(Maa ki Malish aur Chudai)

माँ की मालिश और चुदाई

हाय, मेरा नाम सुमित है। मुझे अभी तक यकीन नहीं होता जो मैं लिखने जा रहा हूं। 3 दिन पहले मेरे साथ ऐसा एक्सपेरिएंस हुआ जो मैं सोच भी नहीं सकता था।

हुआ यूं कि मेरी पूरी फ़ेमिली (मेरा संयुक्त परिवार है) किसी शादी पे दो दिन के लिये चली गयी। घर सिर्फ़ पापा, मम्मी और मैं था। सुबह पापा भी ओफ़िस चले गये।

मम्मी कामवाली के साथ काम करने लगी और मैं अपने कमरे मैं स्टडी करने चला गया। दोपहर करीब एक बजे कामवाली चली गयी। मैं स्टडी कर रहा था के मुझे मम्मी की आवाज़ आयी।

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

मैं कमरे के बाहर गया तो देखा कि मम्मी फ़र्श पर गिरी पड़ी थी। मैंने फ़ौरन जाकर मम्मी को उठाया और पूछा – क्या हुआ?

“फ़र्श पर पानी पड़ा था, मैंने देखा नहीं और गिर गयी!”

“चोट तो नहीं लगी?”

“टांग मुड़ गयी।”

“हल्दी वाला दूध पी लो!”

“नहीं, उसकी ज़रूरत नहीं। बस टांग में दर्द हो रहा है, लगता है नस पे नस चढ़ गयी है!”

“थोड़ी देर लेट जाओ!”

“मुझसे चला नहीं जा रहा, मुझे बस मेरे कमरे तक छोड़ आ!”

“आराम से लेट जाओ और अब कोई काम करने की ज़रूरत नहीं है।”

“हाय रे, टांग हिलाई भी नहीं जा रही।”

“मैं कुछ देर दबा दूं क्या?”

“दबा दे।”

मैंने टांग दबानी शुरू की। मैं पूरी टांग दबा रहा था, पैर से लेकर जांघ तक!

“कुछ आराम मिल रहा है?”

“हाँ”

“मेरे ख्याल से तो आप थोड़ा तेल लगा लो, जल्दी आराम मिल जायेगा।”

“कौन सा तेल लगाऊँ?”

“वो ही, जो बोडी ओयल मेरे पास है।”

“चल ले आ”

मैं अपने कमरे से जाकर तेल ले आया। मम्मी ने अपनी शलवार ऊपर उठा ली लेकिन वो घुटने से ऊपर नहीं उठ पायी। मैंने कहा “अगर आपको ऐतराज़ न हो तो मैं ही लगा दूं?”

इतने में फोन की बेल बजी। फोन पे पापा ने कहा कि वो आज खाना खाने नहीं आयेंगे।

“किसका फोन था?”

“पापा का था कि वो खाना खाने नहीं आ रहे!”

“अच्छा!”

“तेल लगा दूं?”

“लगा दे!”

फिर मैंने मम्मी के पैर से लेकर घुटने तक तेल लगाना शुरू कर दिया कुछ देर बाद मम्मी बोली “पर दर्द तो मेरे घुटने के ऊपर हो रहा है।”

“एक काम करते हैं। आप तांग के ऊपर कम्बल कर लो, मैं कम्बल के अन्दर हाथ डाल के आपके जांघ की मालिश कर दूंगा।”

“मैं खुद ही कर लूंगी।”

“मैं एक बार कर देता हूं आपको आराम जल्दी मिल जायेगा।”

“अलमारी से कम्बल निकाल के मेरे ऊपर कर दे।”

मैंने मम्मी के ऊपर कम्बल कर दिया। फिर मैंने कम्बल के अन्दर हाथ डाल के मम्मी की शलवार का नाड़ा खोला और शलवार घुटनों के नीचे सरका दी, मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। मैंने मम्मी की जांघ पर तेल लगाना शुरु किया।

“ऊऊओह…” मम्मी की जांघ का अनुभव बहुत ही मादक था।

“मम्मी कहाँ तक लगाऊँ तेल?”

“बेटे थोड़ा तेल जांघ पर!”

मैंने मम्मी की जांघ पर अंदर की तरफ़ तेल लगाना शुरु किया तब मम्मी ने अपनी टांगें थोड़ी फ़ैला ली। मैं तेल मलते हुए कभी कभी अपना हाथ मम्मी की पेंटी और चूत के पास फेरता रहा। मैं कम्बल में खिसक गया और मम्मी की टांगें अपनी कमर की साइड पे रख के तेल लगाता रहा।

“मम्मी, अगर आप उलटी लेट जाओ तो मैं पीछे से भी तेल लगा दूंगा।”

“अच्छा!”

“मम्मी शलवार का कोई काम नहीं है, इसे उतार दो!”

“नहीं, खोल के घुटनों तक सरका दे।”

“अच्छा।”

फिर मम्मी पेट के बल लेट गयी, अब मैं मम्मी की दोनों टांगों के बीच में बैठा हुआ था – मम्मी कुछ आराम मिल रहा है?

“हम्म!”

“मम्मी एक बात बोलूं?”

“हम?”

“आपकी जांघें सोफ़्टी की तरह मुलायम हैं.”

मम्मी इस पर कुछ नहीं बोली।

अधिक कहानियाँ : मम्मी की दमदार चुदाई

मैंने तेल मम्मी की हिप्स पर लगाना शुरु कर दिया – मम्मी आपकी हिप्स को छू के…

“छू के क्या?”

“कुछ नहीं!”

“बता न छू के क्या?”

“आपके हिप्स को छू के दिल करता है कि इन्हें छूता और मसलता जाऊँ। आपकी जांघें और हिप्स बहुत चिकनी हैं। तेल से भी ज़्यादा चिकनी। मम्मी क्या आपकी कमर भी इतनी ही चिकनी है?”

“तुझे नहीं पता? खुद ही देख ले!”

“मम्मी आप पहले के जैसे पीठ के बल लेट जाओ!”

“ठीक है।”

फिर मैं मम्मी के पेट और कमर पर हाथ फेरने लगा।

“बेटे अब मैं बहुत मोटी होती जा रही हूं, है न?”

“नहीं मम्मी, आप पहले से ज्यादा सेक्सी लगने लगी हो?”

“क्या लगने लगी हूं?”

“सेक्सी।”

“बेटे सेक्सी का क्या मतलब होता है?”

“सेक्सी का मतलब होता है कामुक!”

“सच्ची, मैं तुझे कामुक लगती हूं?”

“हाँ, मम्मी मैंने आज तक इतनी चिकनी हिप्स नहीं देखी… क्या मैं आपकी हिप्स पे किस कर सकता हूं?”

“क्या?”

“प्लीज़ मम्मी, बस एक बार!”

“पर किसी को बताना मत!”

“बिल्कुल नहीं बताऊँगा!”

मैं मम्मी की हिप्स पे किस करने लगा और जीभ से चाटने भी लगा।

“बेटे कम्बल निकाल दे।”

मैंने कम्बल निकाल दिया।

“मम्मी आपकी हिप्स के सामने तो अमूल बटर भी बेकार है।”

“अच्छा।”

“मम्मी मैं एक बार आपकी नाभि पे किस करना चाहता हूं।”

“नहीं, तूने हिप्स पे कहा था और वो मैंने करने दिया और तूने तो उसे चाटा भी है, अब और नहीं।”

“प्लीज़ मम्मी, जब हिप्स पे कर लिया तो नाभि से क्या फ़र्क पड़ता है?”

“तो आखिर करना क्या चाहता है?”

“मैं तो आपकी जांघों को भी चूमना चाहता हूं, आपकी जांघों की शेप किसी को भी ललचा सकती है, आपकी कच्छी (पेंटी) आपकी कमर पे इतनी अच्छी तरह फ़िट हो रही है कि मैं बता नहीं सकता, आपकी जांघें देख कर तो मेरे मुँह में पानी आ रहा है, क्या मैं आपकी जांघों पे भी किस कर सकता हूं?”

“पता नहीं तूने मुझ में ऐसा क्या देख लिया है, हम दोनों जो भी करेंगे सिर्फ़ आज करेंगे और आज के बाद कभी इसको डिस्कस भी नहीं करेंगे, प्रोमिस?”

“प्रोमिस… मम्मी मैं आपकी शलवार निकाल दूं?”

“हम्मम्मम… निकाल दे!”

अब मम्मी बिना शलवार के थी। फिर मैं मम्मी की नाभि को चाटने लगा। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। फिर मैं मम्मी की जांघों को दबाने, चूमने और चाटने लगा। फिर मैंने एक चुम्मा पेंटी के ऊपर से ही मम्मी की चूत का लिया।

“अह्हह, बेटा… ऊउस्स शहह्हह… यह क्या… अच्छा लग रहा है!”

“मम्मी मैं आपकी चूत चखना चाहता हूं।”

“क्या चखना चाहता है?”

“चूत”

“चूत क्या होती है?”

“चूम के बताऊँ?”

“बता”

मैंने फिर से पेंटी के ऊपर से मम्मी की चूत को चूमा। मम्मी ने कहा “आआहह्हह… ईईएस्स… बेटा मेरी चूत को थोड़ा और चूम”

“कच्छी के ऊपर से ही?”

“नहीं, कच्छी निकाल दे।”

मम्मी के इतना कहने की देर थी कि मैंने कच्छी निकाल दी और मम्मी की चूत को चाटना शुरु कर दिया।

मम्मी सिसकने लगी – ईईएस्स शहह्ह… आआहह… बेटा बहुत आनन्द आ रहा है। मेरी चूत पे तेरी जीभ का स्पर्श कमाल का मजा दे रहा है।

मैं कुछ देर तक मम्मी की चूत चाटता रहा। इतने सब होने के बाद तो मेरा लौड़ा भी तैयार था – मम्मी, अब मेरा लौड़ा बेचैन हो रहा है।

“लौड़ा क्या होता है?”

मैंने अपना पैंट उतार कर अपना लौड़ा मम्मी के सामने रख दिया और बोला – मम्मी इसे कहते हैं लौड़ा!

“हाय माँ… तू इतना गंदा कब से बन गया कि अपना यह… क्या नाम बताया तूने इसका?”

“लौड़ा!”

“हाँ, लौड़ा, की अपना लौड़ा अपनी ही माँ के सामने रख दे।”

“माँ मेरा लौड़ा मेरी माँ की चूत के लिये मचल रहा है।”

“लेकिन बेटे माँ की चूत में उसके अपने बेटे का लौड़ा नहीं घुस सकता।”

“लेकिन क्यों माँ?”

“क्योंकि यह पाप है।”

“माँ तू क्या है?”

“मैं तेरी मा हूं।”

“मेरी माँ होने से पहले तू क्या है”

अधिक कहानियाँ : चचेरी बहन के साथ सेक्स

“इंसान…”

“और उसके बाद?”

“एक औरत।”

“बस, सबसे पहले तू एक औरत है और मैं एक मर्द, और एक मर्द का लौड़ा औरत की चूत में नहीं घुसेगा तो कहाँ घुसेगा?”

“लेकिन…”

“क्या माँ, जब मैंने तेरी चूत तक चाट ली, तो क्या तुझे चोद नहीं सकता?”

“चोद मतलब?”

“मतलब अपना लौड़ा तेरी चूत में!”

“तू मेरी चूत चाहे कितनी ही चाट ले, मुझे चटवाने में ही मजा आ रहा है”

“माँ चुदाई में जो आनन्द है वो और किसी चीज़ में नहीं”

“तू जानता नहीं मेरी चूत इस वक्त लौड़े की भूखी है। पर कहीं बच्चा न हो जाये?”

“नहीं माँ, मैं अपना माल तेरी चूत में नहीं गिराऊँगा”

“प्रोमिस?”

“प्रोमिस।”

“तो अपनी माँ की बेकरार चूत को ठंडा कर दे न, बेटे मेरी चूत की आग बुझा दे न!”

“पहले तू बैठ जा।”

“ले बैठ गयी।”

“अब तू मेरे लौड़े पे बैठ जा!”

फिर माँ मेरे लौड़े पर बैठ गयी और मैंने धक्के मारने शुरु कर दिये।

“ऊऊओ… बेटे… अहह…”

“ओह, ओह, मा तेरी चूत तो टाइट है!”

“ऊऊओहह्हह… अपने बेटे के लिये ही रखी है।”

“हाँ… माँ की चूत बेटे के काम नहीं आयेगी तो किसके काम आयेगी”

“ऊऊओ… मेरा प्यारा बेटा… मेरा अच्छा बेटा… और ज़ोर लगा।”

“ऊह्ह… मेरी माँ कितनी अच्छी है।”

फिर मैं और मम्मी चुदाई के साथ फ़्रेंच किस भी करते रहे।

“ऊऊ माँ मेरा माल निकलने वाला है।”

“मेरा भी।”

“करूं अपने लौड़े को तेरी चूत से अलग?”

“नहीं…नहीं, प्लीज़, चोदता रह तेरे लौड़े में मेरी चूत की जान है।”

“और तेरी चूत में मेरे लौड़े की जान है।”

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

“आआहह… ऊऊ…”

इसी तरह माँ की चुत चोदते चोदते में और माँ दोनों साथ में झड़ गए. भले ही माँ ने चुत में माल छोड़ने को मना किया था. पर हवस की आग से सामने कोई टिक पाया हे भला!

ये बात को आज तीन दिन हो गए हे और इन तीन दिनों में मेने ६ बार माँ को चोदा हे. उम्मीद हे आगे भी यहमाँ की चुदाई का दौर चलता रहेगा।

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • Maa ki Maalish aur Mere Lund ka Khel

    Vidhwa Maa ko Chodne ki lalsa – Part 2

    Maa ko chodne ki planing me mene uski maalish karen ka bola aur maa mere godi me sar rakh ke let gayi. Padhiye is maa ki chudai kahani me kya me Maa chod paya?

  • Amma ne Chudai karte dekh liya

    Amma ki Chut me mera Loda – Part 1

    30 saal ka hone ke baad bhi meri shadi nahi hue thi, jiske chalte me gaon ki aurto ko pese dekhe chodta tha, isi doran ek din amma ne meri chudai pakad li.

  • Maa ki Pyasi Chut

    Maa aur padoshwali chachi – Part 1

    Bete ne bathroom me apni maa ko chut me ungali karte hue dekha. Padhiye kaise bete ne apni mom ki tadapti chut apne lund se chodi aur uski pyaas bujai.

  • Dost ki maa ko apni maa bana kar choda

    Ye kahani me padhiye, Kese mene apne dost ki help karne ke bahane, uski maa ko apni maa bana liya. Fir ek din moke ka fayda utha ke, Usko jum ke choda.

  • किशोर बेटे ने माँ को ट्रैन में चोदा

    माँ बेटे की चुदाई कहानी में पढ़िए कैसे किशोर बेटे ने अपनी जवान माँ को चलती ट्रैन में चोदा और सफर के मज़े लिए।

7 thoughts on “माँ की मालिश और चुदाई

  1. जिस लड़की को मेरा मोटा लंम्बा लंड लेना हो तो कोल करें 75687*****

  2. जिस लड़की को मेरा मोटा लंम्बा लंड लेना हो तो कोल करें 75687*****

आपकी सुरक्षा के लिए, कृपया कमेंट सेक्शन में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी ना डाले।

Leave a Reply