(Policewale ki Biwi ko Choda)

पुलिस वाले की बीवी को चोदा

मैं २२ साल का कुंवारा हूं। मैं ने फर्गुसन कालेज में बी.एस.सी की है। मेरा निक नाम सेम है। मैं हिंदु हूं। मैं पुने का रहने वाला हूं। पुने में चवन नगर पुलिस कोलोनी में रहने वाला हूं। तो मैं आपको मेरी पहली स्टोरी और पहली ही हकीकत मेरे साथ घटी हुई है, वो मैं आप को बता रहा हूं। ये कोई झूठ कहानी नहीं बल्कि मेरे साथ घटी हुई घटना है।

हमारे डैडी पुलिस में हेड कांस्टेबल है। पुलिस कोलोनी दो मंजिल की है करीबन उस कोलोनी में ४८ खोलियां है। हमारी खोली २१ की थी और २२ नम्बर में पाटिल (पुलिस – हमारे पड़ोसी) रहते थे और उनकी पत्नी और उनकी एक ५ महीने की छोटी बेटी, ऐसा परिवार था। उनकी पत्नी बहुत ही सुंदर थी (उनकी फ़ीगर मानो प्रीति ज़िंटा की तरह थी) और उनका चेहरा काफ़ी गोरा था। उनकी उमर शायद २३-२४ के बीच थी। तो हम सब यानि वहीं के सारे पुलिस और उनकी फ़ैमिली एक दूसरे के सम्बन्धी के तरह थे यानि रिलेशन बहुत अच्छा था।

ये घटी हुई कहानी २ साल पहले की है। जब हमारे पड़ोसी मिस्टर पाटिल ६ दिन के लिये पंढरपुर बंदोबस्त चले गये थे, इसलिये उनके यहां कोई मर्द नहीं था। इसलिये उन्होने मेरे मम्मी को मुझको उनके यहां सोने के लिये भेजने को कहा। हमारे यहां ऐसा ही होता है, यानि किसी के घर में से कोई पुलिस (मर्द) किसी बन्दोबस्त या ड्युटी पे जाता है, तो किसी के घर में रहने वाला यानि अच्छे कल्चर के उमर में काम वाले लड़के को सोने के लिये बुलाया जाता था।

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इसी तरह एक दिन (मैं उनको पाटिल मामी कह कर बुलाया करता था।) पाटिल मामी ने मेरे मम्मी को मुझे उनके यहां सोने के लिया भेजने को कहा। मम्मी फ़ौरन राजी हो गयी क्योंकि वो भी नेक इरादे की थी, इसलिये फ़ौरन तैयार हो गयी। तो मैं कॉलेज से प्रैक्टिकल करके वापस आया और खाना खाकर पढ़ाई करने लगा, तो मम्मी ने कहा कि पाटिल मामी के यहां कोई नहीं है इसलिये वहां तुम्हे सोने के लिये जाना है। तो तुम वहीं जाकर पढ़ाई करो, क्योंकि उन्हे सोना होगा तेरे लिये जागना पड़ेगा। तो मैं अपना बेग लेकर उनके घर में चला गया।

तब पाटिल मामी खाना खा रही थी। तो उन्होने मुझे खाना खाने के लिये बुलाया, लेकिन मैने उन्हे कहा कि मैं अभी अभी खाना खा कर आया हूं और आप खाना खा लीजिये मैं पढ़ाई करता हूं। तो उन्होने कहा ठीक है। फिर उन्होने खाना खा कर अपनी बेटी को कोमप्लैन पिला के उसको पालने में सुलाया। फिर बाद में उन्होने बिस्तर लगाने के लिये मुझे मदद के लिये बुलाया। तो मैं उन्हे मदद करने गया। जब बिस्तर लगाते वक्त वे झुक जाती थी तब उनके ब्रेअस्ट का गैप दिखाई दिया। मैं मर्द होने के कारण वो नजारा देख कर प्रेरित हो गया। लेकिन फिर मैने आपने आप को कंट्रोल कर के पढ़ाई करने लगा। पढ़ाई करने के बाद मैं उनके पास सोने गया वो जाग रही थी। मैं सोने के लिये बिस्तर पे लेट गया। तब उन्होने कहा कि हो गयी क्या पढ़ाई? तब मैने कहा हो गयी।

कुछ देर तक हम टीवी देखते रहे फ़िर बाद में यानि करीब १२.१५ बजे के वक्त टीवी बंद करके सोने लगे, लाइट ओन थी। इसलिये मुझे नींद नहीं आ रही थी। मुझे तो उस वक्त उनकी ब्रेअस्ट के अलावा कुछ भी सूझ नहीं रहा था। फ़िर बड़ी मुश्किल से नींद लग गयी। सुबह होने पर पाटिल मामी मुझे जगाने लगी थी। जब वे मुझे जगा रही थी, उस वक्त जब मैं जाग गया तो फिर से उनके ब्रेअस्ट का गैप दिखाई दिया। वो हमेशा की तरह बहुत खूबसूरत नजर आ रही थी। और फिर मैं उठ कर अपने घर जा कर तैयार हो कर कोलेज चला गया।

हमेशा की तरह पहला लेक्चर मथस का था (मेरा ग्रुप मथस था)। जब मथ्स के टीचर (देसाई) पढ़ा रहे थे उस वक्त मेरा ध्यान लेक्चर पे लग नहीं रहा था, क्योंकि मेरे सामने सिर्फ़ उनकी तस्वीर नजर आ रही थी। जब देसाई सर को पता चला कि मेरा ध्यान लेक्चर पे नहीं है तो वे बोले – तुम्हारा ध्यान आज कहां है! तबीयत ठीक नहीं है क्या?

तब मैने कहा – हां सर, आप मुझे थोड़ी सी वीकनेस लग रही है।

तब सर ने कहा – तो तुम घर जाकर आराम क्यों नहीं लेते?

मैं कोलेज में होशियार था। इसलिये उन्होने मुझे बेड रेस्ट लेने के लिये कहा। फ़िर मैं मथस का लेक्चर खत्म करके दो दिन की छुट्टी ले कर घर चला गया।

तब मम्मी ने पूछा – आज जल्दी कैसे घर आ गये?

तब मैने मम्मी को कहा – आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है, इसलिये मैं दो दिन कि छुट्टी लेकर कोलेज से वापस आया हूं।

फिर रात को खाना खा लेने के बाद मम्मी ने कहा – आज तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है, तो सोने के लिये मत जाओ।

लेकिन मैने मम्मी से कहा – मैं अब अच्छा महसूस कर रहा हूं और वहां भी तो सोने ही जा रहा तो फिर मैं यहां सो जाउं या फिर वहां सोउं बात तो एक ही है न, और तो और उनके यहां कोई नहीं है इसलिये वो डर जायेंगी।

फिर मम्मी ने जाने के लिये कहा तब उनके यहां सोने के लिये गया।

जब मैं उनके यहां सोने के लिये गया था तब उनकी बेटी सो चुकी थी और पाटिल मामी टीवी देख रही थी। जैसे ही मैं अंदर गया, तब मामी ने पूछा – क्या तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है न।

तब मैने कहा – कुछ नहीं थोड़ा सी वीकनेस लग रही थी।

तब मामी आगे बढ़कर मेरे सामने आ कर मेरे माथे पर छुआ, तो मेरे शरीर में अजीब सी रोशनी जगमगायी। फिर बाद में हमने बेड लगाया, तब हमेशा की तरह बेड लगाते वक्त उनकी ब्रेअस्ट की गैप दिखाई दी। और फिर मैं हैरान हो गया। जब हम बेड पर लेट गये तब उनको नींद लग गयी, लेकिन मुझे नींद नहीं लग रही थी।

फिर मैने थोड़ी देर के बाद जान बूझ कर नींद का नाटक करके उनके बूब्स (चूची) पर रख दिये, तो मैं अच्छा महसूस कर रहा था। उनकी चूची तो बहुत ही टाइट थी और उनकी चूची का निप्पल तो मुझे खुन्नस दिखा रहा था। थोड़ी देर के बाद मैने अपने पंजे को उनके चूची को कपड़ों के उपर के ही रगड़ रहा था तब वो जाग आ गयी। और मेरे तरफ़ देखा मैं नींद का नाटक कर रहा था। तब उन्होने मेरा हाथ उनके चूची के उपर से हटाया और फिर सोने लगी।

जब मैं सुबह उठ गया तब मामी ने मुझे कहा – कल रात तुम सोते वक्त क्या कर रहे थे?

तब मैने कहा – मुझे कुछ भी मालूम नहीं है।

तब मामी ने कहा – कुछ नहीं मुझे लगा कि तुम कहीं बीमारी के वजह से तड़प तो नहीं रहे थे। क्योंकि तुम नींद में तड़प रहे थे इसलिये पूछा।

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दूसरी रात को जब मैं सो गया, तो मेरा आज हिम्मत भी नहीं थी कि उनकी चूची पे हाथ रखने को। फिर जब मैं सुबह जल्दी उठ कर मुंह धोने के लिये बाथरूम जाने लगा, तब बाथरूम जाते वक्त उनका किचन लगता हुआ तो मैने किचन में मामी को कपड़े पहनते वक्त देख लिया। मामी निक्कर पहने हुई थी और ब्रा पहनने वाली थी कि मुझे उनकी चूचियां दिखाई दी। फिर उनका भी ध्यान मेरे तरफ़ गया तो वो अपने आप को साड़ी में लपेट कर दरवाजे की तरफ़ आने लगी, तब मैने अपनी दोनो आंखें बंद कर दी। इसलिये उनको लगा कि मैं बाथरूम जाते वक्त वो मुझे दिखाई दी और मैने जल्दी से अपनी आंखें बंद कर दी होंगी, इसलिये वो मुझे बहुत ही भला समझ बैठी। लेकिन मैने तो मन भर कर खूबसूरत नजारा देखा था।

फिर अगली रात को हम हमेशा की तरह सोने लगे, तो मामी कहने लगी – तुम्हारे अलावा कोई और होता तो मुझे उस हालत में देख कर जाने क्या कर बैठ जाता, लेकिन तुमने तो अपनी दोनो आंखें बंद कर दी। मुझे माफ कर दो कल जो मैने तुम्हे पूछा था कि तुम नींद में क्या कर रहे थे? तो तुमने कहा था कि मुझे कुछ मालूम नहीं है। तो मैने कहा था कि तुम शायद बीमारी की वजह से तड़प रहे हो। वो सब मैने तुमसे झूठ कहा था, क्योंकि कल रात तुम्हारा हाथ मेरे चूची पर था इसलिये मैने ऐसा पूछा था, लेकिन तुम तो बहुत हो नेक इरादे के हो मुझे माफ कर दो। तब उनके मुंह से उनकी ही चूची का शब्द सुनकर मेरे शरीर में एक गुदगुदी सी फ़ैल गयी।

फ़िर हम सो गये, उसके अगले दिन एकदास की छुट्टी थी इसलिये मैं घर में ही था। तब दोपहर के १२.३० बजे मम्मी और मेरा छोटा भाई (उमर में २ साल छोटा) बाज़ार के लिये गये थे और डैडी ड्युटी पे गये थे। उस वक्त घर में कोई भी नहीं था, इसलिये मैं कंप्यूटर पे एक स्टोरी पढ़ने लगा (बहन के साथ चूदाई की स्टोरी थी) पढ़ते समय मुझे कुछ खाने का मन किया इसलिये मैं चाय बनाने के लिये अंदर (किचन) चला गया तो उसी वक्त पाटिल मामी आयी, और उन्होने मम्मी को हांक मारी तो मैने अंदर से ही मम्मी बाज़ार गयी है ऐसा कहकर उन्हे चाय के लिये रुकने को कहा। तब वे मेरे कम्प्यूटर के पास आकर वो कहानी पढ़ने लगी। और जब मैं चाय लेकर आया तो वो हिचकिचा गयी और ऐसा बीहेव किया कि उन्होने उसे पढ़ा ही न हो।

फिर हम ने चाय पी तब मैं टीवी देखने लगे और मामी को टी वी देखने के लिये कहा और मैं कप धोने के लिये अंदर चला गया तब मैने उनके कप में थोड़ी सी बची हुई चाय डालकर पी ली तो मानो चाय नहीं मैं उनके बूब्स का दूध ही पी रहा हूं ऐसा मुझे एहसास हुआ। और मैं जान बुझ कर बाहर जाने के लिये देर करता रहा क्योंकि मामी टीवी नहीं देख रही थी, बल्की वो तो उस कहानी को ध्यान से पढ़ रही थी इसलिये मैं देर करता रहा फिर मैं २५ मिनट के बाद बाहर आया तो उन्होने वो कहानी पढ़कर खत्म कर ली थी। और उनका चेहरा खुश नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि उनको ऐसी कहानियां और पढ़नी थी लेकिन उनको कोम्पुटर के बारे में कुछ भी पता नहीं था इसलिये उन्हे दूसरी कहानी ओपन करनी नहीं आयी।

फिर वो अपने घर चली गयी। जब मैं उस रात को उनके घर सोने के लिये चला गया तो हम बिस्तर लगाके सोने लगे तो मामी ने कहा – तुम मुझे जैसे लगते हो वैसे तो तुम हो नहीं।

तो मैंने कहा – क्या मतलब?

तो मामी ने कहा – तुम कंप्यूटर पे क्या पढ़ रहे थे?

तो मैं बोला – वो, वो तो मेरे दोस्त ने मुझे एक वेब साईट बताई और उसमें से उस कहानी को पढ़ने के लिये कही. लेकिन मैने तो इसे पढ़ी तक नहीं क्या आपने पढ़ी है क्या?

तो मामी बोली – तभी तो तुम ऐसे कैसे कर सकते हो?

फ़िर मैने पूछा – क्या आपने ये कहानी पढ़ी है?

तो मामी बोली – हां लेकिन तुम मत पढ़ना बहुत बेकार कहानियां है ये।

तब मैने कहा – अच्छा।

फिर हम सोने लगे, लेकिन मामी को उस कहानी को पढ़ने से नींद नहीं आ रही थी। थोड़ी देर के मैने सोने का नाटक किया, क्योंकि मुझे मालुम था कि आज कुछ न कुछ होने वाला है। फिर उसी मुताबिक ही हुआ मामी ने हल्के से मेरे सीने पे हाथ रखा और फिर ५ मिनट के बाद उन्होने अपना हाथ मेरे लंड के पास लाया और चुपचाप रह गयी। फिर ५-१०मिनट के बाद उन्होने हल्के से उठ कर मेरे गाल पे किस किया, तो मेरा लंड टाइट हो के तैयारी में था। अचानक मैं हिल गया क्योंकि उनका हाथ मेरे लंड पे था और मैं हिल नहीं जाता हो मेरा लंड टाइट हो गया है ये उनको मालुम हो जाता और वो समझ जाती कि मैं सो नहीं रहा हूं। फिर थोड़ी देर के बाद मामी ने मेरे लिप्स पे अपने लिप्स रखकर हल्के से किस करने लगी। तो मैने अचानक अपनी दोनो आंखें खोली तो मामी शरमा कर बाजु हट गयी। तब मैं मामी के गाल पे मेरा हाथ रखकर उनके गाल पे फेरने लगा।

तो वो गरम होने लगी और मैं भी गरम होने लगा और मेरा लंड पूरा (९ इंच) का टाइट हो गया और फिर मैं उनके गाल पे हाथ फेरते फेरते उनके लिप्स पे आ गया और उनके लिप्स पे मेरा हाथ रगड़ने लगा तो वो सिसकारियां भरने लगी। फिर मैं जरा सा उनके करीब गया और उनके गाल पे किस करने लगा। ऐसे करते करते मैं उनके लिप्स पे मेरे लिप्स रख कर किस करने लगा। उनके लिप्स तो बहुत ही नरम थे और उनके मुंह से गरम भाप निकल रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद मैं उनके गर्दन और पीठ पे जीभ फिराने लगा तब वो बहुत ही गरम हो गयी। फिर मैं जीभ फेरते फेरते एक हाथ उनके ब्लाउज़ के अंदर डाल कर उनके चूची को मसलने लगा। तो उन्होने मेरा हाथ बाहर निकलना चाहा, तो मैने अंदर की ब्रेसिअर को पकड़ के रखा तो उन्होने मेरा हाथ छोड़ दिया।

थोड़ी देर के बाद मैं फिर से उनकी चूचियां मसलने लगा। इस बार उन्होने मेरे हाथ को हटाने की कोशिश नहीं की बल्कि वो तो मजे लेने लगी थी। ऐसे ही हम आधे घंटे तक मजे लेते रहे। फिर थोड़ी देर के बाद मैं उनके ब्लाउज़ के बटन खोलकर ब्लाउज़ उतार डाला और फिर मैने उनका ब्रेसिअर भी उतार डाला। उनकी चूचियां मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। इसलिये उन्होने अपने दोनो हाथों को चूचियों पर रखकर चूचियां छिपाने लगी, तो मैने २ मिनट के बाद फिर से उनके लिप्स पे किस करना चालु किया। तो थोड़ी देर के बाद उन्होने अपना हाथ चूचियों पर से हटा दिया। फिर मैं उनके चूचियों के तरफ़ मुड़कर उनकी चूचियां चूसने लगा। उनकि चूचियां बहुत टाइट और रसीली थी। मैं एक एक करके उनकी चूचियां चूसता रहा। फिर चूचियां चूसते चूसते मैं उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट खीचने लगा। तो उन्होने मुझे मना किया तो मैं रुक गया और उपर से ही उनके चूत को मसलने लगा। तब वो गरम होने लगी और खुद ही उन्होने मुझे पेटीकोट उतारने में मदद की। अब वे सिर्फ़ निकर में थी फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मैने उतार डाली।

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अब वे मेरे सामने पूरी नेकेड (नंगी) थी। फिर मैं उनके चूचियों का चूसना बंद करके उनके चूत को चूसने के लिये मैने अपना मुंह उनके चूत पे रखा। तो उनके मुंह से इशह्हह्हह्हह्हह्ह अहह्हह्हह्ह ओह्हह्हह्ह इसे शब्द निकलने लगे। तो मैं और उत्तेजित हो गया और उनकी चूत को चाटने लगा तो वो सिसकारियां भरने लगी। फिर मैने अपनी उंगली को उनके चूत में घुसायी, तो उन्होने अपने दोनो टांगे टाइट कर दी तब मेरी उंगली उनकी चूत में फ़िट हो गयी और मुझे उनके चूत में उंगली को अंदर बाहर करने में दिक्कत हो लगी थी। और दूसरी तरफ़ मामी सिसकारियां भरने लगी थी।

ऐसे आधा घंटा करने के बाद मामी ने मुझे कहा – अब मुझसे बरदास्त नहीं हो रहा है। जल्दी से कुछ करो!

तो मैने मामी की चूत चूसने को छोड़ दिया और अपने आप पे कंट्रोल करके बाजू हट गया।

तो मामी बोली – क्यों, क्या हुआ?

तब मैं बोला – मामी आज नहीं कल करते हैं।

तो मामी बोली – क्यों कल क्यों आज क्यों नहीं?

तो मैं बोला – मामी हम आज अनसेफ़ है। अगर इसी हालत में कुछ किया, तो हम दोनो को भी बड़ी बीमारी लग सकती है।

तो मामी बोली – तो हम आगे कुछ नहीं कर सकते क्या?

तब मैं बोला – नहीं, हम आगे और भी कुछ कर सकते हैं।

लेकिन पूरी होशियारी के साथ, मामी बोली – मैं तुम्हारा मतलब नहीं समझी।

तो मैं बोला – हम जरूर करेंगे, पर कल कंडोम पहन कर।

तो मामी बोली – ऐसा क्या तू तो बहुत ही होशियार है।

मैने कहा – मामी हम अभी से ध्यान में रहकर मजे लेते रहे, तो हम सेफ़ रहेंगे न और मजे भी मिलेंगे।

तो मामी राजी हो गयी और कहा ओके गुड नाईट। मेरे हसबंड तो मैं आश्चर्य से उनके मुंह को देखने लगा। और थोड़ी देर के बाद हम दोनो कपड़े पहन कर सो गये।

फिर सुबह जल्दी उठकर मैं मामी को लिप्स पे किस किया और मामी को जगाया और हम दोनो बाथरूम गये। फिर मैने मामी को नंगा करके उनके चूत और बूब्स पे पेस्ट लगाके उंगली से घिसने लगा तो वो सिसकारियां भरने लगी। बाद में मैने उन्हे साबुन लगाया और उनकी चूचियों को घिसने लगा, तो वो मुझ से लिपट गयी। फिर थोड़ी देर के बाद मैने उनके चूत को साफ़ करने के लिये उनके चूत में उंगली डालते ही उनके मुंह से आईईईईईईईईईईईईईग की आवाज निकली। थोड़ी देर के बाद मैं उनको बाथ करके उन्हे कपड़े पहनाया और फिर मैने अपने घर आ कर स्नान किया और नाश्ता कर के कोलेज चला गया।

कोलेज से आते वक्त मैं मेडिकल जा कर दो कंडोम के पैकट ले लिया और घर आ गया। जब मैं रात को सोने जा रहा था, तब मैने धीरे से सग में से कंडोम की दोनो पैकट निकाल कर जेब में रख लिया और सोने चला गया। जब मैं पाटिल मामी के घर गया तो उनकी छोटी बेटी पालने में सो चुकी थी और पाटिल मामी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में ही थी। उनको उस हालत में देख कर, मैं उत्तेजित हो गया और उनको गोद में उठा लिया। ऐसे ही मैं उनको बेड पे लिटा दिया और जेब में से कंडोम निकाल कर एक कंडोम मामी के पास दे कर उसे छिपाये रखने के लिये कहा, क्योंकि कभी भी जरूरत पड़ सकती है इसलिये। मैने अपने सारे कपड़े उतार के कंडोम पहन लिया। और मामी को बिस्तर पे लिटा कर उनको नंगा कर के उनके चूचियों को चूसता रहा।

थोड़ी देर के बाद उनके चूत को चाटने के लिये मुंह लगाते ही सिसकारियां भरने लगी। जब मैं उनके चूत चाटता रहा, तब मामी ने कहा कि अब मैं प्रेसर में हूं। तो मैने अपना मुंह उनकी चूत पर से हटा कर झत से ही उनकी चूत पे मसलने लगा तो मामी झड़ गयी। फिर थोड़ी देर के बाद मैने अपना रुमाल निकाल कर उसे पानी में भिगोकर मामी की चूत को साफ़ कर दिया। और मैं किचन में जाकर फ़्रिज में से आइस ट्रे निकाल कर उसमे से दो तीन आइस के पीस निकल कर ले आया। और साथ ही फ़्रिज में रखा हुआ आइस-क्रीम ही लेकर आया। और जो मैने फ़्रिज से लाये हुये आइस के तुकड़े मामी के चूत में सरकाया, तो मामी चिल्ला उठी उनके मुंह से इशह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह की आवाज निकल पड़ी। उसके बाद मैने उनकी चूत में आइस-क्रीम घुसेड़ दी तो वो खड़ी हो कर चिल्लायी। और मुझ से कहा – क्या कर रहे हो? ऐसा कोई करता है भला। देख तेरे बजह से मुझे पेशाब आ गयी है, मैं अभी जाकर आती हूं।

तब मैने कहा – आप को पेशाब आई है, तो आप यहां पोजिशन ले के बैठिये और कर दीजिये।

तब मामी बोली – यहां कैसे कर सकती हूं? सारे कमरे में फ़ैल जायेगी।

फ़िर मैं बोला – आप पोजिशन ले लीजिये और मैं आप के नीचे सो जाता हूं और मैं सो गया फ़िर ओ मेरे मुंह के पास अपनी चूत सेट करके मेरे मुंह में पेशाब करने लगी।

हाय क्या स्वाद था! उसका स्वीट के साथ नमकीन भी था। इस से मुझ में स्फ़ूर्ति आ गयी और वहीं पे मैने मामी को लिटाया और उनके चूत पे मेरा टाइट लंड रखकर रगड़ने लगा। फ़िर ५ मिनट के बाद मैने एक स्ट्रोक लगाते ही मेरा लंड २ इंच अंदर जाते ही मामी चिल्ला उठी आईईईईइग उनके मुंह से सिसकारियां सुनकर मैं और मूड में आ गया। और मैने और जरा जोर का झटका लगाया तो मेरा लंड ३ इंच अंदर जाते ही, मामी तड़पने लगी उनके मुंह से आईईइ आईईईई ग्गग्गग्गग ऐसे सुर निकल पड़े।

मुझसे सिसकारियां भरते भरते ही कहने लगी – मुझसे बरदास्त नहीं हो रहा है प्लीज उसे बाहर निकालो न!

फिर मैं २ मिनट रुक गया, जब मैं समझ गया कि मामी अब शांत हो गयी हैं, तो मैने और एक जोर का झटका लगाते ही उनके चूत से ब्लड (खून) निकलने लगा। तो वो दर्द के मारे तड़पने लगी और मेरा विरोध करने लगी। तो मैने मैं उसे कहा कि प्लीज मामी ऐसे मत कीजियेगा वरना कंडोम अंदर ही फस जायेगा और फिर बड़ी मुसीबत हो जायेगी।

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तब मामी ने कहा – अभी क्या मुझपर कम मुसीबत आई है क्या? मेरा तो हाल बहुत बुरा हो गया है। फ़िर भी तुम करो मगर धीरे धीरे करो न!

फिर मैने मामी से कहा – मामी आपकी चूत तो बहुत ही टाइट है, इसलिये आपको इतना दर्द हो रहा है और मुझको आप के चूत में मेरा लंड डालने में दिक्कत आ रही है।

तो मामी बोली – मेरी चूत टाइट नहीं बल्कि तेरा लंड ही बहुत बड़ा है। क्या मैं इस से पहले अपने पति से नहीं चुदवाती थी क्या? तब तो मुझे इतना दर्द नहीं हो पाया था।

फिर मैने मामी से कहा – अच्छा ठीक है, अब आप कुछ देर तक ऐसे धक्के सहन कर लीजियेगा। बाद में आपको कोई परेशानी या दर्द नहीं महसूस होगा।

तो मामी बोली – तू तो मेरे चूत के आर पार लंड डाल के पीछे से ही बाहर निकालेगा। और जब मैं पेशाब करने लगूंगी तो मेरे आगे से और पीछे से भी फ़ौव्वारे निकालेगा तू।

तब मैने मामी से कहा – मामी अगर ऐसा हुआ तो आप जब भी पेशाब के लिये जायेंगी तो मुझे बुला लीजियेगा। मैं आप के पीछे मेरा लंड डालूँगा फिर आप सही तरह से पेशाब कर सकेंगी।

ऐसे कहते ही मैने मामी को और एक झटका लगाया, तो मेरा लंड ५ इंच उनकी चूत में चले जाते ही मामी दर्द के मारे चिल्ला उठी। और मुझे अपने शरीर से दूर ढकलने लगी। तो मैने मामी को जोर से मेरे सीने से दबोच के रखा और फिर मेरा बैक साइड पीछे लेकर और एक धक्का लगाया। मेरा लंड ५ इंच अंदर चले जाते ही मामी ने मेरे बाल खीच कर मेरा विरोध करने लगी। मैने अपने लिप्स उनके लिप्स पे रख कर किस करना शुरु कर दिया और साथ में ही चूचियों को मसलने लगा। तो मामी उत्तेजित हो गयी और मेरे बालो को छोड़कर किस करने में मेरा साथ देने लगी। तो मैने और एक झटका लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चले जाते ही मामी ने मेरे लिप्स को काटा।

फिर थोड़ी देर के बाद मैने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरु किया। कुछ ही देर में मामी मुझे साथ देने लगी। वो अपना चूतड़ उपर नीचे उठा कर साथ देने लगी। और कुछ ही देर के बाद मामी ने अपना सरा कम निकाल दिया मामी दो-तीन बार झड़ गयी। फ़िर बाद में मैं भी झड़ गया कुछ देर तक हम वैसे ही पड़े रहे। फिर आधे घंटे के बाद मैने मामी को उल्टा लिटाके उनके पिछवाड़े पे लंड रखकर रगड़ने लगा। फिर बाद में मैने मामी के चूतड़ के गैप में मेरा लंड रखकर एक जोरदार धक्का लगाया। तो मेरा २ इंच लंड अंदर चले जाते ही मामी दर्द के मारे चिल्लाने लगी तो मैने मामी का मुंह दबाके रखा तो मेरे हाथ को काटा।

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

और फिर मुझे बड़बड़ाने लगी – क्या आदमी है या जानवर! ऐसा हाल करते है क्या कोई औरत के साथ। अब फ़ौरन तुम्हारा लंड बाहर निकालो वरना अच्छा नहीं होगा।

तो मैं मामी से बोला – मामी मुझे माफ कर दीजिये, आइंदा मैं ऐसे बेरहमी से आपको नहीं चोदुंगा। आपको धीरे धीरे चोदुंगा सिर्फ़ एक मौका और प्लीज।

तो मामी तैयार हो गयी, फिर मैं मामी को धीरे धीरे धक्के लगाता रहा। लेकिन फिर भी मामी को दर्द हो रहा था। परन्तु मामी वो दर्द सहन कर रही थी। जब मेरा पूरा लंड उनके चूतड़ के छेद में चला गया, तो मामी के छेद में से खून बाहर आने लगा। फिर मैं थोड़ी देर तक धीरे धीरे धक्के लगाता रहा। कुछ ही देर में मामी के छेद में से रेड कम (खून कि वजह से) बाहर आने लगा। तो मैने थोड़ी सी स्पीड बढ़ा दी और मामी भी मुझे साथ देने लगी इस तरह हमने उस रात को फुक्किंग ( चूदायी) का मजा लिया और उसके बाद मैने मामी को पांच महीने तक और चोदा, जब तक मामा अपनी ड्यूटी से वापिस नहीं आगये।

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