(Pummy Aunty ki Chut ne Karwaye Swarg ke Darshan)

पम्मी आंटी की चुत ने कराये स्वर्ग के दर्शन

दोस्तो, मेरा नाम आकाश है और मैं गुड़गाँव में रहता हूं। ये स्टोरी उस टाइम की है जब मैं 12वीं क्लास में पढ़ता था। हमारे घर में किराये पर नये किरायेदार आये।

हमारे किरायेदार की वाइफ़ बहुत ही सुन्दर थी। वो हिमाचल की रहने वाली थी और जब हिमाचल की है तो सुन्दर तो होगी ही। उसका नाम पम्मी था। उमर होगी करीब 26 -27 साल, रंग एकदम दूध की तरह सफ़ेद। एकदम गोल गोल बूब्स थे उसके।

उन दिनो मैं बहुत सी एडल्ट बुक्स पढ़ता था। एडल्ट बुक्स पढ़ने की वजह से मुझे छोटी सी उमर में की सेक्स की काफ़ी नोलेज़ हो गयी थी। बस हर टाइम चूत मारने का दिल करता रहता था। जब पम्मी आंटी को देख लेता था, तो मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को हो जाता था। पम्मी को कहने में भी डर लगता था, क्योंकि वो तो मुझे बच्चा समझती थी। इसलिये मुट्ठी मार कर ही काम चलाना पढ़ता था।

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मैं तो पम्मी के बूब्स देखने के लिये बेचैन रहता था। जब वो अपने रूम में झुककर झाड़ू लगाती थी, तो मुझे उसके सेक्सी बूब्स के दर्शन हो जाते थे। दोस्तो अभी तक तो मैं उसके बूब्स ही देखता था। लेकिन एक दिन मेरी किस्मत खुली और मैंने पम्मी को बिल्कुल नंगा देखा।

हुआ क्या कि, मैं अक्सर उसके रूम में जाता था। ताकि मैं उसको देख सकुं। एक दिन मम्मी ने मुझे पम्मी को कुछ देने के लिये भेजा। मैं दरवाजे को बिना खटखटाये ही पम्मी के रूम में घुस गया। उस टाइम पम्मी अपने कपड़े बदल रही थी और वो बिल्कुल नंगी थी। मैंने जैसे ही उसको देखा, तो मेरे सारे शरीर में एक करेंट सा दौड़ गया। वो शरमाकर बेड के पीछे छिप गयी और मैं भी रूम से बाहर आ गया।

मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था, क्योंकि ऐसा हसीन नजारा मैंने पहली बार जो देखा था।

मुझे थोड़ा बुरा भी लगा कि मैं बिना खटखटाये रूम में चला गया। लेकिन दिल में एक खुशी भी थी चलो इसी बहाने मैंने पम्मी को नंगा तो देखा। जिस दिन से मैंने पम्मी आंटी को नंगा देखा, तब से तो उसको चोदने की तम्मना और ज्यादा बढ़ गयी। रात को बस वो ही सपनों में आती थी।

पम्मी के पति फ़ौजी थे। उनकी 1 वीक दिन की ड्युटी होती थी और 1 वीक रात की। जब उनकी रात की ड्युटी होती थी, तो वो मुझे अपने रूम में सोने के लिये बुला लेती थी, उन्हें अकेले सोने में डर लगता था। वो तो मुझे बच्चा समझकर सोने के लिये बुलाती थी, लेकिन उन्हें क्या पता कि मैं रोज़ उनको ही सपनों में देखकर मुट्ठी मारता हूं।

रात को जब वो गहरी नींद में होती थी, तो मैं धीरे धीरे उनके बूब्स और कूल्हों पे हाथ फेर लेता था। दिल तो करता था कि अभी के अभी चोद दूं लेकिन डरता था कि कहीं ये मेरे घर में न बता दे।

एक दिन मैं उनके साथ रूम में सो रहा था। पम्मी शाड़ी डाल कर सो रही थी। ब्लाउज़ में से उनके सेक्सी बूब्स बाहर आने को हो रहे थे। बूब्स को देखकर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था। जब मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने अपना लंद बाहर निकाला और मुट्ठी मारने लगा, तो पम्मी आंटी नींद से जग गयी और बोली – क्या कर रहा है?

मैं डर गया और बोला – मैं तो कुछ नहीं कर रहा!

फिर मैं चुपचाप सो गया।

सुबह मेरे से आंटी से नजर नहीं मिलाई जा रही थी, मुझे डर था कि कहीं ये किसी को बता न दे।

अगले दिन वो मेरे से बोली – रात को क्या कर रहा था?

मैं कुछ नहीं बोला.

पम्मी बोली – मुट्ठी मार रहे थे न?

मैंने कहा – हां।

वो बोली – किसके बारे में सोच रहे थे?

मैंने कहा – आपके बारे में।

वो बोली – अच्छा चल ठीक है, तुझे मुट्ठी मारने की जरूरत नहीं है तू मेरे साथ कर ले जो करना है। आज रात को जब तू मेरे साथ सोयेगा, तो हम एंजोय करेंगे।

मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था कि चलो चूत का जुगाड़ तो हुआ। इन्तजार के पल तो वैसे भी बहुत मुश्किल से कटते हैं, वो सारा दिन मैं रात होने का वैट करता रहा।

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रात को सोने के लिये उनके रूम पे गया तो वो भी तैयार बैठी थी। मेरे मन में थोड़ी हिचकिचाहट भी थी, क्योंकि एक तो मैंने कभी सेक्स नहीं किया था और दूसरे वो मेरे से उमर में काफ़ी बड़ी थी।

वो बोली – इतना क्यों शरमा रहा है?

फिर मैं बिल्कुल पम्मी के पास बैठ गया। उनको छूते ही मेरी नस नस में आग सी लग गयी मेरा लंड एकदम तनकर पैंट फाड़ने को हो गया।

आंटी बोली कि तेरे लंड को बहुत जल्दी लगी हुई है चूत में घुसने की।

मैं बोला – हां, बेचारे ने कभी चूत का मजा नहीं लिया है न।

अब मेरी शरम भी खत्म हो गयी थी, मैंने पम्मी के ब्लाउज़ में हाथ डाल दिया और उनके बूब्स को दबाने लगा, साथ ही उनके रसीले होंठों को अपने होंठों में ले कर चूसने लगा, वो भी बहुत बुरी तरह से मेरे होंठों को चूस रही थी।

मुझे बहुत मजा आ रहा था। काफ़ी देर तक हम एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे। मैंने उनके ब्लाउज़ के हुक खोल कर उनके बूब्स को आज़ाद कर दिया, पम्मी के मोटे मोटे बूब्स ऐसे लग रहे थे जैसे कश्मीर के सेब हों, उसके एक बूब को मैंने अपने मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा, वो सिसकियाँ ले रही थी, दिल तो कर रहा था कि इसके बूब्स को खा जाउं।

पम्मी बोली कि अकेले ही चूसते रहोगे कुछ मुझे भी चूस लेने दो। मैं उनका इशारा समझ गया कि वो मेरे लंड को चूसना चाहती है। मैंने अपनी पैंट खोल दी, पैंट खोलते ही मेरा लंड एक झटके से बाहर आकर ऐसे खड़ा हो जैसे कुतुब मिनार! उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़कर बोली कि मैं तुझे बच्चा समझती थी पर तूने तो अपना लंड पूरा जवान कर रखा है।

वो मेरे लंड को मुँह मेँ लेकर ऐसे चूस रही थी जैसे कि आइस-क्रीम चूस रही हो। मैं अपना लंड उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा, मुझे भी लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था।

मैंने कहा कि अब इस लंड को खा कर ही छोड़ोगी क्या?

उसने मेरा लंड छोड़ दिया। मैंने उसे बेड पे लेटा लिया और उसके बूब्स को फिर से चूसने लगा। बूब्स चूसते चूसते मैंने बूब्स पे जोर से काट लिया।

वो चिल्ला पड़ी बोली क्या खा ही जायेगा इन्हें!

मैंने कहा कि तुम्हारे बूब्स हैं ही एकदम कश्मीरी सेब की तरह दिल तो यही कर रहा है कि इन्हें खा ही जाउं।

पम्मी को मैंने अब सीधा लेटा लिया और उसने अपनी टांगे फ़ैला ली। मैं अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ने लगा, वो बोली कि अब क्यों तड़पा रहा है लंड को, अब मेरी चूत में डाल भी दे!

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मैंने अपना लंड उसकी चूत पे लगा कर एक झटका मारा, मेरा पूरा लंड अब पम्मी की चूत में घुस गया। मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा वो भी नीचे से गांड उठा उठा कर झटके मार रही थी, उसके मुँह से आह्हह्ह ऊह्हहह्ह की आवाजें आ रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से झटके मारने लगा, पूरे रूम में फ़च फ़च की आवाज आ रही थी.

थोड़ी देर के बाद हम दोनो डिस्चार्ज हो गये और 15 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे। फिर हम दोनो अलग हो गये और दोनो ने अपने कपड़े डाल लिये।

वो बोली क्यों चूत का मजा आया या नहीं। मैं बोला हां सच में बहुत मजा आया, ऐसे लग रहा था जैसे कि मैं स्वर्ग में आ गया हूं।

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