बात तब की है जब मैं नई जॉब के इंटरव्यू के लिए पटियाला जा रहा था।
ट्रेन मैं एक लड़की मुझे दिखी दी जो बहुत देर से मुझे ही देख रही थी। वो अपने परिवार के साथ बैठी थी। क्या लड़की थी मानो आसमान से परी उतर कर आई हो ! क्या फिगर था उसका ! मैं तो सिर्फ़ उसे देखे जा रहा था और दिल कर रहा था कि अभी चोद डालूँ उसको।
वो भी मेरे को ऐसे देख रही थी जैसे वो मुझे खा जाएगी।
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लेकिन मेरी हिम्मत नहीं पड़ रही थी उसे ज्यादा देर तक लगातार देखने की, फिर भी मैं हिम्मत कर उसे देखने लगा।
कुछ देर बाद वो मुझे देख मुस्कुराई, तो मैं भी उसको देख कर मुस्करा दिया।
अब अम्बाला का स्टेशन आ चुका था। मैं पानी पीने के नीचे उतरा, वो भी अपने रिश्तेदारों के साथ नीचे आ गई ओर मेरे पास वाले नल से पानी पीने लगी।
उसके बाद उसने कैंटीन से कुछ खाने का सामान लिया और वापिस गाड़ी में चली गई।
कुछ देर बाद उसने मुझे इशारा लिया और खुद एक छोटी सी बच्ची के साथ टॉयलेट की तरफ चली गई। उसके इशारे के कारण. मैं भी थोड़ी देर बाद उसके पीछे चल दिया। वो टॉयलेट के बाहर इधर–उधर देख रही थी, बच्ची टॉयलेट में थी। मैं दरवाजे के पास खड़ा हो गया।
वो मुझसे बात करने लगी, वो बोली- मैं पटियाला जा रही हूँ, वहाँ मुझे लड़के वालों ने देखने आना है और वो एक होटल में ठहरे हैं।
वो बहुत ही चुड़क्कड़ किसम की लग रही थी. वो मुझसे बात कर रही थी और मेरा लण्ड खंबे की तरह खड़ा हो गया था, मेरा दिल कर रहा था उसे अभी ट्रेन में ही चोद डालूँ।
वो मेरे लण्ड की तरफ बड़े प्यार से देख रही थी और मुस्कुरा रही थी।
उसने मुझसे मेरा मोबाइल नम्बर लिया ओर बोली- तुम मुझ जरूर मिलना।
मैंने भी हाँ कर दी।
वो बोली- मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगी।
फिर मैं फ्रेश होने टॉयलेट गया और वापिस अपनी जगह पर बैठ गया।
अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी, मैने उसे बहुत इशारे किए और उसने भी। सारा सफ़र ऐसे ही चलता गया।
फिर वो अपने साथ के लोगों के साथ खाने खाने लगी। मुझे भी भूख लगी थी तो मैं राजपुरा प्लेटफ़ार्म पर उतरा और चाय के साथ ब्रैड लेकर वापिस ट्रेन मे आ गया। थोड़ी देर में पटियाला आ गया और वो फोन का इशारा करके चली गई। मैं भी अपने ऑफ़िस के काम पर चला गया। मैं अभी काम करके निपटा ही था कि उसका फोन आ गया, वो बोली- मुझे तुमसे मिलना है, तुम शाम तो फ्री हो?
मैंने हाँ कह दी और उसके होटल का नाम पूछा। उसने होटल का नाम और अपना कमरा नम्बर बताया। फिर उसी होटल में उसके पास ही मुझे कमरा मिल गया।
शाम के करीब 6 बजे थे, उसका फोन आया, बोली- मेरे कमरे में आ जाओ।
मैं भी देर ना करते हुए उसके कमरे में चला गया।
यारो ! वो क्या लग रही थी, एक दम परी ! या संगमरमर की मूरत ।
मैंने पूछा- बाकी लोग कहां हैं?
वो बोली- सभी लोग गुरुद्वारा साहिब गये हैं, मैं तबीयत ठीक ना होने का बहाना कर यहाँ रुक गई।
उसने मुझे बिठाया और खुद बाथरूम में चली गई। मैं भी उसके पीछे पीछे चल दिया, उसको बाथरूम में ही पीछे से पकड़ लिया और उसको चूमने लगा।
वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं उसको पागलों की तरह चूम रहा था, वो भी !
मैं उसके कपड़े उतारने लगा। वो भी बिना किसी हिचकिचाहट के मेरा साथ देने लगी। फिर हम 69 की अवस्था में आ गये और मैं उसके दाने को चाटने लगा।
पूरा कमरा उसकी आवाज़ से गूँज रहा था, वो मेरा लण्ड लॉलिपोप की तरह चूस रही थी।थोड़ी देर बाद वो झड़ गई पर मेरा लण्ड अभी भी उसके मुँह में था, थोड़ी देर बाद मैं भी उसके मुँह में ही झड़ गया लकिन वो मेरे लण्ड को वैसे ही चूस रही थी।
फिर से मेरा लण्ड तन कर तैयार हो गया था तो मैंने बिना वक़्त खोए उसकी टाँगों के बीच में रखा ओर ज़ोर का झटका दिया, मेरा लण्ड उसकी चूत में चला गया।
मैंने उससे पूछा- पहले किसी से सेक्स किया है?
वो बोली- मेरी चूत बिना लण्ड लिए शांत नहीं होती. इसी वजह से में हर दूसरे दिन किसी ना किसी से चुदती हु.
मैंने उसको आधा घण्टा चोदा, पूरा कमरा उसकी आवाज़ से गूँज रहा था. वो बड़े मज़े से मेरे लण्ड से चुद रही थी. यही हाल मेरा भी था, मुझे भी फ्री की रसीली चुत मिलके जन्नत का एहसास हो गया था.
में अपने मजे में उसे बिना बताए, उसके अन्दर ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया।
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फ़िर मैंने उसकी गाण्ड मारनी चाही तो उसने मना कर दिया, बोली- अभी मेरे घर के लोग आने वाले होंगे, अगली बार तुम जो मर्ज़ी करना और बोली- मैं दोबारा फोन करूँ तो आ जाना।
मैंने उससे दोबारा फोन पर बात करनी चाही तो उसने बताया कि उसकी शादी बंगलौर हो गई है।
सो फ्रेंड्स कैसी लगी आपको मेरी देसी चुदाई कहानी. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट सेक्षन मे ज़रूर लिखे, ताकि इंडियन सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियों का ये दौर आपके लिए यूँ ही चलता रहे. (sunny@indianadultstory.com)
Bhai Uska no de mai bhi milta hu use baki teri story Mast thi