लंड दिखा कर गर्म किया

(Lund dikha kar garm kiya)

विधवा भाभी की चुदाई-2

कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा, कैसे मैने अपनी विधवा जवान भाभी को चोद दिया! भाभी में भी मेरा लंड अपनी चुत में पाके मेरे प्यार में पड़ गयी और में भी उनसे एक शर्त पर शादी करने को राज़ी हो गया.

वो शर्त थी के वो मुझे एक कुंवारी चूत लाके देंगी, क्योकि मेने पहले कभी कुंवारी चुत नहीं चोदी थी. भाभी भी मेरी शर्त मान ली और हम दोनों ने छोटे मंदिर में जाके शादी कर ली.

शादी के कुछ ही दिनों में उन्होंने मेरे लिए एक कुंवारी चुत का इंतेज़्ज़ाम कर भी दिया. वो कौन थी, वो जाने के लिए कहानी का पहला भाग जरूर पढ़ना- विधवा भाभी की चुदाई-1

अपनी सेक्स लाइफ को बनाये सुरक्षित, रखे अपने लंड और चुत की सफाई इनसे!

अब आगे…

मैं बाथरूम में चला गया। फ़्रेश होने के बाद, ॠतु के कहने के मुताबिक मैं एक दम नंगा ही नहाने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने ॠतु को पुकारा और कहा – तौलिया दे दो।

ॠतु ने लाली से कहा – जा, जीजू को तौलिया दे आ।

वो तौलिया लेकर आई, तो मैंने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया। मेरा लण्ड पहले से खड़ा था। लाली की निगाह जैसे ही मेरे लण्ड पर पड़ी तो उसने अपना सिर नीचे कर लिया। वो मुझे तौलिया देने लगी तो मैंने कहा – थोड़ा रुक जाओ। मैं अपने सिर को जरा साबुन से साफ़ कर लूं।

मैंने अपने सिर पर साबुन लगाना शुरु कर दिया। मैंने देखा की लाली तिरछी निगाहों से मेरे लण्ड को देख रही थी।

मैंने कुछ ज्यादा ही देर कर दी तो वो बोली – जीजू, तौलिया ले लो, मुझे और भी काम करना है।

मैंने कहा – थोड़ा रुक जाओ, मैं अपना सिर तो धो लूँ।

मैंने अपना सिर धोया और फिर अपने लण्ड पर साबुन लगाते हुये कहा – रात को तेरी दीदी ने इसे भी गन्दा कर दिया था, जरा इसे भी साफ़ कर लूँ। फिर मुझे तौलिया दे देना।

वो चुपचाप खड़ी रही। मैं अपने लण्ड पर साबुन लगाने लगा। वो अभी भी मेरे लण्ड को तिरछी निगाहों से देख रही थी। मैंने उससे मजाक करते हुये कहा – साली जी, तिरछी निगाहों से मुझे क्यों देख रही हो। अपना सिर ऊपर कर लो और ठीक से देख लो मुझे।

वो बोली – मुझे शरम आती है।

मैंने कहा – कैसी शरम? मैं तो तुम्हारा जीजू हूँ ना। बोलो, हूँ या नहीं।

वो बोली – हाँ, आप मेरे जीजू हैं।

मैंने अब ज्यादा देर करना ठीक नहीं समझा। मैंने अपने लण्ड पर लगे हुये साबुन को धोया और उसके हाथ से तौलिया लेटे हुए कहा – अब जाओ।

वो मुस्कराते हुये चली गई।

मैंने अपना बदन साफ़ किया और लुंगी पहन कर बाहर आ गया। लाली ड्राईंग रूम में झाड़ू लगा रही थी। मैंने ॠतु को पुकारा और कहा – जरा तेल तो लगा दो।

वो बोली – अभी आती हूँ।

ॠतु मेरे पास आ गई, तो मैंने अपने लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुये कहा – आज तेल नहीं लगाओगी क्या!

ॠतु समझ गई और बोली – लगाऊँगी क्यों नहीं।

उसने मेरे लण्ड पर तेल लगा कर मालिश करना शुरु कर दिया। लाली मेरे लण्ड को देखती रही। इस बार वो ज्यादा नहीं शरमा रही थी। तेल लगाने के बाद ॠतु जाने लगी तो मैंने कहा – तुम कुछ भूल रही हो।

ॠतु ने मेरे लण्ड को चूम लिया। उसके बाद मैंने नाश्ता किया और अपने कमरे में आ गया।

10 बजे मैं दुकान जाने लगा तो ॠतु ने कहा – लाली के लिये कुछ नये कपड़े और थोड़ा मेक-अप का सामान ले आना।

मैंने कहा – अच्छा, ले आऊँगा।

उसके बाद मैं दुकान चला गया। रात के 8 बजे मैं दुकान से वापस आया और मैंने लाली को पुकारा।

लाली आ गई और उसने मुस्कराते हुये कहा – क्या है, जीजू?

मैंने कहा – मैं तेरे लिये कपड़े ले आया हूँ और मेक-अप का सामान भी। देख जरा तुझे पसन्द है या नहीं।

उसने सारा सामान देखा तो खुश हो गई और बोली – बहुत ही अच्छा है।

मैंने पूछा – ॠतु कहाँ है?

वो बोली – फ़्रेश होने गई है।

मैंने कहा – जा, मेरे लिये चाय ले आ।

वो चाय लाने चली गई। मैंने अपने कपड़े उतार दिये और लुंगी पहन ली। वो चाय ले कर आई तो मैंने चाय पी। तभी ॠतु आ गई। उसने पूछा – लाली का सामान ले आये?

मैंने कहा – हाँ, ले आया और इसे दिखा भी दिया। इसे बहुत पसन्द भी आया।

मैं टीवी देखने लगा। ॠतु लाली के साथ खाना बनने चली गई। रात के 10 बजे हम सब ने खाना खाया और सोने चले गये। आज लाली बहुत खुश दिख रही थी। उसने आज जरा सा भी शरम नहीं की और खुद ही अपने कपड़े उतार दिये और मैक्सी पहन ली। हम सब बिस्तर पर लेट गये।

ॠतु ने मुझसे कहा – मुझे नींद आ रही है। तुम अपना काम कर लो और मुझे सोने दो।

मैं समझ गया। मैंने अपनी लुंगी उतार दी। ॠतु ने भी अपनी मैक्सी खोल दी और पैंटी उतार दी। लाली देख रही थी। आज वो कुछ बोल नहीं रही थी, केवल चुपचाप लेटी हुई थी। मैंने ॠतु को चोदना शुरु कर दिया। मैंने देखा कि लाली आज ध्यान से हम दोनों को देख रही थी।

15-20 मिनट की चुदाई के बाद, मैं झड़ गया तो आज मैंने ॠतु की चूत को चाटना शुरु कर दिया। लाली ने मुझे ॠतु की चूत को चाटते हुये देखा. उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रख लिया। मैं समझ गया की अब वो धीरे धीरे रास्ते पर आ रही है। ॠतु की चूत को चाटने के बाद मैंने अपना लण्ड ॠतु के मुँह के पास कर दिया, तो ॠतु ने भी मेरा लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया। उसके बाद मैं लेट गया।

तभी लाली ने कहा – दीदी, आप दोनों को घिन नहीं आती एक दूसरे का चाटते हुये?

ॠतु ने कहा – कैसी घिन, मुझे तो मज़ा आता है और तेरे जीजू को भी। उसके बाद हम सो गये।

सुबह मैं नहाने गया तो मैंने लाली को पुकारा और कहा – तौलिया ले आ।

वो बोली – अभी लाई, जीजू।

वो तौलिया लेकर आ गई। मैंने अपने लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुये कहा – थोड़ा रुक जा, मैं इसे साफ़ कर लूं।

मैंने अपने लण्ड पर साबुन लगाना शुरु कर दिया। आज लाली ने अपना सिर नीचे नहीं किया और मेरे लण्ड को ध्यान से देखती रही। वो अब ज्यादा नहीं शरमा रही थी। मैंने अपने लण्ड को साफ़ किया और फिर उससे तौलिया ले लिया। वो चली गई। मैं बाथरूम से बाहर आया तो ॠतु ने मेरे लण्ड पर तेल लगाया और फिर मेरे लण्ड को चूमा और किचन में चली गई। लाली इस दौरान मेरे लण्ड को ध्यान से देखती रही। मैंने नाश्ता किया और दुकान चला गया।

अधिक सेक्स कहानियाँ : अपने न्यू पड़ोसी से चुदाई की

रात के 8 बजे मैं वापस आया तो मैं कुछ मिठाई ले आया था। मैंने लाली को पुकारा। लाली आ गई तो मैंने उसे मिठाई दे दी। उसने मिठाई ले ली और कहा – आपके लिये अभी ले आऊँ?

मैंने कहा – हाँ, थोड़ा सा ले आ। वो मिठाई ले कर आई तो मैं मिठाई खाने लगा। तभी ॠतु आई। उसने मुझे मिठाई खाते हुये देखा तो बोली – आज कल साली की बहुत सेवा हो रही है।

मैंने कहा – क्या करूं। मेरी तो कोई साली ही नहीं थी। अब जब मुझे एक साली मिल गई है तो उसकी सेवा तो करूंगा ही। लेकिन मेरी साली मेरा ज्यादा ख्याल ही नहीं रखती।

लाली बोली – जीजू, मेरी कोई बहन नहीं है इसलिये मेरा कोई जीजू तो आने वाला नहीं है। आप ही मेरे जीजू हो, आप हुकुम तो करो।

मैंने कहा – क्या तुम मेरा कहा मानोगी?

वो बोली – क्यों नहीं मानूंगी।

मैंने कहा – ठीक है, जब मुझे जरूरत होगी तो तुम्हें बता दूंगा।

अगले 2 दिनों में मैंने लाली से मजाक करना शुरु कर दिया। धीरे धीरे वो भी मुझसे मजाक करने लगी। अब वो मुझसे शरमाती नहीं थी। अब लाली खुद ही तौलिया ले आती थी। उस दिन भी जब मैं नहा रहा था तो वो तौलिया ले कर आई और खड़ी हो गई और मेरे लण्ड को देखने लगी।

मैंने कहा – साली जी, आज तुम ही मेरे लण्ड पर साबुन लगा दो।

वो बोली – क्या जीजू, मुझसे अपने लण्ड पर साबुन लगवाओगे?

मैंने कहा – तो क्या हुआ?

वो बोली – दीदी क्या कहेंगी?

मैंने ॠतु को पुकारा तो वो आ गई और बोली – क्या है?

मैंने कहा – मैं लाली से अपने लण्ड पर साबुन लगाने को कहा, तो यह कह रही है कि दीदी क्या कहेंगी। अब तुम इसे बता दो कि तुम क्या कहोगी।

ॠतु ने कहा – मैं तो कहूँगी कि लाली तुम्हारे लण्ड पर साबुन लगा दे। आखिर वो तुम्हारी साली है। मैं भला इसे कैसे मना कर सकती हूँ।

मैंने लाली से कहा – देखा, यह तुम्हें कुछ भी नहीं कहेगी।

लाली ने कहा – फिर मैं साबुन लगा देती हूँ।

ॠतु चली गई। लाली ने थोड़ा सा शरमाते हुये मेरे लण्ड पर साबुन लगाना शुरु कर दिया। मुझे खूब मज़ा आने लगा। उसकी आंखे भी गुलाबी सी होने लगी। थोड़ी देर बाद वो बोली – अब बस करूं या और लगाना है।

मैंने कहा – थोड़ा और लगा दे, तेरे हाथ से साबुन लगवाना मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

वो साबुन लगाती रही। थोड़ी ही देर में जब मुझे लगा कि अब मेरा रस निकल जायेगा तो मैंने कहा – अब रहने दो।

उसने अपना हाथ साफ़ किया और चली गई।

मैं नहाने के बाद बाहर आया और ड्राईंग रूम में सोफ़े पर बैठ गया। मैंने ॠतु को पुकारा, ॠतु, जरा तेल तो लगा दो।

लाली मेरे पास आई और बोली – मैं ही लगा दूं क्या?

मैंने कहा – यह तो और अच्छी बात है। तुम ही लगा दो।

लाली मेरे लण्ड पर तेल लगा कर बड़े प्यार से मालिश करने लगी, तो मैं कुछ ज्यादा ही जोश में आ गया। लाली ठीक मेरे लण्ड के सामाने जमीन पर बैठ थी। मेरे लण्ड से रस की धार निकल पड़ी और सीधे लाली के मुँह पर जाकर गिरने लगी।

लाली शरमा गई और बोली – क्या जीजू, तुमने मेरा मुँह गन्दा कर दिया।

मैंने कहा – तुम्हारे तेल लगाने से मैं कुछ ज्यादा ही जोश में आ गया और मेरे लण्ड का रस निकल गया। आओ मैं साफ़ कर देता हूँ।

वो बोली – रहने दो, मैं खुद ही साफ़ कर लूंगी।

लाली बाथरूम में चली गई। ॠतु किचन से मुझे देख रही थी और मुस्कुरा रही थी। ॠतु ने कहा – अब तुम्हारा काम बनने ही वाला है।

नाश्ता करने के बाद मैं दुकान चला गया। रात को मैं लाली के लिये एक झुमकी ले आया। मैंने उसे झुमकी दी तो वो खुशी के उछल पड़ी और ॠतु को दिखाते हुये बोली – देखो दीदी, जीजू मेरे लिये क्या लाये हैं।

अधिक सेक्स कहानियाँ : कुंवारी लड़कियों की रोमांटिक चुदाई कहानियाँ

ॠतु ने कहा – तू ही उनकी एकलौती साली है। वो तेरे लिये नहीं लायेंगे तो और किसके लिये लायेंगे।

रात को खाना खाने के बाद हम सोने के लिये कमरे में आ गये। मैंने लाली से मजाक किया, क्यों लाली, मेरा लण्ड तुझे कैसा लगा।

उसने शरमाते हुये कहा – जीजू, यह भी कोई पूछने की बात है।

मैंने कहा – तेरी दीदी को तो बहुत पसन्द है, तुझे कैसा लगा?

उसने शरमाते हुये कहा – मुझे भी बहुत अच्छा लगा।

मैंने पूछा – तुझे क्यों अच्छा लगा?

वो बोली – इस लिये कि आपका बहुत बड़ा है।

मैंने पूछा – जब मैं तुम्हारी दीदी के साथ करता हूँ, तब कैसा लगता है?

वो बोली – तब तो और ज्यादा अच्छा लगता है। लेकिन जीजू, एक बात मेरी समझ में नहीं आती कि तुम्हारा इतना बड़ा है फिर भी दीदी के अन्दर पूरा का पूरा घुस जता है।

मैंने कहा – तेरी दीदी को इसकी आदत पड़ गई है।

वो बोली – लेकिन पहली बार जब आपने घुसाया होगा तो दीदी दर्द के मारे बहुत चिल्लाई होगी?

मैंने कहा – दर्द तो पहली पहली बार सब औरतों को होता है। इसे भी हुआ था और यय खूब चिल्लाई भी थी। लेकिन लाली बाद में मज़ा भी तो खूब आता है। तुम चाहो तो अपनी दीदी से पूछ लो।

लाली ने ॠतु से पूछा – क्यों दीदी, क्या जीजू सही कह रहे हैं?

ॠतु ने कहा – हाँ लाली, तभी तो मैं इनसे रोज रोज करवाती हूँ। बिना करवाये मुझे नींद ही नहीं आती। तुम भी एक बार इनका अन्दर ले लो। कसम से इतना मज़ा आयेगा कि तुम भी रोज रोज करने को कहोगी।

लाली बोली – ना बाबा ना, मुझे बहुत दर्द होगा क्योंकि मेरा तो अभी बहुत छोटा है।

ॠतु ने कहा – छोटा तो सभी का होता है।

लाली बोली – मुझे दर्द भी तो बहुत होगा।

ॠतु ने कहा – पगली, एक बार ही तो दर्द होगा उसके बाद इतना मज़ा आयेगा कि तू सारा दर्द भूल जायेगी। तूने देखा है ना कि कैसे इनका मेरी चूत में सटासट अन्दर बाहर होता है।

वो बोली – हाँ, देखा तो है।

ॠतु बोली – फिर एक बार तू भी अन्दर ले कर देख ले। अगर तुझे मज़ा नहीं आयेगा तो फिर कभी मत करवाना।

वो बोली – बाद में करवा लूंगी।

ॠतु ने कहा – आज क्यों नहीं।

वो बोली – मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ।

ॠतु ने कहा – तो फिर आज तू इसे मुँह में ले कर चूस ले। जब तेरा मन कहेगा तभी इसे अन्दर लेना।

वो बोली – ठीक है, मैं मुँह में लेकर चूस लेती हूँ।

ॠतु ने मुझसे कहा – तुम लाली के बगल में आ जाओ।

मैं लाली के बगल में आ गया। लाली ने मेरी लुंगी हटा दी और अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया। उसके हाथ लगाने से मेरा लण्ड फनफनता हुआ खड़ा हो गया। लाली उसे सहलाने लगी। मुझे मज़ा आने लगा, मैंने कहा- अब इसे मुँह में ले लो।

वो बोली – जरूर लूंगी, पहले थोड़ा सहलाने दो ना।

मैंने कहा – ठीक है।

थोड़ी देर तक सहलाने के बाद लाली उठ कर बैठ गई। उसने शरमाते हुये मेरे लण्ड का सुपाड़ा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

ॠतु ने मुस्कराते हुये पूछा – क्यों लाली, कैसा लग रहा है?

वो बोली – दीदी, बहुत अच्छा लग रहा है।

ॠतु ने कहा – मेरी बात मान जा और इसे अपनी चूत के अन्दर भी ले ले। फिर और ज्यादा अच्छा लगेगा।

वो बोली – बहुत दर्द होगा।

ॠतु ने कहा – तू इतना डरती क्यों है। मैं हूँ ना तेरे पास।

उसने कहा – अच्छा, मुझे पहले थोड़ी देर चूस लेने दो, फिर मैं भी अन्दर लेने की कोशिश करुंगी।

लाली मेरा लण्ड चूसती रही। मैंने अपना हाथ बढ़ा कर उसकी चूत पर रख दिया लेकिन वो कुछ नहीं बोली। मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाना शुरु कर दिया तो वो सिसकारियां भरने लगी।

थोड़ी देर में ही उसकी चूत गीली हो गई तो मैंने पूछा – कैसा लगा?

वो बोली – बहुत अच्छा।

लाली अब तक पूरे जोश में आ चुकी थी। मैंने कहा – जब तू मेरा लण्ड अपनी चूत के अन्दर लेगी तो तुझे और ज्यादा अच्छा लगेगा।

अधिक सेक्स कहानियाँ : बहन की चुदाई मूवी की बदौलत

वो बोली – ठीक है जीजू, घुसा दो, लेकिन बहुत धीरे धीरे घुसाना।

मैंने कहा – थोड़ा दर्द होगा, ज्यादा चिल्लाना मत।

वो बोली- मैं अपना मुँह बन्द रखने की कोशिश करुंगी।।

मैंने कहा – ठीक है, तू पहले अपने कपड़े उतार दे।

वो बोली – मैंने कपड़े ही कहाँ पहन रखे हैं।

मैंने उसकी ब्रा और पेण्टी की तरफ़ इशारा करते हुये कहा – फिर ये क्या है?

वो बोली – क्या इसे भी उतारना पड़ेगा।

बठाये अपने लंड की ताकत! मालिस और शक्ति वर्धक गोलियों करे चुदाई का मज़ा दुगुना!

मैंने कहा – हाँ, तभी तो मज़ा आयेगा।

उसने कहा – ठीक है, उतार देती हूँ।

कहानी आगे जारी रहेगी. आशा करता हु आप सब को कहानी में मज़ा आरहा होगा।

More from Storyline / श्रृंखला की कहानियां

    मालिश से चुदाई तक

    विधवा भाभी की चुदाई-1

    जवान विधवा भाभी की इस चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे मेने भाभी को अपने लोडे का दर्शन करवाके, उनकी कामवासना जगाई और उनको जम कर चोदा। विधवा भाभी को बीवी बनाया।

    लंड दिखा कर गर्म किया

    विधवा भाभी की चुदाई-2

    भाभी ने मुझे वादे के मुताबिक मेरे लिए एक कुंवारी चुत का इंतजाम किया. पढ़िए कैसे मेने उस कुंवारी कली को मेरे मोटे लंड से चोदने के लिए तैयार किया?

    लाली की कुंवारी चुत

    विधवा भाभी की चुदाई-3

    इस जीजा साली चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे मेने अपनी साली को लंड दिखा कर उसे चुदवाने को राज़ी किया और कैसे मेने साली की कुंवारी चुत चोदा!

    लाली की गांड का भरता

    विधवा भाभी की चुदाई-4

    लाली अब अपनी चुत चुदवाके तृप्त हो गयी थी. उसके मन में अब गांड मरवाने की लालशा जागी थी. पढ़िए कैसे मेने लाली को पिलर से बांध कर उसकी गांड मारी.

Popular Stories / लोकप्रिय कहानियां

  • Mama ne Randi bana kar Apne Dost se Chudwaya

    Mama Mami ne Mujhe Randi Bana Diya – Part 1

    Rishton ki chudai kahani me padhiye, Kaise Mami aur mama ne mujhe apne ghar me sex slave bana diya. Uske baad mama ne mujhe apne dost Kamal se bhi chudwaya.

  • बस मे चाचा के साथ चुदाई

    इस चाचा भतीजी सेक्स स्टोरी में पढ़िए. कैसे मेरे चाचा ने मुझे बस में सब के सामने चोदा। उसके बाद मेरा चाचा जब भी मन करता हे रंडी की तरह चोदता हे.

  • Bahu bani Sasur ki Kuttiya

    Tina ki madhosh suhagraat – Part 3

    Ek baar ki chudai se man naa bhara bahu ka! Toh firse apne sasur ke samne kuttiya ban kar, chinaal ki trah chud kar puri ki apni suhaagraat!

  • Papa ne Mosi ko Beti ke Samne Choda

    Mosi aur papa ki chudai kahani me padhiye, Kaise papa ne meri mosi yani unki Sali ko mere samne ek hi bed par choda aur gaand bhi maari.

  • मामा ने ढूंढा तिल

    इस मामा भांजी चुदाई कहानी में पढ़िए, कैसे मेने अपने मामा को अपने जवान बदन को दिखा के उपसाय और में उनके लंड से चुद गयी!

आपकी सुरक्षा के लिए, कृपया कमेंट सेक्शन में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी ना डाले।

Leave a Reply