(Manzli Bahen ne apne bade Bhaiya aur choti Bahen se Chudwaya)

मंजलि बहन ने बड़े भैया और छोटी बहन से चुदवाया

फ्रेंड्स, मैं प्रेरणा फिर से एक नई और सच्ची कहानी लेकर आपकी समक्ष हाजिर हूं. में स्कूल के ११वी कक्षा में पढ़ती हु और जवानी के उस दौर से गुजर रही हु जब इंसान की कामवासना अपने चरम पर हो।

मेरी सहेलि अलका ने मुझे चुदक्कड़ बना दिया था. अब हम दोनों सहेलियां मिलकर रोज नए नए लड़कों से चुदाती थीं. मुझे भी बड़े बड़े लंड लेने की आदत सी हो गई थी. सच में बहुत मजा आता था.. जब मोटा लंड जब मेरी चूत में जाता.

मैं स्कूल भी जाती और अलका जब फोन करती, तब वहाँ भी जाती थी. अलका जहाँ आने को कहती मैं वहाँ बेहिचक चली जाती.

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

पर एक दिन किस्मत ने साथ छोड़ दिया. पापा के फोन पर अलका का फोन आया पापा ने मुझे दिया और कहा – तेरी सहेली अलका का फोन है.

मैंने फोन लिया, अलका बोली – प्रेरणा, कल एक नया लड़का है दिनेश बुलाकर लाएगा, मजा आएगा. कहाँ पर मिलेंगे?

मैं बोली – तेरे घर पर.

वो बोली – नहीं, घर पर सब होंगे.

मैं बोली – कहीं भी फिक्स करो, मुझे कई दिनों से लंड की तलब लगी है.

वो बोली – हमारी खंडहर स्कूल है ना वहां पर बुला लेती हूँ.. कल दोपहर को 1 बजे फिक्स कर रही हूँ.. तू आ जाना.

उसने फोन रख दिया.

दूसरे दिन मैं चुत में लंड लेने के लिए तैयार होकर जाने लगी और माँ से बोली – माँ मैं सहेली के साथ बाहर घूमने जा रही हूँ.. शाम को देर से आऊँगी.

माँ बोलीं – अच्छा जाओ, जल्दी आना.

घर वाले मुझ पर बहुत भरोसा करते थे. मैं उस खंडहर स्कूल में गई, वहाँ पर अलका उसका बॉयफ्रेंड पहले से थे.

मैं बोली – और कोई नहीं लाए साथ में?

दिनेश बोला – मेरा दोस्त जो आने वाला था, वो अचानक बाहर चला गया.

मैं बोली – तो मेरा क्या होगा?

वो बोला – आज मैं अकेले ही दोनों को स्वर्ग दिखाऊंगा.. पहले दोनों पूरी नंगी हो जाओ.. मुझे तुम्हारी चूत चाटनी है.

मैं और अलका जल्दी से अपने कपड़े उतार कर कुतिया की तरह घुटनों पर बैठ गईं. आप यह बहन की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे। वो बारी बारी से दोनों की चूत में जीभ डालता. मुझे बहुत मजा आ रहा था.

तभी मेरे पापा आ गए और दिनेश को पकड़ लिया. उन्होंने दिनेश को खूब गालियां दीं और उसे मारने लगे. दिनेश किसी तरह उनसे खुद को छुड़ाकर भाग गया. हमने अपने जैसे तैसे कपड़े पहने.

पापा बोले – छिनाल कहीं की तूने मेरा नाम मिट्टी में मिला दिया, कितना भरोसा था तुझ पर.. और तू कुतिया बन कर चुदा रही है.. और अलका तू तो मेरी नजरों दूर हो जा साली.. घिन आती है तुझे देखकर. मेरी छोटी बच्ची को कैसा बना दिया साली तूने.. ये तेरी संगति का असर है. ये मेरी गलती थी कि तुझसे दोस्ती करने दी. जिसकी माँ रंडी हो, उसकी बेटी कैसे सावित्री हो सकती है. तुझमें थोड़ी भी इंसानियत बाक़ी हो तो मेरी बेटी से कभी मत मिलना. चल भाग इधर से. वो तो मैंने अपने फोन में रेकॉर्डिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया है. एक घण्टा पहले ही तुम्हारी बातें सुनी, तो सारा माजरा समझ गया और भागता हुआ यहाँ आया.

अधिक कहानियाँ : लिफ्ट देकर लड़की को चोदा

फिर क्या घर पर पापा ने मुझे खूब मारा. मम्मी ने मुझे छुड़ाया.

पापा बोले – साली रोज दोपहर को मुंह काला करवाने जाती है.

माँ बोली – जवान लड़की को नहीं मारते.. मैं समझा दूंगी..

अब पापा ने बाहर पढ़ाई भी बंद करवा दी. ऐलान कर दिया कि घर पर पढ़ाई करो, पेपर स्कूल में देने, मैं साथ चलूंगा.

इससे बाहर घूमना फिरना सब बंद हो गया. फिर दिन बीतते गए और मेरी चुदास इतनी बढ़ गई कि कोई भी मर्द देखूँ तो सीधी उसके लंड पर नजर जाती. चूत में तेज सी खुजली होती, पर क्या करती.. उंगली तो गहराई तक नहीं जाती. मैं तड़पती रह जाती.. मुझे लंड के लाले पड़ गए थे.

फिर एक दिन मेरी किस्मत खुल गई. मेरा भाई जिगर जो उम्र मुझसे 7 साल बड़ा है, जो थोड़ा सा मंदबुद्धि है, नार्मल नहीं है. मैंने कभी भाई को उस नजर से नहीं देखा था.

फिर एक दिन आँगन में जिगर भैया ने फावड़े पर पैर रख दिया.. फावड़ा सीधा दोनों जांघों के बीच में जोर से लगा. भैया जोर से चिल्लाने लगे.

मम्मी, वर्षा और मैं घर से आँगन में आई तो देखा भाई बेहोश पड़ा है.

मम्मी जल्दी रिक्शा बुला कर दवाखाने ले गईं. दो घण्टे बाद वापस आईं. हमने मिलकर रिक्शा से भैया को उतारा. भाई चल नहीं सकता था.

रात को खाना खाकर सब टीवी देखने लगे. पापा जल्दी सो जाते हैं. रात के 11 बजे मम्मी बोलीं – प्रेरणा, भाई की दवाई ला दो, हॉल में अलमारी में रखी है.

मैंने वो थैली लाकर मम्मी को दी. मम्मी बोलीं – प्रेरणा भाई को उसके गुप्तांग में चोट लगी है.. मालिश करनी पड़ेगी.

मैं बोली – माँ मुझे शर्म आती है, तुम कर दो.

माँ बोली – हे भगवान, किस जन्म के कर्मो का बदला ले रहा है तू.. इस निखालस को तो बक्स दे.. इसने तेरा क्या बिगाड़ा है.

और माँ रोते हुए बोलीं – बच्चे, पागल और पशु से नहीं शर्माना चाहिए बेटी प्रेरणा.. चल मेरी मदद तो करेगी.

हम भैया के रूम में गए, भैया सोये हुए थे. मम्मी बोलीं – इसकी पेन्ट उतारो.

मैंने भाई की पेन्ट उतारी, अन्दर कुछ भी पहना नहीं था. भाई का लंड 4 इंच का सोया हुआ था, ऊपर बाल बहुत थे. नीचे आंड सूज गए थे.

मम्मी बोलीं – हे भगवान, इस निष्पापी जान पर क्यों सितम कर रहा है.

माँ तेल हाथों में रगड़ कर लंड पर मालिश करने लगीं. माँ ने आंड को छुआ तो भैया जाग गए, बोले – मम्मी मम्मी क्या कर रही हो.. दर्द होता है.

मम्मी बोलीं – बेटे तुझे धरासना तेल की मालिश कर रही हूं ताकि तेरा दर्द दूर हो जाये. तू सो जा बेटे.

वो सो गए.

अचानक भाई का लंड खड़ा होने लगा. एकदम लोहे के रॉड जैसा 8 इंच से भी थोड़ा बड़ा हो गया. मम्मी भैया के लंड की मालिश कर रही थीं. मैं आँखे फाड़ कर लंड देख रही थी.. और सोच रही थी कि भैया का लंड इतना बड़ा है. मुझे तो ऐसा लगा जैसे रेगिस्तान में प्यास से मरने वाले को झरना दिखा हो.

मैंने कभी भी भैया को इस नजर से नहीं देखा था.

मम्मी ने आधा घण्टा मालिश की, फिर हम सब सो गए.

सुबह 6 बजे पापा को फोन आया, हमारे गांव में मेरी छोटी चाची का देहांत हो गया है. फिर 6:30 बजे मम्मी पापा ने गाँव के लिए निकल गए. मम्मी जाते वक्त मुझसे बोलीं – प्रेरणा बेटी, सबका ख्याल रखना.. हम दो दिन बाद आएंगे.

मेरी तो भगवान ने सुन ली. रात को मैंने खाना बनाया. हम सबने खाया और टीवी देखने लगे. रात 11 बजे छोटी बहन वर्षा सो गयी थी. मैंने टीवी बंद की और भैया के रूम में गई दवा लेकर गयी.

भैया जाग रहे थे. मैं बोली – मेरे प्यारे भैया आप अभी जाग रहे हैं. मैं आपको दवा लगा देती हूं. आप पेन्ट उतार दीजिए.

अधिक कहानियाँ : लेडी डॉक्टर रूही की चूत चुदाई

“दीदी मुझे शर्म आती है. तुम मुझे दवा लगाओगी?”

“हाँ..”

“नहीं मैं माँ से ही लगवाऊँगा, मुझे शर्म आती है दीदी.”

मैं बोली – भैया माँ मुझे बोल कर गई हैं. मैं ही लगाऊंगी, तुम आँखें बंद कर लो. मैं लगा दूंगी, ठीक है.. जब तक मैं ना कहूँ, तब तक खोलना नहीं.

भैया राजी हो गए और मैंने उनकी पेन्ट उतारी, लंड पे तेल लगा कर मालिश करने लगी.

लंड खड़ा हो गया, मुझे भी चुदास चढ़ने लगी. मैंने देखा भैया की आँखें बंद हैं. मैंने अपने ऊपर का टॉप उतार दिया और एक हाथ से अपने चूचे मसलने लगी. लंड देख कर मुझे ठरक चढ़ने लगी और मेरी चूत में जलन होने लगी. आप यह बहन की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे। मैं अपनी पेन्ट के ऊपर से अपना हाथ डाल कर अपनी चूत में उंगली करने लगी. एक हाथ से लंड की मालिश करने लगी. फिर हाथ से भैया के आंड को छुए, भैया को दर्द हुआ तो भैया ने अचानक आँखें खोल दीं और मुझे देखा तो मेरे हाथ मेरी पेन्ट में थे. मैंने जल्दी जल्दी हाथ निकाला और लंड की मालिश करने लगी.

भैया बोले – दीदी तुमने ऊपर का कपड़ा क्यों उतार दिया?

मैं बोली – भैया मुझे गर्मी लग रही है, इसलिए उतार दिया.

उसने कहा – दीदी तुम अपनी पेन्ट में हाथ डालकर हिला क्यों रही थीं?

मैं बोली – अभी आई भैया.

मैं बाथरूम से मेरी पीरियड वाली पेन्टी ले आई और भैया को हाथ में दी. वो बोले – क्या है ये? खून इतना खून कहाँ से आया?

मैं बोली – मुझे भी पैरों के बीच गहरी चोट लगी है, इसलिए मैं भी मेरी पेन्ट में हाथ डालकर दवा लगा रही थी.

वो बोला – तुम्हें ये चोट कैसे लगी दीदी?

मैंने कहा – बाथरूम में साबुन पे फिसल गई और नल पे जा गिरी, नल मेरी टांगों के बीच में चिर कर अन्दर तक जा लगा. नल तो निकल गया, पर जखम नहीं भरा. तुम्हें देखना है?

मैंने झट से अपनी पेन्ट उतारी दी और मेरी पेन्टी भी. मैं बोली – भैया बहुत दर्द होता है. भाई मेरी चूत देखने लगा.

मैंने कहा – भैया मुझे भी आप दवा लगा देंगे?

भैया बोले – हाँ दो, लगा दूँ.

मैं चूत फाड़ कर भैया के सामने बैठ गई. भैया ने मेरी चूत पर तेल रगड़ा और उंगली से अन्दर बाहर करने लगा. मुझे तो अच्छा लगा.

मैं बोली – और अन्दर तक तेज से करो.. मजा आ रहा है भाई..

मुझे भाई का लंड लेना था. मैंने सोचा क्या करूँ. मैं बोली – भाई दर्द बहुत अन्दर हो रहा है. आप और उंगली घुसाओ.

भैया बोले – पूरी उंगली डाल दी दीदी.

मैं बोली – भैया अन्दर कुछ और डालो, जो उंगली से बड़ा हो.. तभी अन्दर तक दवा लगेगी.. ये मुकाम तक पहुँची ही नहीं है.

भैया सोच में पड़ गए कि क्या डालूँ.

मैं बोली – भाई आपक़े सूसू के ऊपर में दवा लगा दूँ, फिर मुझे आप लगा देंगे ना.

भैया का लंड ढीला पड़ गया था. मैं बोली भैया पहले मैं आपकी सूसू बड़ा कर दूँ.. फिर अन्दर तक पहुँच जाएगा.

मैंने भैया का लंड पकड़ा और मुंह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. लंड खड़ा हो गया मैं और चूसने लगी.

भइया बोले – मुझे सूसू में गुदगुदी हो रही है.

मैं बोली – भैया थोड़ी देर और..

मैंने पूरा लंड निगल लिया और भैया ने कहा – आह.. मुझे पेशाब लगी है.

मैं बोली – भैया तुम मुँह में कर दो.

भैया ने पेशाब कर दी, मेरे मुँह में पूरा भैया का लंड था. मैंने निकाला नहीं. मेरे नाक से पेशाब निकलने लगी. मैंने थोड़ी सी पेशाब पी, मुझे अच्छी लगी भैया के मूत का अच्छा स्वाद था नमकीन..

फिर लंड पर तेल लगाकर बोली – भईया अब सूसू को मेरी सूसू में डालिये.

मेरे भोले भैया ने अपनी बहन की चूत पर लंड रखा और एक ही धक्का मारा आधा लंड अन्दर चला गया. मेरी जोर से चीख निकल गई, आंसू भी निकल आए. कितने महीनों से किसी का लंड अन्दर जो नहीं गया था. मेरी प्यारी सी चूत टाईट हो गई थी.

अधिक कहानियाँ : लीना के साथ मेरी पहली चुदाई

भैया डर गए और लंड निकाल दिया. मैंने कहा – भैया निकालो नहीं.. वो तो मुझे पलंग में कोना लगा था, इसलिए मेरी चीख निकल गई.

भैया मेरी तरफ देखने लगे.

मैंने कहा – भैया आराम से अन्दर डालिये.

तभी मुझे दरवाजे पर कोई है ऐसा लगा. मैंने कहा – जरा रुकिए भैया, मैं बाहर सूसू करके आती हूं.

मैंने हॉल में जाके देखा कोई नहीं था. फिर मेरी छोटी बहन वर्षा के रूम में जाकर देखा, वो भी सो रही थी. रात के 1 बजे थे.

मैं वापस अन्दर आई और अपनी टांगें उठा के भैया से कहा- भैया अब डालो.

मेरे भोले भैया ने फिर से लंड डाला. एक बार में आधा घुस गया. मैंने कहा – और अन्दर डालो.

भैया ने फिर धक्का दिया, पूरा लंड मेरी चूत में समां गया. मुझे थोड़ा दर्द हुआ पर मैं सह गई. लेकिन भैया भोले थे, लंड डालकर पड़े थे. मैं बोली – भैया अन्दर बाहर करो.. आप यह बहन की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे। तभी तो अन्दर मालिश होगी ना.. तब ही दवा अन्दर लगेगी.

तो उसने पूरा लंड बाहर निकाल दिया फिर डाला स्लोमोशन में.. मुझे मजा नहीं आ रहा था.

मैं बोली – आप नीचे हो जाओ, मैं आपके ऊपर बैठ जाती हूं.

शायद उसे भी अच्छा लग रहा था. वो नीचे हो गए, मैं भैया के ऊपर चढ़ गई. मैंने अपनी चूत पर थूक लगाया और लंड पर बैठ गई. फिर मैं अपने चूतड़ हिलाने लगी, भैया का पूरा लंड लेने लगी. मुझे चुत में जन्नत का मजा सा अनुभव हुआ.

फिर भैया बोले – मुझे सूसू पर गुदगुदी हो रही है.

तभी उनकी वीर्य की गरम गरम जोर से पिचकारी छूटी जो मेरी चूत की दीवारों से टकराई.

वो थक से गए और बोले – मुझे अब सोना है दीदी.. अब मुझे दर्द हो रहा है.

मैं बोली – होने दो.

मैं और जोर से गांड हिलाने लगी. अब मेरे मुँह से खुद ब खुद कामुक आवाज निकलने लगीं – मह्ह्ह् मह्ह्ह्ह् अह्ह्ह अह्ह्ह..

थोड़ी देर “उम्म्ह… अहह… हय… याह…” हुई और मेरा भी काम हो गया.

मैंने सोचा लड़कियां गांड में कैसे लेती हैं, ये भी ट्राय करके देख लूँ आज मौका है. मैंने अपनी गांड पर थूक लगाया और धीरे धीरे लंड पर बैठने की कोशिश की. पर लंड गया ही नहीं, शायद कभी गांड मरवाई ही नहीं इसलिए छेद बहुत छोटा था.

अब 2 बज गए थे. मैंने कहा – भैया आपको मजा आया?

भैया बोले – दीदी तुम्हें दवा अन्दर तक लग गई?

मैं बोली – हाँ एकदम अन्दर तक..

वो बोले – अब साबुन का ख्याल रखना. बाथरूम में अंधी होके फिर से नलके के ऊपर मत गिरना.

मैंने कहा – नहीं गिरूँगी, अब ख़्याल रखूंगी.

मैंने कहा – भैया ये किसी से कहना नहीं.

भैया बोले – क्या..?

मैंने कहा –  “वो आपने जो दवा लगाई उसके बारे में..”

भैया बोले – मैं क्या पागल हूं कि सबसे कहता फिरूंगा कि मेरी बहन की सूसू में मैंने दवा लगाई.

मैंने कहा – मेरे प्यारे भैया सो जाओ.

मैंने बाथरूम में जाके चूत धोई अच्छी तरह से झुक कर नलके से चुत लगाई और नल चालू किया. प्रेशर से पानी चूत में भर गया और उंगली से साफ की, फिर चुत पर लगी सब मलाई बाहर निकाल दी. प्रेगनेंसी का खतरा में नहीं लेना चाहती, फिर जाके वर्षा के पास सो गई.

सुबह मैं उठी तो वर्षा स्कूल जा चुकी थी. मैं अपने काम में लग गई, फिर खाना बनाया. दोपहर को वर्षा वापस आई और खाना खाकर बोली – मुझे सर में दर्द है मुझे नींद आ रही है.

बेडरुम में जाकर वो सो गई. उसने यूनिफार्म भी नहीं बदला. मैंने खाना खाया और सोचा थोड़ा आराम कर लूँ. मैं बेडरूम में गई तो वर्षा सोई हुई थी.

उसकी यूनिफार्म का स्कर्ट ऊपर था जिससे पेन्टी साफ दिख रही थी. वो भी जवानी की दहलीज़ पर थी. मैंने सोचा देखूँ तो सही कि छोटी बहन कितनी जवान हुई है.

मैं उसके पास सो गई और उसकी ड्रेस को थोड़ा ऊपर किया और बहन के स्तन पर हाथ फेरा. संतरा के आकार से थोड़े छोटे थे, नींबू से बड़े.. चीकू समझ लीजिएगा. फिर मैंने थोड़ा निप्पल को धीरे से दबाया, कुछ हरकत नहीं हुई, वो गहरी नींद में थी. फिर मैंने उसके दोनों स्तनों को दबाया, अब भी कुछ हरकत नहीं हुई. वो बहुत गहरी नींद में थी.

अधिक कहानियाँ : वर्जिन गर्लफ्रेंड की शोरुम मे चुदाई

फिर मैंने उसके होंठों को किस किया, कुछ भी रिस्पॉन्स नहीं था. मैंने उसकी पेन्टी निकाली और उसकी चूत पर हाथ फेरा. चुत पर अभी छोटे छोटे बाल आये ही थे. मैं उसकी नन्ही सी अनचुदी चूत को मसलने लगी तो उसकी सांसें तेज हो गईं. फिर गांड पर हाथ फेर कर देखा, बिल्कुल छोटी सी थी. मैंने एक अपनी उंगली उसके मुँह में डाली और गांड के छेद में रगड़ने लगी. धीमे धीमे अन्दर डालने लगी. उंगली आधी डाल दी तो वो हिलने लगी.. मैंने झट से निकाल ली. सोचा जग जाएगी.

फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो चूत में पहले से पानी था.. मैं समझ गई कि मेरी बहन जाग रही थी और मजे ले रही थी. साली सोने का नाटक कर रही थी. मैंने जोर से गांड में उंगली घुसेड़ दी. वो चीख पड़ी और उठ कर बोली – दीदी तुम भी ना मुझे सोने क्यों नहीं दे रही. रात को भी भैया से साथ और दिन को मुझे..

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

आप यह बहन की चुदाई कहानी इंडियन एडल्ट स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हे। मैं तो एकदम से चौंक पड़ी. मैं बोली- रात को? क्या रात को..??

वो बोली – दीदी मुझे सब पता है. रात को 11 बजे से 2 बजे तक मैंने सब सुना भी और सब देखा भी.. भैया को आपने दवा लगाई और भैया ने आपको.. वो भी लंड से..

कमाल है.. मैं तो वर्षा को देखती रह गई.. यह सुन कर में बहुत खुश हो गयी क्योकि मुझे घर में ही दो चुदाई के खिलोने मिल गए थे। इसके बाद मेने कई बार भैया से बहाना बना के चुदवाया है और अपनी छोटी बहन को तो में नोच नोच कर लेस्बियन सेक्स करवाती हु। सच में ज़िदगी के मज़े फिर से चालू हो गए।

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • Didi ke Sath Bus me Chedkhaniya

    Didi ke sath Bus me Hawas bhara Safar – Part 1

    Didi ke sath Bus me Safar ke Doran, mujhe esa kya hua ke mene apni hi didi ke sath chedkhaniya suru kardi. Padhiye is haws bhari didi ki chudai kahani me.

  • नीलू की कुंवारी गांड चुदाई

    मेरी कुंवारी बहेन नीलू की चुदाई – भाग २

    नीलू की कुंवारी चूत चोदने के बाद अब मुझे उसकी गांड मारनी थी. मेंने भी उसे इमोशनल ब्लैकमेल करके उसे गांड चुदाई के लिए तैयार किया.

  • Meri bahan Suman meri girlfriend ban gayi

    Dosto, Ye kahani tub ki he jub meri bahen ka medical ka exam tha. Ghar ke sare log busy hone ke karn mujhe bahen ke sath exam center wali city jana pada. Kyoki meri koi girlfriend nahi thi, is liye mene apni bahen pe try mara. Aur aage kya aur kese hua?

  • Sissy Slave of my Twin Sister

    Read in this Erotic Incest sex story, How I became slave of my Sister & she made me fuck my sissy Ass with her Boyfriend.

  • Didi ki Bra Panty ki Shopping

    Didi ke sath Bus me Hawas bhara Safar – Part 5

    Bus se uter ke bhai bahen ko apni hawas bhari galti ka ehasas hua par hawas ke aage kiski chalti he aur dono apni hawas mitane kahi aur chal diye.

आपकी सुरक्षा के लिए, कृपया कमेंट सेक्शन में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी ना डाले।

Leave a Reply