छोटी बहनो की लालसा

(Choti bahno ki lalsha)

तीन बहनों की चुदाई – भाग २

कहानी के पिछले भाग तीन बहनों की चुदाई – भाग १ में आपने पढ़ा, कैसे तीन बहेने अपनी कामवासना की आग में तड़प रही थी और कैसे उन्होंने अपनी चुदाई के लीये लोडा ढूंढा।

अब आगे…

अमित इस समय बुरि तरफ़ से थक चुक्का था और बेद पर परा रहा, लेकिन उसका लुनद अभि भी खरा था। उदर निधि और ननदिनि दोनो एक दुसरे को बुरि त्रफ़ से चुम रहे थे। अमित अपनि जगह से उथ कर उनदोनो के पस चला गया और निधि के चिकने पैर पर अपना हथ फेरने लगा।

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निधि जो पहले ही मधोश थी! अपने पैर पर अमित का हथ लगते ही, अपने आप पर कबु नही रख सकि। निधि ने ननदिनि को चोर कर अमित के तरफ़ मुर गयी और उसके समने अमित बिलकुल ननगा अपना खरा लुनद लिये खरा था। अमित एक बर फिर चोदने के मूद मे था।

निधि ने अमित का चुतर को अपने दोनो हथोन से पकर कर, अपनि मुनह उसके लुनद पर रगरने लगी। अमित का लुनद अब भी निता की चूत की चुदै से भिगा हुअ था। अमित ने भी निधि को अपने दोनो हथोन मे बनध कर चुमने लगा। अमित का हथ निधि के ननगे सेक्सी शरिर पर घुम रहा था, उसका हथ निधि की चुनची पर गया और वो उन खरि खरि चुनची को अपने हथोन मे ले कर मसलने लगा।

निधि अपने चुनची पर अमित का हथ परते ही और जोश मे आ गयी और अपनि हथ अमित के लौरे पर रख दी। अमित का लुनद निधि की मुत्तहि मे अते हो, अमित निधि का एक चुनची अपने मुनह मे भर कर चुसने लगा और दुसरि चुनची अपने हथ मे लेकर उसकि निप्पले मसलने लगा।

त्तहोरि देर तक निधि अमित के लुनद को अपने हथोन मे लेकर उसका सुपरा को खोला और बनद किया फिर एकैक उसने सुपरे को अपने मुनह मे भर कर चतने लगी। जैसे ही निधि ने अमित का लुनद अपनि मुनह मे लिया, वैसे ही अमित खरे-खरे अपना कमर हिला कर अपना लुनद निधि के मुनह के अनदर पेल और बोला, “ले ले मरि रनि, मेरा लुनद अपने मुनह मे लेकर, इसको खुब चुसो फिर बद मे मैं इसको तुमहरी चूत मे दल इस्से चूत चुसौनगा।”

निधि ने अपनि मुनह से अमित का लुनद निकल कर बोलि, “बुस सिरफ़ हुमरि चूत से ही अपना लुनद चुसवओगे, गनद से नही? मैतो तुमहरा लुनद अपनि चूत और गनद से खौनगी। कया तुम मुझको अपना लुनद दोनो चेदो से खिलओगे ना?”

थोरि देर के बद, अमित निधि को पलनग पर ले जकर चित कर के लेता दिया और उसके पैरो के पस बैथ कर उसकि शलवर को खोलने लगा। शलवर खोलने मे निधि ने अमित को मदद किया और अपनि चुतर को उथा कर अपनि शलवर को अपनि गनद से नीचे कर के अपनि पैरो से अलग कर दिया। फिर अमित ने निधि की पनती भी उतर दिया और उसकि पनती उतर ते ही निधि की गुलबि कुनवरि चूत उसकि चमकते चिकनि जनघो के बिच चमकने लगी।

निधि की गुलबि चूत को अमित अपनि दुम सधे देखने लगा और अपनि जीव होनथोन मे फेरने लगा। अमित झुक कर निधि की चूत पर चुम्मा दिया और अपना जीव निकल कर उसकि चूत की घुनदी को तीन-चरबर चत दिया।

फिर अमित ने निधि की तनगो को फ़ैलया और उपर उथा कर घुतने से मोर दिया और अपना लुनद निधि के चूत के दरवजे पर रख दिया। थोरि देर के बद अमित ने अपना लुनद निधि की चूत के उपर रगरने लगा और निधि मरे चुदस से अपनि कमर उथा उथा कर अमित का लुनद अपने चूत मे लेने की कोशिश करती रही।

जब निधि से नही रहा गया तो वो बोलि, “अब कयोन तरपते हो, कबसे तुमहरा लुनद अनदर लेने की लिये मेरि चूत बेकररा है और तुम अपना लुनद सिरफ़ मेरि चूत के उपर उपर ही रगर रहे हो। अब जलदि करो और मुझको चोदो, फर दो मेरि कुमवरि चूत को। आज मैं लरकी से औरत बनना चहती हुन, अब जैदा परेशन मत करो। जलदी से मुझे चोदो और मेरि चूत की आग को बुझओ।”

निधि की इतनि सेक्सी मिन्नत सुनते ही अमित एक तकिअ बेद से उथा कर निधि की चुतर के नीचे लगा दिया, जिस्से की निधि की छोत और उपर हो गया और खुल गयी। तब अमित ने एक जोर दर धक्का अपने लुनद से निधि की चूत मे मरा और उसका पुरा लुनद निधि की चूत मे जर तक घुस गया।

निधि के मुनह से चीख निकल गयी और उसकि चूत से खून निकलने लगा, लेकिन उसे इस बत का पता ही नही चला। निधि ने अमित को जोरो से जकद लिया और अपनि तनगे अमित के कमर पर कस लिये। अमित ने निधि की एक चुनची चुसते हुए एक हथ से दुसरि निप्पले को मसलने लगा।

धिरे धिरे निधि का दरद कम होने लगी और उसकि गरमि फिर बरहने लगी जिस्से की वो अपनि कमर उपर नीचे करने लगी। अमित ने भी अब अपनि कमर चला कर निधि की चूत मे अपनि लुनद अनदर बहर करने लगा। थोरि देर के बद निधि बोलि, “कया कर रहे हो? और जोए से चोदो मुझे, अने दो तुमहरा पुरा लुनद मेरि चूत मे। मेरि चूत मे अपना लुनद जर तक पेल दो। और जोर जोर से धक्का मरो।”

एह सुनते ही अमित ने चुदै फ़ुल्ल सपीद से शुरु कर दिया और बोलने लगा, “कया मेरि रनि, चुदै कैसि लग रही है। चूत की आग बुझ रहे है की नही?”

निधि नीचे से अपनि कमर उचलते हुए बोलि, “अभि बत मत करो और मन लगा कर मेरि चूत मरो। चुदै के बद जितना चहे बत कर लेना, अभि मुझे तुमहरा पुरा का पुरा लुनद मेरि चूत को खिलओ। इस समय मेरि चूत बहुत भुखि है और उसको बुस लुनद का थोकर चहिये।”

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अमित और निधि इस समय एक दुसरे को जोर से अपने हथ और पैर से जकरे हुए थे और दोनो फ़ुल्ल सपीद से एक दुसरे को अपने अपने लुनद और चूत से धक्का मर रहे थे। पुरे कमरे मे उनकि सिसकिया और चुदै की अवज गुनज रही थी।

निधि की चूत बहुत पनि चोर रही थी और इसि लिये उसकि चूत से अमित के हर धक्के के सथ बहुत अवज निकल रही थी। निधि अचनक बहुत जोरो से अपनि कमर उचलने लगी और वो फिर निधल हो कर बिसतर पर अपने हथ पैर फ़ैला कर धिलि पर गयी। निधि अब झर चुकि थी और उसमे और चुदने की हिम्मत नही थी।

अमित ने भी निधि के झर जने के बद जोर दर चर-पनच धक्के लगये और निधि की चूत के अपना लुनद घुसेर कर निधि के उपर गिर गया। अमित भी झर चुक्का था और अब वो निधि के उपर अनख बनद करके लेता था और फ़नफ रहा था।

थोरि देर के बद अमित ने अपना लुनद निधि की चूत से बहर निकला और लुनद के बहर निकलते ही निधि की चूत से धेर सरा सफ़ेद गरहा गरहा पनि निकलने लगा। निधि एह देख कर चूत मे अपनि पनती खोनस कर उथ कर बथरूम की तरफ़ भगी।

परोफ़्फ़। अमित कफ़ि थक चुके थे। उसने आज लगतर दो कुनवरि लरकेओन के सथ चुदै कर चुक्का था। उनहोने अपना मुनह घुमा कर देखा की निता और ननदिनि आपस मे बैसत थे। निता ननदिनि के चुनची उसकि कपरे के उपर से ही दबा रही थी। निता ने ननदिनि के कपरे बहुत धिला कर दी थी और ननदिनि के कपरे अधे खुले हुए थे।

निता ने ननदिनि के जीनस और त-शिरत उतर दिया था और अब ननदिनि सिरफ़ अपनि बरा और पनती मे थी। ननदिनि के चुनची बहुत ही सेक्सी थे। उसकि चुनची बहुत बरे तो नही थे पर थे बहुत गथे उऔर गोल गोल था। उसकि निप्पले इस समय बिलकुल फुल कर खरा और करक हो गयी थी।

ननदिनि की एक निप्पले निता ने अपने मुनह मे लेकर चुसने लगी और अपनि हथ ननदिनि के जनघोन के बिच मे घुमने लगी। निता ने फिर ननदिनि की पनती भी उतर दी और अपनि मुनह ननदिनि की चूत पर रख दिया। थोरि देर के बद निता अपनि जीव निकल कर ननदिनि की चूत के अनदर कर दिया। ननदिनि इतना गरम हो गौई की अपनि हथोन से अपनि निप्पले मसल रही थी।

एह सब देख कर अमित के अनदर बसना का जवर फिर से अने लगा और चुदै के लिये उसका लुनद फिर से गरम होने लगा। वो उथ कर निता और ननदिनि के पस पहुनच गया और दो बहनो की कम लिला धयन से देखने लगा। दोनो बहनो को देखते देखते उसने अपना हथ ननदिनि के चुनची पर रख दिया और उनकि निप्पले अपने हथोन मे लेकर अपने उनगलिओन की बिच रख कर मसलने लगा।

ननदिनि अब अमित के तरफ़ मुरि और वो देखि की अमित सिर उसके बगल ननगे खरे है और उनका लुनद अब गरम हो कर खरा होने लगा है। उसने अमित का लुनद अपने हथोन मे ले कर अमित से पुची, “कया सिर अब मुनझ को भी चोदेनगे? हन मैं भी अपनि दिदिओन की तरह अपनि चूत अपसे चुदवना चहती हुन। पलेअसे मुझे भी अपने लुनद से चोदिये। लेकिन अपके लुनद को कया हो गया है? कया अब एह हुमरि चूत मे घुसने के कबिल है?”

अमित लरकेओन की चुदै का पुरना खिलरी था और उसने पने लुनद को हिलते हुए कहा, “घबरओ मत अभि तुमहे अपना लुनद का कमल दीखता हुन।” एह कह कर अमित ने अपना लुनद ननदिनि के मुनह मे दे दिया और बोला, “लो मेरि जन! मेरा लुनद अपने मुनह मे लेकर इसे चुसो।”

ननदिनि भी उनके लुनद को अपने मुनह मे लेकर उस पर अपनि जीव चलने लगी और कभि उस पर अपनि दनत गरने लगी। ननदिनि की लुनद चुसै से अमित को बहुत मज़ा अया और उनका लुनद अब धिरे धिरे खरा होने लगा।

उधर निता अपनि एक हथ से ननदिनि की चूत सहला रही थी और दुसरे हथ से अमित के गनद मे अपनि उनगली पेल रही थी। थोरि देर के बद लुनद चुसै और गनद मे निता उनगली होने से अमित का लुनद पुरे जोश के सथ खरा हो गया और फिर चुदै शुरु करने के लिये तयर था।

अमित ने अपना लुनद ननदिनि के मुनह से निकला और ननदिनि के पैरके बिच बैथ गया। उसने अपने दोनो हथोन से ननदिनि की चूत को फ़ैलया और उसके अनदर अपनि जीव दल दी। अमित अपनि जीव ननदिनि की चूत के अनदर-बहर करने लगा और चूत की उनदरुनि देवरोन के सथ अपनि जीव से खेलने लगा। कभि कभि अमित अपनि जीव ननदिनि की भगनशा भी चत रहा था और कभि कभि उसको अपनि दतोन के बिच पकर कर जोर जोर से चुस रहा था।

ननदिनि अब कफ़ि बेचैन थी और अपनि कमर हिला हिला कर अपनि चूत को अमित के मुनह पर आगे पीचे कर रही थी। अमित समझ गया की ननदिनि की चूत अब लुनद खने की लिये तयर है। अमित का लुनद भी अब पहले जैसा तगरा हो गया था और ननदिनि की चूत मे घुसने के लिये उतवला था।

अमित अपनि जीव ननदिनि की चूत से निकल लिया और अपना सुपरा ननदिनि की चूत पर रख कर एक हलका सा धक्का दिया, लेकिन ननदिनि जबरदसत जोर से चिल्ला परि। अमित का लुनद ननदिनि की चोति चूत के हिसब से बहुत मोता था और ननदिनि की एह पहलि चुदै थी।

ननदिनि अपने हथोन से अमित को रोक रही थी और अमित अपना लुनद ननदिनि की चूत मे पेल नहि पा रहा था। उसने निता और निधि से ननदिनि के चुनची और चूत से खेलने को कहा, जिस्से की ननदिनि बहुत गरम हो गये और अमित का लुनद अपने चूत मे घुसने दे।

अमित उथा कर एक नरिअल के तेल का शिशि उथा लया और अपने लुनद पर अस्सह्हि तरफ़ से तेल मला। फिर उसने तेल को अपनि उनगली मे लेकर ननदिनि की चूत पर भी लगया। उसने तेल को चूत के अनदर तक अपनि उनगली से घुमा घुमा कर लगया। तेल लगने के बद अमित ने अपना उनगली ननदिनि के चूत के अनदर-बहर करने लगा। कभि कभि वो अपनि उनगली से उसकि चूत की घुनदी भी रगर देता था। ननदिनि की चूत अब पनि चोर रही थी और इस्से उसकि चूत चुदै के तयर हो गयी।

अमित फिर ननदिनि के पैर को फ़ैला कर उनके बिच घुतने के बल बैथ गया और ननदिनि को समझया की अब कोइ चिनता की बत नही है, अब उसको कोइ दरद नही होगा। उधर निता और निधि ननदिनि की एक एक निप्पले अपने मुनह मे लेकर चुस रही थी।

अमित ने उसकि दोनो पैर हवा मे उथा दिये और उसकि कमर को कस कर पकर लिया, जिसे की फिर से चुत ना गयी। अमित ने फिर ननदिनि की चूत पर अपना लुनद रखा और ननदिनि को कुच समझने के पहले ही एक जोर दर झतका दिया। ननदिनि की चूत तेल और चूत से निकले पनि की वजह से कफ़ि चिकना हो गया था जिस्से की अमित का लुनद एक ही झतके से पुरा का पुरा अनदर चला गया।

ननदिनि इस अचनक हमले से तो पहले चिखि और अमित को अपने उपर से हतने के लिये धक्का मरा, लेकिन इस बर अमित का पकर बहुत ही मजबूत था। अमित ने अपनि कमर आगे पीचे करके अपना लुनद ननदिनि की चूत मे धिरे धिरे पेलने लगा। थोरि देर के बद ननदिनि को भी मज़ा अने लगा और तब वो अपनि कमर उथा उथा कर अमित को चुदै मे सहयोग करने लगि।

अमित और ननदिनि दोनो एक दुसरे को उपर और नीचे से धक्के मर रहे थे और ननदिनि की चूत मे अमित का लुनद तेज़ी से आ-जा रहा था। निता और निधि अब चुदै के जोरो से हथ कर दोनो की चुदै देख रहे थे और एक दुसरे की चूत मे उनगलि कर रहे थे।

ननदिनि और अमित दोनो एक दुसरे से चूत और लुनद के सथ जुरे हुए थे। थोरि देर के बद ननदिनि की चूत से पनि निकलने लगी, तो अमित ने अपनि चुदै की सपीद और तेज़ कर दी कयोनकि अमित भी अब झरने वला था। उसने अखिर के चर पनच धक्के जोर दर से ननदिनि की चूत पर अपनि लुनद से मरा और फिर ननदिनि की चूत के अनदर पुरा का पुरा लुनद थेल कर के झर गया।

ननदिनि भी अब तक झर चुकि थी। अमित का सरा पनि ननदिनि की चूत मे समा गया। दोनो हनफ़ रहे थे और एक दुसरे को चिपकै परा हुए थे। फिर अमित ने अपना लुनद को ननदिनि की चूत से निकला तो उस्से धेर सरा पनि निकलने लगा। निता और निधि जलदी से अपनि अपनि मुनह ननदिनि की चूत पर लगा दिया और उस्से निकल रहा अमित और उसकि चूत की पनि का मिशरन को जीव से चत चत कर पी गयी।

थोरि देर के बद ननदिनि ने अपनि अनखे खोलि और मुसकुरा कर अमित से बोलि, “सिर, अपका लुनद से चुदवा कर बहुत मज़ा अया। आज हुम तीनो बहनो ने अप से अपनि अपनि चूत का सेअल फोरवयी। अप को किसकि चूत सबसे अस्सह्ही लगी और कयोन सि बहन को चोदने मे अपको मज़ा अया। सच सच बतना।”

अमित ने ननदिनि की चुनची को मसलते हुए बोला, “आरे चुदि हुइ लरकिओन, भै मुझे तो तुम तीनो बहनो की चूत की बहुत अस्सही लगी, हन तुमहरि चूत बहुत तिघत थी और मुझे बहुत मेहनत करनी परी। लेकिन तुम तीनो बहनो ने आज दिल खोल कर अपनि अपनि चूत चुदवै हो। मुझे तो तुम सभि बहनो की चूत को चोदने मे मज़ा आया।”

इतना सुन कर तीनो बहनो ने मुसकुरा दिये और फिर बोलि, “अब फिर हुमरि चूत को अपकि लुनद का भोग मिलेगा। जलदी से कोइ दिन निकलिये और फिर हुम तीनो बहने अपकि लुनद के धक्के अपनि अपनि चूत मे खने के लिया हज़िर हो जौनगी।”

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अमित ने कुच देर सोच कर कहा “ऐसा करो की मैं सुनदय को नेव देलहि एक सेमिनर मे चर-पच दिन के लिये जा रहा हुन, तुम तीनो बहने अपने घर से पेरमिस्सिओन ले कर हुमरे सथ चलो। मैं तुम सब को वनहा रोज सुबह शम और रत को विअगरा की गोलि खा खा कर चोदुनगा और तुमहरे चूतोन को चोद चोद कर भोसरा बना दलुनगा।“

“हन, वनहा और भी लोग अयेनगे तुम लोग अगर चहोगी, तो तुमहे और भी लुनद अपने अपने चूत मे पिलवने को मिल जयेगा और तुम तीनो बहने मज़े से अपनि अपनि चूत को लुमबे लुमबे और मोते मोते लुनद से चुदवा सकति हो।”

एह सुन कर तीनो बहनो ने अमित के सथ नेव देलहि जने का परोगरम्मे बना दला। फिर तीनो बहने अपनि अपनि कपरे पहन लिये और अमित एक सिरफ़ लुनगी अपनि कमर पर बनद लिया। अमित उनको अपने हथ से सोफ़्फ़ी बना कर नशते के सथ खने को दिया।

फिर अमित तीनो बहनो को बहर चोरने गये। बहर जने के पहले दरवजे के पस अमित ने उनको फिर से अपने बहोन मे ले कर उनको चुम्मा दिया और इन तीन बहनो की चुनची उनके कपरोन के उपर से दबया।

निता ने फिर अमित को अपने बहोन मे लेकर चुमा और फिर अपनि सरी उथा कर अमित से अपनि चूत पर चुम्मा देने को कहा। अमित ने निता की चूत पर एक जोर दर चुम्मा दिया और उसको चूत की घुनदी तो तीन चर बर अपना जीव निकल कर चत दिया।

निधि और ननदिनि अपने चूत पर अमित का चुम्मा नही ले सकि कयोनकि वो सलेअर और जीनस पहने हुए थे और इसिलिये वो अपनि चूत नहि खोल सकी। फिर निता ने अमित का लुनगी हथा कर उनके लुनद का सुपरा खोल कर चुमा।

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निता के देखा देखि निधि और ननदिनि ने भी अमित के लौरे को चुमा और उनके सुपरे को मुनह मे ले कर चुसा। फिर अपनि अपनि चुदि हुइ चूत मे अमित के लुनद से निकला हुअ चुदै का पनि भर कर अपने घर को चली गयी।

अमित अपने कमरे मे आकर सो गया। वो बहुत थक चुक्का था। उसका थकना बनता है। आखिर तीन-तीन कुंवारी चुत चोदने का मौका नसीबवालों को ही मिलता हे।

आप कमेंट में बताइये, “आपने अब तक कितनी कुंवारी चुत चोदी हे?”

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