार बन जाता था। भाभी का बदन बहुत ही रसीला था। भाभी की बॉडी चोदने को एक दम परफेक्ट थी। मैं भी सोचता भाभी की तरह मुझे भी पत्नी मिल जाये। तो मैं पूरी रात उसे चोदूंगा।

मै भाभी की बातों में खूब मजे लेकर मस्ती करता था। भाभी को भी बहुत मजा आता था। मैं जब तक रहता था। हम दोनों लोग खूब ढेर साड़ी मस्ती करते थे। भाभी भी बड़ी रंगीन मिजाज की लगती थी। मैंने भाभी को कई बार पकड़ कर किस किया है। भाभी मुझे किस करने से नहीं रोकती थी। लेकिन गालो पर किस करना मेरे लिए आम बात थी। भाभी कोई विरोध नहीं करती थीं।

मै अक्सर भाभी की गालो को पकड़ कर खींच लेता था। भाभी की गालो गालो को पकड़कर किस भी कर लेता था। भाभी को मेरा ये सब करना बहुत ही अच्छा लगता था। मैं एक दिन भाभी के साथ बैठा हुआ था। भाभी आज मुझे बहुत ही तीखी नजरो से देख रहीं थी।

मैंने भाभी की तरफ देखा तो मैं देखता ही रह गया। भाभी को गौर से देखने पर भाभी आज एक दम झकास माल लग रही थी। पापा दुकान पर चले गए थे। मम्मी मामा के यहां गई हुई थी। मेरे मामा का घर पास के ही एक गांव में है। मम्मी अक्सर आया जाया करती हैं।

भाभी ने उस दिन कुछ ज्यादा ही मेक अप किया हुआ था। होंठो पर लाल कलर की लिपस्टिक लगाकर। काले रंग का लिप लाइनर लगाए हुए थी। आँखों ने जबरदस्त काजल लगा हुआ था। भाभी आज सावली से गोरी लग रही थी।

भाभी के दोनों गाल खूब गोरे गोरे लग रहे थे। भाभी की गाल ब्लश करने से लाल लाल दिख रहा था। भाभी बहुत हो हॉट लग रही थी। जी करने लगा भाभी की दोनों गालो को काट कर खा जाऊं।

भाभी की दोनों होंठो को चूसने के लिए मेरे होंठ तड़प रहे थे। भाभी के दोनों होंठ बहुत ही अच्छे लग रहे थे। भाभी की होंठ कमल की पंखुड़ियों जैसे लग रगे थे। भाभी भी आज बहुत गजब की लग रही थी।

भाभी से मैंने कहा – “भाभी आज तो तुम कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही हो”

भाभी – “भाभी हॉट तो मैं हूँ ही उनमे लगबे वाली क्या बात है!”

मैं – “वो तो तुम हो ही लेकिन आज कुछ ज्यादा ही लग रही हो”

भाभी – “विराट अब तुम ज्यादा तारीफ़ ना करो। कुछ भी हो मै कितनी भी हॉट और सेक्सी हूँ। लेकिन ये सब किस काम की”

मैं – “क्या कहना चाह रही हो भाभी”

भाभी – “तुम सब समझ रहे हो। इतने छोटे नहीं हो तुम”

मै और भाभी पास ही सोफे पर बैठे थे। भाभी की ये कहानी मुझे सब कुछ समझ में आ रही थी। लेकिन मैंने सीधापन का नाटक करके कहने लगा।

मै – “सच में भाभी मुझे कुछ समझ में नहीं आया। बताओ क्या बात है”

भाभी – “रहने दो तुम नहीं समझोगे”

मै – “मै समझ गया भाभी क्या मामला है”

भाभी – “बड़ी जल्दी बड़े हो गए जो इतनी जल्दी समझ गए”

मैं – “भाभी आज इतना क्यूँ तुम सज धज कर बैठी हो”

भाभी – “ताकि तुम देखो। तुमको पटा के परपोज़ करना है हमें”

मै – ” मुझे क्यों परपोज़ करोगी। तुम्हारी शादी भी तो हो चुकी है”

भाभी – “लेकिन मेरे पति कहाँ है। मै अकेली ही हूँ अब भी”

भाभी चुदासी थी। भाभी की हवस की नजर मुझे बहुत ही अच्छी लग रही थी। भाभी की नजरों को देख देख कर मेरा लौड़ा मीनार होता जा रहा था।

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मै – “तो क्या हुआ भाभी भैया नहीं है। मै तो हूँ”

भाभी – ”तुम किस काम के हो”

मै – “मैं हर एक काम का हूँ। आप आज्ञा तो दें”

भाभी – ” अच्छा ”

मै – “भाभी के पास जाकर भाभी के कान में कहने लगा। क्या काम है”

भाभी के कान में कहते हुए मैंने हमेशा की तरह गालो पर किस कर लिया। भाभी की गाल आज खूब चिकनी लग रही थी। भाभी की गालो को पकड़ कर मैंने खींच लिया।

भाभी ने पहले तो मुझे घूर कर देखा। लेकिन कुछ नही बोली। भाभी की गालो को पकड़ कर मैं खींच खींच कर खेल रहा था। आप यह भाभी जान की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे। भाभी की गाल बहुत ही सॉफ्ट लग रहे थे उस दिन। भाभी की आँखों में आँखे डालकर मैंने चुदाई की झलक देखी। मैंने फिर से भाभी को किस किय। भाभी ने मुझे इस बार पकड़ लिया।

कहने लगी – “आज मैं सिखाती हूँ तुम्हे किस करना। इतना कह कर भाभी मेरे होंठों को अपने होंठो के क़रीब ले जाकर मेरे होंठ को चूमने लगी।“ मै समझ गया भाभी आज कुछ ज्यादा ही गर्म है। मैंने कुछ नहीं बोला। सोचा जो भी होगा आज अच्छा ही होगा।

भाभी की सारी मनोकामना आज पूरी ही कर देता हूँ। भाभी ने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिया। मुझे जैसे जन्नत मिलने वाली हो। इतना मै खुश हो गया। भाभी की तरफ मैंने देखा तो भाभी अपनी आँखे बंद करके मेरे होंठ चूम रही थीं।

मै कुछ देर तक तो चुप रहा लेकिन मैने भी अब साथ देने की सोचने लगा। भाभी की इस चूमने की प्रक्रिया में, मै भी साथ देने लगा। मैंने भी भाभी की होंठो को चूसने लगा। भाभी तो सिर्फ मेरे होंठो को चूम ही रही थी। मैनें तो भाभी की होंठो को चूसना शुरू कर दिया। भाभी की होंठ चुसाई से मेरा लौड़ा तनता ही चला जा रहा था।

पैंट का तंबू बन चुका था। जो की साफ़ साफ़ नज़र आ रहा था। भाभी भी अब मेरे होंठो को चूस रही थी। भाभी की होंठ को मैंने अपने होंठो से चूस चूस कर भाभी के लिपस्टिक को फैला दिया। भाभी की लिपस्टिक मेरे होंठो पर खूब अच्छे से लग गई। भाभी की होंठ को मैंने चूस कर लिप लाइनर को सबको हटा दिया।

जितना लिप्स्टिक भाभी की होंठ पर लगी थी। उतनी ही मेरे भी होंठो पर लग गई। भाभी की होंठ को मैंने अच्छे से चूस कर सारी लिपस्टिक का कचरा बना दिया। भाभी मेरे होंठो को देखकर हँस रही थी।

मैं भी भाभी की तरह अपने होंठो पर लिपस्टिक लगाए हुए था। भाभी की होंठ चुसाई ने मेरी हिम्मत बढ़ा दी। भाभी को देखकर मैंने अपने होंठ को भाभी के मुँह में अंदर तक डाल कर भाभी की जीभ तक को चूसने लगा। भाभी अपनी जीभ को चुसवा रही थी।

भाभी ने भी मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल कर मेरे जीभ से टच कऱा के मेरे जीभ को चूसने लगी। मैंने अपना एक हाथ उठाकर भाभी की चूंचियो पर रख दिया। बाप रे भाभी की चूंचियां इतनी सॉफ्ट होंगी मैंने कभी सोचा भी नहीं था। भाभी की चूंचियों को मसलने में बहुत मजा आ रहा था। भाभी कोई विरोध नहीं कर रही थी।

बस अपनी साँसे बढ़ा रही थी भ ही की साँसे बहुत ही तेज हो चुकी थी। भाभी की साँसों को तेज देख कर लग रहा था। भाभी गर्म हो गई है। भाभी की गर्म साँसे मुझे बहुत ही जोश दिला रहीं थी। भाभी अपनी गरम साँसे मेरे नाक के सामने छोड कर होंठ चुसाई करवा रही थी। मैंने भाभी की होंठ चुसाई को बंद करके। मैंने भाभी की चूंचियो को दबाने लगा। भाभी की साँसे तेज होकर भाभी सिसकारियां लेने लगी।

भाभी “आई आई आई अहह्ह्ह्हह इस्स्स इस सी सी सी सी.हा हा हा.” की आवाज की सिसकारियां ले रही थी। मैंने भाभी की चूंचियो को और जोर जोर से दबाना शुरू किया। भाभी ने उस दिन साडी ब्लाउज पहने हुई थी। भाभी अक्सर घर पर यही पहनती थी। भाभी ने आज काले रंग की साडी और ब्लाउज पहने हुए थी। भाभी की कमर बहुत ही रसीली लग रही थी।

भाभी के साथ साथ मैं भी मूड में आ गया। मैंने भाभी की ब्लाउज की हुक को निकालने लगा। भाभी ने मेरे हाथों को रोक कर मेरे हाथों को पकड़ कर भाभी भी मेरे साथ अपने ब्लाउज का हुक खोलने लगी। भाभी ने क्रीम कलर की ब्रा पहने हुई थी।

भाभी की ब्लाउज निकलते ही भाभी की चूंचिया दिखने लगी। भाभी की चूंचियो को देखकर मै दंग रह गया। भाभी के जितनी गजब के बूब्स मैंने आज तक नहीं देखा था। भाभी की बूब्स को मैंने ब्रा सहित अपने हाथों में भर लिया।

भाभी की चूंचियों को दाबने में बहुत मजा आ रहा था। भाभी की चूंचियो को अच्छे से देखने के लिए मैंने भाभी की चूंचियो को ब्रा निकाल कर आजाद कर दिया। भाभी की चूंचियो को मैंने ब्रा के बिना देखकर और भी ज्यादा जोश में आ गया। भाभी ने मुझे अपने चूंचियो में सटा दिया। मै भाभी की चूंचियो में अपना मुँह लगाकर भाभी की चूंचियो को पीने लगा। भाभी की चूंचियो को दबा दबा कर पी रहा था।

भाभी भी बड़े मजे से अपनी चूंचियां पिला रही थी। भाभी की चूंचियों के निप्पलको मैंने अपने मुँह में रख कर काटना शुरू किया। भाभी की चूंचियों के निप्पल को काटते ही भाभी “उ उ उ उ उ अ अ अ अ अ आ आ आ आ.. सी सी सी सी ऊँ ऊँ ऊँ ” की सिसकारियां भरने लगती।

भाभी की चूंचियो को पीकर मैंने भाभी की साडी को निकाल दिया। भाभी की साडी की निकाल कर भाभी को मैंने पेटीकोट में कर दिया। भाभी के इस रूप को देखकर मेरा लौड़ा सहन नहीं कर पा रहा था। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।

भाभी ने मुझे पकड़ कर अपने रूम में ले गई। जहां भैया आकर सुहागरात मनाते थे। भाभी की बिस्तर पर जाकर मैंने भाभी की पेटीकोट निकाल दिया। भाभी ने नीचे पैंटी पहन रखी थी। भाभी की पैंटी को भी मैंने एक झटके में अलग किया।

भाभी की चूत के दर्शन करने के लिए मैंने भाभी की टांगों को फैला दिया। भाभी की टांगो को फैलाकर मैंने भाभी की चूत के दर्शन किया। भाभी की चूत बहुत ही चिकनी लग रही थी। आप यह भाभी जान की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे। भाभी की चूत को देख कर मैंने भाभी की चूत को सूंघने लगा। भाभी ने मुझे अपने चूत में दबाने लगी। मैंने भाभी की चूत पर जीभ लगा कर भाभी की चूत चटाई शुरू कर दी।

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भाभी की चूत चाटने से भाभी जोर जोर से मेरा सर दबाकर “ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह आ आ आ अह्हह्हह. अई.अई.. अ. उ उ उ उ उ..” करने लगती। भाभी की चूत को चाटकर मैंने अपने जीभ की प्यास बुझा रहा था। भाभी की चूत चाटने में बहुत ही मजा आ रहा था। भाभी की चूत को मैंने चाट चाट कर भाभी को खूब गर्म कर दिया। भाभी की चूत में अपनी जीभ अंदर तक डाल कर चुसाई चटाई कर रहा था।

भाभी की चूत का दाना बहुत ही अच्छा लग रहा था। भाभी की चूत के अंदर के माल को चाटकर साफ़ कर दिया। भाभी चुदवाने को तड़प रही थी। भाभी ने मुझे खड़ा करके मेरी पैंट को निकाल दिया। भाभी ने मेरा कच्छा निकाल कर मेरे लौड़े को अपने हाथों में लेकर खेलने लगी। भाभी इतनी जोश के के साथ कर रही थी। लग रहा था जैसे मेरा लौड़ा अभी काट कर खा जाएँगी।

भाभी मेरे लौड़े को आगे पीची करके खेल रही थी। भाभी ने कुछ देर बाद खेलते हुए मेरे लौड़े को अपने मुँह में रख लिया। भाभी मेरे लौड़े को बहुत ही मजे ले ले कर आइसक्रीम की तरह चाट चाट कर चूस रही थी। भाभी की मुँह में मेरे लौड़े का टोपा घुसा हुआ था।

मैंने भाभी की दोनों टांगो को फैलाकर भाभी की चूत में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। भाभी की चूत में मेरा लौड़ा बहुत ही अच्छे से रगड़ रगड कर भाभी को तड़पा रहा था।

भाभी ने मेरा लौड़ा पकड़कर अपनी चूत में डालने लगी। भाभी की चूत में मेरा लौड़ा घुस गया। भाभी की चूत में मेरा लौड़ा घुसते ही भाभी की चीख निकल गई।

भाभी तेज से “ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.आह आह उ उ उ उ उ.अ अ अ अ अ..आआआआ…” की चीख निकालने लगी। मै भाभी की चूत को चोदकर भाभी को चुदाई का आनंद दे रहा था। भाभी की चुदाई मैने खूब तेज कर दी। भाभी की चुदाई को मैंने तेज कर दी।

भाभी की चूत में मेरा लौंडा बहुत ही तेजी से अंदर बाहर हो रहा था। भाभी की चूत में मैंने अपना लौड़ा जड़ तक डाल डाल कर चुदाई कर रहा था। भाभी को बहुत मजा आ रहा था।

भाभी “आऊ. आऊ. हमममम अहह्ह्ह्हह. सी सी सी सी. हा हा हा.” की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी। भाभी चूत उछाल उछाल कर चुदवा रही थी। भाभी की चूत ने पानी छोड दिया। मैंने भाभी की चूत को अपने लंड से अलग किया। मैंने भाभी की चूत का सारा माल चाट लिया भाभी की चूत को मैंने अच्छे से चाट लिया।

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भाभी की गांड़ में मैंने अपना लौड़ा घुसा दिया। भाभी की गांड़ फट गई। मेरा लौड़ा भाभी की गांड़ में घुसते ही भाभी “आआआ अह्हह्हह.. ईई ईईईई. ओह्ह्ह्हह्ह.. अई. अई.. अई.. अई.मम्मी..” की आवाज निकाल दिया।

मैंने भाभी को झुकाकर भाभी की गांड़ में लौड़ा घुसा कर भाभी की गांड़ चुदाई करने लगा। भाभी की कमर पकड़ कर भाभी की चूत में अपना लौड़ा जल्दी जल्दी डालने लगा। भाभी की गांड़ में लौड़ा घुस घुस कर पानी छोड़ने की चरम सीमा पर पहुच गया। मै भी झड़ने वाला हो गया। भाभी से मैंने कहा भाभी मै झड़ने वाला हूँ।

भाभी ने मुझे अपने गांड़ से अलग करके मेरा लौड़ा अपने मुँह में रखकर खूब जोर जोर से चूसने लगी। भाभी ने मेरे लौड़े को चूस चूस कर माल निकाल कर पी गई। हम दोनों लोग थक कर लेट गये। अब हमें जहां भी मन करता है। दोनों लोग खूब चुदाई करते हैं।

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